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लखनऊ के क्रांतिकारी

लखनऊ के क्रांतिकारी और 1857 की क्रांति में अवध

1857 के स्वतंत्रता संग्राम में लखनऊ के क्रांतिकारी ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई। इन लखनऊ के क्रांतिकारी पर क्या-क्या न ढाये जुल्मों सितम इन फिरंगियों ने भारतीयों पर। 1857 का विद्रोह शुरू होते ही तमाम लोगों को जानवरों की तरह जेलों में ठूस दिया गया। अनेक लोग नज़रबन्द कर दिये गये। तुलसीपुर के राजा दुर्गविजय सिंह एक साल तक नज़रबन्द रहे। बीमार हो गये इलाज…

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लखनऊ में 1857 की क्रांति

लखनऊ में 1857 की क्रांति का इतिहास

लखनऊ में 1857 की क्रांति में जो आग भड़की उसकी पृष्ठभूमि अंग्रेजों ने स्वयं ही तैयार की थी। मेजर बर्ड के अनुसार कम्पनी सरकार के अधिकारी और कर्मचारी दोनों ही झूठे आरोप लगाकर लोगों की जमीनें हड़प लेते थे। सेना के गोरे सिपाही भारतीय औरतों के साथ बलात्कार करते, डाके डलवाते, हिन्दु-मुस्लिम दोनों को लड़वाते । सन्‌ 1853 में इलाहाबाद और 1855 ई० में मुहर्रम…

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बेगम शम्सुन्निसा

शम्सुन्निसा बेगम लखनऊ के नवाब आसफुद्दौला की बेगम

बेगम शम्सुन्निसा लखनऊ के नवाब आसफुद्दौला की बेगम थी। सास की नवाबी में मिल्कियत और मालिकाने की खशबू थी तो बहू की नवाबी में मासूमियत और अनजानेपन का रंग भी कुछ कम न था। नवाब आसफुद्दौला की पहली शादी दिल्ली के दीवान खानदान के इमामुद्दीन ख़ाँ उर्फ़ इस्तियाज़ उद्दौला की बेटी शम्सुन्निसा से हुई थी। शम्सुन्निसा बेगम लखनऊ के नवाब आसफुद्दौला की बेगम …

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बहू बेगम

बहू बेगम की जीवनी – बहू बेगम का मकबरा कहां स्थित है

नवाब बेगम की बहू अर्थात नवाब शुजाउद्दौला की पटरानी का नाम उमत-उल-जहरा था। दिल्‍ली के वज़ीर खानदान की यह लड़की सन्‌ 1745 में नवाब शुजाउद्दौला को ब्याही गई थी। यह शादी दिल्‍ली में दाराशिकोह के महल मे हुई थी। इस बिन बाप की लड़की को शहनशाहे दिल्ली ने अपनी मुँह बोली-बेटी बताकर इसे अवध के नवाब से ब्याहा था और उस शादी में लाखों रुपये खर्च किये…

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नवाब बेगम

नवाब बेगम की जीवनी – सदरून्निसा नवाब सफदरजंग की बेगम

अवध के दर्जन भर नवाबों में से दूसरे नवाब अबुल मंसूर खाँ उर्फ़ नवाब सफदरजंग ही ऐसे थे जिन्होंने सिर्फ़ एक शादी की थी। इस तरह सारी नवाबी में वो अपने आप में अकेली मिसाल कहे जा सकते है। नवाब सफदरजंग की उस इकलौती” बीवी का नाम सदरुन्निसा था और जो नवाब सआदत खाँ बुरहानुलमुल्क की बेटी थी। ससुराल में उन्हें नवाब सफदरजहां बेगम का…

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भातखंडे संगीत विद्यालय

भातखंडे संगीत विद्यालय का इतिहास

भारतीय संगीत हमारे देश की आध्यात्मिक विचारधारा की कलात्मक साधना का नाम है, जो परमान्द तथा मोक्ष की प्राप्ति के लिए है परन्तु उत्तर मध्यकाल के विलासी वातावरण में संगीत कला को भोग-विलास की सामग्री बना कर कोठों पर पहुंचा दिया गया था और इस तरह उसे देह व्यवसाय के साथ जोड़ा जा चुका था। इसके मर्यादाहीन हो जाने के बाद सभ्य समाज गायन-वादन…

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बेगम अख्तर

बेगम अख्तर का जीवन परिचय – बेगम अख्तर कौन थी

बेगम अख्तर याद आती हैं तो याद आता है एक जमाना। ये नवम्बर, सन्‌ 1974 की बात है जब भारतीय रजत पट के सुप्रसिद्ध संगीत निर्देशक मदन मोहन लखनऊ के पसन्द बाग में बेगम अख्तर की कब्र पर पहुँचे थे, बेगम साहबा के पति बेगम साहिबा को गुज़रे अभी चार दिन ही बीते थे इसलिये कब्र कच्ची थी। जड़ाऊ फलों की चादर से मदन…

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लखनऊ की बोली

लखनऊ की बोली अदब और तहजीब की मिसाल

उमराव जान को किसी कस्बे में एक औरत मिलती है जिसकी दो बातें सुनकर ही उमराव कह देती है, “आप भी तो लखनऊ की हैं। इस पर वो औरत पूछती है, “तुमने क्यूं कर जाना” तो उमराव ने यही जबाब दिया “कहीं बातचीत का करीना छुपा रहता है।” बात सच है लखनऊ वाला अपनी जबान से दूर देश में भी पहचान लिया जाता है।…

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Read more about the article गोमती नदी का उद्गम स्थल और गोमती नदी लखनऊ के बारे में
गोमती नदी लखनऊ

गोमती नदी का उद्गम स्थल और गोमती नदी लखनऊ के बारे में

गोमती लखनऊ नगर के बीच से गुजरने वाली नदी ही नहीं लखनवी तहजीब की एक सांस्कृतिक धारा भी है। इस छोटी नदी की कहानी बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण है। गोमती के आदर में कहा जाता ततो गोमती प्राप्य, नित्य सिद्ध निषेविताम्‌ | राजसूयम वाप्नोति, वायुलोकं च गच्छति। गोमती अथवा धेनुमती नाम से ही इसकी महिमा का मूल्यांकन किया जा सकता है। इस जलधारा…

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लखनऊ की चाट कचौरी

लखनऊ की चाट कचौरी ऐसा स्वाद रहें हमेशा याद

लखनऊ अपने आतिथ्य, समृद्ध संस्कृति और प्रसिद्ध मुगलई भोजन के लिए जाना जाता है। कम ही लोग जानते हैं कि नवाबों के शहर में कचौरी, चाट, समोसे, इमरती, जलेबी, पूरी सब्जी और लस्सी परोसने वाले कुछ बेहतरीन स्नैकिंग प्वाइंट हैं। लखनऊ की चाट कचौरी अपने अद्वितीय स्वाद के प्रसिद्ध है। अगर आपने अपनी लखनऊ की यात्रा के दौरान लखनऊ की चाट का स्वाद एक…

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क्राइस्ट चर्च लखनऊ

क्राइस्ट चर्च लखनऊ का इतिहास हिन्दी में

नवाबों के शहर लखनऊ को उत्तर प्रदेश में सबसे धर्मनिरपेक्ष भावनाओं, संस्कृति और विरासत वाला शहर कहा जा सकता है। धर्मनिरपेक्ष मानसिकता नवाबों के समय से ही लखनवियों में गहरी पैठ रही है, जिन्होंने सच्चे लखनवी आवाम (जनता) के लिए पोशाक और अभिवादन का एक समान कोड भी पेश किया था।लखनऊ शहर न केवल अपनी राजसी मस्जिद और भव्य मंदिर के लिए प्रसिद्ध है; इसे उत्तर भारत…

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लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर

लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर यहां जाना ना भूलें

एक लखनऊ वासी के शब्दों में लखनऊ शहर आश्चर्यजनक रूप से वर्षों से यहां बिताए जाने के बावजूद विस्मित करता रहता है। आप लखनऊ के प्रमुख धर्म को कभी नहीं आंक सकते। शहर सभी त्योहारों को मनाना पसंद करता है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। लखनऊ कुछ प्रसिद्ध मस्जिदों, भव्य चर्चो, आलीशान गुरुद्वारों और सुंदर मंदिरों का घर है। इस लेख में, आइए…

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मूसा बाग लखनऊ

मूसा बाग लखनऊ जहां स्थित है एक चूहे का मकबरा

लखनऊ एक शानदार ऐतिहासिक शहर है जो अद्भुत स्मारकों, उद्यानों और पार्कों का प्रतिनिधित्व करता है। ऐतिहासिक स्मारक ज्यादातर अवध के नवाबों और ब्रिटिश राज के शासनकाल के दौरान बनाए गए थे। शहर के स्मारक समृद्ध नवाबी युग की प्रतीकात्मक आभा को चित्रित करते हैं। बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा और रूमी दरवाजा जैसे कुछ नाम गौरवशाली नवाबी काल की प्रमुख पहचान हैं, जिसने नवाबों के शहर…

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लखनऊ यूनिवर्सिटी

लखनऊ यूनिवर्सिटी का इतिहास इन हिन्दी

बड़ा लम्बा सफर तय किया है कैनिंग कालेज ने लखनऊ यूनिवर्सिटी के रूप में तब्दील होने तक। हाथ में एक कापी, मुंह में सिगरेट एवं गुटों में मस्ती से घूमते तमाम युवा छात्रों को, तो कहीं चहकती आधुनिक परिधानों से सुशोभित लड़कियों की टोलियों को “यत्न तत्र सर्वत्र घूमते देखा जा सकता है। लखनऊ यूनिवर्सिटी का इतिहास 1 मई सन्‌…

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राज्य संग्रहालय लखनऊ

राज्य संग्रहालय लखनऊ का इतिहास हिन्दी में

लखनऊ के राज्य संग्रहालय का इतिहास लगभग सवा सौ साल पुराना है। कर्नल एबट जो कि सन्‌ 1862 में लखनऊ के मंडलायुक्‍त थे, उनके दिमाग में यह ख्याल आया कि क्‍यों न प्रदेश की प्राचीन परम्पराओं व जन जीवन से ताल्लुक रखने वाली वस्तुओं को इकट्ठा किया जाए। आखिरकार सन्‌ 1863 ई० को छोटी छतर मंजिल में राज्य संग्रहालय लखनऊ की स्थापना हुई।…

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चारबाग रेलवे स्टेशन

चारबाग रेलवे स्टेशन का इतिहास – मुस्कुराइए आप लखनऊ में है

चारबाग स्टेशन की इमारत मुस्कुराती हुई लखनऊ तशरीफ लाने वालों का स्वागत करती है। स्टेशन पर कदम रखते ही कहीं न कहीं लिखा अवश्य देखा जा सकता है-- मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं। कोई मुस्कुराइए या न मुस्कुराइए लेकिन चारबाग स्टेशन की इस भव्य और खूबसूरत इमारत को देखकर उँगली जरूर उनके दांतों तले दबकर रह जाती है। लखनऊ जिसे बागो का…

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लखनऊ की मस्जिदें

लखनऊ की मस्जिदें – लखनऊ की ऐतिहासिक मस्जिद

लखनऊ उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी है, और भारत का एक ऐतिहासिक महानगर है। लखनऊ को नवाबों का शहर कहा जाता है। कहा भी क्यों न जाएं इस शहर पर नवाबों ने 1720 से लेकर 1856 तक शासन किया। अपने शासन के दौरान नवाबों ने यहां बहुत सी ऐतिहासिक इमारतें बनवाई, जिनमें कोठी, महल, दरवाजें, मकबरे, बाग, मस्जिद आदि प्रमुख हैं। नवाबों ने अपने…

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पतंगबाजी

पतंगबाजी का शौक आपको ही नहीं लखनऊ के नवाबों को भी था

पतंगबाजी या कनकौवे बाजी, पतंग उर्फ 'कनकइया' बड़ी पतंग उर्फ 'कमकउवा, बड़े ही अजीबो-गरीब नाम हैं यह भी। वैसे तो पतंग उड़ाने का सिलसिला बहुत ही पुराने जमाने में चीन, जापान और तमाम दूसरे मुल्कों में प्रचलित था। मगर जब इन पतंगों का शौक लखनऊ के नवाबों को हुआ तो एक नयी तबदीली इस दिशा में हुईं। और मुल्कों में तो यह केवल उड़ाई…

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लखनऊ की तवायफें

लखनऊ की तवायफें जिनसे रहते थे कोठे हमेशा गुलजार

नवाबी वक्‍त में लखनऊ ने नृत्य और संगीत में काफी उन्नति की। नृत्य और संगीत की बात हो और तवायफ का जिक्र न हो ऐसा तो नामुमकिन ही है। लखनऊ की तवायफें ने अपने उसूलों के कारण बड़ी शोहरत हासिल की थी। वक्‍त बदला, लखनऊ का रंग बदला, लोगों की नजरें बदलीं और बदले शौक। नाच-गाने के शौकीन लोगों का काफी बड़ा भाग चलचित्र खींच…

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कबूतर बाजी

कबूतर बाजी जिसके शौकीन थे लखनऊ के नवाब

लखनऊ की नजाकत-नफासत ने अगर संसार में शोहरत पायी है तो यहाँ के लोगों के शौक भी कम मशहूर नहीं रहे हैं। लखनवी शोकों में मुर्गाबाजी , तीतर लड़ाना, मेंढ़ा युद्ध, बटेरबाजी, बुलबुल, पतंगबाज़ी कबूतर बाजी आदि मुख्य थे। उस समय कबूतर बाजी का शौक इस कदर लोगों के ऊपर छाया हुआ था कि हज़ारों में हार-जीत की बाजियां लग जाया करती…

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मुर्गा की लड़ाई

मुर्गा की लड़ाई कभी लखनऊ का मुख्य मनोरंजन था

कभी लखनऊ की मुर्गा की लड़ाई दूर-दूर तक मशहूर थी। लखनऊ के किसी भी भाग में जब मुर्गा लड़ाई होने वाली होती तो एक दो दिन पहले से ही शहर भर में लोगों को खबर हो जाती थी। मुर्गाबाजी के दिन सैकड़ों की भीड़ जमा होती थी। घड़ी भर में हजारों रुपयों की बाजियां लग जाया करती थीं। मुर्गा की लड़ाई लखनऊ का…

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अदब और तहजीब

अदब और तहजीब तथा भाईचारे मिसाल है लखनऊ

लखनऊ सारे संसार के सामने अदब और तहजीब तथा आपसी भाई-चारे की एक मिसाल पेश की है। लखनऊ में बीतचीत करने, अभिवादन एवं कुशलक्षेम पूछने का ढंग काबिले तारीफ रहा है। आइए-आइए जनाब तशरीफ रखिये' कहते हुए झट खड़े होकर बड़े आदर से आगन्तुक को बैठाना, उसके बैठने पर ही बैठना, 'नोश फरमाइये', पान पेश है कुबूल फरमाइये' कहते हुए पान पेश करने का…

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लखनवी चिकन कुर्ता

लखनवी चिकन कुर्ता – लखनऊ की प्रसिद्ध चिकनकारी

लखनऊ का चिकन उद्योग बड़ा मशहूर रहा है। लखनवी कुर्तीयों पर चिकन का काम नवाबीन वक्‍त में खूब फला-फूला। नवाब आसफुद्दौला ने इस कला में माहिर लोगों को बड़ा प्रोत्साहित किया। शुरू-शुरू में चिकन के कपड़े नवाब खानदान तक ही सीमित रहे। मगर चिकन कला से युक्त कपड़ों की खूबसूरती नवाबों के खानदानों में ही दबकर नहीं रह सकी। आज लखनवी चिकन कुर्ता देश ही…

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लखनऊ का पहनावा

लखनऊ का पहनावा – लखनऊ का लिबास

लखनऊ नवाबों, रईसों तथा शौकीनों का शहर रहा है, सो पहनावे के मामले में आखिर क्‍यों पीछे रहता। पुराने समय में तरह-तरह के लिबासों का लखनऊ में चलन था। और लखनऊ का पहनावा प्रसिद्ध भी काफी था। लखनऊ का पहनावा का जिक्र अगर सिर पर पहनने वाली टोपी से शुरू किया जाए तो बेहतर होगा। नवाबों के वक्‍त में एक टोपी बड़ी मशहूर…

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लखनवी पान

लखनवी पान की गिलौरी का सुगंधित स्वाद

लखनवी पान:-- पान हमारे मुल्क का पुराना शौक रहा है। जब यहाँ हिन्दू राजाओं का शासन था तब भी इसका बड़ा महत्व रहा है, हर एक शुभ काम में पान की मौजूदगी ज़रूरी है। राजा जब युद्ध के लिए निकलता तब एक आदमी थाल में पान के बीड़े लगा कर सामने लाता, राजा थाली में रखे मखमली कपड़े मे ढक्के उन पानों की ओर नजर…

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दिलकुशा कोठी

दिलकुशा कोठी कहां है – दिलकुशा कोठी किस लिए प्रसिद्ध है

दिलकुशा कोठी, जिसे "इंग्लिश हाउस" या "विलायती कोठी" के नाम से भी जाना जाता है, लखनऊ में गोमती नदी के तट पर स्थित एक ऐतिहासिक स्मारक है। कभी शानदार कोठी, आज खंडहर में है और स्मारक केवल उद्यान क्षेत्र के लिए जाना जाता है, जिसे दिलकुशा गार्डन कहा जाता है जिसका उपयोग विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों के लिए किया जाता है। लेकिन विरासत प्रेमी अब खुशी…

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लखनऊ की बिरयानी

लखनऊ की बिरयानी – लखनऊ की प्रसिद्ध इदरीस की बिरयानी

लखनऊ का व्यंजन अपने अनोखे स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर अपने कोरमा, बिरयानी, नहरी-कुलचा, जर्दा, शीरमल, और वारकी पराठा और कई अन्य मनोरम व्यंजनों के लिए जाना जाता है। नवाबों के दिनों में, शाही रसोइयों और रसोइयों को विशेष रूप से व्यंजन को उसका उत्कृष्ट स्वाद देने के लिए प्रशिक्षित किया जाता था। राजाओं को परोसे जाने के लिए भोजन को उपयुक्त…

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रहीम के नहारी कुलचे

रहीम के नहारी कुलचे लखनऊ – कुलचा नहारी का कोम्बो स्वाद

रहीम के नहारी कुलचे:--- लखनऊ शहर का एक समृद्ध इतिहास है, यहां तक ​​​​कि जब भोजन की बात आती है, तो लखनऊ अपने व्यंजनों के शानदार और लजीज स्वाद के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। नवाबों के शहर के बहुत ही लजीज शाही खानों ने नवाबों के समय से ही लोगों की प्रसंशा और ध्यान बराबर अपनी ओर आकर्षित किया है। लखनऊ शहर की…

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टुंडे कबाब

टुंडे कबाब लखनऊ – टुंडे कबाब की कहानी – टुंडे कबाब का इतिहास

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम सुनते ही सबसे पहले दो चीजों की तरफ ध्यान जाता है। लखनऊ की बोलचाल और लखनऊ का खानपान। लखनऊ के खानपान का जब हम स्मरण करते हैं तो सबसे पहले हमारे जहन लखनऊ के प्रसिद्ध टुंडे कबाब का स्मरण हो उठता है, और अचानक ही हमारे मुंह में पानी आ जाता है। और आए भी क्यों नहीं? इनके…

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गोमती रिवर फ्रंट

गोमती रिवर फ्रंट – एक सुहानी शाम गोमती के नाम

लखनऊ शहर कभी गोमती नदी के तट पर बसा हुआ था। लेकिन आज यह गोमती नदी लखनऊ शहर के बढ़ते विस्तार के कारण लगभग शहर के बीचों बीच आ गई है। कभी गोमती नदी स्वस्छ और निर्मल जल से परिपूर्ण होती थी। लेकिन समय के प्रभाव के साथ साथ गोमती नदी की दुर्गति होती गई। इसका स्वच्छ जल गंदे जल में परिवर्तित होने लगा, क्यों…

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अंबेडकर पार्क लखनऊ

अंबेडकर पार्क लखनऊ में गुजारे एक हसीन शाम

नवाबों का शहर लखनऊ समृद्ध ऐतिहासिक अतीत और शानदार स्मारकों का पर्याय है, उन कई पार्कों और उद्यानों को नहीं भूलना चाहिए जिनके लिए शहर को कभी-कभी "बागों का शहर" कहा जाता है। शहर की अनोखी शामों के बारे में कुछ बहुत ही रोचक बातें हैं जो अपने तरीके से अजीब हैं। कई इतिहासकार लखनऊ शहर में शाम के शानदार आकर्षण से इतने प्रभावित हुए…

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वाटर पार्क इन लखनऊ

वाटर पार्क इन लखनऊ – लखनऊ में वाटर पार्क

लखनऊ शहर जिसे "बागों और नवाबों का शहर" (बगीचों और नवाबों का शहर) के रूप में जाना जाता है, देश के कुछ सबसे विशाल उद्यानों का दावा करता है। नवाबों के महल परिसरों के भीतर फलदार वृक्षों, बहते पानी के फव्वारे और सुगंधित फूलों के साथ स्थित शानदार उद्यानों ने शहर को पूरे देश में प्रसिद्ध बना दिया है। आज, बगीचों में पानी के…

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काकोरी शहीद स्मारक

काकोरी कांड कहां हुआ था – काकोरी शहीद स्मारक कहा है

उत्तर प्रदेश राज्य में लखनऊ से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा नगर काकोरी अपने दशहरी आम, जरदोजी कढ़ाई के काम और काकोरी कबाब के लिए व्यापक रूप से जाना जाता है। यह शहर उर्दू साहित्य, कविता और कादिरिया कलंदरी सूफी आदेश का केंद्र भी है। हालांकि, बहुत से लोग इस बात से अवगत नहीं हो सकते हैं कि काकोरी ब्रिटिश शासन…

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नैमिषारण्य तीर्थ

नैमिषारण्य का इतिहास – नैमिषारण्य तीर्थ का महत्व

लखनऊ शहर में मुगल और नवाबी प्रभुत्व का इतिहास रहा है जो मुख्यतः मुस्लिम था। यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि अवध के नवाबों ने भी, धर्मनिरपेक्ष मुगल बादशाह अकबर की शैली का अनुसरण किया, ताकि वे अपने साम्राज्य की ठोस नींव के लिए हिंदुओं पर भरोसा कर सकें। कहा जाता है कि नवाबों ने कई हिंदुओं को अधिकार के पदों पर खड़ा किया…

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कतर्नियाघाट सेंचुरी

कतर्नियाघाट सेंचुरी – कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य

प्रकृति के रहस्यों ने हमेशा मानव जाति को चकित किया है जो लगातार दुनिया के छिपे रहस्यों को उजागर करने का प्रयास करती है। एक वन्यजीव अभयारण्य का भ्रमण हमें इस दुनिया के करीब ले जा सकता है और रोजमर्रा की जिंदगी की भागदौड़ से दूर हमारे मन मस्तिष्क को तरोताज़ा कर सकता है। भारत में कई प्रसिद्ध वन्यजीव अभ्यारण्य हैं जिनमें वनस्पतियों और…

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नवाबगंज पक्षी विहार

नवाबगंज पक्षी विहार कहा स्थित है – नवाबगंज बर्ड सेंचुरी इन हिन्दी

लखनऊ में सर्दियों की शुरुआत के साथ, शहर से बाहर जाने और मौसमी बदलाव का जश्न मनाने की आवश्यकता महसूस होने लगती है। एक आनंदमयी यात्रा पर जाने का आदर्श समय वह समय है जब गुलाबी सर्दियां बस मूड सेट करना शुरू कर देती हैं। लखनऊ वासियों के लिए निकटतम और सबसे अधिक मांग वाले गंतव्य में से एक प्रसिद्ध नवाबगंज पक्षी विहार है। नवाबगंज…

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बिठूर दर्शनीय स्थल

बिठूर आकर्षक स्थल जहां हुआ था लव और कुश का जन्म

धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व वाले शहर बिठूर की यात्रा के बिना आपकी लखनऊ की यात्रा पूरी नहीं होगी। बिठूर एक सुरम्य नगर है, जो गंगा नदी के तट पर स्थित है, जो राजधानी लखनऊ से 18 किलोमीटर की दूरी पर कन्नौज रोड पर स्थित है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस पवित्र बस्ती को भगवान विष्णु द्वारा आकाशगंगा के पुनर्निर्माण के दौरान भगवान ब्रह्मा…

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लखनऊ चिड़ियाघर

लखनऊ चिड़ियाघर शहर के बीच प्राणी उद्यान

एक भ्रमण सांसारिक जीवन और भाग दौड़ वाली जिंदगी से कुछ समय के लिए आवश्यक विश्राम के रूप में कार्य करता है और नई ऊर्जा का संचार करता है। जब एक यात्रा में आनंद के साथ साथ ज्ञान को सीखने का मौका मिले तो यह एक बोनस पांवाइंट है, और सोने पे सुहागा जैसा है। इसलिए, यदि आप लखनऊ शहर की यात्रा पर हैं, तो…

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जनेश्वर मिश्र पार्क

जनेश्वर मिश्र पार्क लखनऊ – कुछ पल शुद्ध वातावरण में

लखनऊ में हमेशा कुछ खूबसूरत सार्वजनिक पार्क रहे हैं। जिन्होंने नागरिकों को उनके बचपन और कॉलेज के दिनों से लेकर उस समय तक की अनगिनत यादें दी हैं जब उनकी शादी हुई और बाद में अपने बच्चों को उन्हीं पार्कों में ले गए। कोई भी लखनऊ वासी अनुमान लगा सकता है, हम अपने बुद्ध पार्क, हाथी पार्क, निंबू पार्क, ग्लोब पार्क और अन्य लोकप्रिय पार्को के…

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लाल बारादरी

लाल बारादरी लखनऊ – लाल बारादरी का इतिहास

इस निहायत खूबसूरत लाल बारादरी का निर्माण सआदत अली खांने करवाया था। इसका असली नाम करत्न-उल सुल्तान अर्थात- नवाबों का महल' है। अपने लाल रंग के कारण यह लाल बारादरी के नाम से मशहूर हो गयी। इसके हाल में नवाब सआदत अली खां का दरबार चलता था। दरोगा अब्बास अली बेग के अनुसार-- लखनऊ का सबसे विशाल दरबार लाल बारादरी में हो आयोजित…

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सफेद बारादरी

सफेद बारादरी लखनऊ शोक से खुशियों तक का सफर

लखनऊ वासियों के लिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है यदि वे कहते हैं कि कैसरबाग में किसी स्थान पर शादी हो रही है और आपका सवाल आता है - "क्या यह सफेद बारादरी में है?" लखनऊ शहर के कैसरबाग क्षेत्र में अन्य ऐतिहासिक स्मारकों के बीच भव्य सफेद संरचना के लिए आकर्षण ऐसा ही है। बहुत कम लोग जानते हैं कि इन दिनों…

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मकबरा सआदत अली खां

मकबरा सआदत अली खां लखनऊ – नवाब सआदत अली खां की कब्र

उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ बहुत ही मनोरम और प्रदेश में दूसरा सबसे अधिक मांग वाला पर्यटन स्थल, गोमती नदी के सुरम्य तट के साथ फैला हुआ है। सांस्कृतिक रूप से समृद्ध यह शहर अपने गौरवशाली अतीत, उम्दा बोलचाल, सुरुचिपूर्ण ढंग और उर्दू शायरी के लिए उतना ही जाना जाता है, जितना कि यह अपने राजसी स्मारकों के लिए जाना जाता है। अवध के…

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भूल भुलैया

भूल भुलैया का रहस्य – भूल भुलैया का निर्माण किसने करवाया

इस बात की प्रबल संभावना है कि जिसने एक बार भी लखनऊ की यात्रा नहीं की है, उसने शहर के अदब और तहज़ीब के बारे में बहुत कुछ सुना होगा। यही बात भूल भुलैया पर भी लागू होती है! बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है, विशेष रूप से भूल भुलैया, जो साल के लगभग हर दिन भारी भीड़ खींचता है। विशाल स्मारक…

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रूमी दरवाजा

रूमी दरवाजा का इतिहास – रूमी दरवाजा किसने बनवाया था?

1857 में भारतीय स्वतंत्रता के पहले युद्ध के बाद लखनऊ का दौरा करने वाले द न्यूयॉर्क टाइम्स के एक रिपोर्टर श्री जॉर्ज रसेल के शब्दों में, "रूमी दरवाजा से छतर मंजिल तक सड़क का विस्तार सबसे सुंदर और शानदार शहर का दृश्य है। रोम, पेरिस, लंदन और कॉन्स्टेंटिनोपल से बेहतर कभी देखा था। ” यह रूमी दरवाजा लखनऊ के महत्व के बारे में बताता है।…

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चंद्रिका देवी मंदिर

चंद्रिका देवी मंदिर लखनऊ – चंद्रिका देवी मंदिर का इतिहास

चंद्रिका देवी मंदिर-- लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में जाना जाता है और यह शहर अपनी धर्मनिरपेक्ष संस्कृति के लिए जाना जाता है जिसे नवाबों द्वारा शहर में पेश और प्रचारित किया गया था। शहर की संस्कृति और विरासत हर लखनवी का गौरव रही है और शहर के लोगों को सभी धार्मिक त्योहारों को समान उत्साह के साथ मनाते देखा जा सकता है।…

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रामकृष्ण मठ लखनऊ

रामकृष्ण मठ लखनऊ – रामकृष्ण मठ की स्थापना कब हुई

लखनऊ शहर के निरालानगर में राम कृष्ण मठ, श्री रामकृष्ण और स्वामी विवेकानंद को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। लखनऊ में मठ की लोकप्रियता शहर के धर्मनिरपेक्ष चरित्र का उदाहरण देती है, जो अवध के नवाबों से लखनऊवासियों को विरासत में मिली एक विशेषता है। देश के साथ-साथ दुनिया के विभिन्न हिस्सों में 150 से अधिक शाखा केंद्रों के साथ मठ का मुख्यालय बेलूर मठ, कोलकाता…

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छोटा इमामबाड़ा

छोटा इमामबाड़ा कहां है – छोटा इमामबाड़ा किसने बनवाया था?

लखनऊ पिछले वर्षों में मान्यता से परे बदल गया है लेकिन जो नहीं बदला है वह शहर की समृद्ध स्थापत्य विरासत है। ऐसा ही एक शानदार स्मारक है छोटा इमामबाड़ा लखनऊ। यह हुसैनाबाद इमामबाड़ा के रूप में भी जाना जाता है, यह सबसे भव्य भव्यता और दुर्लभ सुंदरता का एक भवन है। यह अवध के नवाब मुहम्मद अली शाह द्वारा बनवाया गया था, जब…

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शाह नज़फ इमामबाड़ा

शाह नज़फ इमामबाड़ा लखनऊ हिस्ट्री इन हिन्दी

शाही नवाबों की भूमि लखनऊ अपने मनोरम अवधी व्यंजनों, तहज़ीब (परिष्कृत संस्कृति), जरदोज़ी (कढ़ाई), तारीख (प्राचीन प्राचीन अतीत), और चेहल-पहल (स्ट्रीट वेंडर्स और दुकानों से सजी चमकदार सड़कें) के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय है। इन सबके अलावा, लखनऊ शहर में कई भव्य ऐतिहासिक स्मारक हैं जो अवधी वास्तुकला की समृद्धि और नवाबों के गौरवशाली अतीत के बारे में बताते हैं। एसा ही एक स्मारक…

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बड़ा इमामबाड़ा

बड़ा इमामबाड़ा कहां स्थित है – बड़ा इमामबाड़ा किसने बनवाया था?

ऐतिहासिक इमारतें और स्मारक किसी शहर के समृद्ध अतीत की कल्पना विकसित करते हैं। लखनऊ में बड़ा इमामबाड़ा उन शानदार स्मारकों में से एक है जो पर्यटकों को बीते युग के आभासी दौरे पर ले जाने में सक्षम हैं। नवाबों की भूमि लखनऊ में कुछ अद्भुत स्मारक हैं जैसे बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, रूमी दरवाजा, घंटा घर, ब्रिटिश रेजीडेंसी, बारादरी, छतर मंजिल और बेगम हजरत…

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रेजीडेंसी

रेजीडेंसी इन लखनऊ रेजीडेंसी हिस्ट्री इन हिन्दी

नवाबों के शहर के मध्य में ख़ामोशी से खडी ब्रिटिश रेजीडेंसी लखनऊ में एक लोकप्रिय ऐतिहासिक स्थल है। यहां शांत वातावरण में केवल आवाज़ें जो आप सुन सकते हैं, वे हैं मधुमक्खियों का ड्रोन, कभी-कभार कौवे का चिल्लाना और पक्षियों का चहकना। लेकिन रास्तों पर पेड़ों की आड़ से फूलों की महक लेकर आती हवा आपको 1857 के विद्रोह के दौर में वापस ले…

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