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बीजापुर का युद्ध

बीजापुर का युद्ध जयसिंह और आदिलशाह के मध्य

महाराजा जयसिंह जी को दक्षिण भेजते समय औरंगजेब ने उनसे कह दिया था कि शिवाजी और बीजापुर के शासक दोनों ही को सजा दी जाये। पर जयसिंह जी ने यह कह कर कि “दोनों ही मूर्खों पर एक साथ हमला करना बुद्धिमानी का कार्य न होगा। इसलिये पहले अपनी सारी शक्तियों को शिवाजी के खिलाफ़ लगा देना चाहिये। इसी अनुसार जयसिंह जी ने अपनी…

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Read more about the article पुरंदर का युद्ध और पुरंदर की संधि कब और किसके बीच हुई
पुरंदर का युद्ध

पुरंदर का युद्ध और पुरंदर की संधि कब और किसके बीच हुई

महाराजा जयसिंह जी मुगल बादशाह के सेनानायके थे। महाराजा जयसिंह जी जैसे अपूर्व रणनीतिज्ञ कुशल थे वैसे ही असाधारण राजनीतिज्ञ भी थे। जब उनके ऊपर पुरंदर किले पर आक्रमण करने और छत्रपति शिवाजी जैसे प्रबल पराक्रमी तथा शक्ति शाली पुरुष का मुकाबला करने का भार आ पड़ा तब उन्होंने अपनी सारा बौद्धिक शक्तियों को शिवाजी को कुचलने के लिये लगाना शुरू किया। वे ऐसे…

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Read more about the article राणा सांगा और बाबर का युद्ध – खानवा का युद्ध
राणा सांगा और बाबर का युद्ध

राणा सांगा और बाबर का युद्ध – खानवा का युद्ध

राणा सांगा और बाबर का युद्ध सन् 1527 में हुआ था। यह राणा सांगा और बाबर की लड़ाई खानवा में हुई थी, इसलिए भारत के इतिहास में राणा सांगा और बाबर के इस युद्ध को खानवा के युद्ध के नाम से भी जाना जाता है, इसमें राजपूत राणा सांगा की हार हुई थी। अपने इस लेख में हम इसी इतिहास प्रसिद्ध युद्ध का वर्णन करेंगे।…

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Read more about the article तिरला का युद्ध (1728) तिरला की लड़ाई
तिरला का युद्ध

तिरला का युद्ध (1728) तिरला की लड़ाई

तिरला का युद्ध सन् 1728 में मराठा और मुगलों के बीच हुआ था, तिरला के युद्ध में मराठों की ओर से मल्हारराव होलकर और पंवारो की संयुक्त सेना थी और मुगलों की और से सुबेदार दया बहादुर की विशाल सेना थी। यह तिरला की लड़ाई धार और अमझेरा के मध्य स्थित तिरला के मैदान में हुई थी, इसलिए इस युद्ध को भारतीय इतिहास में…

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Read more about the article सारंगपुर का युद्ध (1724) मराठा और मालवा का प्रथम युद्ध
सारंगपुर का युद्ध

सारंगपुर का युद्ध (1724) मराठा और मालवा का प्रथम युद्ध

मालवा विजय के लिये मराठों को जो सब से पहला युद्ध करना पड़ा वह सारंगपुर का युद्ध था। यह युद्ध मालवा के तत्कालीन मुगल प्रतिनिधि राजा गिरधर के साथ हुआ था। यहाँ पर राजा गिरधर के विषय में दो शब्द लिख देना अनुचित न होगा। तत्कालीन मुगल सम्राट के दरबार में स्वपराक्रम से जिन थोड़े से हिन्दू मुसद्दियों ने प्रख्याति प्राप्त की थी उनमें…

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Read more about the article 1971 भारत पाकिस्तान युद्ध – 1971 भारत पाकिस्तान युद्ध के कारण और परिणाम
1971 भारत पाकिस्तान युद्ध

1971 भारत पाकिस्तान युद्ध – 1971 भारत पाकिस्तान युद्ध के कारण और परिणाम

भारत 1947 में ब्रिटिश उपनिषेशवादी दासता से मुक्त हुआ किन्तु इसके पूर्वी तथा पश्चिमी सीमांत प्रदेशों में मुस्लिम बहुमत वाले क्षेत्रों को इससे अलग करके एक इस्लामी राष्ट्र पाकिस्तान का गठन कर दिया गया। जबसे पाकिस्तान बना है, दोनों देशों के बीच निरंतर तनाव की स्थिति बनी रही है और कई युद्ध लड़े गये जिनमें तीन बड़े युद्ध लड़े गये है: 1947, 1965 और 1971…

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1857 की क्रांति

1857 की क्रांति – 1857 स्वतंत्रता संग्राम के बारे में

भारत में अंग्रेजों को भगाने के लिए विद्रोह की शुरुआत बहुत पहले से हो चुकी थी। धीरे धीरे वह चिंगारी शोला बन गयी और यह शोला 1857 की क्रांति या 1857 का स्वतंत्रता संग्राम के नाम से भारतीय इतिहास में आज भी स्वर्णिम अक्षरों अंकित है। जिसमें हजारों शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति देकर भारतवर्ष की धरती से अंग्रेजों को खदेड़ने की अलख…

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आंग्ल मराठा युद्ध

आंग्ल मराठा युद्ध – अंग्रेजों और मराठा की लड़ाईयां

आंग्ल मराठा युद्ध भारतीय इतिहास में बहुत प्रसिद्ध युद्ध है। ये युद्ध मराठाओं और अंग्रेजों के मध्य लड़े गए है। अपने पिछले लेख में हमने आंग्ल मैसूर युद्ध के बारे में उल्लेख किया था जो अंग्रेजों और मैसूर रियासत के मध्य लड़े थे। अपने इस लेख में हम आंग्ल मराठा युद्ध के बारे में उल्लेख करेंगे और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से जानेंगे:---…

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आंग्ल मैसूर युद्ध

मैसूर आंग्ल मैसूर युद्ध – हैदर अली, टीपू सुल्तान और अंग्रेजों की लड़ाई

भारतीय इतिहास में मैसूर राज्य का अपना एक गौरवशाली इतिहास रहा है। मैसूर का इतिहास हैदर अली और टीपू सुल्तान जैसे शूरवीर शासकों के बलिदान से भरा हुआ है। हैदर अली से लेकर टीपू सुल्तान ने अपने शासन के दौरान अंग्रेज सेनाओं से अपनी मात्रभूमि की रक्षा के लिए की युद्ध लड़े, और अपनी वीरता साहस का लोहा मनवाया। हैदर अली और टीपू सुल्तान…

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बक्सर का युद्ध

बक्सर का युद्ध कब हुआ था – बक्सर के युद्ध में किसकी जीत हुई

भारतीय इतिहास में अनेक युद्ध हुए हैं उनमें से कुछ प्रसिद्ध युद्ध हुए हैं जिन्हें आज भी याद किया जाता है उन्हीं में से एक युद्ध है "बक्सर का युद्ध" । बक्सर का युद्ध ईस्ट इंडिया कंपनी अंग्रेंज और मीरजाफर, शुजाऊद्दौला के मध्य हुआ था। अपने इस लेख में हम इसी महा युद्ध के बारे उल्लेख करेंगे और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से…

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ऊदवानाला का युद्ध

ऊदवानाला का युद्ध – मीर कासिम और अंग्रेजों की लड़ाई

ऊदवानाला का युद्ध सन् 1763 इस्वी में हुआ था, ऊदवानाला का यह युद्ध ईस्ट इंडिया कंपनी यानी अंग्रेजों और नवाब मीर कासिम के मध्य हुआ था। मीर कासिम और अंग्रेजों की लड़ाई में अंग्रेजों की विजय हुई थी। अपने इस लेख में हम ऊदवानाला के इसी भीषण युद्ध का उल्लेख करेंगे और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से जानेंगे:--- मीर कासिम का…

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पानीपत का तृतीय युद्ध

पानीपत का तृतीय युद्ध – पानीपत के तृतीय युद्ध का परिणाम

पानीपत का तृतीय युद्ध मराठा सरदार सदाशिव राव और अहमद शाह अब्दाली के मध्य हुआ था। पानीपत का तृतीय युद्ध 14 जनवरी 1761 को पानीपत के ऐतिहासिक युद्ध क्षेत्र में हुआ था। इस ऐतिहासिक मैदान में पहले भी कई प्रसिद्ध लड़ाईयां लड़ी गई थी जिनमें से प्रमुख पानीपत का प्रथम युद्ध और पानीपत का द्वितीय युद्ध का उल्लेख हम अपने पिछले लेखों में कर चुके है।…

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प्लासी का युद्ध

प्लासी का युद्ध – नवाब सिराजुद्दौला और अंग्रेजों की लड़ाई

प्लासी का युद्ध 23 जून सन् 1757 ईस्वी को हुआ था। प्लासी की यह लड़ाई अंग्रेजों सेनापति रॉबर्ट क्लाइव और नवाब सिराजुद्दौला के बीच लड़ी गई थी। प्लासी के युद्ध में नवाब सिराजुद्दौला की पराजय के साथ ही भारत में प्रथम बार अंग्रेजी साम्राज्य की नींव रखी गई थी। भारत में अंग्रेजी साम्राज्य की शुरुआत वाले इस प्रसिद्ध युद्ध को भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण…

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करनाल का युद्ध

करनाल का युद्ध कब हुआ था – करनाल युद्ध के बारे में जानकारी

करनाल का युद्ध सन् 1739 में हुआ था, करनाल की लड़ाई भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। करनाल का युद्ध मुग़ल बादशाह मौहम्मद शाह और नादिरशाह के बीच हुआ था। अपने इस लेख में हम इसी प्रसिद्ध युद्ध के बारे में निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर जानेंगे:--- करनाल का युद्ध कब हुआ था? करनाल का युद्ध क्यों हुआ था, करनाल के…

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दिवेर का युद्ध

दिवेर का युद्ध कब लड़ा गया था – दिवेर का युद्ध कहां हुआ था

दिवेर का युद्ध भारतीय इतिहास का एक प्रमुख युद्ध है। दिवेर की लड़ाई मुग़ल साम्राज्य और मेवाड़ सम्राज्य के मध्य में सन् 1680 में हुई थी। यह युद्ध मुग़ल बादशाह औरंगजेब और मेवाड़ के राणा राजसिंह की बीच लड़ा गया था। अपने इस लेख में हम दिवेर के इस भीषण संग्राम के बारे में जानेंगे और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर जानेंगे:---- दिवेर का…

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सिंहगढ़ का युद्ध

सिंहगढ़ का युद्ध – शिवाजी और औरंगजेब की लड़ाई

सिंहगढ़ का युद्ध 4 फरवरी सन् 1670 ईस्वी को हुआ था। यह सिंहगढ़ का संग्राम मुग़ल साम्राज्य और मराठा साम्राज्य के मध्य हुआ था। उस समय मुग़ल सम्राज्य की बागडोर औरंगजेब के साथ में थी और मराठा साम्राज्य की बागडोर शिवाजी के साथ में थी, ये शिवाजी और औरंगजेब की लड़ाई भारतीय इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में आज भी अमर है। औरंगजेब और शिवाजी…

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हल्दीघाटी का युद्ध

हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ था – हल्दीघाटी का युद्ध किसने जीता था

हल्दीघाटी का युद्ध भारतीय इतिहास का सबसे प्रसिद्ध युद्ध माना जाता है। यह हल्दीघाटी का संग्राम मेवाड़ के महाराणा और दिल्ली मुग़ल सम्राट के मध्य हुआ था। यह वही भीषण महाराणा प्रताप और अकबर का युद्ध था जिसमें दोनों ओर से हजारों वीर सैनिकों और सरदारों ने अपना बलिदान दिया है। हल्दीघाटी का यह प्रसिद्ध स्थान वर्तमान में राजस्थान में है। राजस्थान में यह स्थान…

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पंडोली का युद्ध

पंडोली का युद्ध – अकबर का चित्तौड़ पर आक्रमण

बादशाह अकबर का चित्तौड़ पर आक्रमण पर आक्रमण सन् 1567 ईसवीं में हुआ था। चित्तौड़ पर अकबर का आक्रमण चित्तौड़ के पास स्थित पंडोली गांव के मैदान में हुआ था। इसलिए इस युद्ध को पंडोली का संग्राम या पंडोली का युद्ध के नाम से जाना जाता है। अपने इस लेख में पंडोली के युद्ध संबंध में निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से जानेंगे। अकबर…

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पानीपत का द्वितीय युद्ध

पानीपत का द्वितीय युद्ध कब हुआ था – पानीपत का दूसरा युद्ध किसके बीच हुआ

पानीपत का प्रथम युद्ध इसके बारे में हम अपने पिछले लेख में जान चुके है। अपने इस लेख में हम पानीपत का द्वितीय युद्ध कब हुआ था और इससे जुड़े निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर जानेंगे:--- पानीपत का दूसरा युद्ध कब हुआ था? पानीपत का द्वितीय युद्ध किसके बीच हुआ था? पानीपत का द्वितीय युद्ध में किसकी जीत हुई थी? पानीपत का द्वितीय युद्ध क्यों हुआ…

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कन्नौज का युद्ध

कन्नौज का युद्ध कब हुआ था – कन्नौज का युद्ध किसके बीच हुआ था

कन्नौज का युद्ध कब हुआ था? कन्नौज का युद्ध 1540 ईसवीं में हुआ था। कन्नौज का युद्ध किसके बीच हुआ था? कन्नौज का युद्ध हुमायूं और शेरशाह सूरी के बीच हुआ था, ऐसे ही अनेक प्रश्नों के उत्तर हम अपने इस लेख में जानेंगे, इससे पहले हम इस भीषण युद्ध से पहले का स्थिति को बारे में विस्तार से जानेंगे बाबर…

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बयाना का युद्ध

बयाना का युद्ध कब हुआ था – राणा सांगा और बाबर का युद्ध

बयाना का युद्ध सन् 1527 ईसवीं को हुआ था, बयाना का युद्ध भारतीय इतिहास के दो महान राजाओं चित्तौड़ सम्राज्य के राणा सांगा और और दिल्ली तख्त के प्रथम मुग़ल बादशाह बाबर के बीच हुआ था। यह संग्राम इतना भीषण था की इसमें दोनों ओर लाखों सैनिक मारे गए थे, अपने इस लेख में हम बयाना के युद्ध बारे में विस्तार से जानेंगे और निम्नलिखित…

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पानीपत का प्रथम युद्ध

पानीपत का प्रथम युद्ध कब हुआ – पानीपत के प्रथम युद्ध का परिणाम

पानीपत का प्रथम युद्ध भारत के युद्धों में बहुत प्रसिद्ध माना जाता है। उन दिनों में इब्राहीम लोदी दिल्ली का शासक था। उसे पराजित करके बाबर ने पानीपत के युद्ध में जो गौरव प्राप्त किया, उसने भारत में मुग़ल शासन की नींव डाली थी, जो कई शताब्दियों तक किसी के उखाड़े उखड़ न सकी। पानीपत का पहला युद्ध इसलिए और भी प्रसिद्ध हुआ कि उसके…

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मेवाड़ का युद्ध

मेवाड़ का युद्ध – महाराणा कुम्भा और महमूद खिलजी का संग्राम

मेवाड़ का युद्ध सन् 1440 में महाराणा कुम्भा और महमूद खिलजी तथा कुतबशाह की संयुक्त सेना के बीच हुआ था। उस समय मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ थी। और चित्तौड़ के महाराजा महाराणा कुम्भा थे। मेवाड़ का किला उन्हीं के अधीन आता था। मेवाड़ का इतिहास देखा जाए तो महाराणा कुम्भा सबसे शक्तिशाली महाराज हुए। मेवाड़ का युद्ध या संग्राम पर चर्चा करने से पहले हम…

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चित्तौड़ पर आक्रमण

चित्तौड़ पर आक्रमण कब हुआ था – अलाउद्दीन खिलजी का चित्तौड़ पर आक्रमण

तराइन के दूसरे युद्ध में पृथ्वीराज चौहान के साथ, चित्तौड़ के राजा समरसिंह की भी मृत्यु हुई थी। समरसिंह के तीन पुत्र थे। बड़ा पुत्र कल्याण अपने पिता के साथ ही युद्ध में बलिदान हुआ था, दूसरा पुत्र पिता के राज्य को छोड़कर दक्षिण पर्वत के निकट जाकर किसी एक स्थान में रहने लगा था। इस दशा में चित्तौड़ के राज्य का अधिकारी तीसरा पुत्र…

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मोहम्मद गौरी की मृत्यु

मोहम्मद गौरी की मृत्यु कब हुई थी – मोहम्मद गौरी को किसने मारा था

मोहम्मद गौरी का जन्म सन् 1149 ईसवीं को ग़ोर अफगानिस्तान में हुआ था। मोहम्मद गौरी का पूरा नाम शहाबुद्दीन मोहम्मद गौरी था। मोहम्मद गौरी सन् 1173 में ग़ोर का शासक बना। मोहम्मद गौरी ने अपने जीवनकाल में कई बार भारत पर आक्रमण किये। मोहम्मद गौरी के भारत में किए गए आक्रमणों में सबसे प्रसिद्ध तराइन का प्रथम युद्ध और तराइन का दूसरा युद्ध है जिसमें पृथ्वीराज चौहान…

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तराइन का दूसरा युद्ध

तराइन का दूसरा युद्ध कब हुआ था – तराइन के दूसरे युद्ध में किसकी जीत हुई

तराइन का दूसरा युद्ध मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान बीच उसी तरावड़ी के मैदान में ही हुआ था। जहां तराइन का तराइन का प्रथम युद्ध हुआ था। तराइन का द्वितीय युद्ध कब हुआ था? तराइन का द्वितीय युद्ध इन हिन्दी? तराइन के दूसरे युद्ध में किसकी जीत हुई? आदि प्रश्नों का उसका वर्णन करने के पहले, पूर्व कालीन कुछ घटनाक्रमों का यहां पर लिखना आवश्यक…

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तराईन का प्रथम युद्ध

तराइन का प्रथम युद्ध कब हुआ था – तराइन का प्रथम युद्ध किसने जीता था

भारत के इतिहास में अनेक भीषण लड़ाईयां लड़ी गई है। ऐसी ही एक भीषण लड़ाई तरावड़ी के मैदान में लड़ी गई थी। वैसे तो इस मैदान में अनेक लड़ाईयां लड़ी गई, लेकिन तरावड़ी के मैदान में प्रथम लड़ाई सन् 1191 में लड़ी गई थी। जिसको इतिहास में तराइन का प्रथम युद्ध कब नाम से जाना जाता है। तराइन का प्रथम युद्ध सन् 1191 में…

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अयोध्या का युद्ध

अयोध्या का युद्ध – अयोध्या का ऐतिहासिक संघर्ष हिस्ट्री इन हिन्दी

हमनें अपने पिछले लेख चंद्रगुप्त मौर्य और सेल्यूकस का युद्ध मे चंद्रगुप्त मौर्य की अनेक बातों का उल्लेख किया था। और यह बताया था कि उसने किस तरीके से देश के एक बड़े भाग पर अपना शासन कायम किया था और सेल्यूकस के आक्रमण करने पर उसने विजय प्राप्त की थी। शासक होने के बाद वह क सफल राजनीतिज्ञ साबित हुआ और बड़ी से…

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खैबर की जंग

खैबर की जंग – खैबर की लड़ाई – महमूद गजनवी और अनंगपाल का युद्ध

खैबर दर्रा नामक स्थान उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान की सीमा और अफ़ग़ानिस्तान के काबुलिस्तान मैदान के बीच हिन्दुकुश के सफ़ेद कोह पर्वत शृंखला में स्थित एक प्रख्यात दर्रा है। यही वह स्थान है जहाँ पर खैबर की जंग हुई थी। खैबर दर्रा क्या है? यह 1070 मीटर (3510 फ़ुट) की ऊँचाई पर सफ़ेद कोह शृंखला में एक प्राकृतिक घाटी है। उस समय में इस दर्रे…

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हूणों का आक्रमण

हूणों का आक्रमण – हूणों का इतिहास – भारत में हूणों का शासन

देश की शक्ति निर्बल और छिन्न भिन्न होने पर ही बाहरी आक्रमण होते है। आपस की फूट और द्वेष से भारत सदा निर्बल रहा है। और इसी प्रकार के अवसरों पर बाहरी आक्रमणकारियों ने देश का सर्वनाश किया है। अपने इस लेख में हम जिस बहारी आक्रमण का वर्णन करने जा रहे वो है, हूणों का आक्रमण। इस लेख हम हूणों के आक्रमण के साथ…

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शकों का आक्रमण

शकों का आक्रमण – शकों का भारत पर आक्रमण, शकों का इतिहास

शकों का आक्रमण भारत में प्रथम शताब्दी के आरंभ में हुआ था। शकों के भारत पर आक्रमण से भारत में शकों का प्रभुत्व बढ़ता गया। और उन्होंने अनेक राज्य अपने अधिकार में कर लिये थे। शकों का भारत पर आक्रमण भारत के युद्ध इतिहास में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। और भारत के शिक्षा जगत में शकों के भारत में प्रवेश से लेकर…

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चंद्रगुप्त मौर्य और सिकंदर का युद्ध

चंद्रगुप्त मौर्य और सिकंदर का युद्ध – सेल्यूकस और चंद्रगुप्त का युद्ध

चंद्रगुप्त मौर्य और सिकंदर का युद्ध ईसा से 303 वर्ष पूर्व हुआ था। दरासल यह युद्ध सिकंदर की मृत्यु के बाद उसके सेनापति सेल्यूकस और चंद्रगुप्त के बीच हुआ था। इसलिए इसको सही तौर पर सेल्यूकस और चंद्रगुप्त मौर्य का युद्ध के नाम से जाना जाना चाहिए। चूंकि सेल्यूकस सिकंदर का सेनापति था और उसकी मृत्यु के बाद उसके सम्राज्य के कुछ हिस्से का…

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झेलम का युद्ध

झेलम का युद्ध – सिंकदर और पोरस का युद्ध व इतिहास

झेलम का युद्ध भारतीय इतिहास का बड़ा ही भीषण युद्ध रहा है। झेलम की यह लडा़ई इतिहास के महान सम्राट विश्व विजेता सिकंदर और पोरस के बीच हुई थी। इस भीषण संग्राम को सिकंदर और पोरस का युद्ध तथा हाईडेस्पीज (Hydaspes) का युद्ध के नाम से भी जाना जाता है। इस भीषण संग्राम में हजारों सैनिक मारे गए थे। अपने इस लेख में हम…

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