Read more about the article गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग बनारस का इतिहास – वाराणसी गुरुद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी
गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग बनारस

गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग बनारस का इतिहास – वाराणसी गुरुद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी

गुरुद्वारा बड़ी संगत गुरु तेगबहादुर जी को समर्पित है। जो बनारस रेलवे स्टेशन से लगभग 9 किलोमीटर दूर नीचीबाग में स्थापित है। श्री गुरु तेग बहादुर जी ने पंजाब से बाहर रहने वाली संगत के अनुनय को मानते हुए पूर्वी बंगाल व आसाम तक की यात्रा कर उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण किया। गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग बनारस का इतिहास पंजाब के…

Continue Readingगुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग बनारस का इतिहास – वाराणसी गुरुद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी
Read more about the article गुरु का ताल आगरा -आगरा गुरुद्वारा गुरु का ताल हिस्ट्री इन हिन्दी
गुरुद्वारा गुरु का ताल आगरा

गुरु का ताल आगरा -आगरा गुरुद्वारा गुरु का ताल हिस्ट्री इन हिन्दी

आगरा भारत के शेरशाह सूरी मार्ग पर उत्तर दक्षिण की तरफ यमुना किनारे वृज भूमि में बसा हुआ एक पुरातन शहर है। पहले पहल इस शहर को द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण जी के नाना व कंस के पिता हिन्दू राजा उग्रसेन जो बहुत धार्मिक व प्रभु भक्त ने बसाया था। उस समय इसका नाम अग्रवन था। अकबर बादशाह ने इसको बदलकर अकबराबाद रख…

Continue Readingगुरु का ताल आगरा -आगरा गुरुद्वारा गुरु का ताल हिस्ट्री इन हिन्दी
Read more about the article नाका गुरुद्वारा – गुरुद्वारा सिंह सभा नाका हिण्डोला लखनऊ हिस्ट्री इन हिन्दी
गुरुद्वारा नाका हिण्डोला लखनऊ

नाका गुरुद्वारा – गुरुद्वारा सिंह सभा नाका हिण्डोला लखनऊ हिस्ट्री इन हिन्दी

नाका गुरुद्वारा, यह ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिण्डोला लखनऊ में स्थित है। नाका गुरुद्वारा साहिब के बारे में कहा जाता है कि राय बहादुर सरदार सालिगराम सिंह जी ने सन् 1898 में नाका गुरुद्वारा साहिब की स्थापना की, आप ही उसके मुख्य सेवादार बने और लगातार उम्र के आखरी समय तक सेवा करते रहे। नाका गुरुद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी एक सवाल उठा…

Continue Readingनाका गुरुद्वारा – गुरुद्वारा सिंह सभा नाका हिण्डोला लखनऊ हिस्ट्री इन हिन्दी
Read more about the article लखनऊ गुरुद्वारा गुरु तेगबहादुर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – लखनऊ का गुरुद्वारा इतिहास
लखनऊ गुरुद्वारा गुरु तेगबहादुर साहिब

लखनऊ गुरुद्वारा गुरु तेगबहादुर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – लखनऊ का गुरुद्वारा इतिहास

उत्तर प्रदेश की की राजधानी लखनऊ के जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर की दूरी पर यहियागंज के बाजार में स्थापित लखनऊ गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब एक ऐतिहासिक गुरुद्वारा है। यहियागंज बाजार लखनऊ का जनरल मर्चेंट, पटाखा, रेडीमेड, होजरी, ऊन एवं बर्तनों का थोक बाजार है। इस बाजार में पूर्वांचल के दस पंद्रह जिलो के व्यापारी माल खरीदने आते है। यह बाजार लगभग दो किलोमीटर…

Continue Readingलखनऊ गुरुद्वारा गुरु तेगबहादुर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – लखनऊ का गुरुद्वारा इतिहास
Read more about the article बंगला साहिब गुरुद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा बंगला साहिब का इतिहास
बंगला साहिब गुरुद्वारा

बंगला साहिब गुरुद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा बंगला साहिब का इतिहास

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर की दूरी पर गोल डाकखाने के पास बंगला साहिब गुरुद्वारा स्थापित है। बंगला साहिब गुरुद्वारे की स्थापना 1783 में सरदार बघेल सिंह जी द्वारा करवाई गई थी। यह गुरुद्वारा दिल्ली के प्रसिद्ध गुरुद्वारों में से है। बड़ी संख्या में यहां पर्यटक व श्रृद्धालु आते है। गुरुद्वारा बंगला साहिब का इतिहास - गुरुद्वारा बंगला साहिब…

Continue Readingबंगला साहिब गुरुद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा बंगला साहिब का इतिहास
Read more about the article गुरुद्वारा मजनूं का टीला साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – मजनूं का टीला गुरुद्वारा साहिब का इतिहास
गुरुद्वारा मजनूं का टीला साहिब

गुरुद्वारा मजनूं का टीला साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – मजनूं का टीला गुरुद्वारा साहिब का इतिहास

गुरुद्वारा मजनूं का टीला नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 15 किलोमीटर एवं पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर की दूरी पर आऊटर रिंग रोड़ पर मजनूं का टीला क्षेत्र में यमुना नदी के किनारे स्थित है। गुरुद्वारा मजनूं का टीला साहिब दिल्ली के पर्यटन स्थलों में प्रमुख स्थान रखता है। बड़ी संख्या में श्रृद्धालु और पर्यटक यहां आते है। इसके अलावा यह स्थान दिल्ली,…

Continue Readingगुरुद्वारा मजनूं का टीला साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – मजनूं का टीला गुरुद्वारा साहिब का इतिहास
Read more about the article मोती बाग गुरुद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा मोती बाग साहिब का इतिहास
गुरुद्वारा मोती बाग साहिब

मोती बाग गुरुद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा मोती बाग साहिब का इतिहास

मोती बाग गुरुद्वारा दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। गुरुद्वारा मोती बाग दिल्ली के प्रमुख गुरुद्वारों में से भी एक है। यह गुरुद्वारा आऊटर रिंग रोग पर धौला कुआं के पास स्थित हैं। गुरुदारे की खुबसूरत ऐतिहासिक सफेद इमारत दूर से ही दिखाई पड़ती है। बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रृद्धालु यहां दर्शन के लिए आते है। मोती बाग गुरुद्वारा कि अपनी…

Continue Readingमोती बाग गुरुद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा मोती बाग साहिब का इतिहास
Read more about the article गुरुद्वारा बिलासपुर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – बिलासपुर साहिब गुरुद्वारा का इतिहास
गुरुद्वारा बिलासपुर साहिब

गुरुद्वारा बिलासपुर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – बिलासपुर साहिब गुरुद्वारा का इतिहास

गुरुद्वारा बिलासपुर साहिब हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर शहर मे स्थित है बिलासपुर, कीरतपुर साहिब से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कभी यह कहिलूर रियासत की राजधानी थी। अक्टूबर 1611 में श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने यहां के राजा कलियाणा चंद और कुंवर तारा चंद को ग्वालियर के किले से मुक्त करवाया था। छठे से दसवें पातशाह के साथ तक के इस…

Continue Readingगुरुद्वारा बिलासपुर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – बिलासपुर साहिब गुरुद्वारा का इतिहास
Read more about the article दरबार साहिब तरनतारन हिस्ट्री इन हिन्दी – श्री दरबार साहिब तरनतारन का इतिहास
दरबार साहिब तरनतारन

दरबार साहिब तरनतारन हिस्ट्री इन हिन्दी – श्री दरबार साहिब तरनतारन का इतिहास

श्री दरबार साहिब तरनतारन रेलवे स्टेशन से 1 किलोमीटर तथा बस स्टैंड तरनतारन से आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह पवित्र स्थान अमृतसर से केवल 24 किलोमीटर की दूरी पर अमृतसर - फिरोजपुर रोड़ पर स्थित है। दरबार साहिब तरनतारन हिस्ट्री इन हिन्दी गुरुद्वारा दरबार साहिब तरनतारन प्राचीन दिल्ली - लाहौर राजमार्ग पर स्थित है। तरनतारन पांचवें गुरु अर्जुन देव…

Continue Readingदरबार साहिब तरनतारन हिस्ट्री इन हिन्दी – श्री दरबार साहिब तरनतारन का इतिहास
Read more about the article गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब का इतिहास – गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी
गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब

गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब का इतिहास – गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर दूर लोकसभा के सामने गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब स्थित है। गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब की स्थापना सन् 1783 में सरदार बघेल सिंह जी द्वारा करवाई गई थी। दिल्ली के पर्यटन स्थलों में यह गुरुद्वारा महत्वपूर्ण स्थान रखता है। बड़ी संख्या में श्रृद्धालु और पर्यटक यहां आते है। गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब का इतिहास गुरु के दो बहादुर…

Continue Readingगुरुद्वारा रकाबगंज साहिब का इतिहास – गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी
Read more about the article गुरुद्वारा मुक्तसर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा श्री मुक्तसर साहिब का इतिहास
गुरुद्वारा मुक्तसर साहिब

गुरुद्वारा मुक्तसर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा श्री मुक्तसर साहिब का इतिहास

मुक्तसर जिला फरीदकोट के सब डिवीजन का मुख्यालय है तथा एक खुशहाल कस्बा है। यह प्रसिद्ध तीर्थ स्थान भी है। इसके निकट ही मांझे से आये गुरु गोबिंद सिंह जी के 40 श्रृद्धालु सिक्खों ने जिन्हें "चालीस मुक्ते" कहा जाता है, नवाब वजीर खां की फौज से युद्ध करते हुए शहीदी प्राप्त की थी। इन चालीस मुक्तों की शहीदी ने ही मुगल सेना का…

Continue Readingगुरुद्वारा मुक्तसर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा श्री मुक्तसर साहिब का इतिहास
Read more about the article गुरुद्वारा हट्ट साहिब सुल्तानपुर लोधी कपूरथला पंजाब – गुरुद्वारा हट्ट साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी
गुरुद्वारा हट्ट साहिब

गुरुद्वारा हट्ट साहिब सुल्तानपुर लोधी कपूरथला पंजाब – गुरुद्वारा हट्ट साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी

गुरुद्वारा हट्ट साहिब, पंजाब के जिला कपूरथला में सुल्तानपुर लोधी एक प्रसिद्ध कस्बा है। यहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के 14 वर्ष गुजारे थे। गुरु नानक देव जी के बहनोई श्री जैराम जी ने गुरु नानकदेव जी को नवाब दौलत खां लोधी के पास कर्मचारी रखवा दिया था। नवाब लोधी गुरु जी के धार्मिक आचरण तथा विवेक…

Continue Readingगुरुद्वारा हट्ट साहिब सुल्तानपुर लोधी कपूरथला पंजाब – गुरुद्वारा हट्ट साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी
Read more about the article गुरुद्वारा बेर साहिब सुल्तानपुर लोधी कपूरथला – गुरुद्वारा बेर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी
गुरुद्वारा बेर साहिब सुल्तानपुर लोधी

गुरुद्वारा बेर साहिब सुल्तानपुर लोधी कपूरथला – गुरुद्वारा बेर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी

गुरुद्वारा बेर साहिब सुल्तानपुर लोधी नामक कस्बे में स्थित है। सुल्तानपुर लोधी, कपूरथला जिले का एक प्रमुख नगर है। तथा भारत के पंजाब राज्य में स्थित है। यह स्थान अपने ऐतिहासिक सिख महत्व के कारण भक्तों में काफी प्रसिद्ध है बड़ी संख्या में भक्तगण यहां दर्शन के लिए आते है। गुरुद्वारा बेर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी - गुरुद्वारा बेर साहिब का…

Continue Readingगुरुद्वारा बेर साहिब सुल्तानपुर लोधी कपूरथला – गुरुद्वारा बेर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी
Read more about the article गुरुद्वारा कतलगढ़ साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा श्री कतलगढ़ साहिब चमकौर
गुरुद्वारा कतलगढ़ साहिब चमकौर

गुरुद्वारा कतलगढ़ साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा श्री कतलगढ़ साहिब चमकौर

गुरुद्वारा कतलगढ़ साहिब श्री चमकौर साहिब में स्थापित है। यह गुरुद्वारा ऐतिहासिक गुरुद्वारा है। इस स्थान पर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के दो सुपुत्र साहिबजादा अजीतसिंह, साहिबजादा जुझार सिंह को मुगलों ने लड़ाई में शहीद कर दिया था। गुरुदारे का मुख्य दरबार साहिब काफी बड़ा बना है। बीच में पालकी साहिब में गुरु ग्रंथ साहिब विराजमान है। चारों तरफ परिक्रमा मार्ग…

Continue Readingगुरुद्वारा कतलगढ़ साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा श्री कतलगढ़ साहिब चमकौर

गुरुद्वारा पातालपुरी साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा पातालपुरी साहिब का इतिहास

गुरुद्वारा पातालपुरी साहिब, यह गुरुद्वारा रूपनगर जिले के किरतपुर में स्थित है। यह सतलुज नदी के तट पर बनाया गया है और रेलवे लाईन के पार स्थित है और यह वह स्थान है जहां कई सिख अपने मृतकों की राख को नदी में विसर्जित करने के लिए ले जाते हैं। गुरुद्वारा पातालपुरी साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी - पातालपुरी साहिब का इतिहास …

Continue Readingगुरुद्वारा पातालपुरी साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – गुरुद्वारा पातालपुरी साहिब का इतिहास
Read more about the article गुरुद्वारा पिपली साहिब पुतलीघर अमृतसर का इतिहास इन हिन्दी – पिपली साहिब गुरुद्वारा
गुरुद्वारा पिपली साहिब पुतलीघर अमृतसर

गुरुद्वारा पिपली साहिब पुतलीघर अमृतसर का इतिहास इन हिन्दी – पिपली साहिब गुरुद्वारा

गुरुद्वारा पिपली साहिब अमृतसर रेलवे स्टेशन से छेहरटा जाने वाली सड़क पर चौक पुतलीघर से आबादी इस्लामाबाद वाले बाजार एवं सड़क पर स्थित है। यह गुरुद्वारा दो मंजिला बना है। वर्ष 1581 ई. में प्रिथीचंद को जब गुरूगददी न मिल सकी तो उसने ईर्ष्या तथा क्रोध वश गुरु के महल निवास स्थान पर जबरी कब्जा कर लिया। इस पर शांति के पुंज श्री गुरु…

Continue Readingगुरुद्वारा पिपली साहिब पुतलीघर अमृतसर का इतिहास इन हिन्दी – पिपली साहिब गुरुद्वारा
Read more about the article नाड़ा साहिब गुरूद्वारा पंचकूला हरियाणा चंडीगढ़
नाड़ा साहिब गुरूद्वारा पंचकुला

नाड़ा साहिब गुरूद्वारा पंचकूला हरियाणा चंडीगढ़

नाड़ा साहिब गुरूद्वारा चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से 5किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। नाड़ा साहिब गुरूद्वारा हरियाणा प्रदेश के पंचकूला जिले में झझर नदी के तट पर स्थापित है। गुरु गोविंद सिंह ने भंगाणी की तरफ जाते समय यहां पर कुछ दिनों तक विश्राम किया था। नाड़ा साहिब गुरूद्वारा पंचकूला नाड़ा साहिब गुरूद्वारे की स्थापना पटियाला के राजा द्वारा सन् 1746 में…

Continue Readingनाड़ा साहिब गुरूद्वारा पंचकूला हरियाणा चंडीगढ़
Read more about the article नानक झिरा बीदर साहिब – गुरूद्वारा नानक झिरा साहिब का इतिहास
गुरूद्वारा नानक झिरा साहिब के सुंदर दृश्य

नानक झिरा बीदर साहिब – गुरूद्वारा नानक झिरा साहिब का इतिहास

गुरूद्वारा नानक झिरा साहिब कर्नाटक राज्य के बीदर जिले में स्थित है। यह सिक्खों का पवित्र और ऐतिहासिक तीर्थ स्थान है। यह उस पठार के किनारे से थोडी दूरी पर है, जहां बीदर स्थित है। गुरूद्वारा की रोड़ से नीचे उतरने पर मैदान के व्यापक दृश्य दिखते है। प्रति वर्ष लगभग 4-5 लाख यात्री और पर्यटक गुरूद्वारा नानक झिरा साहिब के दर्शन करने आते…

Continue Readingनानक झिरा बीदर साहिब – गुरूद्वारा नानक झिरा साहिब का इतिहास
Read more about the article धुबरी साहिब असम – श्री गुरू तेग बहादुर गुरूद्वारा धुबरी असम
गुरूद्वारा गुरू तेग बहादुर धुबरी साहिब के सुंदर दृश्य

धुबरी साहिब असम – श्री गुरू तेग बहादुर गुरूद्वारा धुबरी असम

गुरूद्वारा श्री तेगबहादुर साहिब या धुबरी साहिब भारत के असम राज्य के धुबरी जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित हैं। सिक्खों के प्रथम गुरू श्री गुरू नानक देव जी की याद में धुबरी में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बनाया गया था। सन् 1505 में सिक्ख धर्म के संस्थापक श्री गुरू नानक देव जी आसाम से धनपुर होते हुए, महापुरुष श्रीमन्ता शंकर देवा के…

Continue Readingधुबरी साहिब असम – श्री गुरू तेग बहादुर गुरूद्वारा धुबरी असम
Read more about the article मुक्तसर साहिब का गुरूद्वारा, हिस्ट्री ऑफ मुक्तसर साहिब
मुक्तसर साहिब के सुंदर दृश्य

मुक्तसर साहिब का गुरूद्वारा, हिस्ट्री ऑफ मुक्तसर साहिब

मुक्तसर फरीदकोट जिले के सब डिवीजन का मुख्यालय है। तथा एक खुशहाल कस्बा है। यह प्रसिद्ध तीर्थ स्थान भी है। इसके निकट ही मांझे से आये गुरू गोबिंद सिंह जी के 40 श्रद्धालु सिक्खो ने जिन्हें चालीस मुक्ते कहा जाता है, नवाब वजीर खां की फौजों से जंग करते हुए शहीदी प्राप्त की थी। इसी पवित्र स्थान को मुक्तसर साहिब कहते है। हिस्ट्री ऑफ…

Continue Readingमुक्तसर साहिब का गुरूद्वारा, हिस्ट्री ऑफ मुक्तसर साहिब
Read more about the article चरण कंवल साहिब माछीवाड़ा – Gurudwara Charan Kanwal Sahib
गुरूद्वारा चरण कंवल साहिब माछीवाड़ा के सुंदर दृश्य

चरण कंवल साहिब माछीवाड़ा – Gurudwara Charan Kanwal Sahib

गुरूद्वारा चरण कंवल साहिब लुधियाना जिले की माछीवाड़ा तहसील में समराला नामक स्थान पर स्थित है। जो लुधियाना शहर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है। माछीवाड़ा बस स्टैंड से गुरूद्वारा चरण कंवल साहिब मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। यह सिखों का पवित्र और ऐतिहासिक स्थान है। जहाँ हजारों की संख्या में श्रद्धालु मथ्था टेकने आते है। गुरूद्वारा चरण कंवल…

Continue Readingचरण कंवल साहिब माछीवाड़ा – Gurudwara Charan Kanwal Sahib
Read more about the article नानकसर कलेरा जगराओं साहिब – नानकसर गुरूद्वारे जगराओं हिस्ट्री इन हिन्दी
नानकसर साहिब कलेरा जगराओं के सुंदर दृश्य

नानकसर कलेरा जगराओं साहिब – नानकसर गुरूद्वारे जगराओं हिस्ट्री इन हिन्दी

गुरूद्वारा नानकसर कलेरा जगराओं लुधियाना जिले की जगराओं तहसील में स्थापित है।यह लुधियाना शहर से 40 किलोमीटर और जगराओं से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सिख धर्म मे इस स्थान काफी बड़ा महत्व है। अपने इस लेख में हम नानकसर गुरूद्वारे जगराओं हिस्ट्री हिन्दी मे जानेंगे। नानकसर कलेरा जगराओं साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी यहां भक्त बाबा नंद सिंह जी महाराज ने इस…

Continue Readingनानकसर कलेरा जगराओं साहिब – नानकसर गुरूद्वारे जगराओं हिस्ट्री इन हिन्दी
Read more about the article गोइंदवाल साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – श्री बाउली साहिब गुरूद्वारा गोइंदवाल
गोइंदवाल साहिब के सुंदर दृश्य

गोइंदवाल साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – श्री बाउली साहिब गुरूद्वारा गोइंदवाल

गुरू श्री अंगद देव जी के हुक्म से श्री गुरू अमरदास जी ने पवित्र ऐतिहासिक नगर श्री गोइंदवाल साहिब को सिक्ख धर्म का प्रचार प्रसार के केंद्र के रूप में स्थापित किया। श्री गुरू अमरदास जी ने संगतो की आत्मिक एवं सांसारिक तृप्ति, तन मन की पवित्रता, ऊंच नींच, जात पात के भेदभाव को दूर करने के लिए चौरासी सिद्धियों वाली बाउली साहिब की…

Continue Readingगोइंदवाल साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – श्री बाउली साहिब गुरूद्वारा गोइंदवाल
Read more about the article दुख निवारण साहिब पटियाला – दुख निवारण गुरूद्वारा साहिब का इतिहास
दुख निवारण साहिब पटियाला के सुंदर दृश्य

दुख निवारण साहिब पटियाला – दुख निवारण गुरूद्वारा साहिब का इतिहास

दुख निवारण गुरूद्वारा साहिब पटियाला रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड से 300 मी की दूरी पर स्थित है। दुख निवारण गुरूद्वारा साहिब आधुनिक शहर का प्रमुख धार्मिक स्थान है। जिसको गुरु तेग बहादुर साहिब जी की चरण धूलि प्राप्त है। गुरू तेगबहादुर जी पहली बार 1661 में प्रचार के दौरान सैफाबाद के किले से होते हुए यहाँ पधारे थे। स्थानीय दंतकथा के अनुसार दूसरी…

Continue Readingदुख निवारण साहिब पटियाला – दुख निवारण गुरूद्वारा साहिब का इतिहास
Read more about the article मंजी साहिब गुरूद्वारा कैथल हरियाणा – नीम साहिब गुरूद्वारा कैथल हरियाणा
मंजी साहिब गुरुद्वारा, नीम साहिब गुरूद्वारा कैथल के सुंदर दृश्य

मंजी साहिब गुरूद्वारा कैथल हरियाणा – नीम साहिब गुरूद्वारा कैथल हरियाणा

मंजी साहिब गुरूद्वारा हरियाणा के कैथल शहर में स्थित है। कैथल भारत के हरियाणा राज्य का एक जिला, शहर और एक नगरपालिका परिषद है। कैथल पहले करनाल जिले का हिस्सा था और बाद में, 1 नवंबर 1989 तक कुरुक्षेत्र जिले का हिस्सा रहा, बाद में यह क्षेत्र हरियाणा का एक जिला बन गया और कैथल जिले का मुख्यालय बन गया। कैथल जिला पटियाला (पंजाब),…

Continue Readingमंजी साहिब गुरूद्वारा कैथल हरियाणा – नीम साहिब गुरूद्वारा कैथल हरियाणा
Read more about the article मंजी साहिब गुरूद्वारा आलमगीर लुधियाना – Manji sahib history in hindi
गुरूद्वारा मंजी साहिब आलमगीर लुधियाना के सुंदर दृश्य

मंजी साहिब गुरूद्वारा आलमगीर लुधियाना – Manji sahib history in hindi

गुरूद्वारा मंजी साहिब लुधियाना के आलमगीर में स्थापित है। यह स्थान लुधियाना रेलवे स्टेशन से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्री गुरू गोविंद सिंह जी उच्चपीर बनकर जंगलों के रास्ते होते हुए सन् 1761 में इस स्थान पर आये थे। श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के साथ तीन सिंह भाई दया सिंह, भाई मान सिंह, भाई धर्म सिंह और दो मुसलमान भाई…

Continue Readingमंजी साहिब गुरूद्वारा आलमगीर लुधियाना – Manji sahib history in hindi
Read more about the article तरनतारन गुरूद्वारा साहिब का इतिहास – तरनतारन के प्रमुख गुरूद्वारे
तरनतारन गुरूद्वारा साहिब के सुंदर दृश्य

तरनतारन गुरूद्वारा साहिब का इतिहास – तरनतारन के प्रमुख गुरूद्वारे

तरनतारन गुरूद्वारा साहिब, भारत के पंजाब राज्य में एक शहर), जिला मुख्यालय और तरन तारन जिले की नगरपालिका परिषद है। तरनतारन साहिब की स्थापना गुरु अर्जन देव ने पांचवे सिख गुरु के रूप में की थी। उन्होंने श्री तरनतारन साहिब मंदिर की नींव रखी थी। 1947 में, भारत के विभाजन के वर्ष, तरनतारन पंजाब की एकमात्र तहसील थी, जिसमें बहुसंख्यक सिख आबादी थी। यह…

Continue Readingतरनतारन गुरूद्वारा साहिब का इतिहास – तरनतारन के प्रमुख गुरूद्वारे
Read more about the article ककार का अर्थ – ककार किसे कहते है – सिख धर्म के पांच प्रतीक
सिख धर्म के पांच ककार

ककार का अर्थ – ककार किसे कहते है – सिख धर्म के पांच प्रतीक

प्रिय पाठकों अपने इस लेख में हम सिख धर्म के उन पांच प्रतीक चिन्हों के बारें में जानेंगे, जिन्हें धारण करना हर सिख को जरूरी होता है। जिन्हें ककार कहा जाता है। ककार क्या है?, ककार किसे कहते है?, ककार का अर्थ, सिख धर्म के पांच प्रतीक, सिख दाढी क्यों रखते है, आदि के बारे में विस्तार से अपने इस लेख में जानेगें। ककार…

Continue Readingककार का अर्थ – ककार किसे कहते है – सिख धर्म के पांच प्रतीक
Read more about the article लोहगढ़ साहिब का इतिहास – Lohgarh sahib amritsar panjab
लोहगढ़ साहिब के सुंदर दृश्य

लोहगढ़ साहिब का इतिहास – Lohgarh sahib amritsar panjab

अमृतसर शहर के कुल 13 द्वार है। लोहगढ़ द्वार के अंदर लोहगढ़ किला स्थित है। तत्कालीन मुगल सरकार पर्याप्त रूप से अत्याचारी तथा दूषित प्रवृत्ति वाली थी। परंतु सिख पंथ को गुरू साहिब जी ने आबरू तथा भ्रातृभाव से जीवन व्यतीत करने की जरूरत को सिखा दिया था। आपने अनाचारी शासकों का नाश करने के लिए मीरी-पीरी की दो तलवारें…

Continue Readingलोहगढ़ साहिब का इतिहास – Lohgarh sahib amritsar panjab
Read more about the article गुरूद्वारा शहीदगंज साहिब बाबा दीप सिंह पंजाब हिस्ट्री इन हिन्दी
गुरूद्वारा शहीद गंज साहिब के सुंदर दृश्य

गुरूद्वारा शहीदगंज साहिब बाबा दीप सिंह पंजाब हिस्ट्री इन हिन्दी

गुरुद्वारा शहीदगंज साहिब बाबा दीप सिंह जी सिक्खों की तीर्थ नगरी अमृतसर में स्थित है। गुरूद्वारा शहीदगंज साहिब वह जगह है जहाँ बाबा दीप सिंह जी ने अन्य सिंह साथियों के साथ मिलकर श्री हरमंदिर साहिब का अनादर कर रही मुगल सेना से लड़ते हुए शहादत हासिल की। महान सिख विद्वान और शहीद बाबा दीप सिंह उस समय बुरी तरह से घायल हो गए…

Continue Readingगुरूद्वारा शहीदगंज साहिब बाबा दीप सिंह पंजाब हिस्ट्री इन हिन्दी
Read more about the article गुरूद्वारा गुरू का महल अमृतसर पंजाब की जानकारी हिंदी में
गुरूद्वारा गुरू का महल के सुंदर दृश्य

गुरूद्वारा गुरू का महल अमृतसर पंजाब की जानकारी हिंदी में

गुरूद्वारा गुरू का महल कटड़ा बाग चौक पासियां अमृतसर मे स्थित है। श्री गुरू रामदास जी ने गुरू गद्दी काल में 500 बीघे जमीन 700 रूपये के हिसाब से खरीद कर अमृतसर के मध्य अपने परिवार के आवास के लिए 18 जून 1573 मे यह निवास स्थान बनवाया था। पहले इस स्थान पर बेरी तथा आम के वृक्षों का घना जंगल था। बाबा बुड्ढा…

Continue Readingगुरूद्वारा गुरू का महल अमृतसर पंजाब की जानकारी हिंदी में
Read more about the article खालसा पंथ का अर्थ – खालसा पंथ की स्थापना व जन्म
खालसा पंथ

खालसा पंथ का अर्थ – खालसा पंथ की स्थापना व जन्म

"खालसा पंथ" दोस्तों यह नाम आपने अक्सर सुना व पढ़ा होगा। खालसा पंथ क्या है। आज के अपने इस लेख में हम खालसा पंथ के बारें में विस्तार से जानेंगे। खालसा पंथ सिक्ख धर्म में एक विशेष समुदाय को कहते है। खालसा का अर्थ है, "पवित्रता" और पंथ का अर्थ है, "मार्ग"। अर्थात खालसा पंथ का अर्थ है, "पवित्रता का मार्ग। अर्थात खालसा पंथ…

Continue Readingखालसा पंथ का अर्थ – खालसा पंथ की स्थापना व जन्म
Read more about the article तख्त साहिब सिख धर्म के पांच तख्त के नाम व जानकारी हिन्दी में
पांच तख्त साहिब के सुंदर दृश्य

तख्त साहिब सिख धर्म के पांच तख्त के नाम व जानकारी हिन्दी में

जैसा की आप और हम जानते है कि सिक्ख धर्म के पांच प्रमुख तख्त साहिब है। सिक्ख तख्त साहिब की सिक्ख धर्म में बहुत बड़ी मान्यता है। तख्त फारसी भाषा का शब्द है, तख्त का अर्थ है बैठने की चौकी या राज सिंहासन। सिक्ख धर्म में तख्त सत्ता की चौकी का प्रतीक है। जिसमें रूहानी और दुनियावी दोनों पक्ष शामिल है। सिक्ख धर्म के…

Continue Readingतख्त साहिब सिख धर्म के पांच तख्त के नाम व जानकारी हिन्दी में
Read more about the article गुरू ग्रंथ साहिब – सिक्ख धर्म के पवित्र ग्रंथ के बारे मे जाने
गुरु ग्रंथ साहिब

गुरू ग्रंथ साहिब – सिक्ख धर्म के पवित्र ग्रंथ के बारे मे जाने

जिस तरह हिन्दुओं के लिए रामायण, गीता, मुसलमानों के लिए कुरान शरीफ, ईसाइयों के लिए बाइबल पूजनीय है। इसी तरह सिक्खों के लिए ,आदि ग्रंथ, श्री गुरू ग्रंथ साहिब़ अद्वितीय एवं पूजनीय है। 1430 अंगों का यह एक विशाल वाणी ग्रंथ है। अतः सिक्ख समुदाय इस ग्रंथ को एक पवित्र गुरू मानता है न कि एक धार्मिक पुस्तक। आज के अपने इस लेख में…

Continue Readingगुरू ग्रंथ साहिब – सिक्ख धर्म के पवित्र ग्रंथ के बारे मे जाने
Read more about the article दमदमा साहिब का इतिहास – दमदमा साहिब हिस्ट्री इन हिंदी
तख्त श्री दमदमा साहिब के सुंदर दृश्य

दमदमा साहिब का इतिहास – दमदमा साहिब हिस्ट्री इन हिंदी

यह तख्त साहिब भटिंडा ज़िला मुख्यलय से 35 किमी दूर तलवांडी साबो में बस स्टेशन के बगल में स्थापित है । अमृतसर से भटिंडा 165 किमी दूर है। तख्त श्री दमदमा साहिब सिक्खों का पवित्र तीर्थ स्थान है। अपने इस लेख में दमदमा साहिब की यात्रा करेंगे, और दमदमा साहिब के इतिहास, दमदमा साहिब हिस्ट्री, दमदमा साहिब गुरूद्वारे का निर्माण, क्षेत्रफल, दमदमा साहिब दर्शनीय…

Continue Readingदमदमा साहिब का इतिहास – दमदमा साहिब हिस्ट्री इन हिंदी
Read more about the article पांवटा साहिब गुरूद्वारा – पांवटा साहिब पर्यटन, दर्शनीय स्थल, और इतिहास
पांवटा साहिब के सुंदर दृश्य

पांवटा साहिब गुरूद्वारा – पांवटा साहिब पर्यटन, दर्शनीय स्थल, और इतिहास

गुरुद्वारा पांवटा साहिब, हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में एक प्रसिद्ध गुरुद्वारा है। पांवटा साहिब पर्यटन स्थल के रूप में भी काफी महत्वपूर्ण स्थान है। पहाडी क्षेत्र में होने के कारण पांवटा साहिब का तापमान भी ठंडा रहता है। यह गुरुद्वारा सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी की याद में बनाया गया था। दशम ग्रंथ यहाँ गुरु गोविंद सिंह…

Continue Readingपांवटा साहिब गुरूद्वारा – पांवटा साहिब पर्यटन, दर्शनीय स्थल, और इतिहास
Read more about the article गुरूद्वारा बाबा अटल राय जी, हिस्ट्री ऑफ बाबा अटल राय जी
गुरूद्वारा बाबा अटल राय जी के सुंदर दृश्य

गुरूद्वारा बाबा अटल राय जी, हिस्ट्री ऑफ बाबा अटल राय जी

गुरूद्वारा बाबा अटल राय जी अमृतसर का एक प्रसिद्ध गुरुद्वारा है। हर साल हरमंदिर साहिब जाने वाले लाखों तीर्थयात्रियों में से कई को यह पता ही नहीं चलता है कि अमृतसर के बेहतरीन वास्तुशिल्प चमत्कारों और सिख धर्मों में से एक सबसे मार्मिक पूजा स्थल प्रसिद्ध हरमंदिर साहिब से कुछ ही दूरी पर है। कुछ दो शताब्दियों पहले निर्मित, बाबा अटल गुरु, गुरु हरगोबिंद…

Continue Readingगुरूद्वारा बाबा अटल राय जी, हिस्ट्री ऑफ बाबा अटल राय जी
Read more about the article अकाल तख्त का इतिहास – अकाल तख्त की स्थापना कब, किसने करवाई
श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर के सुंदर दृश्य

अकाल तख्त का इतिहास – अकाल तख्त की स्थापना कब, किसने करवाई

यह ऐतिहासिक तथा पवित्र पांच मंजिलों वाली भव्य इमारत श्री हरमंदिर साहिब की दर्शनी ड्योढ़ी के बिल्कुल सामने स्थित है। श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर सिक्खों के पांच पवित्र तख्त साहिब मे से प्रथम स्थान रखता है। अपने इस लेख में हम अकाल तख्त की स्थापना किसने की, अकाल तख्त का निर्माण किसने किया, अकाल तख्त का इतिहास, अकाल तख्त हिस्ट्री इन हिंदी आदि…

Continue Readingअकाल तख्त का इतिहास – अकाल तख्त की स्थापना कब, किसने करवाई
Read more about the article दुख भंजनी बेरी साहिब – Gurudwara Dukhbhajni beri sahib
दुख भंजनी बेरी के सुंदर दृश्य

दुख भंजनी बेरी साहिब – Gurudwara Dukhbhajni beri sahib

दुख भंजनी बेरी ट्री एक पुराना बेर का पेड़ है जिसे पवित्र माना जाता है और इसमें चमत्कारी शक्ति होती है। पेड़ अमृत सरोवर के पूर्वी तरफ स्वर्ण मंदिर परिसर में खड़ा है। किवदंती के अनुसार, पेड़ के पास तालाब में डुबकी लगाने से बीबी रजनी का कोढ़ी पति ठीक हो गया था। गुरु राम दास जी ने इस सरोवर को स्नान सरोवर में…

Continue Readingदुख भंजनी बेरी साहिब – Gurudwara Dukhbhajni beri sahib
Read more about the article स्वर्ण मंदिर हिस्ट्री इन हिंदी – श्री हरमंदिर साहिब का इतिहास
गोल्डन टेम्पल के फोटो

स्वर्ण मंदिर हिस्ट्री इन हिंदी – श्री हरमंदिर साहिब का इतिहास

स्वर्ण मंदिर क्या है? :- स्वर्ण मंदिर सिक्ख धर्म के अनुयायियों का धार्मिक केन्द्र है। यह सिक्खों का प्रमुख गुरूद्वारा और मुख्य तीर्थ स्थान है। जिसे श्री हरमंदिर साहिब के नाम से जाना जाता है। हरमंदिर साहिब गुरूद्वारे को गोल्डन टेम्पल या स्वर्ण मंदिर क्यों कहा जाता है? हरमंदिर साहिब के मुख्य भवन को सोने की पत्तरों से सुसज्जित किया गया है। इसलिए इसे…

Continue Readingस्वर्ण मंदिर हिस्ट्री इन हिंदी – श्री हरमंदिर साहिब का इतिहास
Read more about the article हजूर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – नांदेड़ साहिब का इतिहास
हजूर साहिब नांदेड़ के सुंदर दृश्य

हजूर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – नांदेड़ साहिब का इतिहास

हजूर साहिब गुरूद्वारा महाराष्ट्र राज्य के नांदेड़ जिले में स्थापित हैं। यह स्थान गुरु गोविंद सिंह जी का कार्य स्थल रहा है। यह सिक्ख धर्म के पांच प्रमुख तख्त साहिब में से एक है। जिसे तख्त सचखंड साहिब, श्री हजूर साहिब और नादेड़ साहिब के नाम से जाना जाता है। अपने इस लेख में हम नांदेड़ साहिब की यात्रा करेंगे और जानेगें--- हजूर साहिब…

Continue Readingहजूर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – नांदेड़ साहिब का इतिहास
Read more about the article आनंदपुर साहिब का इतिहास – आनंदपुर साहिब हिस्ट्री इन हिंदी
आनंदपुर साहिब के सुंदर दृश्य

आनंदपुर साहिब का इतिहास – आनंदपुर साहिब हिस्ट्री इन हिंदी

आनंदपुर साहिब, जिसे कभी-कभी बस आनंदपुर आनंद का शहर" कहा जाता है के रूप में संदर्भित किया जाता है, यह रूपनगर जिले (रोपड़) में एक शहर है, जो भारत के पंजाब राज्य में शिवालिक पहाड़ियों के किनारे स्थित है। सतलुज नदी के पास स्थित, यह शहर सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है, यह वह स्थान है जहाँ पिछले दो सिख…

Continue Readingआनंदपुर साहिब का इतिहास – आनंदपुर साहिब हिस्ट्री इन हिंदी
Read more about the article शीशगंज साहिब का इतिहास – शीशगंज गुरूद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी
शीशगंज साहिब गुरूद्वारे के सुंदर दृश्य

शीशगंज साहिब का इतिहास – शीशगंज गुरूद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी

गुरुद्वारा शीशगंज साहिब एक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण गुरुद्वारा है जो सिक्खों के नौवें गुरु तेग बहादुर को समर्पित है। जिन्होंने ने पहले गुरु नानक जी की भावना को जारी रखा। यह वह स्थान जहाँ गुरु तेगबहादुर जी को मुगल बादशाह औरंगजेब द्वारा फांसी देकर शहीद किया गया था। गुरुद्वारा शीश गंज साहिब पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक की घनी आबादी में स्थित है।…

Continue Readingशीशगंज साहिब का इतिहास – शीशगंज गुरूद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी
Read more about the article नानकमत्ता साहिब का इतिहास – नानकमत्ता गुरूद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी
नानकमत्ता साहिब के सुंदर दृश्य

नानकमत्ता साहिब का इतिहास – नानकमत्ता गुरूद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी

नानकमत्ता साहिब सिक्खों का पवित्र तीर्थ स्थान है। यह स्थान उतराखंड राज्य के उधमसिंहनगर जिले (रूद्रपुर) नानकमत्ता नामक नगर में स्थित है। यह पवित्र स्थान सितारगंज -- खटीमा मार्ग पर सितारगंज से 13 किमी और खटीमा से 15 किमी की दूरी पर स्थित है। सिक्खों के प्रथम गुरू नानक देव जी ने यहां की यात्रा की थी। इसलिए इस स्थान का महत्व बहुत बडा…

Continue Readingनानकमत्ता साहिब का इतिहास – नानकमत्ता गुरूद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी
Read more about the article हेमकुंड साहिब गुरूद्वारा – Hemkund Sahib Gurudwara history in hindi
हेमकुंड साहिब के सुंदर दृश्य

हेमकुंड साहिब गुरूद्वारा – Hemkund Sahib Gurudwara history in hindi

समुद्र तल से लगभग 4329 मीटर की हाईट पर स्थित गुरूद्वारा श्री हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) उतराखंड राज्य (Utrakhand state) के सीमांत district Chamoli में स्थित है। गोविंदघाट (Govindghat) से लगभग 12 किमी की पैदल यात्रा के बाद घोघरीया (Ghoghriya) नामक स्थान आता है। यहां से आगे 6 किमी की यात्रा में नैसर्गिक सौंदर्य को निहारते हुए हेमकुंड साहिब (Hemkund sahib) पहुंचा जाता है।…

Continue Readingहेमकुंड साहिब गुरूद्वारा – Hemkund Sahib Gurudwara history in hindi
Read more about the article पटना साहिब गुरूद्वारा का इतिहास – पटना साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी
पटना साहिब के फोटो

पटना साहिब गुरूद्वारा का इतिहास – पटना साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी

बिहार की राजधानी पटना शहर एक धार्मिक और ऐतिहासिक शहर है। यह शहर सिख और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक तीर्थ स्थल भी है। पटना साहिब को श्री गुरू नानक देव जी, श्री गुरू तेगबहादुर साहिब जी तथा श्री गुरू गोविन्द सिंह जी ने अपने पावन चरणों से पवित्र किया है। धार्मिक दृष्टि से पटना सिटी का महत्व, सिखों के दसवें व…

Continue Readingपटना साहिब गुरूद्वारा का इतिहास – पटना साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी