प्रिय पाठको पिछली पोस्ट मे हमने अपने झील संस्करण में जम्मू की प्रसिद्ध झील मानेसर झील की सैर की और उसके बारे में विस्तार से जाना था। इस पोस्ट मे हम भारत के खुबसूरत राज्य हिमाचल की प्रमुख व सुंदर रेणुका झील renuka lake की सैर करेगें और उसके बारे में विस्तार से जानेगें कि रेणुका झील कहां स्थित है, रेणुका झील कैसे पहुँचे, रेणुका झील का इतिहास, रेणुका झील का निर्माण कैसे हुआ, रेणुका झील की कहानी, आदि सभी प्रमुख जानकारी हिन्दी मे जानेगें।
Contents
Renuka lake
history in hindi
रेणुका झील हिमाचल प्रदेश के नाहन से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेणुका झील की समुन्द्र तल से ऊचाई लगभग2200 फीट है। यह एक अत्यंत रमणीक झील है जो लगभग तीन किलोमीटर लंबी तथा आधा किलोमीटर चौडी एक अदभुत झील है। इस झील का आकार एक लेटी हुई स्त्री की देह के समान है। जो इसे अदभुत व अनोखा बनाता है।

इस झील के चारो ओर हरियाली व इसके पानी मे अठखेलियां करती मछलिया पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस झील की गणना एक पावन तीर्थ स्थल के रूप में भी की जाती है। हर वर्ष दिपावली के लगभग दस दिन बाद यहां एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमे हजारो श्रद्धालु भाग लेते है। झील के किनारे माँ रेणुका और परशुराम का प्रसिद्ध मंदिर है। तथा एक छोटा सा चिडियाघर है जो पर्यटको काफी पसंद आता है। झील में मनोरंजन के लिए बोटिंग करने की सुविधा उपलब्ध है। जिसमे बैठकर सैलानी झील के चारो ओर की प्राकृतिक सुंदरता के दर्शन कर सकते है। renuka lake रेणुका झील का स्त्री रूपी आकार देखने के लिए यहा सेआठ किलोमीटर ऊपर जामु चोटी पर जाना पडता है। जहां से रेणुका झील का आकार लेटी हुई स्त्री की देह के समान दिखाई पडता है।
रेणुका झील की कहानी – रेणुका झील का इतिहास – रेणुका झील का निर्माण कैसे हुआ
Renuka lake रेणुका झील कैसे बनी और इसकी धार्मिक महत्वता के पिछे कई मशहूर दंत कथाए प्रचलित है। एक कहानी के अनुसार कहा जाता है कि बहुत समय पहले यहा राजा रेणु रहा करते थे। उनकी दो सुंदर पुत्रियां थी जिनमे से एक का नाम नैनुका तथा दूसरी पुत्री का नाम रेणुका था। एक बार राजा ने अपनी दोनो पुत्रियों से प्रश्न किया कि वो किसका दिया खाती है। जिसके जवाब मे नैनुका ने कहा कि वह अपने पिता का दिया खाती है। जबकि रेणुका ने जवाब दिया कि वह भगवान का दिया और अपने नसीब का खाती हूँ।
रेणुका के जवाब से अहंकारी राजा अप्रसन्न हो गए और उन्नहेने रेणुका को सबक सिखाने का निर्णय कर लिया। कुछ समय पश्चात राजा ने अपनी बडी पुत्री नैनुका का विवाह बडी धूम-धाम से एक पराक्रमी राजा सहस्त्रबाहु से कर दिया और छोटी पुत्री रेणुका को सबक सिखाने के लिए रेणुका का विवाह एक सीधे साधे तपस्वी ऋषि जमदग्नि से कर दिया। हालांकि रेणुका राजसी ठाठ-बाट मे पली बढी थी। फिर भी उसने ऋषि जमदग्नि को अपना पति परमेश्वर स्वीकार किया और तन मन से उसकी सेवा करने लगी।
सपूतारा लेक की जानकारी हिन्दी मे
एक दिन राजा सहस्त्रबाहु की दृष्टि रेणुका पर पडी तो वह उसे देखता ही रह गया। वास्तव मे रेणुका का रूप लावण्य उसके हृदय में उतर गया था। उसने उसी समय रेणुका को अपनी रानी बनाने का फैसला किया और रेणुका को पाने की युक्ति सोचने लगा। अपने षड्यंत्र के तहत एक दिन वह चुपचाप ऋषि जमदग्नि के आश्रम पहुँचा और ध्यानमग्न जमदग्नि को उसने अपने बाण से मार डाला। उसके बाद वह रेणुका का चीरहरण करने के लिए उसकी तरफ बढा।
रेणुका सहस्त्रबाहु के अपवित्र इरादो को भांप गई और भागकर नीचे तलहटी मे जा पहुची। सहस्त्रबाहु रेणुका का पीछा करता हुआ उसके पिछे दौडा। इससे पहले वह रेणुका को पकड पाता। एकाएक धरती फटी और देखते ही देखते रेणुका उसमें समा गई। रेणुका के धरा में समाते ही पानी की धाराएं फूट पडी और देखते ही देखते उस स्थान ने एक झील का रूप धारण कर लिया। तभी से यह झील रेणुका झील के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
Renuka lake रेणुका झील कैसे पहुँचे
हवाई मार्ग :- मुब्बार हटटी यहा का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। जो यहा से 40 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां से टैक्सी के द्धारा जाया जा सकता है।
रेल मार्ग:- यहा का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कालका है। जो लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से आप बस या टैक्सी के द्धारा जा सकते है।
सडक मार्ग:- यह स्थल सडक मार्ग से जुडा है।