न्यूयार्क में राष्ट्रसंघ के भवन में एक छोटा-सा गोला, एक लम्बी लोहे की छड़ से लटकता हुआ, पेंडुलम की तरह इधर से उधर डोलता रहता है, लेकिन ज्यों-ज्यों घंटे गुजरते हैं, लगता है, उसकी भी दिशा बदल रही है। सोने का यह नन्हा सा गोला, मन्द गति से झूलता हुआ और देखने में बड़ा ही सादा-सा, इस वृत्ति का सबूत है कि पृथ्वी अपनी…