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सकराय माता मंदिर के सुंदर दृश्य

सकराय माता मंदिर या शाकंभरी माता मंदिर सीकर राजस्थान हिस्ट्री इन हिंदी

राजस्थान के सीकर जिले में सीकर के पास सकराय माता जी का स्थान राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। मालकेत नामक पर्वतमाला यहां आकर मंडलाकार हो गई है। जिसके बीच बडे बडे आम के पेडों की शीतल छाया है और उनके बीच से शक्रगंगा की पतली धारा बह रही है। जो कही कही पर छोटे छोटे कुंडो में आकर विस्तृत भी हो…

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एकलिंगजी टेम्पल के सुंदर दृश्य

एकलिंगजी टेम्पल उदयपुर – एकलिंगजी टेम्पल हिस्ट्री इन हिन्दी

राजस्थान के शिव मंदिरों में एकलिंगजी टेम्पल एक महत्वपूर्ण एवं दर्शनीय मंदिर है। एकलिंगजी टेम्पल उदयपुर से लगभग 21 किलोमीटर दूर उदयपुर-नाथद्वारा-ब्यावर के राजमार्ग पर स्थित है। जहाँ के लिए बस सेवा नियमित रूप से उपलब्ध है। यह राजस्थान के प्रमुख मंदिरों में से एक है, औथ बडी संख्या में भक्तों द्वारा एकलिंगजी मंदिर के दर्शन किए जाते है। एकलिंगजी मंदिर का निर्माण एकलिंगजी…

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कैला देवी मंदिर फोटो

कैला देवी मंदिर करौली राजस्थान – कैला देवी का इतिहास

माँ कैला देवी धाम करौली राजस्थान हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यहा कैला देवी मंदिर के प्रति श्रृद्धालुओं की अपार श्रृद्धा है। लोगों का विश्वास है कि कि माता के दरबार में हर मनौती पूरी होती है। यह स्थान शक्तिपीठों में माना जाता है। वर्ष मे एक बार चैत्र मास में यहां मेला भी लगता है। कैला देवी मेले में बडी संख्या में…

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श्रीमहावीर जी धाम राजस्थान के सुंदर दृश्य

श्री महावीरजी टेम्पल राजस्थान – महावीरजी का इतिहास

यूं तो देश के विभिन्न हिस्सों में जैन धर्मावलंबियों के अनगिनत तीर्थ स्थल है। लेकिन आधुनिक युग के अनुकूल जो महत्व श्री महावीरजी तीर्थ तीर्थ स्थल का है। वह अपने आप मे अनूठी तथा मानवीय समता का संदेश देने वाला है। इस स्थान को तीर्थ कहा जाता है। जो किसी विशेषता से कम नहीं है। जैन धर्म की मान्यता के अनुसार तीर्थ उसी स्थान…

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गलियाकोट दरगाह के सुंदर दृश्य

गलियाकोट दरगाह राजस्थान – गलियाकोट दरगाह का इतिहास

गलियाकोट दरगाह राजस्थान के डूंगरपुर जिले में सागबाडा तहसील का एक छोटा सा कस्बा है। जो माही नदी के किनारे बसा है। जिसे 12वी शताब्दी में भीलों ने एक छोटे गाँव के रूप में बसाया था। उस समय यह गांव चारों ओर से चारदीवारी से घिरा हुआ था। जिसके जीर्णशीर्ण अंश आज भी इस बात के सबूत है कि कभी यह बड़ा किला रहा…

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सीताबाड़ी के सुंदर दृश्य

सीताबाड़ी का इतिहास – सीताबाड़ी का मंदिर राजस्थान

सीताबाड़ी, किसी ने सही कहा है कि भारत की धरती के कण कण में देव बसते है ऐसा ही एक स्थान भारत के ऐतिहासिक राज्य राजस्थान के बांरा जिले की शाहबाद तहसील के केलवाड़ा गाँव के पास सीताबाड़ी नामक एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थान व तीर्थ है। बडी संख्या में श्रृद्धालु और पर्यटक यहां सीताबाड़ी के मंदिर के दर्शन करने आते। बांरा से सीताबाड़ी की…

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शीलमाता डूंगरी के सुंदर दृश्य

शील की डूंगरी चाकसू राजस्थान – शीतला माता की कथा

शीतला माता यह नाम किसी से छिपा नहीं है। आपने भी शीतला माता के मंदिर भिन्न भिन्न शहरों, कस्बों, गावों या अपने आसपास जरूर देखें होगें। वैसे तो शीतला माता के मंदिर भारत के अनेक राज्यों में परंतु हिन्दी भाषी राज्यों जैसे मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा खासकर राजस्थान मे अधिकतर है। राजस्थान मे तो शीतला माता को लोक देवी के रूप माना जाता है…

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वीर तेजाजी महाराज से संबंधी चित्र

तेजाजी की कथा – प्रसिद्ध वीर तेजाजी परबतसर पशु मेला

भारत में आज भी लोक देवताओं और लोक तीर्थों का बहुत बड़ा महत्व है। एक बड़ी संख्या में लोग अपने अपने क्षेत्र, राज्य, कुल, समाज, श्रृद्धा अनुसार अपने अपने लोक देवताओं और उनके तीर्थों को मानते है। तथा उनकी स्मृति में समय समय या प्रति वर्ष भव्य मेलों, भंडारों, कीर्तनों, जारगण, अखाडों आदि का आयोजन करते है। अपने इस लेख में हम जिस लोक…

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गोगामेड़ी धाम के सुंदर दृश्य

गोगामेड़ी का इतिहास, गोगामेड़ी मेला, गोगामेड़ी जाहर पीर बाबा

गोगामेड़ी राजस्थान के लोक देवता गोगाजी चौहान की मान्यता राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल, मध्यप्रदेश, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों में बहुत समय चली आ रही है। लोगों में गोगाजी की मान्यता इसलिए है कि गोगाजी पंथ पीरों मे एक प्रसिद्ध पीर तथा सांपों के देवता माने जाते है। गोगामेड़ी धाम जिसकी चर्चा हम अपने इस लेख में विस्तार पूर्वक करेगें, यहां उनका सबसे…

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चूरू जिले के पर्यटन स्थलों के सुंदर दृश्य

चूरू का इतिहास, किला, पर्यटन, दर्शनीय व ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी

चूरू थार रेगिस्तान के पास स्थित है, चूरू राजस्थान में एक अर्ध शुष्क जलवायु वाला जिला है। जिले को। द गेटवे टू थार ’के नाम से भी जाना जाता है। चूरू शहर जिला मुख्यालय है। इसकी स्थापना 1620 ई। में राजपूतों के निर्बान कबीले द्वारा की गई थी। चूरू भारत की आजादी से पहले बीकानेर जिले का एक हिस्सा था। 1948 में, इसका पुनर्गठन…

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