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अक्षरा देवी सिद्ध पीठ सैदनगर

अक्षरा देवी सिद्ध पीठ कहां है – अक्षरा सिद्ध पीठ का इतिहास

अक्षरा देवी सिद्ध पीठ उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के उरई नगर से 26 किलोमीटर की दूरी पर सैदनगर में स्थित है। सिद्ध नगर जिसे अब सैदनगर के नाम से जाना जाता है उरई झाँसी राजमार्ग पर एट कस्बे से अक्षरा देवी सिद्ध पीठ तक पहुँचने के लिए रास्ता जाता है। सिद्धपीठ की त्रिगुणात्मक शक्ति से भरपूर यह सिद्ध नगर अपने अतीत की कहानी कहता…

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भैरव जी मंदिर रामपुरा

भैरव जी मंदिर रामपुरा जालौन उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन जिले में भैरव जी मंदिर रामपुरा से 3 कि०मी० दूर दक्षिण पश्चिम दिशा में स्थित है यह मन्दिर मन्दिर के अवशेषों के साथ इसके आस-पास अन्य भी अवशेष हैं जो यहाँ पर पुराने भवनों के होने का संकेत देते हैं। इसी भैरव जी मन्दिर के उत्तर पूर्व की ओर एक विशाल समाधि भी बनी है जो कि गूदड़ बाबा की…

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करण खेड़ा मंदिर जालौन

करण खेड़ा मंदिर जालौन – करण खेड़ा का इतिहास व दर्शनीय स्थल

करण खेड़ा वर्तमान में जालौन जिले में नवगठित माधौगढ़ तहसील के ग्राम जगम्मनपुर के उत्तर पूर्व में लगभग 3 किलोमीटर दूर में स्थित है इस करण खेड़ा के उत्तर में लगभग 2 किलोमीटर दूर यमुना की कल कल करती जल धारा बहती है। यह स्थान श्री श्री 1008 बजरंगदास महाराज के स्थान के लिए जाना जाता है। करण खेडा का इतिहास देखने से पता चलता…

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द्वारकाधीश मंदिर जालौन

द्वारकाधीश मंदिर जालौन उत्तर प्रदेश

द्वारकाधीश मंदिर जालौन नगर के मुरली मनोहर नामक मुहल्ले में स्थित है यह उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध मंदिर है । द्वारकाधीश मन्दिर जालौन का निर्माण सन 1880 से 1885 के बीच सेठ चतुर्भुज दास मारवाड़ी पुत्र श्री नत्थूलाल मारवाड़ी द्वारा कराया गया। सेठ चतुर्भुज दास, ग्राम बाउली से गोद आये थे। इनके पूर्वज मूल रूप से जैसलमेर (राजस्थान) के निवासी थे। द्वारकाधीश मन्दिर के…

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महर्षि वेदव्यास जी

वेदव्यास क्षेत्र – वेदव्यास का जीवन परिचय

जालौन जनपद के कालपी परगना में स्थित है यह वेदव्यास क्षेत्र यह कालपी में यमुना नदी दक्षिणी किनारे पर स्थित है। वेदव्यास ऋषि का सम्बन्ध इस क्षेत्र से होना प्रमाणित करता है कि आर्य सभ्यता के प्रारंभ काल से ही यह स्थान आर्यों के रहने का एक स्थान था कालपी नगर के पश्चिम उत्तर में वेदव्यास क्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध क्षेत्र महर्षि वेदव्यास…

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कुम्भज ऋषि

कुम्भज ऋषि कौन थे – कुम्भज ऋषि आश्रम जालौन

उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन की कालपी तहसील के अन्तर्गत उरई से उत्तर - पूर्व की ओर 32 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम कुरहना बसा हुआ है। इस ग्राम के विषय में यह जनश्रुति है कि कुम्भज ऋषि का आश्रम यहीं पर था। कुम्भज ऋषि का इतिहास महाभारत में कुम्भज ऋषि का वर्णन मिलता है। कुम्भज और वशिष्ट मुनि दोनो भाई भाई…

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सूर्य मंदिर कालपी

सूर्य मंदिर कालपी – कालपी सूर्य मंदिर का इतिहास

सूर्य मंदिर जालौन जिले में कालपी के पूर्व की ओर स्थित ग्राम गुलौली में विद्यमान था। आज उसके भग्नावशेष रह गये हैं। यह गुलौली ग्राम यमुना के दक्षिणी किनारे पर बसा हुआ है। विश्व के सभी देशों में सूर्य की मान्यता आदि काल से चली आ रही है।आदि मानव ने भी किसी न किसी रूप में सूर्य के प्रति अपना मस्तक झुकाया है। सूर्य की…

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श्री बटाऊ लाल मंदिर कालपी

श्री बटाऊ लाल मंदिर कालपी जालौन उत्तर प्रदेश

श्री बटाऊ लाल मंदिर कालपी नगर के मुहल्ला अदल सराय जालौन उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह मंदिर महाबली हनुमान जी को समर्पित है। हनुमान जी के एक अन्य नाम बटाऊ लाल से ख्याति प्राप्त यह अत्यन्त सिद्ध स्थान है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां मनोकामनाएं पूर्ति हेतु आते हैं। श्री बटाऊ लाल मंदिर का इतिहास श्री बटाऊ लाल मंदिर का…

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मदार साहब का चिल्ला

मदार साहब की दरगाह – मदार साहब का इतिहास

जालौन जिले के कालपी नगर को फकीरों और पीरों का शहर माना जाता है। यहाँ पर पीरों के पीर मदार साहब थे। जिन्हें बदरूद्दीन शाह अली के नाम से जाना जाता है । कालपी के विख्यात मुहल्ला मदारपुरा में इनकी मदार साहब की दरगाह है। जिसे मदार साहब का चिल्ला के नाम से भी जाना जाता है। यह मुहल्ला कालपी के प्राचीन बावन मुहल्ले में…

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गणेश मंदिर कालपी

गणेश मंदिर कालपी – गणेश मंदिर का इतिहास

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कालपी नगर के गणेश गंज मुहल्ले में गणेश मंदिर कालपी स्थित है। गणेश मंदिर कालपी रेलवे स्टेशन से लगभग दो 'फर्लांग की दूरी है। गणेश गंज मुहल्ला कालपी के प्राचीन 52 मुहल्लों में से एक है। यह गणेश मंदिर कालपी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। गणेश मंदिर कालपी का इतिहास यह मन्दिर मरहठा…

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पराशर ऋषि आश्रम

पराशर ऋषि का आश्रम व मंदिर – पराशर ऋषि का जीवन परिचय

जालौन जिले की कालपी तहसील के अन्तर्गत जीवन दायिनी विन्ध्यगिरि पुत्री वेत्रवती (वेत॒वा) के तट पर बसे एक छोटे से ग्राम का नाम है परासन या परसन। परासन एवं इसके आसपास का क्षेत्र तपोनिष्ठ एवं पावन क्षेत्र है। इस पंचकोसीय क्षेत्र में परिक्रमा करके लोग पुण्य के भागीदार बनते हैं क्‍योंकि यह क्षेत्र मार्कण्डेय ऋषि, बाल्मीकि ऋषि, च्यवन ऋषि, कर्दम ऋषि, वशिष्ठ ऋषि व…

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श्री रोपड़ गुरु मंदिर अकबरपुर इटौरा

रोपड़ गुरू मंदिर इटौरा कालपी – श्री रोपड़ गुरु मंदिर का इतिहास

उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन जनपद की कालपी तहसील में बसे एक ग्राम का नाम है "गुरू का इटौरा है। यह ग्राम कालपी से दक्षिण की ओर 8 मील तथा उरई से उत्तर पूर्व की ओर 16 मील की दूरी पर बसा हुआ है। 'गुरू का इटौरा ” नाम स्वतः यह इंगित करता है वह इटौरा जो गुरू का स्थान हो अर्थात्‌ जहाँ गुरू का…

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जेके मंदिर

जेके मंदिर कहां है? – जेके मंदिर का निर्माण किसने करवाया

किसी भी अन्य भारतीय शहर की तरह, कानपुर में कई मंदिर हैं जो कानपुर शहर के लोगों के धार्मिक झुकाव का प्रतीक हैं। इनमें से राधाकृष्ण मंदिर को सुरुचिपूर्ण ढंग से डिजाइन किया गया है जिसे लगभग 54 साल पहले जेके ट्रस्ट द्वारा बनाया गया था। कानपुर के प्रसिद्ध सिंघानिया परिवार ने राधाकृष्ण मंदिर का निर्माण कराया है। मंदिर को आमतौर पर जेके मंदिर के रूप…

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नैमिषारण्य तीर्थ

नैमिषारण्य का इतिहास – नैमिषारण्य तीर्थ का महत्व

लखनऊ शहर में मुगल और नवाबी प्रभुत्व का इतिहास रहा है जो मुख्यतः मुस्लिम था। यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि अवध के नवाबों ने भी, धर्मनिरपेक्ष मुगल बादशाह अकबर की शैली का अनुसरण किया, ताकि वे अपने साम्राज्य की ठोस नींव के लिए हिंदुओं पर भरोसा कर सकें। कहा जाता है कि नवाबों ने कई हिंदुओं को अधिकार के पदों पर खड़ा किया…

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बिठूर दर्शनीय स्थल

बिठूर आकर्षक स्थल जहां हुआ था लव और कुश का जन्म

धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व वाले शहर बिठूर की यात्रा के बिना आपकी लखनऊ की यात्रा पूरी नहीं होगी। बिठूर एक सुरम्य नगर है, जो गंगा नदी के तट पर स्थित है, जो राजधानी लखनऊ से 18 किलोमीटर की दूरी पर कन्नौज रोड पर स्थित है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस पवित्र बस्ती को भगवान विष्णु द्वारा आकाशगंगा के पुनर्निर्माण के दौरान भगवान ब्रह्मा…

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चंद्रिका देवी मंदिर

चंद्रिका देवी मंदिर लखनऊ – चंद्रिका देवी मंदिर का इतिहास

चंद्रिका देवी मंदिर-- लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में जाना जाता है और यह शहर अपनी धर्मनिरपेक्ष संस्कृति के लिए जाना जाता है जिसे नवाबों द्वारा शहर में पेश और प्रचारित किया गया था। शहर की संस्कृति और विरासत हर लखनवी का गौरव रही है और शहर के लोगों को सभी धार्मिक त्योहारों को समान उत्साह के साथ मनाते देखा जा सकता है।…

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टीले वाली मस्जिद

टीले वाली मस्जिद यह है लखनऊ की प्रसिद्ध मस्जिद

लक्ष्मण टीले वाली मस्जिद लखनऊ की प्रसिद्ध मस्जिदों में से एक है। बड़े इमामबाड़े के सामने मौजूद ऊंचा टीला लक्ष्मण टीले के नाम से मशहूर है। इतिहास को अपने दामन में संजोये तमाम पुरातात्विक अवशेष आज भी इस विशाल टीले के नीचे दफन हैं। लखनऊ गज़ेंटियर' में इसे शहर का केन्द्र बताया गया है। कहा जाता है कि यहां काफी ऊंचाई पर एक मन्दिर…

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खत्री पहाड़ का दुर्ग व मंदिर

खत्री पहाड़ विंध्यवासिनी देवी मंदिर तथा शेरपुर सेवड़ा दुर्ग व इतिहास

उत्तर प्रदेश राज्य के बांदा जिले में शेरपुर सेवड़ा नामक एक गांव है। यह गांव खत्री पहाड़ के नाम से विख्यात है। जहां विंध्यवासिनी देवी का मंदिर है। इसके अलावा शेरपुर सेवडा में एक प्राचीन दुर्ग भी है। इसका महत्व अति प्राचीनकाल से है महाभारतकाल में यह चेदि देश की राजधानी थी तथा इसका प्राचीन नाम शुक्ति मती नगरी था तथा यहाँ के नरेश का…

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गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग बनारस

गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग बनारस का इतिहास – वाराणसी गुरुद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी

गुरुद्वारा बड़ी संगत गुरु तेगबहादुर जी को समर्पित है। जो बनारस रेलवे स्टेशन से लगभग 9 किलोमीटर दूर नीचीबाग में स्थापित है। श्री गुरु तेग बहादुर जी ने पंजाब से बाहर रहने वाली संगत के अनुनय को मानते हुए पूर्वी बंगाल व आसाम तक की यात्रा कर उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण किया। गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग बनारस का इतिहास पंजाब के…

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गुरुद्वारा गुरु का ताल आगरा

गुरु का ताल आगरा -आगरा गुरुद्वारा गुरु का ताल हिस्ट्री इन हिन्दी

आगरा भारत के शेरशाह सूरी मार्ग पर उत्तर दक्षिण की तरफ यमुना किनारे वृज भूमि में बसा हुआ एक पुरातन शहर है। पहले पहल इस शहर को द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण जी के नाना व कंस के पिता हिन्दू राजा उग्रसेन जो बहुत धार्मिक व प्रभु भक्त ने बसाया था। उस समय इसका नाम अग्रवन था। अकबर बादशाह ने इसको बदलकर अकबराबाद रख…

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गुरुद्वारा नाका हिण्डोला लखनऊ

नाका गुरुद्वारा – गुरुद्वारा सिंह सभा नाका हिण्डोला लखनऊ हिस्ट्री इन हिन्दी

नाका गुरुद्वारा, यह ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिण्डोला लखनऊ में स्थित है। नाका गुरुद्वारा साहिब के बारे में कहा जाता है कि राय बहादुर सरदार सालिगराम सिंह जी ने सन् 1898 में नाका गुरुद्वारा साहिब की स्थापना की, आप ही उसके मुख्य सेवादार बने और लगातार उम्र के आखरी समय तक सेवा करते रहे। नाका गुरुद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी एक सवाल उठा…

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लखनऊ गुरुद्वारा गुरु तेगबहादुर साहिब

लखनऊ गुरुद्वारा गुरु तेगबहादुर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी – लखनऊ का गुरुद्वारा इतिहास

उत्तर प्रदेश की की राजधानी लखनऊ के जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर की दूरी पर यहियागंज के बाजार में स्थापित लखनऊ गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब एक ऐतिहासिक गुरुद्वारा है। यहियागंज बाजार लखनऊ का जनरल मर्चेंट, पटाखा, रेडीमेड, होजरी, ऊन एवं बर्तनों का थोक बाजार है। इस बाजार में पूर्वांचल के दस पंद्रह जिलो के व्यापारी माल खरीदने आते है। यह बाजार लगभग दो किलोमीटर…

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देवगढ़ के सुंदर दृश्य

देवगढ़ का इतिहास – दशावतार मंदिर, जैन मंदिर, किला कि जानकारी हिन्दी में

देवगढ़ उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में बेतवा नदी के किनारे स्थित है। यह ललितपुर से दक्षिण पश्चिम में 31 किलोमीटर की दूरी पर है। वहां तक पक्की सड़क जाती है। प्रतिदिन बसे जाती है। ललितपुर से देवगढ़ जाने का मार्ग इस प्रकार है-- ललितपुर से जीरौन 16 किलोमीटर वहां से जाखलौन 6 किलोमीटर वहां से सैपुरा 3 किलोमीटर सेपुरा से देवगढ़ 6 किलोमीटर। मार्ग…

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अहिच्छत्र जैन तीर्थ के सुंदर दृश्य

अहिच्छत्र जैन मंदिर – जैन तीर्थ अहिच्छत्र का इतिहास

अहिच्छत्र उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की आंवला तहसील में स्थित है। आंवला स्टेशन से अहिच्छत्र क्षेत्र सडक मार्ग द्वारा 18 किमी है। अहिच्छत्र क्या है? अहिच्छत्र स्थान एक प्रसिद्ध जैन तीर्थ है। यह क्षेत्र जैन मान्यता के अनुसार एक कल्याणक और अतिशय स्थान है। जिसका जैन धर्म मे विशेष महत्व है। अहिच्छत्र जैन मंदिर पर बडी संख्या में जैन श्रृद्धालुओं का जमावडा लगा है।…

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कम्पिल का जैन मंदिर

कम्पिल का इतिहास – कंपिल का मंदिर – कम्पिल फेयर इन उत्तर प्रदेश

कम्पिला या कम्पिल उत्तर प्रदेश के फरूखाबाद जिले की कायमगंज तहसील में एक छोटा सा गांव है। यह उत्तर रेलवे की अछनेरा - कानपुर शाखा के कायमगंज स्टेशन से 8 किमी दूर है। स्टेशन से गांव तक पक्की सड़क है। बस, तांगे, आटो आदि आसानी से मिल जाते है। कंपिल एक जैन तीर्थ स्थल है। कंपिल 13वें तीर्थंकर भगवान विमलनाथ का जन्म स्थान, तप स्थान,…

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मरसलगंज दिगंबर जैन मंदिर

मरसलगंज प्राचीन दिगंबर जैन मंदिर आतिशय क्षेत्र तीर्थ

श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र मरसलगंज (ऋषभनगर) उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में फिरोजाबाद से 22 किलोमीटर दूर है। यहां अब जैनों का कोई घर नहीं है। किन्तु इसके पास ही फरिहा नामक एक कस्बा है। जहाँ जैनों के घर है। कहा जाता है कि पहले मरसलगंज में जैनीयों की अच्छी आबादी थी, लगभग दो सौ घर थे, उस समय यह नगर धन धान्य पूर्ण…

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आगरा जैन मंदिर

आगरा जैन मंदिर – आगरा के टॉप 3 जैन मंदिर की जानकारी इन हिन्दी

आगरा एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक शहर है। मुख्य रूप से यह दुनिया के सातवें अजूबे ताजमहल के लिए जाना जाता है। आगरा धर्म का भी आतिशय क्षेत्र रहा है। मुगलकाल से पूर्व और मुगलकाल में भी यहां जैनों का प्रभाव रहा है। अकबर के दरबारी रत्नों मे एक जैन समाज के ही थे। आगरा में अनेक जैन मंदिर है। इस समय आगरा जैन मंदिर और धर्मशालाओं की…

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चन्द्रवाड़ दिगंबर जैन मंदिर

चन्द्रवाड़ अतिशय क्षेत्र प्राचीन दिगंबर जैन मंदिर – चन्दवार का प्रसिद्ध युद्ध, इतिहास

चन्द्रवाड़ प्राचीन जैन मंदिर फिरोजाबाद से चार मील दूर दक्षिण में यमुना नदी के बांये किनारे पर आगरा जिले में अवस्थित है। यह एक ऐतिहासिक नगर रहा है। आज भी इसके चारों ओर मिलों तक खंडहर दिखाई पडते है। यह एक जैन अतिशय क्षेत्र है। तथा प्राचीन समय में जैन धर्म का मुख्य केंद्र भी रहा है। चन्द्रवाड़ का इतिहास - हिस्ट्री ऑफ…

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शौरीपुर नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर

शौरीपुर बटेश्वर श्री दिगंबर जैन मंदिर – शौरीपुर का इतिहास

शौरीपुर नेमिनाथ जैन मंदिर जैन धर्म का एक पवित्र सिद्ध पीठ तीर्थ है। और जैन धर्म के 22वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ की जन्म स्थली है। शौरीपुर बटेश्वरनाथ से 4किमी की दूरी पर जंगलों में स्थित है। बटेश्वरनाथ हिन्दू धर्म का प्रसिद्ध तीर्थ होने के साथ ही अतिशय क्षेत्र भी है। बटेश्वरनाथ में भगवान शिव के 108 मंदिर है। लेकिन अपने इस लेख में हम…

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त्रिलोक तीर्थ धाम बड़ागांव के सुंदर दृश्य

त्रिलोक तीर्थ धाम बड़ागांव – बड़ा गांव जैन मंदिर खेडका का इतिहास

त्रिलोक तीर्थ धाम बड़ागांव या बड़ा गांव जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध है। यह स्थान दिल्ली सहारनपुर सड़क मार्ग उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के खेडका कस्बे के पास रावण उर्फ बड़ा गांव नामक स्थान पर स्थित है। खेडका से बड़ा गांव जाने के लिए 4 किमी की पक्की सड़क है। यहा से रिक्शा, आटो, तांगा आदि आसानी से बड़ागांव के लिए…

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पारसनाथ का किला

पारसनाथ का किला बढ़ापुर का ऐतिहासिक जैन तीर्थ स्थल माना जाता है

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में नगीना रेलवे स्टेशन से उत्तर पूर्व की ओर बढ़ापुर नामक एक कस्बा है। वहां से चार मिल पूर्व की कुछ प्राचीन अवशेष दिखाई पड़ते है। इन्हें पारसनाथ का किला कहते है। इस स्थान का नामकरण तेईसवें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के नाम पर हुआ लगता है। पारसनाथ किले का इतिहास पारसनाथ के इस किले के संबंध में अनेक जनश्रुतियां…

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संकिसा के दर्शनीय स्थल

संकिसा का प्राचीन इतिहास – संकिसा बौद्ध तीर्थ स्थल

बौद्ध अष्ट महास्थानों में संकिसा महायान शाखा के बौद्धों का प्रधान तीर्थ स्थल है। कहा जाता है कि इसी स्थल पर अपनी स्वर्गीय माता महामाया को उपदेश देकर महात्मा बुद्ध पृथ्वी पर उतरे थे।सरभमिग जातक में यह कथा अत्यंत रोचक ढंग व विस्तारपूर्वक दी हुई है। महात्मा बुद्ध को जन्म देने के सातवें दिन ही महामाया का स्वर्गवास हो गया था। अतः वे अपने…

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कौशांबी पुरास्थल के सुंदर दृश्य

कौशांबी का इतिहास – हिस्ट्री ऑफ कौशांबी बौद्ध तीर्थ स्थल

कौशांबी की गणना प्राचीन भारत के वैभवशाली नगरों मे की जाती थी। महात्मा बुद्ध जी के समय वत्सराज उदयन की राजधानी के रूप में इस नगरी ने अद्वितीय गौरव प्राप्त किया। उदयन की गौरवपूर्ण गाथा से संस्कृत साहित्य भरा पड़ा है। कौशांबी के महान श्रेष्ठियों के निमंत्रण और आग्रह पर महात्मा बुद्ध इस नगरी में पधारे थे। जहां उनके वास के लिए कई विशाल…

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श्रावस्ती आकर्षक स्थलों के सुंदर दृश्य

श्रावस्ती का इतिहास – हिस्ट्री ऑफ श्रावस्ती – श्रावस्ती दर्शनीय स्थल

बौद्ध धर्म के आठ महातीर्थो में श्रावस्ती भी एक प्रसिद्ध तीर्थ है। जो बौद्ध साहित्य में सावत्थी के नाम से विख्यात है। यह नगरी बहुत समय तक शक्तिशाली कौशल देश की राजधानी थी। बौद्ध ग्रन्थों के अनुसार भगवान बुद्ध ने यहाँ 24 बार वर्षा वास कर के जनता को सद्धर्म उपदेश दिया था। मज्झिम निकाय के 150 सूत्रों में से 65 तथा विनयपटक के…

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बलिया दर्शनीय स्थलों के सुंदर दृश्य

बलिया का इतिहास – बलिया के टॉप 10 दर्शनीय स्थल

बलिया शहर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक खूबसूरत शहर और जिला है। और यह बलिया जिले का मुख्यालय भी है। बलिया जिले के उत्तर में घाघरा नदी और दक्षिण में छोटी सरगु और गंगा नदी है। Ballia आजमगढ़ मंडल का एक हिस्सा है। Ballia ने हिंदी साहित्य में बहुत योगदान दिया है क्योंकि हजारी प्रसाद द्विवेदी, अमरकांत, परशुराम चतुर्वेदी जैसे प्रमुख…

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ललितपुर दर्शनीय स्थलों के सुंदर दृश्य

ललितपुर का इतिहास – ललितपुर के टॉप 5 पर्यटन स्थल

ललितपुर भारत के राज्य उत्तर प्रदेश में एक जिला मुख्यालय है। और यह उत्तर प्रदेश की झांसी डिवीजन के अंतर्गत आता है। और यह जिला बुंदेलखंड का सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र और बहुत ही आकर्षक पर्यटन स्थल है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 26 पर स्थित है और रेलवे की आसान पहुँच भी है। उत्तर मध्य रेलवे जोन के अंतर्गत आने वाला ललितपुर रेलवे स्टेशन, झांसी…

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आजमगढ़ के सुंदर दृश्य

आजमगढ़ हिस्ट्री इन हिन्दी – आजमगढ़ के टॉप दर्शनीय स्थल

आजमगढ़ भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक शहर है। यह आज़मगढ़ मंडल का मुख्यालय है, जिसमें बलिया, मऊ और आज़मगढ़ जिले शामिल हैं। और यह आजमगढ़ जिले का मुख्यालय भी है। आज़मगढ़ तमसा नदी (टोंस) के तट पर स्थित है। आजमगढ़ जिले की सीमाएं पूर्व मे मऊ जिले, उत्तर - गोरखपुर जिले, दक्षिण-पूर्व --- गाजीपुर जिले, दक्षिण- पश्चिम --- जौनपुर जिले, पश्चिम - सुल्तानपुर…

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बरसाना के सुंदर दृश्य

बरसाना मथुरा – हिस्ट्री ऑफ बरसाना – बरसाना के दर्शनीय स्थल

मथुरा से लगभग 50 किमी की दूरी पर, वृन्दावन से लगभग 43 किमी की दूरी पर, नंदगाँव से लगभग 9 किमी की दूरी पर स्थित बरसाना एक धार्मिक स्थान है। जब हम मथुरा की यात्रा पर जाते है तो मथुरा के साथ साथ वृन्दावन, नंदगाँव, गोवर्धन पर्वत और बरसाना यह सभी स्थान श्रीकृष्ण की लीलाओं से भरे है। और यह सभी स्थान हमारी मथुरा…

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नंदगाँव के दर्शनीय स्थलों के सुंदर दृश्य

नंदगाँव मथुरा – नंदगांव की लट्ठमार होली व दर्शनीय स्थल

नंदगाँव बरसाना के उत्तर में लगभग 8.5 किमी पर स्थित है। नंदगाँव मथुरा के उत्तर पश्चिम में लगभग 50 किलोमीटर पर स्थित है। इस जगह का नाम कृष्णा के पालक पिता नंद जी और माता यशोदा के नाम पर रखा गया था, जिनका गोकुल से जाने के बाद इस स्थान पर उनका स्थायी निवास था। अपने बचपन के दौरान कृष्ण अपने पालक माता-पिता के…

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वृन्दावन के प्रसिद्ध मंदिरों के सुंदर दृश्य

वृन्दावन धाम – वृन्दावन के दर्शनीय स्थल, मंदिर व रहस्य

दिल्ली से दक्षिण की ओर मथुरा रोड पर 134 किमी पर छटीकरा नाम का गांव है। छटीकरा मोड़ से बाई तरफ पूरब की दिशा में वृन्दावन रोड़ है। इस रोड़ पर 6 किमी के फासले पर राधाकृष्ण के प्रेम रस में सराबोर वृन्दावन धाम स्थित है। वृन्दावन से मथुरा 10 की दूरी पर है। और गोवर्धन पर्वत जिनकी परिक्रमा की जाती है वह 27…

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मुजफ्फरनगर पर्यटन स्थलों के सुंदर दृश्य

मुजफ्फरनगर पर्यटन स्थल – मुजफ्फरनगर के टॉप 6 दर्शनीय स्थल

उत्तर प्रदेश भारत में बडी आबादी वाला और तीसरा सबसे बड़ा आकारवार राज्य है। सभी प्रकार के पर्यटक स्थलों, चाहे वह धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक या यहां तक ​​कि प्राकृतिक भी उत्तर प्रदेश मे स्थित है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अलावा, वाराणसी, इलाहाबाद, उदयपुर, चौरी चौरा, गोरखपुर, झांसी, मथुरा आदि जैसे अन्य शहर हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।…

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उन्नाव के दर्शनीय स्थलों के सुंदर दृश्य

उन्नाव के दर्शनीय स्थल – उन्नाव के टॉप 5 पर्यटन स्थल

उन्नाव मूल रूप से एक समय व्यापक वन क्षेत्र का एक हिस्सा था। अब लगभग दो लाख आबादी वाला एक शहर, और उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है। उन्नाव का मौसम नवंबर से फरवरी तक ठंडा रहता है। और इसलिए अधिकांश पर्यटक इस शहर में सर्दियों में जाते हैं। इससे पहले, उन्नाव एक व्यापक जंगल था और बाद में इसे एक शहर और…

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अलीगढ़ के दर्शनीय स्थल के सुंदर दृश्य

अलीगढ़ के दर्शनीय स्थल – अलीगढ़ के टॉप 6 पर्यटन स्थल,ऐतिहासिक इमारतें

अलीगढ़ शहर उत्तर प्रदेश में एक ऐतिहासिक शहर है। जो अपने प्रसिद्ध ताले उद्योग के लिए जाना जाता है। यह ऐतिहासिक शहर 1803 की अलीगढ़ की प्रसिद्ध लड़ाई के लिए प्रसिद्ध है। जिसमें मराठो और अंग्रेजों के बीच अधिग्रहण को लेकर युद्ध हुआ था। अलीगढ़ का किला इसकी गवाही आज भी देता है। यह शहर मुस्लिम संतों की विभिन्न कब्रों के लिए भी प्रसिद्ध…

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सीतापुर के दर्शनीय स्थल के सुंदर दृश्य

सीतापुर के दर्शनीय स्थल – सीतापुर के टॉप 5 पर्यटन स्थल व तीर्थ स्थल

सीतापुर - सीता की भूमि और रहस्य, इतिहास, संस्कृति, धर्म, पौराणिक कथाओं,और सूफियों से पूर्ण, एक शहर है। हालांकि वास्तव में सीतापुर शहर की स्थापना कब हुई थी, यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है, सीतापुर का मुस्लिम राज्यों, सूफी संतों और महाभारत और रामायण में पौराणिक संदर्भों का एक मजबूत इतिहास रहा है। वास्तव में इस शहर का नाम सीतापुर, भगवान राम की…

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पीलीभीत के दर्शनीय स्थल के सुंदर दृश्य

पीलीभीत के दर्शनीय स्थल – पीलीभीत के टॉप 6 पर्यटन स्थल

उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय ऐतिहासिक और धार्मिक स्थानों में से एक पीलीभीत है। नेपाल की सीमाओं पर स्थित है। यह जिला एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है जहां और बहुमत में घने जंगलों से ढका हुआ है। एक मजबूत ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के साथ पीलीभीत का अस्तित्व 15 वीं शताब्दी से हुआ है। पीलीभीत मुगल युग के दौरान भी, जिला प्रशासनिक इकाई के रूप…

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कुशीनगर के दर्शनीय स्थलों के सुंदर दृश्य

कुशीनगर के दर्शनीय स्थल – कुशीनगर के टॉप 7 पर्यटन स्थल

कुशीनगर उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्राचीन शहर है। कुशीनगर को पौराणिक भगवान राजा राम के पुत्र कुशा ने बसाया और इस पर शासन किया था। उसी के नाम पर इसका नाम कुशीनगर पडा। शहर में पुरातत्व निष्कर्ष तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व की तारीख है और मौर्य सम्राट अशोक से संबंधित है। कुशीनगर आज भारत में बौद्धों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है। कुशीनगर,…

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चित्रकूट धाम के सुंदर दृश्य

चित्रकूट धाम की महिमा मंदिर दर्शन और चित्रकूट दर्शनीय स्थल

चित्रकूट धाम वह स्थान है। जहां वनवास के समय श्रीराजी ने निवास किया था। इसलिए चित्रकूट महिमा अपरंपार है। यह सदा से ही तपो भूमि रही है। महर्षि अत्रि का आश्रम यही था। आस पास बहुत से ऋषि- मुनि रहते थे।वहां महर्षियै के कुल रहा करते थे। किसी एक तेजस्वी, तपोधन, शास्त्रज्ञ ऋषि के सहारे आस-पास दूसरे तपस्वी, साधनिष्ट व मुनिगण आश्रम बना लेते…

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अयोध्या का इतिहास

अयोध्या का इतिहास – अयोध्या के दर्शनीय स्थल और महत्व

अयोध्या भारत के राज्य उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर है। कुछ सालो से यह शहर भारत के सबसे चर्चित शहरो में से भी एक रहा है। जिसका कारण यहा राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद है। और यह विवाद अयोध्या का इतिहास को कलंकित कर रहा। आपने इस लेख में हम अयोध्या का इतिहास, अयोध्या हिस्ट्री इन हिंदी में जानेगें। अयोध्या, उत्तर प्रदेश,…

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वाराणसी के सुंदर दृश्य

वाराणसी (काशी विश्वनाथ) की यात्रा – काशी का धार्मिक महत्व

प्रिय पाठको अपनी उत्तर प्रदेश यात्रा के दौरान हमने अपनी पिछली पोस्ट में उत्तर प्रदेश राज्य के प्रमुख व धार्मिक महत्व वाले खुबसूरत शहर इलाहाबाद की यात्रा की थी औऱ इलाहाबाद के बारे विस्तार से जाना था। अपनी उत्तर प्रदेश पर्यटन ऐतिहासिक व धार्मिक यात्रा को आगे बढाते हुए हम अपनी इस पोस्ट में हम उत्तर प्रदेश के ऐक बहुत ही प्रसिद्ध ऐतिहासिक प्राचीन…

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इलाहाबाद के सुंदर दृश्य

इलाहाबाद का इतिहास – गंगा यमुना सरस्वती संगम – इलाहाबाद का महा कुम्भ मेला

इलाहाबाद उत्तर प्रदेश का प्राचीन शहर है। यह प्राचीन शहर गंगा यमुना सरस्वती नदियो के संगम के लिए जाना जाता है। यह खुबसूरत शहर इसी संगम तट पर बसा है। इलाहाबाद का इतिहास इस बहुत पुराना और प्राचीन है। इलाहाबाद संगम तट पर बसे इस शहर का प्राचीन नाम प्रयाग था। प्रयाग की भौगोलिक स्थिति का जिक्र हवेनसांग ने 644 ईस्वी के यात्रा वृत्तांत में…

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