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शाहपुर कंडी किला

शाहपुर कंडी किला का इतिहास – shapurkandi fort history in hindi

शाहपुर कंडी किला शानदार ढंग से पठानकोट की परंपरा, विरासत और इतिहास को प्रदर्शित करता है। विशाल किले को बेहतरीन कारीगरी के साथ बनाया गया था। यह किला अपनी नक्काशी और सुंदर निर्माण के लिए जाना जाता है, किले से हिमालय की तलहटी और रावी नदी का एक मनोरम दृश्य दिखाई पड़ता है। आंशिक रूप से संरक्षित खंडहर, जो ब्रिटिश शासन के दौरान नष्ट हो…

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भठिंडा का किला या किला मुबारक

भठिंडा का किला हिस्ट्री इन हिन्दी या किला मुबारक का इतिहास हिन्दी में

पंजाब में भठिंडा आज एक संपन्न आधुनिक शहर है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस शहर का एक खूबसूरत इतिहास है। और यह शहर इस क्षेत्र के सबसे पुराने शहरों में से एक है। इसके अलावा शहर के सबसे व्यस्त हिस्सों में से एक, धोबी बाजार में एक 1,600 साल पुराना किला है जिसे किला मुबारक या भठिंडा का किला के नाम से जाना…

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दरबार साहिब तरनतारन

दरबार साहिब तरनतारन हिस्ट्री इन हिन्दी – श्री दरबार साहिब तरनतारन का इतिहास

श्री दरबार साहिब तरनतारन रेलवे स्टेशन से 1 किलोमीटर तथा बस स्टैंड तरनतारन से आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह पवित्र स्थान अमृतसर से केवल 24 किलोमीटर की दूरी पर अमृतसर - फिरोजपुर रोड़ पर स्थित है। दरबार साहिब तरनतारन हिस्ट्री इन हिन्दी गुरुद्वारा दरबार साहिब तरनतारन प्राचीन दिल्ली - लाहौर राजमार्ग पर स्थित है। तरनतारन पांचवें गुरु अर्जुन देव…

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मुक्तसर साहिब के सुंदर दृश्य

मुक्तसर साहिब का गुरूद्वारा, हिस्ट्री ऑफ मुक्तसर साहिब

मुक्तसर फरीदकोट जिले के सब डिवीजन का मुख्यालय है। तथा एक खुशहाल कस्बा है। यह प्रसिद्ध तीर्थ स्थान भी है। इसके निकट ही मांझे से आये गुरू गोबिंद सिंह जी के 40 श्रद्धालु सिक्खो ने जिन्हें चालीस मुक्ते कहा जाता है, नवाब वजीर खां की फौजों से जंग करते हुए शहीदी प्राप्त की थी। इसी पवित्र स्थान को मुक्तसर साहिब कहते है। हिस्ट्री ऑफ…

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गुरूद्वारा चरण कंवल साहिब माछीवाड़ा के सुंदर दृश्य

चरण कंवल साहिब माछीवाड़ा – Gurudwara Charan Kanwal Sahib

गुरूद्वारा चरण कंवल साहिब लुधियाना जिले की माछीवाड़ा तहसील में समराला नामक स्थान पर स्थित है। जो लुधियाना शहर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है। माछीवाड़ा बस स्टैंड से गुरूद्वारा चरण कंवल साहिब मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। यह सिखों का पवित्र और ऐतिहासिक स्थान है। जहाँ हजारों की संख्या में श्रद्धालु मथ्था टेकने आते है। गुरूद्वारा चरण कंवल…

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नानकसर साहिब कलेरा जगराओं के सुंदर दृश्य

नानकसर कलेरा जगराओं साहिब – नानकसर गुरूद्वारे जगराओं हिस्ट्री इन हिन्दी

गुरूद्वारा नानकसर कलेरा जगराओं लुधियाना जिले की जगराओं तहसील में स्थापित है।यह लुधियाना शहर से 40 किलोमीटर और जगराओं से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सिख धर्म मे इस स्थान काफी बड़ा महत्व है। अपने इस लेख में हम नानकसर गुरूद्वारे जगराओं हिस्ट्री हिन्दी मे जानेंगे। नानकसर कलेरा जगराओं साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी यहां भक्त बाबा नंद सिंह जी महाराज ने इस…

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गोइंदवाल साहिब के सुंदर दृश्य

गोइंदवाल साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – श्री बाउली साहिब गुरूद्वारा गोइंदवाल

गुरू श्री अंगद देव जी के हुक्म से श्री गुरू अमरदास जी ने पवित्र ऐतिहासिक नगर श्री गोइंदवाल साहिब को सिक्ख धर्म का प्रचार प्रसार के केंद्र के रूप में स्थापित किया। श्री गुरू अमरदास जी ने संगतो की आत्मिक एवं सांसारिक तृप्ति, तन मन की पवित्रता, ऊंच नींच, जात पात के भेदभाव को दूर करने के लिए चौरासी सिद्धियों वाली बाउली साहिब की…

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दुख निवारण साहिब पटियाला के सुंदर दृश्य

दुख निवारण साहिब पटियाला – दुख निवारण गुरूद्वारा साहिब का इतिहास

दुख निवारण गुरूद्वारा साहिब पटियाला रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड से 300 मी की दूरी पर स्थित है। दुख निवारण गुरूद्वारा साहिब आधुनिक शहर का प्रमुख धार्मिक स्थान है। जिसको गुरु तेग बहादुर साहिब जी की चरण धूलि प्राप्त है। गुरू तेगबहादुर जी पहली बार 1661 में प्रचार के दौरान सैफाबाद के किले से होते हुए यहाँ पधारे थे। स्थानीय दंतकथा के अनुसार दूसरी…

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गुरूद्वारा मंजी साहिब आलमगीर लुधियाना के सुंदर दृश्य

मंजी साहिब गुरूद्वारा आलमगीर लुधियाना – Manji sahib history in hindi

गुरूद्वारा मंजी साहिब लुधियाना के आलमगीर में स्थापित है। यह स्थान लुधियाना रेलवे स्टेशन से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्री गुरू गोविंद सिंह जी उच्चपीर बनकर जंगलों के रास्ते होते हुए सन् 1761 में इस स्थान पर आये थे। श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के साथ तीन सिंह भाई दया सिंह, भाई मान सिंह, भाई धर्म सिंह और दो मुसलमान भाई…

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तरनतारन गुरूद्वारा साहिब के सुंदर दृश्य

तरनतारन गुरूद्वारा साहिब का इतिहास – तरनतारन के प्रमुख गुरूद्वारे

तरनतारन गुरूद्वारा साहिब, भारत के पंजाब राज्य में एक शहर), जिला मुख्यालय और तरन तारन जिले की नगरपालिका परिषद है। तरनतारन साहिब की स्थापना गुरु अर्जन देव ने पांचवे सिख गुरु के रूप में की थी। उन्होंने श्री तरनतारन साहिब मंदिर की नींव रखी थी। 1947 में, भारत के विभाजन के वर्ष, तरनतारन पंजाब की एकमात्र तहसील थी, जिसमें बहुसंख्यक सिख आबादी थी। यह…

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लोहगढ़ साहिब के सुंदर दृश्य

लोहगढ़ साहिब का इतिहास – Lohgarh sahib amritsar panjab

अमृतसर शहर के कुल 13 द्वार है। लोहगढ़ द्वार के अंदर लोहगढ़ किला स्थित है। तत्कालीन मुगल सरकार पर्याप्त रूप से अत्याचारी तथा दूषित प्रवृत्ति वाली थी। परंतु सिख पंथ को गुरू साहिब जी ने आबरू तथा भ्रातृभाव से जीवन व्यतीत करने की जरूरत को सिखा दिया था। आपने अनाचारी शासकों का नाश करने के लिए मीरी-पीरी की दो तलवारें…

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गुरूद्वारा शहीद गंज साहिब के सुंदर दृश्य

गुरूद्वारा शहीदगंज साहिब बाबा दीप सिंह पंजाब हिस्ट्री इन हिन्दी

गुरुद्वारा शहीदगंज साहिब बाबा दीप सिंह जी सिक्खों की तीर्थ नगरी अमृतसर में स्थित है। गुरूद्वारा शहीदगंज साहिब वह जगह है जहाँ बाबा दीप सिंह जी ने अन्य सिंह साथियों के साथ मिलकर श्री हरमंदिर साहिब का अनादर कर रही मुगल सेना से लड़ते हुए शहादत हासिल की। महान सिख विद्वान और शहीद बाबा दीप सिंह उस समय बुरी तरह से घायल हो गए…

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गुरूद्वारा गुरू का महल के सुंदर दृश्य

गुरूद्वारा गुरू का महल अमृतसर पंजाब की जानकारी हिंदी में

गुरूद्वारा गुरू का महल कटड़ा बाग चौक पासियां अमृतसर मे स्थित है। श्री गुरू रामदास जी ने गुरू गद्दी काल में 500 बीघे जमीन 700 रूपये के हिसाब से खरीद कर अमृतसर के मध्य अपने परिवार के आवास के लिए 18 जून 1573 मे यह निवास स्थान बनवाया था। पहले इस स्थान पर बेरी तथा आम के वृक्षों का घना जंगल था। बाबा बुड्ढा…

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तख्त श्री दमदमा साहिब के सुंदर दृश्य

दमदमा साहिब का इतिहास – दमदमा साहिब हिस्ट्री इन हिंदी

यह तख्त साहिब भटिंडा ज़िला मुख्यलय से 35 किमी दूर तलवांडी साबो में बस स्टेशन के बगल में स्थापित है । अमृतसर से भटिंडा 165 किमी दूर है। तख्त श्री दमदमा साहिब सिक्खों का पवित्र तीर्थ स्थान है। अपने इस लेख में दमदमा साहिब की यात्रा करेंगे, और दमदमा साहिब के इतिहास, दमदमा साहिब हिस्ट्री, दमदमा साहिब गुरूद्वारे का निर्माण, क्षेत्रफल, दमदमा साहिब दर्शनीय…

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गुरूद्वारा बाबा अटल राय जी के सुंदर दृश्य

गुरूद्वारा बाबा अटल राय जी, हिस्ट्री ऑफ बाबा अटल राय जी

गुरूद्वारा बाबा अटल राय जी अमृतसर का एक प्रसिद्ध गुरुद्वारा है। हर साल हरमंदिर साहिब जाने वाले लाखों तीर्थयात्रियों में से कई को यह पता ही नहीं चलता है कि अमृतसर के बेहतरीन वास्तुशिल्प चमत्कारों और सिख धर्मों में से एक सबसे मार्मिक पूजा स्थल प्रसिद्ध हरमंदिर साहिब से कुछ ही दूरी पर है। कुछ दो शताब्दियों पहले निर्मित, बाबा अटल गुरु, गुरु हरगोबिंद…

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श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर के सुंदर दृश्य

अकाल तख्त का इतिहास – अकाल तख्त की स्थापना कब, किसने करवाई

यह ऐतिहासिक तथा पवित्र पांच मंजिलों वाली भव्य इमारत श्री हरमंदिर साहिब की दर्शनी ड्योढ़ी के बिल्कुल सामने स्थित है। श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर सिक्खों के पांच पवित्र तख्त साहिब मे से प्रथम स्थान रखता है। अपने इस लेख में हम अकाल तख्त की स्थापना किसने की, अकाल तख्त का निर्माण किसने किया, अकाल तख्त का इतिहास, अकाल तख्त हिस्ट्री इन हिंदी आदि…

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दुख भंजनी बेरी के सुंदर दृश्य

दुख भंजनी बेरी साहिब – Gurudwara Dukhbhajni beri sahib

दुख भंजनी बेरी ट्री एक पुराना बेर का पेड़ है जिसे पवित्र माना जाता है और इसमें चमत्कारी शक्ति होती है। पेड़ अमृत सरोवर के पूर्वी तरफ स्वर्ण मंदिर परिसर में खड़ा है। किवदंती के अनुसार, पेड़ के पास तालाब में डुबकी लगाने से बीबी रजनी का कोढ़ी पति ठीक हो गया था। गुरु राम दास जी ने इस सरोवर को स्नान सरोवर में…

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गोल्डन टेम्पल के फोटो

स्वर्ण मंदिर हिस्ट्री इन हिंदी – श्री हरमंदिर साहिब का इतिहास

स्वर्ण मंदिर क्या है? :- स्वर्ण मंदिर सिक्ख धर्म के अनुयायियों का धार्मिक केन्द्र है। यह सिक्खों का प्रमुख गुरूद्वारा और मुख्य तीर्थ स्थान है। जिसे श्री हरमंदिर साहिब के नाम से जाना जाता है। हरमंदिर साहिब गुरूद्वारे को गोल्डन टेम्पल या स्वर्ण मंदिर क्यों कहा जाता है? हरमंदिर साहिब के मुख्य भवन को सोने की पत्तरों से सुसज्जित किया गया है। इसलिए इसे…

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आनंदपुर साहिब के सुंदर दृश्य

आनंदपुर साहिब का इतिहास – आनंदपुर साहिब हिस्ट्री इन हिंदी

आनंदपुर साहिब, जिसे कभी-कभी बस आनंदपुर आनंद का शहर" कहा जाता है के रूप में संदर्भित किया जाता है, यह रूपनगर जिले (रोपड़) में एक शहर है, जो भारत के पंजाब राज्य में शिवालिक पहाड़ियों के किनारे स्थित है। सतलुज नदी के पास स्थित, यह शहर सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है, यह वह स्थान है जहाँ पिछले दो सिख…

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पठानकोट पर्यटन स्थलो के सुंदर दृश्य

पठानकोट पर्यटन – पठानकोट के टॉप 5 दर्शनीय स्थलो की रोचक जानकारी

पठानकोट शहर नूरपुर के पथानी राजपूत राज्य की राजधानी थी। अपने भौगोलिक स्थान के कारण, पठानकोट पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के तीन राज्यों का केंद्र बिंदु है। पठानकोट पर्यटन के सुंदर स्थान और राजपूतों की सांस्कृतिक विरासत ने इस शहर को एक अच्छी तरह से पर्यटक पर्यटन स्थल बना दिया है। शहर रवि और चक्की नदियों और हिमालय की शिवालिक पर्वत से घिरा…

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जालंधर टूरिस्ट प्लेस के सुंदर दृश्य

जालंधर टूरिस्ट प्लेस – जालंधर के टॉप 10 पर्यटन स्थल

जलंधर को पहले महाभारत में प्रस्थला नाम से जाना जाता था, और ब्रिटिश शासन के दौरान इसका नाम बदलकर जुलुंडुर कर दिया गया था। पाकिस्तान के साथ शहर मुल्तान का अधिग्रहण पंजाब के 2 सबसे पुराने शहर हैं। शहर के आस-पास के क्षेत्र को जलंधर डोआब के नाम से जाना जाता है, जिसने अलेक्जेंडर द ग्रेट के राज्य के पूर्वी क्षेत्र को चिह्नित किया।…

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लुधियाना के दर्शनीय स्थलो के सुंदर दृश्य

लुधियाना के दर्शनीय स्थल – लुधियाना के टॉप 10 पर्यटन स्थल

लुधियान पंजाब राज्य का सबसे बड़ा शहर है। यह शहर सतलुज नदी के पुराने तटों पर स्थित है। इस शहर की स्थापना सिकंदर लोदी द्वारा नियुक्त दो प्रमुखों ने की थी। और लुधियाना का नाम लोदी राजवंश के नाम पर रखा गया था। लोदी राजवंश के पतन के बाद यह शहर मुगलों क्षेत्र के नियंत्रण में आ गया था। रियासत वंश के पतन के…

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