तालबहेट का किला ललितपुर जनपद मे है। यह स्थान झाँसी – सागर मार्ग पर स्थित है तथा झांसी से 34 मील दूर है तथा इस स्थल में एक रेलवे स्टेशन भी है इसका नामकरण ताल अथवा सरोवर के नाम हुआ है। यहाँ...
कुलपहाड़ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के महोबा ज़िले में स्थित एक शहर है। यह बुंदेलखंड क्षेत्र का एक ऐतिहासिक शहर है। 11 फरवरी 1995 से पहले कुलपहाड़ हमीरपुर जिले की एक तहसील थी। 11 फरवरी 1995 को महोबा जिले को हमीरपुर...
कालपी का किला ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अति प्राचीन स्थल है। यह झाँसी कानपुर मार्ग पर स्थित है उरई से कालपी की दूरी 35 किलोमीटर है, तथा यहाँ रेलवे स्टेशन भी है। यह स्थल जालौन राठ हमीरपुर से सडक मार्ग पर...
उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद मे स्थित उरई नगर अति प्राचीन, धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व का स्थल है। यह झाँसी कानपुर मार्ग पर स्थित है। कानपुर से यह 109 किलोमीटर की दूरी पर और झाँसी से 114 किलोमीटर की दूरी पर स्थित...
चिरगाँव झाँसी जनपद का एक छोटा से कस्बा है। यह झाँसी से 48 मील दूर तथा मोड से 44 मील दूर झाँसी कानपुर मार्ग पर स्थित है। इसी चिरगाँव में यह किला स्थित है, जिसे चिरगांव का किला कहा जाता है। ...
बरूआ सागर झाँसी जनपद का एक छोटा से कस्बा है। यह मानिकपुर झांसी मार्ग पर है। तथा दक्षिण पूर्व दिशा पर स्थित हैं। झांसी से बरूआसागर की दूरी 19 किलोमीटर है। बरूआ सागर रेलवे स्टेशन से बरूआ सागर का किला दो मील...
जैतपुर का किला उत्तर प्रदेश के महोबा हरपालपुर मार्ग पर कुलपहाड से 11 किलोमीटर दूर तथा महोबा से 32 किलोमीटर दूर और हमीरपुर से 117 किलोमीटर दूर है। यहाँ झाँसी मानिकपुर मार्ग पर एक रेलवे स्टेशन भी है। जिसे बेलाताल के नाम...
सिरसागढ़ का किला कहाँ है? सिरसागढ़ का किला महोबा राठ मार्ग पर उरई के पास स्थित है। तथा किसी युग में यह दुर्ग चन्देल शासकों के अधिकार में था। किन्तु जब पृथ्वीराज चौहान ने महोबा क्षेत्र पर विजय प्राप्त कर ली उस...
महोबा का किला महोबा जनपद में एक सुप्रसिद्ध दुर्ग है। यह दुर्ग चन्देल कालीन है इस दुर्ग में कई अभिलेख भी उपलब्ध होते है। इन अभिलेखो में चन्देलवशांवली नन्नुक देव से लेकर परमार्दिदेव तक की उपलब्धि होती है। अभी तक यह सुनिश्चित...
भूरागढ़ का किला बांदा शहर के केन नदी के तट पर स्थित है। पहले यह किला महत्वपूर्ण प्रशासनिक स्थल था। वर्तमान समय में इसका विध्वंश हो चुका है। महाराजा छत्रसाल के शासनकाल से लेकर 1857 की क्रान्ति तक इस दुर्ग का ऐतिहासिक...