लखनऊ में 1857 की क्रांति में जो आग भड़की उसकी पृष्ठभूमि अंग्रेजों ने स्वयं ही तैयार की थी। मेजर बर्ड के अनुसार कम्पनी सरकार के अधिकारी और कर्मचारी दोनों ही झूठे आरोप लगाकर लोगों की जमीनें हड़प लेते थे। सेना के गोरे सिपाही भारतीय औरतों के साथ बलात्कार करते, डाके डलवाते, हिन्दु-मुस्लिम दोनों को लड़वाते । सन् 1853 में इलाहाबाद और 1855 ई० में मुहर्रम…