“मैं राजा नहीं, अपितु अपनी मातृभूमि का सेवक हूं । प्रत्येक देशवासी का पुण्य कर्तव्य है कि वह मातृभूमि को मुक्त करवाने के लिए अपना सर्वेस्व बलिदान करवाने हेतु सर्वदा प्रस्तुत रहे।" इस प्रकार आसपास के सभी राजपूत राजाओं तथा प्रत्येक व्यक्ति को देश में व्याप्त मुसलमानों को बाहर निकालने व एकता के सूत्र में बंधने का राणा सांगा ने मौन संकेत किया। …