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बछ बारस का पूजन

बछ बारस पूजन कैसे करते है – बछ बारस व्रत कथा इन हिन्दी

कार्तिक कृष्णा द्वादशी को गोधूलि-बेला मे, जब गाये चर- कर जंगल से वापस आती हैं, उस समय उन गायों और बछडों की पूजा की जाती है। और दिन भर व्रत किया जाता है जिसे बछ बारस का व्रत या बछवॉछ व्रत कहते है। बछ बारश व्रत की पूजा विधि इस प्रकार है--- बछ बारस व्रत के दिन खास तौर,से लड़के की माता सारा दिन निराहार…

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अहोई आठे

अहोई आठे व्रत कथा – अहोई अष्टमी का व्रत कैसे करते है

कार्तिक कृष्णा-अष्टमी या अहोई अष्टमी को जिन स्त्रियों के पुत्र होता है वह अहोई आठे व्रत करती है। सारे दिन का व्रत रखकर सब प्रकार की कच्ची रसोई विधि-पूर्वक बनाई जाती है। सन्ध्या को दीवार में आठ कोष्टक की एक पुतली लिखी जाती है। उसी के समीप सेई (साही) के बच्चो की ओर सेई की आकृति बनाई जाती है। जमीन में चौक पूरकर कलश की…

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जीवित्पुत्रिका व्रत कथा

जीवित्पुत्रिका व्रत कथा और महत्व – जीवित्पुत्रिका व्रत क्यों रखा जाता है

अश्विन शुक्ला अष्टमी को जीवित्पुत्रिका व्रत होता है। इस व्रत को जीतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत वही स्त्रियाँ करती है, जो पुत्रवती है, क्योंकि इसका फल यह बतलायां गया है कि जीवित्पुत्रिका व्रत का करने वाली स्त्रियों को पुत्र-शोक नहीं होता। स्त्रियों मे इस व्रत का अच्छा प्रचार और आदर है। वे इस व्रत को निर्जला रहकर करती…

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संतान सप्तमी व्रत कथा

संतान सप्तमी व्रत कथा पूजा विधि इन हिन्दी – संतान सप्तमी व्रत मे क्या खाया जाता है

भाद्रपद शुक्ल सप्तमी को संतान सप्तमी व्रत किया जाता है। इसे मुक्ता-भरण व्रत भी कहते है। यह व्रत सध्यान्ह तक होता है। मध्यान्ह को चौक पूरकर शिव-पार्वती की स्थापना करे और--- हे देव! जन्म जन्मान्तर के पाप से मोक्ष पाने तथा खण्डित सन्तान, पुत्र, पौत्रादि की वृद्धि के हेतु में संतान सप्तमी व्रत कर के आप का पूजन करता हूँ। यह संकल्प करे। पूजन…

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हरतालिका तीज व्रत

हरतालिका तीज व्रत कथा – हरतालिका तीज का व्रत कैसे करते है तथा व्रत क्यो करते है

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तीज हस्ति नक्षत्र-युक्त होती है। उस दिन व्रत करने से सम्पूर्ण फलों की प्राप्ति होती है। इस व्रत को हरतालिका तीज व्रत कहते है। हरतालिका तीज व्रत के बारे में कहा जाता है कि एक बार।महादेव जी ने पार्वतीजी से कहा था--हे देवी ! सुनो। पूर्व-जन्म में जिस प्रकार इस हरतालिका व्रत को तुमने किया, सो सब कथा…

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कपर्दि विनायक व्रत

कपर्दि विनायक व्रत – कपर्दि विनायक व्रत कैसे करते है और व्रत कथा

श्रावण मास की शुक्ला चतुर्थी से लगाकर भादों की शुक्ला चतुर्थी तक जो मनुष्य एक बार भोजन कर के एक मास पर्यन्त कपर्दि गणेश या कपर्दि विनायक का व्रत करता है, उसके सब काम सिद्ध होते है। कपर्दि विनायक व्रत की पूजा की विधि गणेश के अन्य व्रतों के अनुसार है। इसमें विशेषता केवल इतनी है कि पूजन के पश्चात्‌ 27 मुठ्ठी चावल और…

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सिद्धिविनायक व्रत कथा

सिद्धिविनायक व्रत कथा – सिद्धिविनायक का व्रत कैसे करते है तथा व्रत का महत्व

गणेशजी के सम्पूर्ण व्रतों में सिद्धिविनायक व्रत प्रधान है। सिद्धिविनायक व्रत भाद्र-शुक्ला चतुर्थी को किया जाता है। पूजन के आरम्भ में संकल्प करने के बाद गणेशजी की स्थापना, प्रतिष्ठा और ध्यान करना चाहिये। ध्यान के पश्चात आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ, मधुपर्क, आचमन, पंचामृत, स्नान, शुद्धोदक स्नान, वस्र, यज्ञोपवीत सिंदूर भूषण और चन्दन आदि से पूजनकर पुनः अन्न-पूजन करे। तत्पश्चात गूगुल, धूप, दीप, नैवेद्य आचमन,…

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गाज बीज माता की पूजा

गाज बीज माता की कथा – गाज बीज माता का व्रत कैसे करते है और पूजा विधि

भाद्र शुक्ला द्वितीया को अधिकांश गृहस्थो के घर बापू की पूजा होती है। यह बापू की पूजा असल में कुल-देवता की पूजा है। इस पूजा में कच्ची रसोई बनाकर बापू देव को भोग लगाया जाता है। फिर सब उसी प्रसाद को खाते हैं। यह प्रसाद प्रायः उन्ही लोगों को दिया जाता है, जो एक कुल गौत्र के होते है। दोपहर को बापू की पूजा के…

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हरछठ का त्यौहार

हरछठ का व्रत कैसे करते है – हरछठ में क्या खाया जाता है – हलषष्ठी व्रत कथा हिंदी

भारत भर में हरछठ जिसे हलषष्ठी भी कहते है, कही कही इसे ललई छठ भी कहते है। हरछठ का व्रत भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता श्री बलराम जी के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इसी दिन श्री बलरामजी का जन्म हुआ था। इसी को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया…

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कजरी की नवमी या कजरी पूर्णिमा

कजरी की नवमी कब और कैसे मनाते है – कजरी पूर्णिमा का व्रत और कथा

कजरी की नवमी का त्योहार हिन्दूमात्र में एक प्रसिद्ध त्योहार है। श्रावण सुदी पूर्णिमा को कजरी पूर्णिमा कहते है। इसी को श्रावणी पूर्णिमा भी कहते हैं। इसी दिन श्रावणी कर्म होता है और रक्षाबंधन भी होता है। किन्तु बुन्देलखण्ड की श्रावणी पूर्णिमा मे कुछ विशेषता है। वह यह कि, वहाँ श्रावणी पूर्णिमा को संध्या के समय कजरी का जुलूस निकलता है। पूर्णिमा से एक…

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नाग पंचमी

नाग पंचमी कब मनायी जाती है – नाग पंचमी की पूजा विधि व्रत और कथा

श्रावण शुक्ला पंचमी को नाग-पूजा होती है। इसीलिये इस तिथि को नाग पंचमी कहते हैं। भारत में यह बडे हर्षोल्लास के साथ मनायी जाती है। इस दिन व्रत रखा जाता है। नाग पंचमी की पूजा कैसे करे - नाग पंचमी का व्रत रखने की विधि श्रावण शुक्ला पंचमी को घर के दरवाजे के दोनों ओर गोबर से नाग की…

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गंगा दशहरा व गंगा अवतरण कहानी

गंगा दशहरा का महत्व – क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा की कथा

ज्येष्ठ शुक्ला दशमी को गंगा दशहरा कहते हैं। गंगा दशहरा के व्रत का विधान स्कन्द-पुराण और गंगावतरण की कथा वाल्मीकि रामायण में लिखी है। ज्येष्ठ शुक्ला दशमी सम्वतसर का सुख है। इसमें स्नान और विशेष करके दान करना चाहिये। सर्वप्रथम तो गंगा दशहरा पर गंगा स्नान ही का माहात्म्य विशेष है। यह न हो सके तो किसी भी नदी मे तिलोदक देने का विधान है।…

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वट सावित्री व्रत

वट सावित्री व्रत की कथा – वट सावित्री की पूजा कैसे करते है

ज्येष्ठ बदी तेरस को प्रातःकाल स्वच्छ दातून से दन्तधोवन कर उसी दिन दोपहर के बाद नदी या तालाब के विमल जल में तिल और आंवले के कल्क से केशों को शुद्ध करके स्नान करे ओर जल से वट के मूल का सेचन करे। सूत-रोगिणी और ऋतु-मती स्त्री ब्राह्मण के द्वारा भी समग्र व्रत को यथा-विधि कराने से उसी फल की प्राप्ति होती है। वट…

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आसमाई व्रत कथा

आसमाई व्रत कथा – आसमाई की पूजा विधि

वैशाख, आषाढ़ और माघ, इन्हीं तीनों महीनों की किसी तिथि में रविवार के दिन आसमाई की पूजा होती है। जो किसी कार्य की सिद्धि के लिये आसमाई की पूजा बोलता है और उसका कार्य सिद्ध होता है, वही यह पूजा करता है। किसी-किसी के यहाँ साल में एक बार या दो या तीन बार भी पूजा होती है। बाराजीत ( बारह आदित्य ) और…

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हनुमान जयंती

हनुमान जयंती का महत्व – हनुमान जयंती का व्रत कैसे करते है और इतिहास

चैत्र पूर्णिमा श्री रामभक्त हनुमान का जन्म दिवस हैं। इस दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। कुछ लोग यह जन्म दिवस कार्तिक कृष्ण चतुदर्शी को मानते है। किन्तु अधिकतर चैत्र पूर्णिमा के ही पक्ष में हैं। हम भी यही मानते हैं। हनुमान, युग प्रसिद्ध रामभक्त ओर हमारे देश की एक विशेष जाति वानर के नेता है। वे सदा ही अपने को रामभक्त कहते है। उनके…

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