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गोपीजन वल्लभ जी मंदिर जयपुर

गोपीजन वल्लभ जी मंदिर जयपुर राजस्थान

राजस्थान की राजधानी जयपुर में श्री जी की मोरी में प्रवेश करते ही बांयी ओर गोपीजन वल्लभ जी का मंदिर भी नगर-प्रासाद ओर इस नगर के विशाल और सुन्दर मंदिरों मे से एक है। कहते है कि यह मंदिर पहले निम्बार्क संप्रदाय का था। इस संप्रदाय के 39वे जगदगुरु श्री वृन्दावन देवाचार्य सवाई जयसिंह के अश्वमेघ यज्ञ मे जयपुर आये थे। आमेर की सडक…

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ब्रजराज बिहारी जी मंदिर जयपुर

ब्रजराज बिहारी जी मन्दिर जयपुर राजस्थान

राजस्थान के जयपुर शहर में ब्रजराज बिहारी जी का मंदिर चंद्रमनोहर जी के मंदिर से थोडा आगे जाने पर आता है। यह एकमात्र इमारत है जो जयपुर के विलासी राजा सवाई जगत सिंह (1803-1818 ई) ने बनवाई थी। जयपुर के इस सर्वथा अयोग्य राजा के शासन-काल के पन्द्रह वर्ष बडे घटनापूर्ण थे। इस अवधि में रियासतों मे चलने वाले लडाई-झगडे तो अपनी पराकाष्ठा को…

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श्री गिरधारी जी का मंदिर

गिरधारी जी का मंदिर जयपुर राजस्थान

राजस्थान की राजधानी जयपुर में राजामल का तालाब मिट॒टी और कुडे-कचरे से भर जाने के कारण जिस प्रकार तालकटोरा कोरा ताल रह गया, कटोरा न रहा, वैसे ही सिरह ड्योढी बाजार के उत्तरी छोर पर बने हुए गिरधारी जी का मंदिर का भी मंदिर तो रह गया, किंतु इसकी प्रमुख विशेषता जाती रही। यह विशेषता थी इसके प्रवेश द्वार पर बनी हुई सीढियों के एक…

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गोवर्धन नाथ जी मंदिर जयपुर

गोवर्धन नाथ जी मंदिर जयपुर राजस्थान

राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के व्यक्तित्व के प्रतीक झीले जाली-झरोखों से सुशोभित हवामहल की कमनीय इमारत से जुड़ा हुआ जो देवालय है उसे इस नगर के प्रमुख वैष्णव मंदिरो मे गिना जाता है। यह गोवर्धन नाथ जी का मंदिर है।जिसे 1790 ई में हवामहल के साथ ही साथ महाराज सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था। श्री गोवर्धन नाथ जी मंदिर के कीर्ति स्तम्भ…

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लक्ष्मण मंदिर जयपुर

लक्ष्मण मंदिर जयपुर – लक्ष्मण द्वारा जयपुर

राजस्थान की गुलाबी नगरी जयपुर के मंदिरों में लक्ष्मणद्वारा या लक्ष्मण मंदिर भी सचमुच विलक्षण है। नगर-प्रासाद मे गडा की ड्योढ़ी के बाहर वेधशाला के सामने ही लक्ष्मण मंदिर स्थित है, सीताराम मंदिर के दक्षिण-पूर्व में। स्वयं महाराज सवाई जय सिंह ने यह दोनो मंदिर शायद साथ-साथ ही बनवाये थे। दोनो ही मे ऐसे देव-विग्रह पूजित है जिनमे आमेर-जयपुर के राजाओं की गहरी आस्था…

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सीताराम मंदिर जयपुर

सीताराम मंदिर जयपुर – सीताराम मंदिर किसने बनवाया

राजस्थान की चंद्रमहल जयपुर के राज-परिवार का निजी मंदिर सीतारामद्वारा या सीताराम मंदिर कहलाता है, जो जय निवास मे के उत्तरी- पूर्वी पार्श्व में स्थित है। कछवाहा अपने को भगवान राम के दूसरे पुत्र कुश की सन्तति मानते आये है और सीताराम का अत्यन्त प्राचीनकाल से इष्ट रखा है। उनका पारस्परिक अभिवादन का प्राचीन तरीका भी "जय सीताराम जी की रहा है। पुराने पट्टा-परवानो के…

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राजराजेश्वरी मंदिर जयपुर

राजराजेश्वरी मंदिर कहां स्थित है – राजराजेश्वरी मंदिर जयपुर

राजस्थान की राजधानी और गुलाबी नगरी जयपुर के चांदनी चौक के उत्तरी-पश्चिमी कोने मे रसोवडा की ड्योढी से ही महाराजा रामसिंह द्वितीय द्वारा निर्मित राजराजेश्वरी माता मंदिर मे जाने का खुर्रा है। श्री राजराजेश्वरी मंदिर जयपुर का प्रसिद्ध और प्रमुख मंदिर है। महाराज रामसिंह शिव-भक्‍त थे और वे नित्य शंकर जी का पूजन और दर्शन करते थे। राजराजेश्वरी मंदिर जयपुर महाराजा के…

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ब्रज निधि मंदिर जयपुर

ब्रज निधि जी मंदिर जयपुर परिचय और इतिहास

राजस्थान में जयपुर वाले जिसे ब्रजनंदन जी का मन्दिर कहते है वह ब्रज निधि का मंदिर है। ब्रजनिधि का मंदिर जयपुर नगर-प्रासाद के चांदनी चौक में स्थित है। यह 'ब्रज निधि' उपनाम से काव्य रचना करने वाले महाराजा प्रतापसिंह की भक्ति-भावना का प्रतीक तो है ही, देवालय निर्माण की उस शैली का विशिष्ट प्रतिनिधि भी है जो जयपुर बसने के साथ ही आरम्भ हई…

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गंगा - गोपाल जी मंदिर जयपुर

गोपाल जी मंदिर जयपुर – गंगा-गोपाल जी मंदिर का इतिहास

भक्ति-भावना से ओत-प्रोत राजस्थान की राजधानी जयपुर मे मंदिरों की भरमार है। यहां अनेक विशाल और भव्य मदिरों की वर्तमान दशा और शोचनीय अवस्था को देखकर जहां दुख होता है, वहा नगर-प्रासाद की सीमा मे गोविंद देव जी के मन्दिर के पिछवाडे गंगा जी- गोपाल जी के आमने-सामने बने लघु मदिरों को देखने से सचमुच आनन्द प्राप्त होता है। महकती हुई मेंहदी की भीनी गंध…

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गोविंद देव जी मंदिर जयपुर

गोविंद देव जी मंदिर जयपुर – गोविंद देव जी मंदिर का इतिहास

राजस्थान की राजधानी और गुलाबी नगरी जयपुर के सैंकडो मंदिरो मे गोविंद देव जी मंदिर का नाम दूर-दूर तक श्रृद्धालुओं में प्रसिद्ध है। जो भी हिन्दू यात्री या पर्यटक इस शहर में आता है, वह यहां के अन्य दर्शनीय स्थानों के साथ गोविंद देव जी की झांकी करने के लिए भी अवश्य जाता है। जयपुर के राजा भी अपने जमाने मे गोविंद देव जी…

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सकराय माता मंदिर के सुंदर दृश्य

सकराय माता मंदिर या शाकंभरी माता मंदिर सीकर राजस्थान हिस्ट्री इन हिंदी

राजस्थान के सीकर जिले में सीकर के पास सकराय माता जी का स्थान राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। मालकेत नामक पर्वतमाला यहां आकर मंडलाकार हो गई है। जिसके बीच बडे बडे आम के पेडों की शीतल छाया है और उनके बीच से शक्रगंगा की पतली धारा बह रही है। जो कही कही पर छोटे छोटे कुंडो में आकर विस्तृत भी हो…

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धनोप माता मंदिर के सुंदर दृश्य

धनोप माता मंदिर भीलवाड़ा राजस्थान – धनोप का इतिहास

धनोप भारत के राजस्थान राज्य के भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा तहसील मे स्थित एक ऐतिहासिक, सास्कृतिक गांव है। जो शाहपुरा तहसील से लगभग 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऐतिहासिक महत्व से यह गांव बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। किन्तु यह धनोप माता के प्रसिद्ध मंदिर के लिए जाना जाता है। जो एक प्रमुख सिद्धपीठ है। यह राजस्थान के प्रमुख लोकतीर्थो में से भी…

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लोहागर्ल धाम के सुंदर दृश्य

लोहागर्ल धाम राजस्थान – लोहागर्ल तीर्थ जहाँ भीम की विजयमयी गदा पानी बन गई

है शौनक जी! श्री लोहागर्ल की गंगा और बदरिकाश्रम की गंगा में मुझे कोई भेद प्रतीत नहीं होता है। यह सर्वथा सत्य वचन है। यह जिस तीर्थराज की स्तुति है वह राजस्थान राज्य का प्रसिद्ध लोकतीर्थ लोहागर्ल है। यह भारत की भूमि के अनेक तीर्थों में अपना प्रमुख स्थान रखता है। इस महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थान की पवित्र धरती पर अनेक ऋषि महाऋषियों ने…

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गलताजी टेम्पल जयपुर के सुंदर दृश्य

गलताजी मंदिर का इतिहास – हिस्ट्री ऑफ गलताजी धाम जयपुर

नगर के कोलाहल से दूर पहाडियों के आंचल में स्थित प्रकृति के आकर्षक परिवेश से सुसज्जित राजस्थान के जयपुर नगर के पूर्व में मैदानी धरातल से 350 फीट ऊपर तथा मुख्य नगर से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर एक रमणीक तीर्थ स्थान है। जो गलताजी कहलाता है। जयपुर शहर से गलताजी का सामान्य मार्ग सूरजपोल द्वार से होकर जाता हैं। सूरजपोल अथवा गलता दरवाजा…

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लोद्रवा जैन मंदिर के सुंदर दृश्य

लोद्रवा जैन मंदिर का इतिहास – हिस्ट्री ऑफ लोद्रवा जैन टेंपल

भारतीय मरूस्थल भूमि में स्थित राजस्थान का प्रमुख जिले जैसलमेर की प्राचीन राजधानी लोद्रवा अपनी कला, संस्कृति और जैन मंदिर के लिए पुरातात्विक विशेषज्ञों, पर्यटकों, और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। जैसलमेर से पश्चिमोत्तर दिशा में लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लोद्रवा प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल है। यह स्थान पुराणों में वर्णित प्राचीन काक नदी के सुरम्य…

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रणकपुर जैन मंदिर के सुंदर दृश्य

रणकपुर जैन मंदिर समूह – रणकपुर जैन तीर्थ का इतिहास

सभी लोक तीर्थों की अपनी धर्मगाथा होती है। लेकिन साहिस्यिक कर्मगाथा के रूप में रणकपुर सबसे अलग और अद्वितीय है। रणकपुर गांव राजस्थान के पाली जिले में अरावली पर्वत श्रृखलाओं के मध्य दिल्ली अहमदाबाद रेललाइन पर फालना स्टेशन से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वीर विनोद के अनुसार विक्रम संवत् 1490 में मेवाड़ के महाराणा कुम्भा का इस क्षेत्र पर अधिकार…

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डिग्गी कल्याण जी मंदिर के सुंदर दृश्य

डिग्गी कल्याण जी की कथा – डिग्गी धाम कल्याण जी टेम्पल

डिग्गी धाम राजस्थान की राजधानी जयपुर से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर टोंक जिले के मालपुरा नामक स्थान के करीब डिग्गी नामक छोटा सा नगर है। यह स्थान यहां स्थित प्रसिद्ध श्री कल्याण जी टेंपल के लिए भारत भर मे विख्यात है। श्री कल्याण जी मंदिर डिग्गी राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थानों में गिना जाता है। डिग्गी कल्याण जी का इतिहास बताता है कि…

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ओसियां के दर्शनीय स्थल

ओसियां का इतिहास – सच्चियाय माता मंदिर ओसियां

राजस्थान के पश्चिमी सीमावर्ती जिले जोधपुर में एक प्राचीन नगर है ओसियां। जोधपुर से ओसियां की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है। यह स्थान सडक और रेल मार्ग दोनों से जुडा है। ओसियां अपने प्राचीन मंदिरों और स्मारकों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां अनेक प्राचीन मंदिर और देवालय है, खासकर ओसियां का सच्चियाय माता मंदिर विश्व विख्यात है। भक्तों में सच्चियाय माता के…

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रानी सती मंदिर झुंझुनूं के सुंदर दृश्य

रानी सती मंदिर झुंझुनूं राजस्थान – रानी सती दादी मंदिर हिस्ट्री इन हिन्दी

सती तीर्थो में राजस्थान का झुंझुनूं कस्बा सर्वाधिक विख्यात है। यहां स्थित रानी सती मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यहां सती नारायणी के कुल में अब तक 12 सतियां हो चुकी है। सती नारायणी ही रानी सती के रूप में पूजी जाती है। झूंझुनू में रानी सती का मंदिर भक्तों के लिए श्रृद्धा का प्रमुख केंद्र है। इस मंदिर को रानी सती दादी मंदिर के…

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गौतमेश्वर महादेव धाम के सुंदर दृश्य

गौतमेश्वर महादेव मंदिर अरनोद राजस्थान – गौतमेश्वर मंदिर का इतिहास

राजस्थान राज्य के दक्षिणी भूखंड में आरावली पर्वतमालाओं के बीच प्रतापगढ़ जिले की अरनोद तहसील से 2.5 किलोमीटर की दूरी पर प्रकृति की गोद में रमणीय स्थल पर गौतमेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। इस मंदिर में मीणा जाति के इष्टदेव और शौर्य के प्रतीक गौतमेश्वर महादेव की प्रतिमा स्थापित है। इस गौतमेश्वर मंदिर में शिल्पकला का अद्भुत नमूना तो देखने को नहीं मिलता है,…

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केशवरायपाटन मंदिर के सुंदर दृश्य

केशवरायपाटन का मंदिर – केशवरायपाटन मंदिर का इतिहास

केशवरायपाटन अनादि निधन सनातन जैन धर्म के 20 वें तीर्थंकर भगवान मुनीसुव्रत नाथ जी के प्रसिद्ध जैन मंदिर तीर्थ क्षेत्र और भागवान केशवराय जी महाराज, तथा भगवान विष्णु के मन्दिर के लिए प्रसिद्ध है जो राजस्थान के बूंदी जिले में चम्बल नदी के तट पर स्थित है। राजस्थान से प्रमुख शहर कोटा से केशवरायपाटन की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है। केशवरायपाटन शहर नहीं है लेकिन देहात…

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नाकोड़ा जी तीर्थ के सुंदर दृश्य

नाकोड़ा जी का इतिहास – नाकोड़ा जी भैरव चालीसा

नाकोड़ा जी तीर्थ जोधपुर से बाड़मेर जाने वाले रेल मार्ग के बलोतरा जंक्शन से कोई 10 किलोमीटर पश्चिम में लगभग 1500 फीट ऊंची पहाड़ियों से घिरी हुईं पवित्र घाटी के नाके पर स्थित है। इसके लगभग 7-8 किलोमीटर उत्तर में वैष्णवों का सुप्रसिद्ध खेड़ मंदिर, तथा एक किलोमीटर उत्तर पश्चिम में राजपूतों और भीलों का बन्तीवाला गांव मेवानगर और चारो तरफ ऐतिहासिक बीरमपुर खंडहर…

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रामदेवरा धाम के सुंदर दृश्य

रामदेवरा का इतिहास – रामदेवरा समाधि मंदिर दर्शन, व मेला

राजस्थान की पश्चिमी धरा का पावन धाम रूणिचा धाम अथवा रामदेवरा मंदिर राजस्थान का एक प्रसिद्ध लोक तीर्थ है। यह राजस्थान के जैसलमेर जिले के अंतर्गत पोखरण नामक गांव से लगभग 13 किलोमीटर उत्तर दिशा में स्थित है। यह स्थान जोधपुर पोखरण रेल मार्ग एवं जोधपुर, बिकानेर जैसलमेर से मोटर मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुडा हुआ है। रामदेवरा का नीवं बाबा रामदेवजी तंवर ने…

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हर्षनाथ मंदिर के सुंदर दृश्य

हर्षनाथ मंदिर सीकर राजस्थान – जीणमाता मंदिर सीकर राजस्थान

भारत के राजस्थान राज्य के सीकर से दक्षिण पूर्व की ओर लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर हर्ष नामक एक छोटा सा गांव बसा हुआ हैं। इसके पास ही हर्ष नामक एक पर्वत है। यहां भगवान शिव को समर्पित हर्षनाथ मंदिर है। जो एक ऐतिहासिक स्थल है तथा भक्तों में काफी प्रसिद्ध है। इसी हर्षनाथ मंदिर के कारण ही इस गांव का नाम हर्षनाथ…

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एकलिंगजी टेम्पल के सुंदर दृश्य

एकलिंगजी टेम्पल उदयपुर – एकलिंगजी टेम्पल हिस्ट्री इन हिन्दी

राजस्थान के शिव मंदिरों में एकलिंगजी टेम्पल एक महत्वपूर्ण एवं दर्शनीय मंदिर है। एकलिंगजी टेम्पल उदयपुर से लगभग 21 किलोमीटर दूर उदयपुर-नाथद्वारा-ब्यावर के राजमार्ग पर स्थित है। जहाँ के लिए बस सेवा नियमित रूप से उपलब्ध है। यह राजस्थान के प्रमुख मंदिरों में से एक है, औथ बडी संख्या में भक्तों द्वारा एकलिंगजी मंदिर के दर्शन किए जाते है। एकलिंगजी मंदिर का निर्माण एकलिंगजी…

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ऋषभदेव मंदिर के सुंदर दृश्य

ऋषभदेव मंदिर उदयपुर – केसरियाजी ऋषभदेव मंदिर राजस्थान

राजस्थान के दक्षिण भाग में उदयपुर से लगभग 64 किलोमीटर दूर उपत्यकाओं से घिरा हुआ तथा कोयल नामक छोटी सी नदी के तट पर स्थित धुलेव नामक कस्बा है। यही पर मानव सभ्यता के पुराकर्ता आदि तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का विशाल मंदिर है। जो ऋषभदेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। पूरे भारत में यही एक ऐसा मंदिर है जहाँ दिग्म्बर तथा श्वेतांबर जैन,…

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कैला देवी मंदिर फोटो

कैला देवी मंदिर करौली राजस्थान – कैला देवी का इतिहास

माँ कैला देवी धाम करौली राजस्थान हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यहा कैला देवी मंदिर के प्रति श्रृद्धालुओं की अपार श्रृद्धा है। लोगों का विश्वास है कि कि माता के दरबार में हर मनौती पूरी होती है। यह स्थान शक्तिपीठों में माना जाता है। वर्ष मे एक बार चैत्र मास में यहां मेला भी लगता है। कैला देवी मेले में बडी संख्या में…

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मुकाम मंदिर राजस्थान के सुंदर दृश्य

मुकाम मंदिर राजस्थान – मुक्ति धाम मुकाम का इतिहास

मुकाम मंदिर या मुक्ति धाम मुकाम विश्नोई सम्प्रदाय का एक प्रमुख और पवित्र तीर्थ स्थान माना जाता है। इसका कारण यह है कि इस सम्प्रदाय के प्रवर्तक जाम्भोजी महाराज का समाधि मंदिर यहां स्थित है। जिसके कारण यहां साल में दो मेले भी लगते है। पहला फागुन वदि अमावस्या को और दूसरा आसोज वदि अमावस्या को। आसोज वाले मेले को इस सम्प्रदाय के महान…

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कोलायत धाम के सुंदर दृश्य

कोलायत मंदिर के दर्शन – कोलायत का इतिहास

प्रिय पाठकों अपने इस लेख में हम उस पवित्र धरती की चर्चा करेगें जिसका महाऋषि कपिलमुनि जी ने न केवल स्पर्श ही किया है। बल्कि उन्होंने अनेक वर्षों तक आसन लगाकर घोर व कठिन तपस्या की। और उसी का प्रताप है कि आज भी हजारों साल के बाद भी उस धरती में श्रद्धालुजनों के लिए चुम्बक जैसी शक्ति है। जिसके फलस्वरूप श्रृद्धालु स्वयं उस…

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श्रीमहावीर जी धाम राजस्थान के सुंदर दृश्य

श्री महावीरजी टेम्पल राजस्थान – महावीरजी का इतिहास

यूं तो देश के विभिन्न हिस्सों में जैन धर्मावलंबियों के अनगिनत तीर्थ स्थल है। लेकिन आधुनिक युग के अनुकूल जो महत्व श्री महावीरजी तीर्थ तीर्थ स्थल का है। वह अपने आप मे अनूठी तथा मानवीय समता का संदेश देने वाला है। इस स्थान को तीर्थ कहा जाता है। जो किसी विशेषता से कम नहीं है। जैन धर्म की मान्यता के अनुसार तीर्थ उसी स्थान…

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गलियाकोट दरगाह के सुंदर दृश्य

गलियाकोट दरगाह राजस्थान – गलियाकोट दरगाह का इतिहास

गलियाकोट दरगाह राजस्थान के डूंगरपुर जिले में सागबाडा तहसील का एक छोटा सा कस्बा है। जो माही नदी के किनारे बसा है। जिसे 12वी शताब्दी में भीलों ने एक छोटे गाँव के रूप में बसाया था। उस समय यह गांव चारों ओर से चारदीवारी से घिरा हुआ था। जिसके जीर्णशीर्ण अंश आज भी इस बात के सबूत है कि कभी यह बड़ा किला रहा…

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सीताबाड़ी के सुंदर दृश्य

सीताबाड़ी का इतिहास – सीताबाड़ी का मंदिर राजस्थान

सीताबाड़ी, किसी ने सही कहा है कि भारत की धरती के कण कण में देव बसते है ऐसा ही एक स्थान भारत के ऐतिहासिक राज्य राजस्थान के बांरा जिले की शाहबाद तहसील के केलवाड़ा गाँव के पास सीताबाड़ी नामक एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थान व तीर्थ है। बडी संख्या में श्रृद्धालु और पर्यटक यहां सीताबाड़ी के मंदिर के दर्शन करने आते। बांरा से सीताबाड़ी की…

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शीलमाता डूंगरी के सुंदर दृश्य

शील की डूंगरी चाकसू राजस्थान – शीतला माता की कथा

शीतला माता यह नाम किसी से छिपा नहीं है। आपने भी शीतला माता के मंदिर भिन्न भिन्न शहरों, कस्बों, गावों या अपने आसपास जरूर देखें होगें। वैसे तो शीतला माता के मंदिर भारत के अनेक राज्यों में परंतु हिन्दी भाषी राज्यों जैसे मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा खासकर राजस्थान मे अधिकतर है। राजस्थान मे तो शीतला माता को लोक देवी के रूप माना जाता है…

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गोगामेड़ी धाम के सुंदर दृश्य

गोगामेड़ी का इतिहास, गोगामेड़ी मेला, गोगामेड़ी जाहर पीर बाबा

गोगामेड़ी राजस्थान के लोक देवता गोगाजी चौहान की मान्यता राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल, मध्यप्रदेश, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों में बहुत समय चली आ रही है। लोगों में गोगाजी की मान्यता इसलिए है कि गोगाजी पंथ पीरों मे एक प्रसिद्ध पीर तथा सांपों के देवता माने जाते है। गोगामेड़ी धाम जिसकी चर्चा हम अपने इस लेख में विस्तार पूर्वक करेगें, यहां उनका सबसे…

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सवाई माधोपुर के दर्शनीय स्थलों के सुंदर दृश्य

सवाई माधोपुर आकर्षक स्थल – सवाई माधोपुर राजस्थान मे घूमने लायक जगह

सवाई माधोपुर राजस्थान का एक छोटा शहर व जिला है, जो विभिन्न स्थलाकृति, महलों, किलों और मंदिरों के लिए जाना जाता है। एक तरफ अरावली पहाड़ियों और दूसरी तरफ विंध्य पर्वत, से घिरा हुआ, सवाई माधोपुर अपने समृद्ध इतिहास और विरासत का दावा करता है। यदि आप राजस्थान के इस सांस्कृतिक जिले में घूमना चाहते हैं, तो यहां आकर्षक स्थानों की कोई कभी नहीं…

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सिरोही के दर्शनीय स्थलों के सुंदर दृश्य

सिरोही का इतिहास – सिरोही पर्यटन स्थल – सिरोही के दर्शनीय स्थल

सिरोही जिला राजस्थान के दक्षिण-पश्चिम भाग में स्थित है। यह उत्तर-पूर्व में जिला पाली, पूर्व में जिला उदयपुर, पश्चिम में जालोर और दक्षिण में गुजरात के बनसकंठा जिले से घिरा हुआ है। सिरोही जिले का कुल भौगोलिक क्षेत्र 5136 वर्ग है। किलोमीटर, जो राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का लगभग 1.52 प्रतिशत शामिल है। डुंगरपुर और बंसवाड़ा के बाद, सिरोही राजस्थान का तीसरा सबसे छोटा…

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टोंक राजस्थान के दर्शनीय स्थलों के सुंदर दृश्य

टोंक पर्यटन स्थल – टोंक जिले के टॉप 9 दर्शनीय स्थल

टोंक राजस्थान की राजधानी जयपुर से 96 किमी की दूरी पर स्थित एक शांत शहर है। और राजस्थान राज्य का एक प्रमुख जिला है, जिसे अफगानिस्तान से 'पथन' द्वारा शासित किया गया था। टोंक के पर्यटन स्थलों में सुनहरी कोठी, यानी गोल्डन बंगला है। यह बाहर से एक साधारण साधारण दिखने वाला स्मारक है, किंतु इसमें अंदरूनी सजावट आश्चर्यजनक रूप से समृद्ध हैं। टोंक…

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जालोर पर्यटन स्थलों के सुंदर दृश्य

जालोर का इतिहास – जालोर के टॉप पर्यटन, धार्मिक, ऐतिहासिक स्थल

जोलोर जोधपुर से 140 किलोमीटर और अहमदाबाद से 340 किलोमीटर स्वर्णगिरी पर्वत की तलहटी पर स्थित, राजस्थान राज्य का एक खूबसूरत व ऐतिहासिक शहर और जिला है। हाल ही के दिनों में, विशेष रूप से जलोरे जिले में औद्योगिक विकास विश्व प्रसिद्ध ग्रेनाइट टाइल्स और स्लैब के कारण उल्लेखनीय रहा है। वर्तमान में 500 इकाइयां उच्च गुणवत्ता वाले ग्रेनाइट उत्पादों का उत्पादन कर रही…

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सीकर के दर्शनीय स्थलों के सुंदर दृश्य

सीकर पर्यटन स्थल – सीकर का इतिहास व टॉप 6 दर्शनीय स्थल

सीकर सबसे बड़ा थिकाना राजपूत राज्य है, जिसे शेखावत राजपूतों द्वारा शासित किया गया था, जो शेखावती में से थे। 1922-67 की अवधि के दौरान अंतिम शेखावती राजा राव कल्याण सिंह था। सीकर संस्कृति, कला और धन का एक प्रमुख केंद्र था, और यह ऐतिहासिक अभिलेखों से स्पष्ट है। अंग्रेजों से आजादी के बाद, धन में काफी वृद्धि हुई। सीकर में पर्यटक महत्व के…

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करणी माता मंदिर देशनोक के सुंदर दृश्य

करणी माता मंदिर – चूहों वाला मंदिर के अद्भुत रहस्य

बीकानेर जंक्शन रेलवे स्टेशन से 30 किमी की दूरी पर, करणी माता मंदिर राजस्थान के बीकानेर जिले के देशनोक शहर में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह राजस्थान में तीर्थयात्रा के शीर्ष स्थानों में से एक है और शीर्ष बीकानेर आकर्षण में से एक है। और भारत के रहस्यमय स्थानों मे से एक है देशनोक में करणी माता मंदिर देवी दुर्गा के अवतार…

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पुष्कर तीर्थ के सुंदर दृश्य

पुष्कर सरोवर तीर्थ यात्रा – पुष्कर झील का धार्मिक महत्व

भारत के राजस्थान राज्य के अजमेर जिले मे स्थित पुष्कर एक प्रसिद्ध नगर है। यह नगर यहाँ स्थित प्रसिद्ध पुष्कर सरोवर या पुष्कर झील के लिए जाना जाता है। इसी प्रसिद्ध सरोवर के कारण ही नगर को यह नाम मिला है। पुष्कर झील या सरोवर को हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ माना जाता है। पुष्कर को तीर्थो का गुरु कहा गया है। इसलिए लोग इस…

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कोटा दर्शनीय स्थलों के सुंदर दृश्य

कोटा दर्शनीय स्थल – टॉप 10 कोटा टूरिस्ट प्लेस

चंबल नदी के तट पर स्थित, कोटा राजस्थान, भारत का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। रेगिस्तान, महलों और उद्यानों के लिए मशहूर रेगिस्तान राज्य का एक अन्य पौराणिक शहर, भी है। कोटा शुरुआत में बुंदी के राजपूत साम्राज्य का हिस्सा था। और इसलिए शहर में कहने के लिए कई कहानियां हैं। इसलिए कोटा दर्शनीय स्थल मे बड़ी संख्या में धार्मिक स्थान भी हैं जो…

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नाथद्वारा धाम के सुंदर दृश्य

नाथद्वारा दर्शन – नाथद्वारा का इतिहास – नाथद्वारा टेम्पल हिसट्री इन हिन्दी

वैष्णव धर्म के वल्लभ सम्प्रदाय के प्रमुख तीर्थ स्थानों, मैं नाथद्वारा धाम का स्थान सर्वोपरि माना जाता है। नाथद्वारा दर्शन करने का फल भी सर्वोपरि है। नाथद्वारा धाम का यय स्थान भारत के राजय राजस्थान के उदयपुर, सुरम्य झीलो की नगरी से लगभग 48 किलोमीटर दूर राजसमंद जिले मे बनास नदी के तट पर स्थित हैं। यहाँ पर भगवान श्रीकृष्ण के स्वरुप श्री नाथजी…

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अजमेर की ऐतिहासिक इमारते

अजमेर शरीफ दरगाह ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ajmer dargaah history in hindi

भारत के राजस्थान राज्य के प्रसिद्ध शहर अजमेर को कौन नहीं जानता । यह प्रसिद्ध शहर अरावली पर्वत श्रेणी की तारागढ़ पहाड़ी की ढाल पर स्थित है । यह शहर हिन्दू मुस्लिम सिख आदि सभी धर्मों जातियों की एकता के प्रतिक सूफ़ी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की प्रसिद्ध अजमेर शरीफ दरगाह के लिए जाना जाता है । अजमेर शरीफ दरगाह में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती…

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