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मांडू का इतिहास

मांडू का इतिहास इन हिन्दी – Mandu history in hindi

मांडू, माण्डू या माण्डवगढ़ भारत के मध्य प्रदेश राज्य के धार जिले में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। मांडू शहर मालवा क्षेत्र में विंध्याचल पर्वत के छोर पर है। इसकी स्थापना परमार राजा भोज (1018-60) ने की थी। मांडू का प्राचीन नाम शादियाबाद (आनंद का शहर) है। मांडू का इतिहास इन हिन्दी राजा भोज ने इसे अपनी राजधानी बनाया था। वह परमारों में सबसे…

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नवादा टोली आर्कियोलॉजिकल साइट

नवादा टोली आर्कियोलॉजिकल साइट मध्य प्रदेश

नावदा टोली यह स्थान भारत के मध्य प्रदेश राज्य में नर्मदा घाटी में इंदौर के दक्षिण में 90 किमी दूर है। नवादा टोली एक पुरातात्विक महत्त्व वाला स्थान है। नवदाटोली मध्य भारत में मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर स्थित एक आधुनिक गांव और ताम्रपाषाण युग की बस्ती दोनों को संदर्भित करता है। प्राचीन गांव मिट्टी के बर्तनों के प्रकार द्वारा परिभाषित चार चरणों के…

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धार के दर्शनीय स्थल

धार का इतिहास और धार के दर्शनीय स्थल

धार मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख नगर और जिला है। यह शहर मालवा क्षेत्र में है। इसकी स्थापना परमार राजपूतों द्वारा की गई थी। धार में परमार वंश की नींव उपेंद्र कृष्णराज ने नौंवीं शताब्दी के आरंभ में डाली थी। उसके बाद वैरी सिंह सियक प्रथम, वाकपति प्रथम, वैरी सिंह द्वितीय और हर्ष सिंह सियक राजा बने। हर्ष सिंध सियक ने हुणों तथा 972…

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बहराइच आकर्षक स्थलों के सुंदर दृश्य

बहराइच का इतिहास – बहराइच जिले के आकर्षक, पर्यटन, धार्मिक स्थल

बहराइच जिला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के प्रमुख जिलों में से एक है, और बहराइच शहर जिले का मुख्यालय है। बहराइच जिला देवीपाटन मंडल का एक हिस्सा है। बहराइच ऐतिहासिक अवध क्षेत्र में है। यह जिला उत्तर और उत्तर-पूर्व में नेपाल से अपनी सीमाएं साझा करता है। बहराइच जिले का शेष भाग उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों से घिरा हुआ है। पश्चिम में…

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चेदि राज्य का इतिहास

चेदि कहां है – चेदि राज्य का इतिहास

चेदि राज्य खजुराहो के दक्षिण में हुआ करता था। इसका प्राचीन नाम डाहलमंडल है। इसे त्रिपुरी (जो जबलपुर मध्य प्रदेश के पश्चिम में दस किमी दूर है) भी कहा जाता है। अमोघवर्ष के संजन ताम्रलेख से यह ज्ञात होता है कि राष्ट्रकूट राजा गोविंद तृतीय ने इसे जीतकर लक्ष्मणराज को यहां का राज्यपाल बनाया था। लगभग 845 ई० में कोकल्ल प्रथम ने यहां कलचूरी वंश…

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उज्जैन के दर्शनीय स्थल

उज्जैन का इतिहास और उज्जैन के दर्शनीय स्थल

उज्जैन मध्य प्रदेश राज्य का एक प्राचीन, ऐतिहासिक और धार्मिक नगर है। उज्जैन शहर क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित है। उज्जैन को भारत की सांस्कृतिक काया का मणिपुर-चक्र और भारत की मोक्ष दायिका सात प्राचीन पुरियों में से एक माना गया है। प्राचीन विश्व की याम्योत्तर (शून्य देशांतर) रेखा यहीं से गुजरती थी। पुराणों में उज्जयिनी, अवंतिका, अमरावती, प्रतिकल्पा, कुमुद्बती आदि नामों से इसकी महिमा…

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तामलुक दर्शनीय स्थल

तामलुक कहां है इतिहास और दर्शनीय स्थल

तामलुक पश्चिम बंगाल में गंगा के पूर्व-पश्चिमी डेल्टा पर स्थित है। यह पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में स्थित एक नगर है, तथा यह पूर्व मेदिनीपुर जिले का मुख्यालय भी है। इसे ताम्रलिप्त भी कहा जाता है। मौर्य पूर्व और मौर्य काल के दौरान यह एक बंदरगाह थी। यहां से दक्षिण-पूर्व एशिया, चीन, बर्मा, जावा, सुमात्रा, कम्बोडिया और रोम के साथ व्यापार किया जाता…

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दीघा बीच

दीघा बीच कहां है – दीघा बीच की जानकारी हिंदी में

दीघा कलकत्ता से 183 किमी की दूरी पर एक खूबसूरत समुंद्री तट है। प्राकतिक संपदा से भरपूर और छह किमी लंबा यह तट संसार के लंबे समुंद्री तटों में गिना जाता है। यह पश्चिम बंगाल का सबसे लोकप्रिय तट भी है। दीघा बीच के पास दादनपात्र में नमक बनाया जाता है। यहां से लगभग आठ किमी दूर चंदनेश्वर में एक प्राचीन शिव मंदिर है। दस…

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कूच बिहार के दर्शनीय स्थल

कूच बिहार का इतिहास – कूच बिहार के दर्शनीय स्थल

कूच बिहार पश्चिम बंगाल राज्य का एक प्रमुख नगर और जिला है, यह जिला मुख्यालय भी है। कूच बिहार यह स्थान न्यू जलपाईगुड़ी के पूर्व में है। पहले इसे कोच बिहार कहा जाता है। सन् 1515 में यहां कोच जन-जाति के विश्वा सिन्हा ने एक शक्तिशाली शासन की स्थापना की थी। वह कामत राज्य का राजा था। उसके बाद उसके पुत्र नर नारायण के काल…

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बैरकपुर के दर्शनीय स्थल

बैरकपुर छावनी कहां है – बैरकपुर दर्शनीय स्थल

बैरकपुर पश्चिम बंगाल राज्य के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है। यह नगर हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। यह कोलकाता महानगर क्षेत्र के अंतर्गत भी आता है। कोलकाता से बैरकपुर 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बैरकपुर में अंग्रेजी सेना की छावनी हुआ करती थी। 1857 की क्रांति का सर्वप्रथम बिगुल यही से वीर शहीद मंगल पांडे…

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