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बहराइच आकर्षक स्थलों के सुंदर दृश्य

बहराइच का इतिहास – बहराइच जिले के आकर्षक, पर्यटन, धार्मिक स्थल

बहराइच जिला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के प्रमुख जिलों में से एक है, और बहराइच शहर जिले का मुख्यालय है। बहराइच जिला देवीपाटन मंडल का एक हिस्सा है। बहराइच ऐतिहासिक अवध क्षेत्र में है। यह जिला उत्तर और उत्तर-पूर्व में नेपाल से अपनी सीमाएं साझा करता है। बहराइच जिले का शेष भाग उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों से घिरा हुआ है। पश्चिम में…

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कोंच का इतिहास

कोंच का इतिहास आर्थिक व सामाजिक दशा

उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन जिले में कोंच नगर स्थित है, यह जिले में एक तहसील है जोकि जालौन जनपद का दक्षिणी पश्चिमी चौथाई भाग है तथा यह 25°-51° और 26°-15° उत्तरी अक्षांश एवं 78°-56° और 79°18° पूर्वी देशान्तर के मध्य बसा हुआ है। यहाँ पर यह भी उल्लेखनीय है कि कोंच नगर जो कि उरई जिला मुख्यालय से पश्चिम की ओर 28 किमी० की…

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अक्षरा देवी सिद्ध पीठ सैदनगर

अक्षरा देवी सिद्ध पीठ कहां है – अक्षरा सिद्ध पीठ का इतिहास

अक्षरा देवी सिद्ध पीठ उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के उरई नगर से 26 किलोमीटर की दूरी पर सैदनगर में स्थित है। सिद्ध नगर जिसे अब सैदनगर के नाम से जाना जाता है उरई झाँसी राजमार्ग पर एट कस्बे से अक्षरा देवी सिद्ध पीठ तक पहुँचने के लिए रास्ता जाता है। सिद्धपीठ की त्रिगुणात्मक शक्ति से भरपूर यह सिद्ध नगर अपने अतीत की कहानी कहता…

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भैरव जी मंदिर रामपुरा

भैरव जी मंदिर रामपुरा जालौन उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन जिले में भैरव जी मंदिर रामपुरा से 3 कि०मी० दूर दक्षिण पश्चिम दिशा में स्थित है यह मन्दिर मन्दिर के अवशेषों के साथ इसके आस-पास अन्य भी अवशेष हैं जो यहाँ पर पुराने भवनों के होने का संकेत देते हैं। इसी भैरव जी मन्दिर के उत्तर पूर्व की ओर एक विशाल समाधि भी बनी है जो कि गूदड़ बाबा की…

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रामेश्वर मंदिर माधौगढ़

माधौगढ़ का रामेश्वर मन्दिर जालौन उत्तर प्रदेश

रामेश्वर मन्दिर माधौगढ़ कस्बे के रामस्वरूप लाला के बाग में स्थित है। माधौगढ़ उत्तर प्रदेश के जालौन जिले का एक प्रसिद्ध नगर है। पहले यह स्थान नजर बाग के नाम से जाना जाता था जो कि माधौगढ़ के राजा माधौसिंह की सम्पत्ति था। रामेश्वर मंदिर माधौगढ़ में बहुत प्राचीन काल से है। लोगों में मंदिर के प्रति गहरी श्रृद्धा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां…

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करण खेड़ा मंदिर जालौन

करण खेड़ा मंदिर जालौन – करण खेड़ा का इतिहास व दर्शनीय स्थल

करण खेड़ा वर्तमान में जालौन जिले में नवगठित माधौगढ़ तहसील के ग्राम जगम्मनपुर के उत्तर पूर्व में लगभग 3 किलोमीटर दूर में स्थित है इस करण खेड़ा के उत्तर में लगभग 2 किलोमीटर दूर यमुना की कल कल करती जल धारा बहती है। यह स्थान श्री श्री 1008 बजरंगदास महाराज के स्थान के लिए जाना जाता है। करण खेडा का इतिहास देखने से पता चलता…

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द्वारकाधीश मंदिर जालौन

द्वारकाधीश मंदिर जालौन उत्तर प्रदेश

द्वारकाधीश मंदिर जालौन नगर के मुरली मनोहर नामक मुहल्ले में स्थित है यह उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध मंदिर है । द्वारकाधीश मन्दिर जालौन का निर्माण सन 1880 से 1885 के बीच सेठ चतुर्भुज दास मारवाड़ी पुत्र श्री नत्थूलाल मारवाड़ी द्वारा कराया गया। सेठ चतुर्भुज दास, ग्राम बाउली से गोद आये थे। इनके पूर्वज मूल रूप से जैसलमेर (राजस्थान) के निवासी थे। द्वारकाधीश मन्दिर के…

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खुर्रम शाह दरगाह कोंच

खुर्रम शाह दरगाह कोंच या तकिया खुर्रम शाह कोंच जालौन

अल्लाताला के एक मजनू थे। वली खुर्रम शाह जिन्हें खुदा की बख्शी तमाम रूहानी ताकतें हासिल थी जिनके जरिये वो अवाम में खुशियाँ बाँटते फिरते थे। उन्हीं की यादगार में उन्हीं की रूहानी ताकतों से भरापूरा यह खुर्रम शाह दरगाह उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कोंच के आजाद नगर मुहल्ले में बना है। जहां बड़ी संख्या में जुमेरात को जियारिन जियारत करने आते हैं।…

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बारह खंभा कोंच

बारह खंभा कोंच – बारह खंभा का इतिहास

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में कोंच नगर के मुहल्ला भगत सिंह नगर में यह बारह खंभा भवन स्थित हैं तथा इसके बगल में एक राम तलइया स्थित हैं और राम तलइया के बगल में मुहाल आराजी लाइन में आठ खंभा स्थित हैं। बारभ खंभा एक ऐतिहासिक इमारत है। बारह खंभा का इतिहास दिल्ली सम्राट पृथ्वीराज चौहान सिरसागढ़़ में मलखान को…

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पातालेश्वर मंदिर कालपी धाम

पातालेश्वर मंदिर कालपी धाम जालौन उत्तर प्रदेश

जालौन जिले के कालपी नगर में यमुना नदी के दक्षिणी किनारे पर कालपी किले के पश्चिमी भाग पर यह पातालेश्वर मन्दिर स्थित है । इस पातालेश्वर नाम के शिवलिंग की अत्याधिक मान्यता है। यह शिवाला किलागिर्द मुहाल में किले के समीप बना हुआ है जिसमें शिवजी की मूर्ति कुछ निचाई में स्थित है जहाँ बहुत ठंडक रहती है। पातालेश्वर मंदिर का इतिहास…

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कुम्भज ऋषि

कुम्भज ऋषि कौन थे – कुम्भज ऋषि आश्रम जालौन

उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन की कालपी तहसील के अन्तर्गत उरई से उत्तर - पूर्व की ओर 32 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम कुरहना बसा हुआ है। इस ग्राम के विषय में यह जनश्रुति है कि कुम्भज ऋषि का आश्रम यहीं पर था। कुम्भज ऋषि का इतिहास महाभारत में कुम्भज ऋषि का वर्णन मिलता है। कुम्भज और वशिष्ट मुनि दोनो भाई भाई…

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सूर्य मंदिर कालपी

सूर्य मंदिर कालपी – कालपी सूर्य मंदिर का इतिहास

सूर्य मंदिर जालौन जिले में कालपी के पूर्व की ओर स्थित ग्राम गुलौली में विद्यमान था। आज उसके भग्नावशेष रह गये हैं। यह गुलौली ग्राम यमुना के दक्षिणी किनारे पर बसा हुआ है। विश्व के सभी देशों में सूर्य की मान्यता आदि काल से चली आ रही है।आदि मानव ने भी किसी न किसी रूप में सूर्य के प्रति अपना मस्तक झुकाया है। सूर्य की…

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श्री बटाऊ लाल मंदिर कालपी

श्री बटाऊ लाल मंदिर कालपी जालौन उत्तर प्रदेश

श्री बटाऊ लाल मंदिर कालपी नगर के मुहल्ला अदल सराय जालौन उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह मंदिर महाबली हनुमान जी को समर्पित है। हनुमान जी के एक अन्य नाम बटाऊ लाल से ख्याति प्राप्त यह अत्यन्त सिद्ध स्थान है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां मनोकामनाएं पूर्ति हेतु आते हैं। श्री बटाऊ लाल मंदिर का इतिहास श्री बटाऊ लाल मंदिर का…

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पाहूलाल मंदिर कालपी

पाहूलाल मंदिर कालपी – पाहूलाल मंदिर का इतिहास

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले की कालपी तहसील के कालपी नगर में मुहल्ला अदल सराय में पाहूलाल मंदिर स्थित है। वर्तमान में यह मुहल्ला बड़ा बाजार नाम से जाना जाता है। परन्तु अदल सराय कालपी के प्राचीन 52 मुहल्लों में से एक था। इस मंदिर का निर्माण श्री पाहूलाल खत्री द्वारा किया गया था अतः इसे पाहूलाल मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस…

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चौरासी गुंबद कालपी

चौरासी गुंबद कालपी – चौरासी गुंबद का इतिहास

चौरासी गुंबद यह नाम एक ऐतिहासिक इमारत का है। यह भव्य भवन उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन जिले में यमुना नदी के दक्षिणी तट पर बसी कालपी नगरी के दक्षिणी किनारे पर कालपी उरई रोड पर स्थित है। यह चौरासी गुंबद अत्यन्त प्राचीन है। चौरासी गुंबद कालपी की ऐतिहासिक इमारतों में से एक उल्लेखनीय इमारत है। चौरासी गुंबद का इतिहास चौरासी…

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मदार साहब का चिल्ला

मदार साहब की दरगाह – मदार साहब का इतिहास

जालौन जिले के कालपी नगर को फकीरों और पीरों का शहर माना जाता है। यहाँ पर पीरों के पीर मदार साहब थे। जिन्हें बदरूद्दीन शाह अली के नाम से जाना जाता है । कालपी के विख्यात मुहल्ला मदारपुरा में इनकी मदार साहब की दरगाह है। जिसे मदार साहब का चिल्ला के नाम से भी जाना जाता है। यह मुहल्ला कालपी के प्राचीन बावन मुहल्ले में…

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गणेश मंदिर कालपी

गणेश मंदिर कालपी – गणेश मंदिर का इतिहास

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कालपी नगर के गणेश गंज मुहल्ले में गणेश मंदिर कालपी स्थित है। गणेश मंदिर कालपी रेलवे स्टेशन से लगभग दो 'फर्लांग की दूरी है। गणेश गंज मुहल्ला कालपी के प्राचीन 52 मुहल्लों में से एक है। यह गणेश मंदिर कालपी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। गणेश मंदिर कालपी का इतिहास यह मन्दिर मरहठा…

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पराशर ऋषि आश्रम

पराशर ऋषि का आश्रम व मंदिर – पराशर ऋषि का जीवन परिचय

जालौन जिले की कालपी तहसील के अन्तर्गत जीवन दायिनी विन्ध्यगिरि पुत्री वेत्रवती (वेत॒वा) के तट पर बसे एक छोटे से ग्राम का नाम है परासन या परसन। परासन एवं इसके आसपास का क्षेत्र तपोनिष्ठ एवं पावन क्षेत्र है। इस पंचकोसीय क्षेत्र में परिक्रमा करके लोग पुण्य के भागीदार बनते हैं क्‍योंकि यह क्षेत्र मार्कण्डेय ऋषि, बाल्मीकि ऋषि, च्यवन ऋषि, कर्दम ऋषि, वशिष्ठ ऋषि व…

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श्री रोपड़ गुरु मंदिर अकबरपुर इटौरा

रोपड़ गुरू मंदिर इटौरा कालपी – श्री रोपड़ गुरु मंदिर का इतिहास

उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन जनपद की कालपी तहसील में बसे एक ग्राम का नाम है "गुरू का इटौरा है। यह ग्राम कालपी से दक्षिण की ओर 8 मील तथा उरई से उत्तर पूर्व की ओर 16 मील की दूरी पर बसा हुआ है। 'गुरू का इटौरा ” नाम स्वतः यह इंगित करता है वह इटौरा जो गुरू का स्थान हो अर्थात्‌ जहाँ गुरू का…

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काली हवेली कालपी

काली हवेली कालपी – क्रांतिकारी मीर कादिर की हवेली

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के ऐतिहासिक कालपी नगर के महमूद मुहल्ले में काली हवेली स्थित है। यह महमूदपुरा मुहल्ला कालपी के प्राचीन 52 मुहल्लों में से एक है। यह हवेली अब वर्तमान में इमामबाड़ा के रूप में उपयोग में लाई जा रही है। काली हवेली का इतिहास यह काली हवेली नसीरूद्दीन वल्द अहमद बख्स के नाम नगर पालिका कालपी के…

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सुभानगुंडा की हवेली

सुभानगुंडा की हवेली – हजरत शेख अहमद नागौरी दरगाह

जालौन जिले के कालपी में मुहल्ला हरीगंज में ये सुभानगुंडा की हवेली स्थित है । कालपी किले के पश्चात्‌ काली देवी का मन्दिर पडता है उससे आगे बढ़ने पर बहुत से खण्डहर दिखाई पडते है। वही उनमें से एक प्रसिद्ध भवन सुभानगुंडा की हवेली है। हवेली सुभानगुंडा के नाम से जाने वाले भवन का निर्माण शेख अहमद नागौरी द्वारा किया गया था। आज यह भवन…

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लक्ष्मीनारायण बावड़ी मंदिर

लक्ष्मीनारायण बावड़ी मंदिर जालौन उत्तर प्रदेश

यह बावड़ी जालौन नगर के उत्तरी पश्चिमी सीमा में लक्ष्मी नारायण मन्दिर के करीब पश्चिम में स्थित है। यह एक ऐतिहासिक बावड़ी है। लक्ष्मी नारायण मंदिर को भी बावड़ी के नाम से जाना जाता है, या यूं भी कह सकते हैं इस बावड़ी को लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से जाना जाता है, क्यों कि लोग इस स्थान को जहां ये दोनों चीजें स्थित है,…

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श्री दरवाजा कालपी

श्री दरवाजा कालपी – श्री दरवाजे का इतिहास

भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन जिले में कालपी एक ऐतिहासिक नगर है, कालपी स्थित बड़े बाजार की पूर्वी सीमा पर यह श्री दरवाजा स्थित है। यह दरवाजा अपना एक ऐतिहासिक महत्व रखता है। राजा श्रीचन्द्र की शहादत में बना यह श्री दरवाजा दर्शनार्थियों को बरबस अपनी ओर खींच लेता है। श्री दरवाजा का इतिहास श्री दरवाजा का इतिहास स्पष्ट…

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रंग महल कालपी

रंग महल कहा स्थित है – बीरबल का रंगमहल

उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन जिले के कालपी नगर के मिर्जामण्डी स्थित मुहल्ले में यह रंग महल बना हुआ है। जो आज भी बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक बादशाह बीरबल की न्याय प्रियता व विनोदी स्वभाव की स्मृति दिलाता है। बीरबल का रंग महल कालपी के ऐतिहासिक भवनों में से एक है। इसे बीरबल का किला या बीरबल का महल के नाम से…

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गोपालपुरा का किला जालौन

गोपालपुरा का किला जालौन – गोपालपुरा का इतिहास

गोपालपुरा जागीर की अतुलनीय पुरातात्विक धरोहर गोपालपुरा का किला अपने तमाम गौरवमयी अतीत को अपने आंचल में संजोये, वर्तमान जालौन जनपद की कोंच तहसील में स्थित है। जनपद के उत्तरी पश्चिमी कोने पर पहूज नदी के किनारे अपनी अपूर्व-छटा बिखेरता हुआ यह किला जनपद मुख्यालय उरई से पश्चिम की ओर जनपद के वृहदतम ग्राम बंगरा से होते हुए मात्र 44कि०मी० की दूरी पर अपने भग्नावशेषों…

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रामपुरा का किला

रामपुरा का किला और रामपुरा का इतिहास

जालौन जिला मुख्यालय से रामपुरा का किला 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 46 गांवों की जागीर का मुख्य केन्द्र रामपुरा में स्थित यह रामपुरा फोर्ट निश्चित ही एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक धरोहर है। जो आज तक क्षत्रियों के राजवंशीय कछवाहा जो रामदेव के समकालीन थे, के संघर्ष साहस शौर्य का प्रतीक है तथा तत्कालीन भवन निर्माण कलाका उत्कृष्ट नमूना प्रदर्शित करता है। …

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जगम्मनपुर का किला

जगम्मनपुर का किला – जगम्मनपुर का इतिहास

उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन जिले में यमुना के दक्षिणी किनारे से लगभग 4 किलोमीटर दूर बसे जगम्मनपुर ग्राम में यह किला स्थित है जोकि जगम्मनपुर का किला के नाम से जाना जाती है। जगम्मनपुर का इतिहास देखें तो पता चलता है कि यह किला राजा जगम्मनशाह द्वारा 1593 ई० में उस समय बनवाया गया था जब उनका कनार स्थित किला ध्वस्त हो गया था।…

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इलाहाबाद का किला

प्रयागराज का किला – इलाहाबाद का किला किसने बनवाया

इलाहाबाद का किला जो यमुना तट पर स्थित है, इस किले साथ अकबर के समय से लेकर अंग्रेज़ों के पतन तक का इतिहास ही सीमित नहीं है, किन्तु इसका सम्बन्ध बौद्ध कालीन संस्कृति के साथ भी जुडा हुआ है। इतिहास से प्रकट होता है कि ह्वेनसांग नाम के एक चीनी यात्री ने सन् 643 ई० में प्रयागराज की यात्रा की थी। उसने अपनी यात्रा…

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भातखंडे संगीत विद्यालय

भातखंडे संगीत विद्यालय का इतिहास

भारतीय संगीत हमारे देश की आध्यात्मिक विचारधारा की कलात्मक साधना का नाम है, जो परमान्द तथा मोक्ष की प्राप्ति के लिए है परन्तु उत्तर मध्यकाल के विलासी वातावरण में संगीत कला को भोग-विलास की सामग्री बना कर कोठों पर पहुंचा दिया गया था और इस तरह उसे देह व्यवसाय के साथ जोड़ा जा चुका था। इसके मर्यादाहीन हो जाने के बाद सभ्य समाज गायन-वादन…

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क्राइस्ट चर्च लखनऊ

क्राइस्ट चर्च लखनऊ का इतिहास हिन्दी में

नवाबों के शहर लखनऊ को उत्तर प्रदेश में सबसे धर्मनिरपेक्ष भावनाओं, संस्कृति और विरासत वाला शहर कहा जा सकता है। धर्मनिरपेक्ष मानसिकता नवाबों के समय से ही लखनवियों में गहरी पैठ रही है, जिन्होंने सच्चे लखनवी आवाम (जनता) के लिए पोशाक और अभिवादन का एक समान कोड भी पेश किया था।लखनऊ शहर न केवल अपनी राजसी मस्जिद और भव्य मंदिर के लिए प्रसिद्ध है; इसे उत्तर भारत…

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मूसा बाग लखनऊ

मूसा बाग लखनऊ जहां स्थित है एक चूहे का मकबरा

लखनऊ एक शानदार ऐतिहासिक शहर है जो अद्भुत स्मारकों, उद्यानों और पार्कों का प्रतिनिधित्व करता है। ऐतिहासिक स्मारक ज्यादातर अवध के नवाबों और ब्रिटिश राज के शासनकाल के दौरान बनाए गए थे। शहर के स्मारक समृद्ध नवाबी युग की प्रतीकात्मक आभा को चित्रित करते हैं। बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा और रूमी दरवाजा जैसे कुछ नाम गौरवशाली नवाबी काल की प्रमुख पहचान हैं, जिसने नवाबों के शहर…

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राज्य संग्रहालय लखनऊ

राज्य संग्रहालय लखनऊ का इतिहास हिन्दी में

लखनऊ के राज्य संग्रहालय का इतिहास लगभग सवा सौ साल पुराना है। कर्नल एबट जो कि सन्‌ 1862 में लखनऊ के मंडलायुक्‍त थे, उनके दिमाग में यह ख्याल आया कि क्‍यों न प्रदेश की प्राचीन परम्पराओं व जन जीवन से ताल्लुक रखने वाली वस्तुओं को इकट्ठा किया जाए। आखिरकार सन्‌ 1863 ई० को छोटी छतर मंजिल में राज्य संग्रहालय लखनऊ की स्थापना हुई।…

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चारबाग रेलवे स्टेशन

चारबाग रेलवे स्टेशन का इतिहास – मुस्कुराइए आप लखनऊ में है

चारबाग स्टेशन की इमारत मुस्कुराती हुई लखनऊ तशरीफ लाने वालों का स्वागत करती है। स्टेशन पर कदम रखते ही कहीं न कहीं लिखा अवश्य देखा जा सकता है-- मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं। कोई मुस्कुराइए या न मुस्कुराइए लेकिन चारबाग स्टेशन की इस भव्य और खूबसूरत इमारत को देखकर उँगली जरूर उनके दांतों तले दबकर रह जाती है। लखनऊ जिसे बागो का…

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लखनऊ की मस्जिदें

लखनऊ की मस्जिदें – लखनऊ की ऐतिहासिक मस्जिद

लखनऊ उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी है, और भारत का एक ऐतिहासिक महानगर है। लखनऊ को नवाबों का शहर कहा जाता है। कहा भी क्यों न जाएं इस शहर पर नवाबों ने 1720 से लेकर 1856 तक शासन किया। अपने शासन के दौरान नवाबों ने यहां बहुत सी ऐतिहासिक इमारतें बनवाई, जिनमें कोठी, महल, दरवाजें, मकबरे, बाग, मस्जिद आदि प्रमुख हैं। नवाबों ने अपने…

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दिलकुशा कोठी

दिलकुशा कोठी कहां है – दिलकुशा कोठी किस लिए प्रसिद्ध है

दिलकुशा कोठी, जिसे "इंग्लिश हाउस" या "विलायती कोठी" के नाम से भी जाना जाता है, लखनऊ में गोमती नदी के तट पर स्थित एक ऐतिहासिक स्मारक है। कभी शानदार कोठी, आज खंडहर में है और स्मारक केवल उद्यान क्षेत्र के लिए जाना जाता है, जिसे दिलकुशा गार्डन कहा जाता है जिसका उपयोग विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों के लिए किया जाता है। लेकिन विरासत प्रेमी अब खुशी…

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जेके मंदिर

जेके मंदिर कहां है? – जेके मंदिर का निर्माण किसने करवाया

किसी भी अन्य भारतीय शहर की तरह, कानपुर में कई मंदिर हैं जो कानपुर शहर के लोगों के धार्मिक झुकाव का प्रतीक हैं। इनमें से राधाकृष्ण मंदिर को सुरुचिपूर्ण ढंग से डिजाइन किया गया है जिसे लगभग 54 साल पहले जेके ट्रस्ट द्वारा बनाया गया था। कानपुर के प्रसिद्ध सिंघानिया परिवार ने राधाकृष्ण मंदिर का निर्माण कराया है। मंदिर को आमतौर पर जेके मंदिर के रूप…

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गोमती रिवर फ्रंट

गोमती रिवर फ्रंट – एक सुहानी शाम गोमती के नाम

लखनऊ शहर कभी गोमती नदी के तट पर बसा हुआ था। लेकिन आज यह गोमती नदी लखनऊ शहर के बढ़ते विस्तार के कारण लगभग शहर के बीचों बीच आ गई है। कभी गोमती नदी स्वस्छ और निर्मल जल से परिपूर्ण होती थी। लेकिन समय के प्रभाव के साथ साथ गोमती नदी की दुर्गति होती गई। इसका स्वच्छ जल गंदे जल में परिवर्तित होने लगा, क्यों…

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अंबेडकर पार्क लखनऊ

अंबेडकर पार्क लखनऊ में गुजारे एक हसीन शाम

नवाबों का शहर लखनऊ समृद्ध ऐतिहासिक अतीत और शानदार स्मारकों का पर्याय है, उन कई पार्कों और उद्यानों को नहीं भूलना चाहिए जिनके लिए शहर को कभी-कभी "बागों का शहर" कहा जाता है। शहर की अनोखी शामों के बारे में कुछ बहुत ही रोचक बातें हैं जो अपने तरीके से अजीब हैं। कई इतिहासकार लखनऊ शहर में शाम के शानदार आकर्षण से इतने प्रभावित हुए…

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वाटर पार्क इन लखनऊ

वाटर पार्क इन लखनऊ – लखनऊ में वाटर पार्क

लखनऊ शहर जिसे "बागों और नवाबों का शहर" (बगीचों और नवाबों का शहर) के रूप में जाना जाता है, देश के कुछ सबसे विशाल उद्यानों का दावा करता है। नवाबों के महल परिसरों के भीतर फलदार वृक्षों, बहते पानी के फव्वारे और सुगंधित फूलों के साथ स्थित शानदार उद्यानों ने शहर को पूरे देश में प्रसिद्ध बना दिया है। आज, बगीचों में पानी के…

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काकोरी शहीद स्मारक

काकोरी कांड कहां हुआ था – काकोरी शहीद स्मारक कहा है

उत्तर प्रदेश राज्य में लखनऊ से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा नगर काकोरी अपने दशहरी आम, जरदोजी कढ़ाई के काम और काकोरी कबाब के लिए व्यापक रूप से जाना जाता है। यह शहर उर्दू साहित्य, कविता और कादिरिया कलंदरी सूफी आदेश का केंद्र भी है। हालांकि, बहुत से लोग इस बात से अवगत नहीं हो सकते हैं कि काकोरी ब्रिटिश शासन…

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कतर्नियाघाट सेंचुरी

कतर्नियाघाट सेंचुरी – कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य

प्रकृति के रहस्यों ने हमेशा मानव जाति को चकित किया है जो लगातार दुनिया के छिपे रहस्यों को उजागर करने का प्रयास करती है। एक वन्यजीव अभयारण्य का भ्रमण हमें इस दुनिया के करीब ले जा सकता है और रोजमर्रा की जिंदगी की भागदौड़ से दूर हमारे मन मस्तिष्क को तरोताज़ा कर सकता है। भारत में कई प्रसिद्ध वन्यजीव अभ्यारण्य हैं जिनमें वनस्पतियों और…

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नवाबगंज पक्षी विहार

नवाबगंज पक्षी विहार कहा स्थित है – नवाबगंज बर्ड सेंचुरी इन हिन्दी

लखनऊ में सर्दियों की शुरुआत के साथ, शहर से बाहर जाने और मौसमी बदलाव का जश्न मनाने की आवश्यकता महसूस होने लगती है। एक आनंदमयी यात्रा पर जाने का आदर्श समय वह समय है जब गुलाबी सर्दियां बस मूड सेट करना शुरू कर देती हैं। लखनऊ वासियों के लिए निकटतम और सबसे अधिक मांग वाले गंतव्य में से एक प्रसिद्ध नवाबगंज पक्षी विहार है। नवाबगंज…

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बिठूर दर्शनीय स्थल

बिठूर आकर्षक स्थल जहां हुआ था लव और कुश का जन्म

धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व वाले शहर बिठूर की यात्रा के बिना आपकी लखनऊ की यात्रा पूरी नहीं होगी। बिठूर एक सुरम्य नगर है, जो गंगा नदी के तट पर स्थित है, जो राजधानी लखनऊ से 18 किलोमीटर की दूरी पर कन्नौज रोड पर स्थित है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस पवित्र बस्ती को भगवान विष्णु द्वारा आकाशगंगा के पुनर्निर्माण के दौरान भगवान ब्रह्मा…

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लखनऊ चिड़ियाघर

लखनऊ चिड़ियाघर शहर के बीच प्राणी उद्यान

एक भ्रमण सांसारिक जीवन और भाग दौड़ वाली जिंदगी से कुछ समय के लिए आवश्यक विश्राम के रूप में कार्य करता है और नई ऊर्जा का संचार करता है। जब एक यात्रा में आनंद के साथ साथ ज्ञान को सीखने का मौका मिले तो यह एक बोनस पांवाइंट है, और सोने पे सुहागा जैसा है। इसलिए, यदि आप लखनऊ शहर की यात्रा पर हैं, तो…

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जनेश्वर मिश्र पार्क

जनेश्वर मिश्र पार्क लखनऊ – कुछ पल शुद्ध वातावरण में

लखनऊ में हमेशा कुछ खूबसूरत सार्वजनिक पार्क रहे हैं। जिन्होंने नागरिकों को उनके बचपन और कॉलेज के दिनों से लेकर उस समय तक की अनगिनत यादें दी हैं जब उनकी शादी हुई और बाद में अपने बच्चों को उन्हीं पार्कों में ले गए। कोई भी लखनऊ वासी अनुमान लगा सकता है, हम अपने बुद्ध पार्क, हाथी पार्क, निंबू पार्क, ग्लोब पार्क और अन्य लोकप्रिय पार्को के…

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लाल बारादरी

लाल बारादरी लखनऊ – लाल बारादरी का इतिहास

इस निहायत खूबसूरत लाल बारादरी का निर्माण सआदत अली खांने करवाया था। इसका असली नाम करत्न-उल सुल्तान अर्थात- नवाबों का महल' है। अपने लाल रंग के कारण यह लाल बारादरी के नाम से मशहूर हो गयी। इसके हाल में नवाब सआदत अली खां का दरबार चलता था। दरोगा अब्बास अली बेग के अनुसार-- लखनऊ का सबसे विशाल दरबार लाल बारादरी में हो आयोजित…

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सफेद बारादरी

सफेद बारादरी लखनऊ शोक से खुशियों तक का सफर

लखनऊ वासियों के लिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है यदि वे कहते हैं कि कैसरबाग में किसी स्थान पर शादी हो रही है और आपका सवाल आता है - "क्या यह सफेद बारादरी में है?" लखनऊ शहर के कैसरबाग क्षेत्र में अन्य ऐतिहासिक स्मारकों के बीच भव्य सफेद संरचना के लिए आकर्षण ऐसा ही है। बहुत कम लोग जानते हैं कि इन दिनों…

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मकबरा सआदत अली खां

मकबरा सआदत अली खां लखनऊ – नवाब सआदत अली खां की कब्र

उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ बहुत ही मनोरम और प्रदेश में दूसरा सबसे अधिक मांग वाला पर्यटन स्थल, गोमती नदी के सुरम्य तट के साथ फैला हुआ है। सांस्कृतिक रूप से समृद्ध यह शहर अपने गौरवशाली अतीत, उम्दा बोलचाल, सुरुचिपूर्ण ढंग और उर्दू शायरी के लिए उतना ही जाना जाता है, जितना कि यह अपने राजसी स्मारकों के लिए जाना जाता है। अवध के…

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भूल भुलैया

भूल भुलैया का रहस्य – भूल भुलैया का निर्माण किसने करवाया

इस बात की प्रबल संभावना है कि जिसने एक बार भी लखनऊ की यात्रा नहीं की है, उसने शहर के अदब और तहज़ीब के बारे में बहुत कुछ सुना होगा। यही बात भूल भुलैया पर भी लागू होती है! बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है, विशेष रूप से भूल भुलैया, जो साल के लगभग हर दिन भारी भीड़ खींचता है। विशाल स्मारक…

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रूमी दरवाजा

रूमी दरवाजा का इतिहास – रूमी दरवाजा किसने बनवाया था?

1857 में भारतीय स्वतंत्रता के पहले युद्ध के बाद लखनऊ का दौरा करने वाले द न्यूयॉर्क टाइम्स के एक रिपोर्टर श्री जॉर्ज रसेल के शब्दों में, "रूमी दरवाजा से छतर मंजिल तक सड़क का विस्तार सबसे सुंदर और शानदार शहर का दृश्य है। रोम, पेरिस, लंदन और कॉन्स्टेंटिनोपल से बेहतर कभी देखा था। ” यह रूमी दरवाजा लखनऊ के महत्व के बारे में बताता है।…

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