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एरच का किला

एरच का किला किसने बनवाया था – एरच के किले का इतिहास हिन्दी में

उत्तर प्रदेश के झांसी जनपद में एरच एक छोटा सा कस्बा है। जो बेतवा नदी के तट पर बसा है, या स्थल झाँसी से 46 मील उत्तर पूर्व और गरौठा से 22 मील दूर है। यह स्थल गरौठा से पुन्छ मार्ग पर स्थित है यहाँ पर एक प्राचीन दुर्ग है जिसका पुरातात्कि महत्व है। जिसको एरच का किला के नाम से जाना जाता है। वर्तमान…

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चिरगाँव का किला

चिरगांव का किला किसने बनवाया – चिरगांव किले का इतिहास का इतिहास

चिरगाँव झाँसी जनपद का एक छोटा से कस्बा है। यह झाँसी से 48 मील दूर तथा मोड से 44 मील दूर झाँसी कानपुर मार्ग पर स्थित है। इसी चिरगांव में यह किला स्थित है, जिसे चिरगांव का किला कहा जाता है। चिरगांव का किला का इतिहास बुन्देलो के शासन काल में यह प्रशासन का मुख्यालय था, और बुन्देलों को इस समय…

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बरूआ सागर का किला

बरूआ सागर का किला – बरूआसागर झील का निर्माण किसने और कब करवाया

बरूआ सागर झाँसी जनपद का एक छोटा से कस्बा है। यह मानिकपुर झांसी मार्ग पर है। तथा दक्षिण पूर्व दिशा पर स्थित हैं। झांसी से बरूआसागर की दूरी 19 किलोमीटर है। बरूआ सागर रेलवे स्टेशन से बरूआ सागर का किला दो मील दूर है। बरूआसागर का इतिहास बरूआ सागर एक ऐतिहासिक स्थल है। इस स्थल पर सन्‌ 1744 में पेशवा की सेनाओं का…

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जैतपुर का किला या बेलाताल का किला

जैतपुर का किला या बेलाताल का किला या बेलासागर झील हिस्ट्री इन हिन्दी,

जैतपुर का किला उत्तर प्रदेश के महोबा हरपालपुर मार्ग पर कुलपहाड से 11 किलोमीटर दूर तथा महोबा से 32 किलोमीटर दूर और हमीरपुर से 117 किलोमीटर दूर है। यहाँ झाँसी मानिकपुर मार्ग पर एक रेलवे स्टेशन भी है। जिसे बेलाताल के नाम से जाना जाता है। यह जैतपुर से 3 किलोमीटर दूर है। जैतपुर किले को बेलाताल का किला या बेलासागर का किला के नाम…

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सिरसागढ़ का किला

सिरसागढ़ का किला – बहादुर मलखान सिंह का किला व इतिहास हिन्दी में

सिरसागढ़ का किला कहाँ है? सिरसागढ़ का किला महोबा राठ मार्ग पर उरई के पास स्थित है। तथा किसी युग में यह दुर्ग चन्देल शासकों के अधिकार में था। किन्तु जब पृथ्वीराज चौहान ने महोबा क्षेत्र पर विजय प्राप्त कर ली उस समय सिरसागढ़ पृथ्वीराज चौहान के हाथो में चला गया। इस दुर्ग की रक्षा के लिये मलखान सिंह नाम का एक बहादुर सैनिक रहा…

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महोबा का किला

महोबा का किला – महोबा दुर्ग का इतिहास – आल्हा उदल का महल

महोबा का किला महोबा जनपद में एक सुप्रसिद्ध दुर्ग है। यह दुर्ग चन्देल कालीन है इस दुर्ग में कई अभिलेख भी उपलब्ध होते है। इन अभिलेखो में चन्देलवशांवली नन्‍नुक देव से लेकर परमार्दिदेव तक की उपलब्धि होती है। अभी तक यह सुनिश्चित नहीं हो पाया कि इस दुर्ग का वास्तविक निर्माणकर्ता कौन था। यह दुर्ग मानिकपुर झाँसी मार्ग पर महोबा मुख्यालय से कुछ दूर विजय…

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कल्याणगढ़ का किला मंदिर व बावली

कल्याणगढ़ का किला मानिकपुर चित्रकूट उत्तर प्रदेश, कल्याणगढ़ दुर्ग का इतिहास

कल्याणगढ़ का किला, बुंदेलखंड में अनगिनत ऐसे ऐतिहासिक स्थल है। जिन्हें सहेजकर उन्हें पर्यटन की मुख्य धारा से जोडा जा सकता है। चाहे गुप्तकाल हो, चंदेलकाल हो या फिर मुगलकाल सभी से जुडे हुए ऐतिहासिक स्थल इस इलाके में मौजूद है। ऐसे ही कई स्थल है श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट में। फिलहाल इन स्थानों के बारेमें ना तो किसी इतिहासकार ने ठीक ढंग लिखा है…

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भूरागढ़ का किला

भूरागढ़ का किला – भूरागढ़ दुर्ग का इतिहास – भूरागढ़ जहां लगता है आशिकों का मेला

भूरागढ़ का किला बांदा शहर के केन नदी के तट पर स्थित है। पहले यह किला महत्वपूर्ण प्रशासनिक स्थल था। वर्तमान समय में इसका विध्वंश हो चुका है। महाराजा छत्रसाल के शासनकाल से लेकर 1857 की क्रान्ति तक इस दुर्ग का ऐतिहासिक महत्व रहा है। बाँदा का यह दुर्ग बाँदा महोबा मार्ग पर स्थिति है। भूरागढ़ का किला का इतिहास इन हिन्दी …

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रनगढ़ दुर्ग या जल दुर्ग

रनगढ़ दुर्ग – रनगढ़ का किला या जल दुर्ग या जलीय दुर्ग के गुप्त मार्ग

रनगढ़ दुर्ग ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण प्रतीत होता है। यद्यपि किसी भी ऐतिहासिक ग्रन्थ में इस दुर्ग के सन्दर्भ में यह उल्लेख प्राप्त नही होता कि रनगढ़ दुर्ग का निर्माता कौन था। तथा किस शासन काल में इस दुर्ग का निर्माण हुआ। रनगढ़ का किला बांदा जनपद की नरैनी तहसील से मऊ रिसौरा गाँव की सीमा से काफी चलकर केन नदी के…

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खत्री पहाड़ का दुर्ग व मंदिर

खत्री पहाड़ विंध्यवासिनी देवी मंदिर तथा शेरपुर सेवड़ा दुर्ग व इतिहास

उत्तर प्रदेश राज्य के बांदा जिले में शेरपुर सेवड़ा नामक एक गांव है। यह गांव खत्री पहाड़ के नाम से विख्यात है। जहां विंध्यवासिनी देवी का मंदिर है। इसके अलावा शेरपुर सेवडा में एक प्राचीन दुर्ग भी है। इसका महत्व अति प्राचीनकाल से है महाभारतकाल में यह चेदि देश की राजधानी थी तथा इसका प्राचीन नाम शुक्ति मती नगरी था तथा यहाँ के नरेश का…

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