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पुराना किला दिल्ली

पुराना किला कहा स्थित है – पुराना किला दिल्ली

पुराना किला इन्द्रप्रस्थ नामक प्राचीन नगर के राज-महल के स्थान पर बना है। इन्द्रप्रस्थ प्रथम दिल्ली नगर था। यहाँ कौरवों और पांडवों की राजधानी थी। द्वापर युग में यह नगर सर्व प्रथम बसाया गया था। इससे सिद्ध है कि दिल्ली नगर की सर्व प्रथम नीव द्वापर में पड़ी थीं। महाभारत काल के दूसरे पाण्डव नगर बागपत, सोनीपत, तिलपत ओर पानीपत का पता तो है पर…

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फिरोज शाह कोटला किला

फिरोज शाह कोटला किला किसने बनवाया था

देश राजधानी दिल्ली में स्थित फिरोज शाह कोटला किला एक ऐतिहासिक धरोहर है, जो दिल्ली के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अंग है, फिरोज शाह कोटला का किला दिल्ली में स्थित विश्व प्रसिद्ध फिरोज शाह कोटला स्टेडियम के समीप स्थित है, फिरोज शाह कोटला किले के नाम पर ही इस स्टेडियम का नाम रखा गया था। फिरोज शाह कोटला किला तुग़लक़ वंश के अंतिम शासक फिरोज…

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हजरत निजामुद्दीन दरगाह

हजरत निजामुद्दीन दरगाह – हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह का उर्स

भारत शुरू ही से सूफी, संतों, ऋषियों और दरवेशों का देश रहा है। इन साधु संतों ने धर्म के कट्टरपन से हट कर मानवता और भाईचारे और हर संप्रदाय को एक दूसरे के साथ अमन से जिंदा रहने का प्रचार किया। ख्वाजा हजरत निजामुद्दीन भारत के एक ऐसे ही प्रसिद्ध सूफी थे जिन्होंने बादशाहों के बदले गरीबों को सदा पसंद किया। और दुनिया के…

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बंगला साहिब गुरुद्वारा

बंगला साहिब गुरुद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा बंगला साहिब का इतिहास

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर की दूरी पर गोल डाकखाने के पास बंगला साहिब गुरुद्वारा स्थापित है। बंगला साहिब गुरुद्वारे की स्थापना 1783 में सरदार बघेल सिंह जी द्वारा करवाई गई थी। यह गुरुद्वारा दिल्ली के प्रसिद्ध गुरुद्वारों में से है। बड़ी संख्या में यहां पर्यटक व श्रृद्धालु आते है। गुरुद्वारा बंगला साहिब का इतिहास - गुरुद्वारा बंगला साहिब…

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गुरुद्वारा मजनूं का टीला साहिब

गुरुद्वारा मजनूं का टीला साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – मजनूं का टीला गुरुद्वारा साहिब का इतिहास

गुरुद्वारा मजनूं का टीला नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 15 किलोमीटर एवं पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर की दूरी पर आऊटर रिंग रोड़ पर मजनूं का टीला क्षेत्र में यमुना नदी के किनारे स्थित है। गुरुद्वारा मजनूं का टीला साहिब दिल्ली के पर्यटन स्थलों में प्रमुख स्थान रखता है। बड़ी संख्या में श्रृद्धालु और पर्यटक यहां आते है। इसके अलावा यह स्थान दिल्ली,…

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गुरुद्वारा मोती बाग साहिब

मोती बाग गुरुद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा मोती बाग साहिब का इतिहास

मोती बाग गुरुद्वारा दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। गुरुद्वारा मोती बाग दिल्ली के प्रमुख गुरुद्वारों में से भी एक है। यह गुरुद्वारा आऊटर रिंग रोग पर धौला कुआं के पास स्थित हैं। गुरुदारे की खुबसूरत ऐतिहासिक सफेद इमारत दूर से ही दिखाई पड़ती है। बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रृद्धालु यहां दर्शन के लिए आते है। मोती बाग गुरुद्वारा कि अपनी…

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गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब

गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब का इतिहास – गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर दूर लोकसभा के सामने गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब स्थित है। गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब की स्थापना सन् 1783 में सरदार बघेल सिंह जी द्वारा करवाई गई थी। दिल्ली के पर्यटन स्थलों में यह गुरुद्वारा महत्वपूर्ण स्थान रखता है। बड़ी संख्या में श्रृद्धालु और पर्यटक यहां आते है। गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब का इतिहास गुरु के दो बहादुर…

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कालकाजी मंदिर दिल्ली

कालकाजी मंदिर दिल्ली का इतिहास तथा कालकाजी मंदिर खुलने का समय

कालकाजी मंदिर दिल्ली के सबसे व्यस्त हिंदू मंदिरों में से एक है, श्री कालकाजी मंदिर देवी काली को समर्पित है, जो माँ आदि शक्ति का दूसरा रूप है। इस मंदिर को जयंती पीठ या मनोकामना सिद्ध पीठ के रूप में भी जाना जाता है। मनोकामना शब्द का अर्थ है इच्छा, सिद्ध का अर्थ है सिद्धि और पीठ का अर्थ तीर्थ है। इसलिए, ऐसा कहा…

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दिल्ली के जैन मंदिर

दिल्ली के जैन मंदिर – श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर, नया मंदिर, बड़ा मंदिर दिल्ली

दिल्ली भारत की राजधानी है। भारत का राजनीतिक केंद्र होने के साथ साथ समाजिक, आर्थिक व धार्मिक रूप से इसका बहुत बड़ा महत्व रहा। प्राचीन समय से यहां अनेक धर्म, संप्रदाय, प्रदेश व जाति के लोग रहते है। जिसके परिणामस्वरूप यहा सभी धर्मों के धार्मिक स्थान होना लाजिमी है। अपने इस लेख में हम दिल्ली के जैन मंदिर के बारेमें विस्तार से जानेंगे। वैसे…

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शीशगंज साहिब गुरूद्वारे के सुंदर दृश्य

शीशगंज साहिब का इतिहास – शीशगंज गुरूद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी

गुरुद्वारा शीशगंज साहिब एक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण गुरुद्वारा है जो सिक्खों के नौवें गुरु तेग बहादुर को समर्पित है। जिन्होंने ने पहले गुरु नानक जी की भावना को जारी रखा। यह वह स्थान जहाँ गुरु तेगबहादुर जी को मुगल बादशाह औरंगजेब द्वारा फांसी देकर शहीद किया गया था। गुरुद्वारा शीश गंज साहिब पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक की घनी आबादी में स्थित है।…

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