उत्तराखण्ड टूरिस्ट पैलेस के भ्रमण की श्रृखंला के दौरान आज हम उत्तरांचल की राजधानी और प्रमुख जिला देहरादून के पर्यटन स्थलो tourist place near dehradun की सैर करेगे और उसके बारे मे विस्तार से जानेगें। देहरादून उत्तरांचल की राजधानी होने के साथ साथ पर्यटको के आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहा है। पहाडो की रानी कहे जाने वाला प्रमुख स्थल मसूरी भी देहरादून जिले का ही एक हिस्सा है। इसके अलावा भी चकराता, लाखा मंडल, डाकपत्थर, राजाजी राष्ट्रीय उद्यान और लक्षम्ण झूला जैसे प्रसिद्ध स्थल देहरादून जिले का गौरव बढाते है। देहरादून जिले का क्षेत्रफल 3088 वर्ग किलोमीटर है। जिसकी सीमा एक ओर से भारत के राज्य उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और कुछ हिस्से मे हरियाणा प्रदेश से लगती है। उत्तरांचल की की ओर से इस जिले की सीमा हरिद्धार, पौडीगढवाल, टिहरी गढवाल, और उत्तरकाशी जिले की सीमा लगी हुई है।
देहरादून जिले के पर्यटन स्थलTourist place near dehradun
देहरादून:-
पर्वतो की रानी मसूरी का जगमगाता हरित ताज पहने प्रसिद्ध शिवालिक पर्वतमाला की गोद में झूलता यह नगर गढवाल और उत्तरांचल का मुख्यालय है। पर्यटक इसे दून घाटी के नाम से भी पुकारते है। यह एक अद्धितीय, विशिष्ट तथा प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां की जलवायु समशीतोष्ण है। ऐसा भी उल्लेख है कि17 वी तक इसने असंख्य उत्थानपतन देखे । पहले दून घाटी का सारा क्षेत्र एक अतिविशाल झील के रूप मे था । कालांतर मे मे प्राकृतिक उथल पुथल के कारण झील लुप्त हो गई। मौर्य काल मे भी यह क्षेत्र प्रसिद्ध रहा है। कालसी स्थित सम्राट अशोक का प्रसिद्ध शिलालेख इसका जीवंत प्रमाण है।
Tourist place near dehradun
सहस्त्र धारा:- देहरादून से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह एक पिकनिक स्पॉट है। तथा देहरादून का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है । यहा पर पर्यटक पानी मे अठखेलिया करने का आनंद उठा सकते है
मसूरी:-एक ओर बर्फ की सफेद चादर ओढे भव्य हिमालय प्रहरी की तरह खडा है तो दूसरी ओर मैदानो में शीतलता का संचार करती हुई गंगा मंथर गति से बह रही है। और इन दोनों के मध्य अश्वनाल की आकृति वाली पहाडी पर बसी है मसूरी नगरी। मसूरी अपने अनुपम सौंदर्य के सााथ साथ भिन्न भिन्न संस्कृतियो की मिलन स्थली होने के कारण पर्वतो की रानी भी कहलाती है। यहां ग्रीष्म ऋृतु मे लाखो की संख्या में सैलानी आते है।
गनहिल:- यह मसूरी की दूसरे नंबर की सर्वाधिक ऊंची चोटी है। पूर्व मे दोपहर को बारह बजे इस पहाडी पर रखी तोप दागी जाती थी जिससे नागरिको को समय का आभास होता था। इस कारण ही इसका नाम गनहिल रखा गया था। किंतु वह तोप कुछ समय पश्चात यहा से हटा दी गई।
चाइल्डर्स लॉज:- यह मसूरी का सबसे ऊंचा शिखर है। जो लाल टिब्बा के निकट है। यहा तक पहुंचने के लिए पैदल या घोडे पर जाना पडता है। यहा से हिमाच्छादित शिखरो को नजदीक से देखा जा सकता है। जिसे देखने के लिए यहा एक बहुत बडी दूरबीन भी रखी हुई है।
केमल्स बैक मार्ग:- यह घूमने और टहलने का आकर्षक स्थल है । यहा से सूर्यास्त का दृश्य बहुत रोमांचित दिखाई देता है। यह कुलरी बाजार और लाइब्रेरी के मध्य स्थित 3 किलोमीटर लंबे क्षेत्र मे फैला आवासीय इलाका है।
म्यूनिसिपल गार्डन:-मसूरी का वर्तमान म्यूनिसिपल गार्डन या कंपनी बाग आजादी से पहले तक बोटेनिकल गार्डन भी कहलाता था । किसी को अंदाजा भी नही होगा कि वर्तमान कंपनी बाग के जन्मदाता पिछली शताब्दी के विश्वविख्यात भू वैज्ञानिक डा° एच फाकनार थे।
नाग टिब्बा:-यह स्थान चारो ओर से घने जंगलों से घिरा हुआ है। ट्रैकिंग के लिए यह उपयुक्त जगह है। यहां पर ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है।
पंजाब के दर्शनीय स्थल
Tourist place near dehradun
Utrakhand tourist place near dehradun
मसूरी के आस पास के पर्यटन स्थल
झील:-यह मसूरी देहरादून मार्ग पर स्थित यह कृत्रिम झील पर्यटको के आकर्षण का केन्द्र है।
क्लाउड ऐंड:-यह होटल चारों ओर से घने जंगलों से घिरा हुआ है। हनीमून मनाने वाले नवविवाहितो के लिए यह बहुत ही अच्छा आरामगाह है।
Tourist place near masoori
कैंप्टी फाल:-मसूरी से कैंप्टी फाल की दूरी 15 किलोमीटर है। यह प्रसिद्ध पर्यटन स्थल देहरादून जिला और टिहरी गढवाल जिले की सीमा पर स्थित है। यह मसूरी का सबसे बडा और सुंदर जल प्रपात है। यह स्थान चकराता मार्ग पर स्थित है।
भद्राज मंदिर:-यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के भाई बलभद्र जी को समर्पित है। यह मंदिर मसूरी से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
ज्वाला जी मंदिर:-हिमालय की गोद में स्थित यह मंदिर चारों ओर से घने जंगलों से घिरा है। इसके एक तरफ देहरादून तथा दूसरी तरफ यमुना की घाटियां है। यह प्रसिद्ध मंदिर मसूरी से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
Tourist place near dehradun
Tourist place near rishikesh
Rishikesh in dehradun district
ऋषिकेश के दर्शनीय स्थल
ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला को आप विडियो के माध्यम से भी देख सकते:—
ऋषिकेश:-हिमालय की कोख से निकलने वाली गंगा नदी इसी स्थान पर पहाड का दामन छोडकर मैदानी क्षेत्र मै प्रवेश करती है। ऊंचे नीचे पर्वतीय राहो से अल्हड उछलती कूदती गंगा यहा के चोडे पाट मे शांत व गंभीर मुद्रा मे प्रवाहित होती है। घने हरे भरे जंगलों की छांव मे गंगा नदी का मंथर बहता प्रवाह पर्यटक मन को बरबस ही आनंदित और पुलकित कर देता है। इसे संतो और मंदिरो की नगरी भी कहते है।
Rishikesh tourist place
ऋषिकेश के पर्यटन स्थल
भरत मंदिर:-यह त्रिवेणी घाट के निकट स्थित नगर का प्राचीन मंदिर श्रीराम के भाई भरत को समर्पित है।
त्रिवेणी घाट:-यह एक स्नान घाट है। जहां गंगा जी की आरती देखने वालो की शाम के समय भीड लगी रहती है।
लक्ष्मण झूला:-गंगा के ऊपर इस विशाल झूले का निर्माण 1939 मे किया गया। लोहे के तारो का यह झूलता हुआ पुल अत्यधिक लोकप्रीय है।
राम झूला:-लक्ष्मण झूला के निकट दूसरा झूलता हुआ पुल कुछ साल पहले ही बना है। इसे शिवानंद झूला भी कहते है।
शिवानंद आश्रम:-शिवानंद नगर मे निर्मित यह आश्रम विश्व प्रसिद्ध है।
नीलकंठ महादेव:-ऋषिकेश से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह एक मनोरम स्थल है । ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने समुन्द्र मंथन मे निकले विष का पान यही पर किया था। इसके कारण उनका कंठ नीला हो गया । यहा भगवान शिव का भव्य मंदिर है।