उत्तरकाशी क्षेत्रफल के हिसाब से उत्तरांचल का दूसरा सबसे बडा जिला है। उत्तरकाशी जिले का क्षेत्रफल 8016 वर्ग किलोमीटर है। उत्तरकाशी जिले की सीमा एक तरफ चीन और तिब्बत से तथा एक तरफ भारत के राज्य हिमाचल प्रदेश और बाकी उत्तरांचल के देहरादून, टिहरी गढवाल, रूद्रप्रयाग और चमोली जिलो की सीमा से लगती है। ( tourist place near uttarkashi ) गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे प्रसिद हिन्दू धार्मिक स्थल इसी जिले मेंं है जिससे इस जिले का धार्मिक महत्व भी बहुत अधिक माना जाता है इसके अलावा यहां अनेक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है जो पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करते है। उत्तरकाशी जिले का जिला मुख्यालय उत्तरकाशी नगर है।
(उत्तरकाशी)
यह प्रकृति सृष्टि निर्माता की अदभुत कल्पना है। सृष्टि निर्माता ने अपनी प्राकृतिक कल्पना को पार्वती की सुरम्य घाटियो में मूर्तिमान कर दिया है। पर्वतो और उनकी सुरम्य घाटियो के सौंदर्य पर रीझकर देवगण भी स्वर्ग लोक से आकर यहां निवास करने लगे थे। हिमालय की सुरम्य घाटी में उत्तरकाशी ऐसा ही मनोरम स्थल है। जहां देवाधिदेव शंकर का निवास है। भगवती भागीरथी जहां असि-वरूणा से अठखेलियां करती है। यहां के शांत व निश्छल वातावरण में मानव मन सर्वज्ञ की अनिर्वचनीयता का अनुभव कराता है। इसका प्राचीन नाम बाडाहाट था
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दयारा बुग्याल:-
उत्तरकाशी से दयारा बुग्याल की दूरी 28 किलोमीटर है। गंगोत्री से उत्तरकाशी आते वक्त पीछे भटवाडी कस्बा है। यहां से रैथल आखरी बस स्टॉप है। रैथल से पैदल चलने पर मिलो फैला दयारा चारागाह स्काइंग खेलो के लिए प्रसिद्ध है। ग्रीष्मकाल में यहां फूल खिलते है। सर्दियो में बर्फ के आगोश में ये ढलाने ढक जाती है।
Dodhi taal traking tourist place near uttarkashi
डोडी ताल:-
यहां पर ट्रैकिंग करते हुए आना पडता है। यह एक प्रसिद्ध झील है। सारा मार्ग अत्य्त खूबसूरत दृश्यो से भरा पडा है। उत्तरकाशी से डोडीताल की दूरी 32 किलोमीटर है।
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गंगनानी:-
यहां पर गर्मजल के स्रोत व कुंड है। यात्री इसमें नहाकर सफर की सारी थकान भूल जाता है। लंबी यात्रा के बाद इस कुंड में उतरते ही एक नई स्फूर्ति व उल्लास का संचार होने लगता है। उत्तरकाशी से गंगनानी की दूरी 39 किलोमीटर है।
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हरसिल:-
उत्तरकाशी से हरसिल की दूरी 73 किलोमीटर है। यह पर्यटन स्थल अत्यंत शांत, सुंदर व सम्मोहित करने वाला है। अनेक जल धाराओ, शोख नदी नालों, झरनों ने घाटी की सुंदरता को भव्यता दी है। यहां कई होटल, गेस्ट हाऊस रेस्टोरेनंट है। यहां गंगानदी का पाट दर्शनीय है।
सातताल:-
गंगोत्री से 20 किलेमीटर पीछे धराली गांव से 6 किलोमीटर की परिधि में सात छोटी छोटी प्राकृतिक झीलो का समूह दर्शनीय है। इसमें से दो झीले सूखती जा रही है। शेष झीलो में निर्मल जल भरा रहता है। धराली गांव से य़हा तक का पैदल ट्रैक मनोहर प्रकृतिक छटाओ से भरा है। गांव का जनजीवन भी आकर्षित करता है।
Maneri tourist place near uttarkashi
मनेरी:-
उत्तरकाशी से मनेरी की दूरी 13 किलोमीटर है। यहा पर विशाल जल विधुत परियोजना है। गंगा नदी यहां विशाल झील के रूप में बेहद आकर्षक प्रतित होती है।
Gangotri tourist place near uttarkashi
गंगोत्री:-
केदारखंड के चारों धामो में यमुनोत्री की यात्रा के पश्चात गंगोत्री की यात्रा करने का विधान है। परमपावनी गंगा का स्वर्ग से अवतरण इसी पुण्यभूमि पर हुआ था। सर्वप्रथम गंगा का अवतरण होने के कारण ही यह स्थान गंगोत्रीं कहलाया। प्राचीनकाल में गंगोत्री की यात्रा बहुत कठीन समझी जाती थी। किन्तु वर्तमान में यातायात की सुविधा होने के कारण यह यात्रा बहुत सरल हो गई है।
गौमुख:-
इस स्थान को गंगा का उदगम स्थल यहा पर जाने के लिए पैदल चलना पडता है। गंगोत्री से गौमुख की दूरी 18 किलोमीटर है।
केदारताल:-
गंगोत्री से केदारताल की दूरी 18 किलेमीटर है। कठीन पदयात्रा के बाद हिमानी झील केदारताल के दर्शन होते है। यह झील ऊचे हिमालय शिखरो के बीच एक दर्पण की त्ररह है जिसमें शिखरो का प्रतिबिंब झलकता है।
Yamunotri tourist
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यमुनोत्री:-
उत्तराखंड की पावन यात्रा यमुनोत्री से ही प्रारंभ होती है। यमुनोत्री के चारो ओर फैली धवल शिखरावली यात्रियो को मंत्रमुग्ध कर देती है। यहां का दृश्य अत्य्त मनोहर और रमणीक है। चारो ओर हिमाच्छादित पर्वतमालाए चीड के हरित वन नीचे कल कल करती कालिंदी की शीतल धारा मन को मोह लेती है। यमुनोत्री के पास यमुना की धारा उत्तरवाहिनी हो जाती है। इसलिए इसे यमुनोत्री कहा गया है। इसका प्राकृतिक सौंदर्य वर्णनातीत है, इस सौंदर्य की अनुभूति प्रत्यक्षदर्शी ही कर सकता है। यहां का सौंदर्य अवर्णनीय है।
दिव्य शिला:- यमुनोत्री मंदिर जाने वाले मार्ग पर यह शिला आती है।
सूर्य कुंड:- माना जाता है कि इस गर्म जल कुंड में स्नान करने से सभी चर्म रोग दुर हो जाते है। यहां गर्म पानी में आलू और चावल पकाये जाते है। जिनेहै प्रसाद के रूप मे तीर्थ यात्रियो को दिया जाता है।
रूद्रप्रयाग जिले के पर्यटन स्थल
सप्तऋषि कुंड:-
यह यमुना का उदगम स्थल है। इस कुंड पर पहुचने का मार्ग बहुत कठीन है।
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जानकी चट्टी:-
यह एक गर्म जल का झरना है। यमुनोत्री से जानकीं चट्टी की दूरी 15 किलोमीटर है।
हनुमान चट्टी:-
यह हनुमान गंगा और यमुना के संगम स्थल पर स्थित है। यहां से डोडीताल के लिए ट्रैकिंग की जाती है। यमुनोत्री से हनुमान चट्टी की दूरी 13 किलोमीटर है।
स्यान चट्टी:-
यह मनोरम स्थल यमुना नदी के किनारे बसा है।
गोविन्द अभयारणय और हर की दून घाटी:-
इस सुंदर अभयारण्य की स्थापना 1955 मे हुई थी। यह 953 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। तथा कई प्रमुख पर्वत शिखर जैसे- स्वर्ण रोहिणी, ब्लेक पिक, बंदरपूंछ आदि यहां स्थित है। यहां भालू, तेदुअा, स्नोलेपर्ड, कस्तुरी मृग आदि वन्य जीव तथा कई प्रकार के पक्षी देखे जा सकते है। हर की दून घाटी प्राकृतिक सुंदरता और ट्रैकिंग कै लिए प्रसिद्ध है।
कैसे पहुचे:-
हवाई मार्ग- उत्तरकाशी से निकटतम हवाई अड्डा जौलीग्रांट 162 किलोमीटर है।
रेल मार्ग- निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश 145 किलोमीटर है।
सडक मार्ग- सडक मार्ग से भलिभांति जूडा है।
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