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देवगढ़ के सुंदर दृश्य

देवगढ़ का इतिहास – दशावतार मंदिर, जैन मंदिर, किला कि जानकारी हिन्दी में

देवगढ़ उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में बेतवा नदी के किनारे स्थित है। यह ललितपुर से दक्षिण पश्चिम में 31 किलोमीटर की दूरी पर है। वहां तक पक्की सड़क जाती है। प्रतिदिन बसे जाती है। ललितपुर से देवगढ़ जाने का मार्ग इस प्रकार है-- ललितपुर से जीरौन 16 किलोमीटर वहां से जाखलौन 6 किलोमीटर वहां से सैपुरा 3 किलोमीटर सेपुरा से देवगढ़ 6 किलोमीटर। मार्ग…

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मरसलगंज दिगंबर जैन मंदिर

मरसलगंज प्राचीन दिगंबर जैन मंदिर आतिशय क्षेत्र तीर्थ

श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र मरसलगंज (ऋषभनगर) उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में फिरोजाबाद से 22 किलोमीटर दूर है। यहां अब जैनों का कोई घर नहीं है। किन्तु इसके पास ही फरिहा नामक एक कस्बा है। जहाँ जैनों के घर है। कहा जाता है कि पहले मरसलगंज में जैनीयों की अच्छी आबादी थी, लगभग दो सौ घर थे, उस समय यह नगर धन धान्य पूर्ण…

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शौरीपुर नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर

शौरीपुर बटेश्वर श्री दिगंबर जैन मंदिर – शौरीपुर का इतिहास

शौरीपुर नेमिनाथ जैन मंदिर जैन धर्म का एक पवित्र सिद्ध पीठ तीर्थ है। और जैन धर्म के 22वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ की जन्म स्थली है। शौरीपुर बटेश्वरनाथ से 4किमी की दूरी पर जंगलों में स्थित है। बटेश्वरनाथ हिन्दू धर्म का प्रसिद्ध तीर्थ होने के साथ ही अतिशय क्षेत्र भी है। बटेश्वरनाथ में भगवान शिव के 108 मंदिर है। लेकिन अपने इस लेख में हम…

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त्रिलोक तीर्थ धाम बड़ागांव के सुंदर दृश्य

त्रिलोक तीर्थ धाम बड़ागांव – बड़ा गांव जैन मंदिर खेडका का इतिहास

त्रिलोक तीर्थ धाम बड़ागांव या बड़ा गांव जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध है। यह स्थान दिल्ली सहारनपुर सड़क मार्ग उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के खेडका कस्बे के पास रावण उर्फ बड़ा गांव नामक स्थान पर स्थित है। खेडका से बड़ा गांव जाने के लिए 4 किमी की पक्की सड़क है। यहा से रिक्शा, आटो, तांगा आदि आसानी से बड़ागांव के लिए…

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संकिसा के दर्शनीय स्थल

संकिसा का प्राचीन इतिहास – संकिसा बौद्ध तीर्थ स्थल

बौद्ध अष्ट महास्थानों में संकिसा महायान शाखा के बौद्धों का प्रधान तीर्थ स्थल है। कहा जाता है कि इसी स्थल पर अपनी स्वर्गीय माता महामाया को उपदेश देकर महात्मा बुद्ध पृथ्वी पर उतरे थे।सरभमिग जातक में यह कथा अत्यंत रोचक ढंग व विस्तारपूर्वक दी हुई है। महात्मा बुद्ध को जन्म देने के सातवें दिन ही महामाया का स्वर्गवास हो गया था। अतः वे अपने…

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कौशांबी पुरास्थल के सुंदर दृश्य

कौशांबी का इतिहास – हिस्ट्री ऑफ कौशांबी बौद्ध तीर्थ स्थल

कौशांबी की गणना प्राचीन भारत के वैभवशाली नगरों मे की जाती थी। महात्मा बुद्ध जी के समय वत्सराज उदयन की राजधानी के रूप में इस नगरी ने अद्वितीय गौरव प्राप्त किया। उदयन की गौरवपूर्ण गाथा से संस्कृत साहित्य भरा पड़ा है। कौशांबी के महान श्रेष्ठियों के निमंत्रण और आग्रह पर महात्मा बुद्ध इस नगरी में पधारे थे। जहां उनके वास के लिए कई विशाल…

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लुम्बिनी पर्यटन स्थल – हिस्ट्री ऑफ लुम्बिनी – लुम्बिनी का प्राचीन इतिहास

लुम्बिनी को भगवान बुद्ध के जन्म स्थान होने का गौरव प्राप्त है। हालांकि यह उससे पहले कोई ऐतिहासिक स्थान नहीं था। महात्मा गौतम बुद्ध के जन्म के कारण ही यह बौद्ध धर्मावलंबियों का सर्वश्रेष्ठ तीर्थ स्थान बन गया। लुम्बिनी का महत्व महान अशोक सम्राट के समय से विदित है।बौद्ध धर्म में दीक्षित होने के बाद महान अशोक सम्राट ने गौतम बुद्ध के जन्म स्थान…

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बरसाना के सुंदर दृश्य

बरसाना मथुरा – हिस्ट्री ऑफ बरसाना – बरसाना के दर्शनीय स्थल

मथुरा से लगभग 50 किमी की दूरी पर, वृन्दावन से लगभग 43 किमी की दूरी पर, नंदगाँव से लगभग 9 किमी की दूरी पर स्थित बरसाना एक धार्मिक स्थान है। जब हम मथुरा की यात्रा पर जाते है तो मथुरा के साथ साथ वृन्दावन, नंदगाँव, गोवर्धन पर्वत और बरसाना यह सभी स्थान श्रीकृष्ण की लीलाओं से भरे है। और यह सभी स्थान हमारी मथुरा…

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नंदगाँव के दर्शनीय स्थलों के सुंदर दृश्य

नंदगाँव मथुरा – नंदगांव की लट्ठमार होली व दर्शनीय स्थल

नंदगाँव बरसाना के उत्तर में लगभग 8.5 किमी पर स्थित है। नंदगाँव मथुरा के उत्तर पश्चिम में लगभग 50 किलोमीटर पर स्थित है। इस जगह का नाम कृष्णा के पालक पिता नंद जी और माता यशोदा के नाम पर रखा गया था, जिनका गोकुल से जाने के बाद इस स्थान पर उनका स्थायी निवास था। अपने बचपन के दौरान कृष्ण अपने पालक माता-पिता के…

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वृन्दावन के प्रसिद्ध मंदिरों के सुंदर दृश्य

वृन्दावन धाम – वृन्दावन के दर्शनीय स्थल, मंदिर व रहस्य

दिल्ली से दक्षिण की ओर मथुरा रोड पर 134 किमी पर छटीकरा नाम का गांव है। छटीकरा मोड़ से बाई तरफ पूरब की दिशा में वृन्दावन रोड़ है। इस रोड़ पर 6 किमी के फासले पर राधाकृष्ण के प्रेम रस में सराबोर वृन्दावन धाम स्थित है। वृन्दावन से मथुरा 10 की दूरी पर है। और गोवर्धन पर्वत जिनकी परिक्रमा की जाती है वह 27…

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