उत्तराखण्ड राज्य का पिथौरागढ जिला क्षेत्रफल के हिसाब से उत्तराखण्ड जिले का तीसरा सबसे बडा जिला है। पिथौरागढ जिले का क्षेत्रफल 7100 वर्ग किलोमीटर में फैला है। ( Tourist place near pithoragardh ) यह भारत का सीमांत जिला भी कहलाता है इसकी सीमा चीन, तिब्बत, तथा नेपाल देश से लगती है। तथा उत्तरांचल की ओर चम्पावत, अल्मोडा, बागेश्वर, तथा चमोली जिलो की सीमा से मिली हुई है। पर्यटन की दृष्टि से भी यह जिला अपना अलग महत्व रखता है इसके प्रमुख पर्यटन स्थलो में पिथौरागढ, पिंडरी ग्लेशियर,मुंस्यारी, चौकोडी, आसकोट अभयारण्य, गंगोलीघाट तथा रामेश्वर आदि है।
(पिथौरागढ)
कुमाऊं मंडल की पहाडियो में आज भी एक ऐसा आकर्षण है जिससे वशीभूत होकर पर्यटक बरबस इस ओर खिचे चले आते है। यहां का एक एक पर्वत सौंदर्य और सम्मोहन के नए नए द्धार खोलता चला जाता है। श्रद्धालुओ के लिए यह विराट तीर्थ स्थल है तो कलाप्रेमियो के लिए यह कलामय प्रदेश वही शोधकर्ताओ के लिए यह किसी बडे तिलिस्मी क्षेत्र की तरह है। पिथौरागढ शहर जिले का मुख्यालय होने के साथ ही अनेक आकर्षणो को अपने में समाए हुए है। ट्रैकिंग करने वाले हैग्लाइडिगं करने वाले पर्वरोही वन्य जीव प्रेमी आदि सम्मोहित होकर पिथौरागढ चले आते है।
पिथौरागढ जिले के सुंदर दृश्यपिथौरागढ किला:-
इस किले का निर्माण सन् 1789 में गोरखाओ ने करवाया था । यह कस्बे से दूर एक पहाडी पर बना हुअा है।
राइ गुफा:-
यह शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलो में से एक है। इससे कुछ दूरी पर ही स्थित भारकोट और हनुमानगढी भी है। जो अपनी रमणीयता के कारण जाने जाते है।
कपिलेश्वर महादेव:- Tourist place near pithoragardh
पिथौरागढ से कपिलेश्वर महादेव की दूरी 3 किलोमीटर है। यह भगवान शिव का मंदिर सौर घाटी और हिमालय पर्वत के मध्य स्थित है।
चंडाक:- मनोरम प्राकृतिक छटा से घिरा एक सुंदर पर्यटन स्थल है। यहां से पिथौरागढ घाटी का विंहगम दृश्य दिखाई देता है। पिथौरागढ से चंडाक की दूरी 3 किलोमीटर है।
ध्वज मंदिर:- Tourist place near pithoragardh
करीब 7000 फीट ऊची चोटी पर स्थित यह रमणीक स्थल पर्यटन के लिए बेहद आकर्षक है। यहा से हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियां बहुत ही मनोहारी लगती है। सूर्य के प्रकाश में वे कभी सुनहली कभी रूपहली जान पडती है। इस व्यू प्वाइंट को हिमालय दर्शन भी कहते है।
थलकेदार:-
पिथौरागढ से थलकेदार की दूरी 16 किलोमीटर है। इस अत्यंत मनोहारी स्थल पर शिव मंदिर दर्शनीय है। शिवरात्री के दिन यहां बडा मेला लगता है। सुंदर दृश्यो के कारण यह पर्यटन स्थल भी है। यहीं अति सुंदर प्राकृतिक सुषमा दृष्टिगोचर हो।
चमोली जिले के पर्यटन स्थल
चम्पावत जिले के पर्यटन स्थल
उधमसिंह नगर जिले के पर्यटन स्थल
पौडी गढवाल जिले के पर्यटन स्थल
टिहरी जिले के पर्यटन स्थल
उत्तरकाशी जिले के पर्यटन स्थल
अल्मोडा जिले के पर्यटन स्थल
Tourist place near pithoragardh
Utrakhand tourist place near pithoragardh
Pithoragardh tourist place
पिथौरागढ के प्रमुख दर्शनीय स्थल
आसकोट अभयारण्य:-
यह सुंदर अभयारण्य पिथौरागढ से 54 किलोमीटर की दूरी पर कुमाँयू हिमालय की पहाडियो के मध्य स्थित है। यहां पर तेंदुआ, भालू, कस्तूरी मृग,मोनाल आदि पशु पक्षी देखे जा सकते है। अभयारण्य क्षेत्र में कई मंदिर भी स्थित है।
चौकोडी:-
पिथौरागढ से लगभग 112 किलोमीटर दूर यह स्थल हिमालय दर्शन के लिए इतना प्रसिद है कि पर्यटक बिना यहां घुमे कुमाँऊ यात्रा अधूरी मानते है। यहां से हिमाच्छादित शिखर इतने निकट व भव्य जान पडते है। कि लगता है जैसे हाथ बढाया नही कि उन्हैं छू लेंगे। यहां के शांत वातावरण में गजब की कशिश है। देवदार के जंगल मन को भाते है। पक्षियो का कलरव मधुरता बखेरता है।
नथुला पास के पर्यटन स्थल
गंगोलीहाट:-
पिथौरागढ से 77 किमी की पर यहां कालिका मंदिर समूह दर्शनीय है। यह कुमाँऊ का महत्वपूर्ण धार्मिक केन्द्र है। पुरात्तव की दृष्टी से भी यह स्थान महत्व रखता है। यहां वर्ष में दो बार मेला लगता है।
चौकोडी ट्रैकिंग मार्ग:- ट्रैकिंग हेतू चौकोडी से तीन मार्ग प्रसिद है।
1- चौकोडी से बेरीनाग, पाताल भुवनेश्वर से गंगोली हाट यह तीन दिन का ट्रैकिंग मार्ग है।
2- चौकोडी से कोटबनिया, धर्मगढ से गंगोलीहाट यह भी तीन दिन का ट्रैकिग मार्ग है।
3- चौकोडी से थाट से पिथौरागढ यह दो दिन का ट्रैकिंग मार्ग है।
झूलाघाट:-
यह छोटा गांव भारत नेपाल सीमा पर बसा हुआ है। यहां काली नदी पर एक झूलता पुल है। नेपाल से लाई वस्तुए यहां खरीदी जा सकती है।
नारायण आश्रम:-
कैलाश मानसरोवर मार्ग पर स्थित इस आश्रम की स्थापना श्री नारायण स्वामी ने 1936 में की थी। पिथौरागढ से नारायण आश्रम की दूरी 136 किलोमीटर है। आश्रम की वास्तुकला अनूठी है। यहां समाधि स्थल, एक स्कूल और ट्रेनिंग सेंटर भी स्थित है। यहां के प्रीकृतिक दृश्य रमणीक है।
Tourist place near pithoragardh
Traking routs in pihoragardh
Traking place in pithoragardh
पाताल भुवनेश्वर:-
चौकोडी से 49 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पाताल भुवनेश्वर मंदिर बेरीनाग जाने वाले मार्ग पर स्थित है। गंगोलीहाट से पाताल भुवनेश्वर मंदिर तक की यात्रा कभी न भूलने वाला अनुभव है। मंदिर के अंदर चुने और पत्थर से उकेरी गई आकृतियो ने कई भारतीय कथाओ को अमर बना दिया है। गुफा के अंदर आकृतियो में से कई को पहचाना जा सकता है। जैसे:- शेषनाग,गणेश बद्रीनाथ और केदारनाथ, जटायु के पंख, सुमेरू पर्वत, कामधेनू, गरूड, ज्योर्तिलिंग,शिवचौपड इत्यादि है।
Tourist place near pithoragardh
मुंस्यारी:-
हिमनगरी के रूप में विख्यात मुंस्यारी समुंद्रतल से 7000 फीट की ऊचाई पर स्थित है। तथा अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटको का आकर्षक स्थल है। मिलम, नामिक और रालाम हिमनदो की सहासिक ट्रैकिंग का मुख्य आधार स्थल मुंस्यारी ही है। महेश्वरी कुंड, थामरी कुंड, मुंस्यारी बुग्याल, आदि कई रमणीक और धार्मिक स्थल मुंस्यारी के पास स्थित है।
पिथौरागढ कैसे पहुचे:-
हवाई मार्ग- पिथौरागढ से निकटतम हवाई अड्डा नैनीं सैनी 5 किलोमीटर की दूरी पर है।
रेल मार्ग- पिथौरागढ से निकटतम रेलवे स्टेशन टनकपुर 151 किलोमीटर की दूरी पर है।
सडक मार्ग- पिथौराढ सडक मार्ग से सभी प्रमुख नगरो से जुडा है।
उत्तराखंड पर्यटन स्थलों पर आधारित हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें
दार्जिलिंग हिमालय पर्वत की पूर्वोत्तर श्रृंखलाओं में बसा शांतमना दार्जिलिंग शहर पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता
गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है । अगर पर्यटन की
पश्चिमी राजस्थान जहाँ रेगिस्तान की खान है तो शेष राजस्थान विशेष कर पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान की छटा अलग और
बर्फ से ढके पहाड़ सुहावनी झीलें, मनभावन हरियाली, सुखद जलवायु ये सब आपको एक साथ एक ही जगह मिल सकता
हिमालय के नजदीक बसा छोटा सा देश नेंपाल। पूरी दुनिया में प्राकति के रूप में अग्रणी स्थान रखता है ।
देश की राजधानी
दिल्ली से लगभग 300किलोमीटर की दूरी पर उतराखंड राज्य के कुमांऊ की पहाडीयोँ के मध्य बसा यह
उतरांचल के पहाड़ी पर्यटन स्थलों में सबसे पहला नाम मसूरी का आता है। मसूरी का सौंदर्य सैलानियों को इस कदर
कुल्लू मनाली पर्यटन :- अगर आप इस बार मई जून की छुट्टियों में किसी सुंदर हिल्स स्टेशन के भ्रमण की
उतराखंड राज्य में स्थित हरिद्धार जिला भारत की एक पवित्र तथा धार्मिक नगरी के रूप में दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
भारत का गोवा राज्य अपने खुबसुरत समुद्र के किनारों और मशहूर स्थापत्य के लिए जाना जाता है ।गोवा क्षेत्रफल के
जोधपुर का नाम सुनते ही सबसे पहले हमारे मन में वहाँ की एतिहासिक इमारतों वैभवशाली महलों पुराने घरों और प्राचीन
हरिद्वार जिले के बहादराबाद में स्थित भारत का सबसे बड़ा योग शिक्षा संस्थान है । इसकी स्थापना स्वामी रामदेव द्वारा
अनेक भसाव-भंगिमाओं का चित्रण करने वाली मूर्तियों से सम्पन्न खजुराहो के जड़ पाषाणों पर चेतनता भी वारी जा सकती है।
यमुना नदी के तट पर भारत की प्राचीन वैभवशाली नगरी दिल्ली में मुगल बादशाद शाहजहां ने अपने राजमहल के रूप
जामा मस्जिद दिल्ली मुस्लिम समुदाय का एक पवित्र स्थल है । सन् 1656 में निर्मित यह मुग़ल कालीन प्रसिद्ध मस्जिद
उत्तर प्रदेश के
लखीमपुर खीरी जनपद के पलिया नगर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दुधवा नेशनल पार्क है।
पीरान
कलियर शरीफ उतराखंड के रूडकी से 4किमी तथा हरिद्वार से 20 किमी की दूरी पर स्थित पीरान कलियर
सिद्धबली मंदिर उतराखंड के कोटद्वार कस्बे से लगभग 3किलोमीटर की दूरी पर कोटद्वार पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग पर भव्य सिद्धबली मंदिर
राधा कुंड :- उत्तर प्रदेश के
मथुरा शहर को कौन नहीं जानता में समझता हुं की इसका परिचय कराने की
भारत के गुजरात राज्य में स्थित सोमनाथ मदिर भारत का एक महत्वपूर्ण मंदिर है । यह मंदिर गुजरात के सोमनाथ
जिम कार्बेट नेशनल पार्क उतराखंड राज्य के रामनगर से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जिम कार्बेट नेशनल पार्क भारत का
भारत के राजस्थान राज्य के प्रसिद्ध शहर अजमेर को कौन नहीं जानता । यह प्रसिद्ध शहर अरावली पर्वत श्रेणी की
जम्मू कश्मीर भारत के उत्तरी भाग का एक राज्य है । यह भारत की ओर से उत्तर पूर्व में चीन
जम्मू कश्मीर राज्य के कटरा गाँव से 12 किलोमीटर की दूरी पर माता
वैष्णो देवी का प्रसिद्ध व भव्य मंदिर
मानेसर झील या सरोवर मई जून में पडती भीषण गर्मी चिलचिलाती धूप से अगर किसी चीज से सकून व राहत
भारत की राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन तथा हजरत निजामुद्दीन दरगाह के करीब मथुरा रोड़ के निकट
हुमायूं का मकबरास्थित है।
पिछली पोस्ट में हमने हुमायूँ के मकबरे की सैर की थी। आज हम एशिया की सबसे ऊंची मीनार की सैर करेंगे। जो
भारत की राजधानी के नेहरू प्लेस के पास स्थित एक बहाई उपासना स्थल है। यह उपासना स्थल हिन्दू मुस्लिम सिख
पिछली पोस्ट में हमने दिल्ली के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
कमल मंदिरके बारे में जाना और उसकी सैर की थी। इस पोस्ट
प्रिय पाठकों पिछली पोस्ट में हमने दिल्ली के प्रसिद्ध स्थल स्वामीनारायण
अक्षरधाम मंदिर के बारे में जाना और उसकी सैर