राणा मोकल के बाद उनके पुत्र महाराणा कुम्भा ने मेवाड़ के गौरवशाली राज्य-सिंहासन को सुशोभित किया। मेवाड़ के जिन महापराक्रमी राणाओं ने अपने अपूर्व वीरत्व, अद्वितीय स्वार्थत्याग आदि दिव्यगुणों से भारतवर्ष के इतिहास को उज्ज्वल किया है, उनमें महाराणा कुम्भाका आसन सर्वोपरि है। उन्होंने जो जो महान विजय प्राप्त की हैं, उनका न केवल मेवाड़ के इतिहास में, वरन भारतवर्ष के इतिहास में बड़ा…