प्रिय पाठको पिछली पोस्टो मे हमने सिक्किम राज्य के प्रमुख हिल्स स्टेशनो गंगटोक तथा नथुला पास जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलो की सैर की और उसके बारे में विस्तार से जाना। इस पोस्ट मे हम भारत के राज्य मध्य प्रदेश के एकमात्र हिल्स स्टेशन पचमढ़ी pachmarhi tourist place की सैर करेगे और उसके बारे में विस्तार से जानेगें।
सतपुडा की वनाच्छादित पर्वत श्रृंखलाओ मे बसा पचमढ़ी अपने प्राकृतिक नैसर्गिक सौंदर्य, के कारण देश ही नही बल्कि विदेशी पर्यटको में भी आकर्षण का केन्द्र है। यहां का शांत वातावरण, खिलखिलाते पहाड, सदाबहार हरियाली, गुनगुनाते झरने, और उसमें रंग भरती रंग बिरंगी छटाए और मन भावन दृश्य पर्यटको को अपना बना लेते है। पचमढ़ी को मध्य क्षेत्र का कश्मीर भी कहा जाता है। यहां पर्यटको के देखने व मनोरंज के लिए बहुत कुछ है। आगे हम उनमे से कुछ प्रमुख स्थलो की सैर करेगे और उनके बारे में विस्तार से जानेगें
पचमढ़ी के पर्यटन स्थलPachmarhi tourist place – Madhya Pradesh hills station – tourist place in Madhya Pradesh – tourist place in pachmarhi – पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल – पचमढ़ी टूरिस्ट पैलेस
मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल
जटाशंकर :-बस स्टैंड से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह एक गुफा है। आस पास फैली बरगद के पेडो की शाखाएं ऐसा आभास देती है जैसे चारों तरफ भगवान शिव की जटाएं फैली हो गुफा के अंदर एक शिव लिंग है। यहां हनुमान जी की एक विशाल प्रतिमा विशेष रूप से दर्शनीय है।
गंगटोक के दर्शनीय स्थल
पांडव गुफाएं :-यह एक पांच गुफाओ का समूह है। कुछ लोग इन गुफाओ को बौद्ध काल मे बना मानते है। और कुछ का मानना है कि ये गुफाएं पांडवो द्धारा बनवाई गई थी। ऐसा माना जाता है कि पांडवो ने अपने वनवास के दौरान कुछ अवधि यहां बिताई थी इन गुफाओ की अपनी ही विशेषता है।
Pachmarhi tourist place – पचमढ़ी के पर्यटन स्थल – पचमढ़ी की गुफाए
बडे महादेव :- यह स्थान पचमढ़ी से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस 30 फुट लम्बी गुफा मे शीतल जल लगातार रीसता रहता है। जो निचे स्थित तालाब और वहा स्थापित शिव लिंग पर गिरता रहता है। दंत कथाओ के अनुसार शिव का तेज शांत करने के लिए यह जल लगातार शिव लिंग पर गिरता रहता है। हर साल शिंवरात्रि को यहा भक्तो की काफी भीड रहती है। ऐसा भी कहा जाता है कि सन् 1857 में स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानी तात्या टोपे ने अपनी सेना का पुनर्गठन इसी स्थल पर किया था ।
चौरागढ़ और धूपगढ़ :-ये पचमढी की दो अलग अलग पहाडिया है जहा से पर्यटक सूर्योदय व सूर्यास्त के मनोहारी दृश्य देख सकते है। मध्य प्रदेश मे सूर्य की किरणे सबसे पहले धूपगढ़ पहाडी पर ही पडती है इसी से इस पहाडी को धूपगढ के नाम से जाना जाता है।
Pachmarhi tourist place – pachmarhi tourist destination – pachmarhi water fall – पचमढ़ी के जल प्रपात – पचमढ़ी के झरने – पचमढ़ी वाटर फॉल
बी फाल :-पचमढ़ी से बी फाल की दूरी 3 किलोमीटर के लगभग है। यह प्रसिद्ध झरना 150 फिट की ऊचाई से गिरता है जो पर्यटक को मंत्रमुग्ध कर देता है। पर्यटक इसके ठंडे पानी मे जल क्रिडा का आनंद उठा सकते है।
अप्सरा फाल :-यह फाल अपने नाम की तरह ही खुबसूरत व सुंदर है। जंगलों के मध्य स्थित यह फाल पिकनिक मनाने व जल क्रिडा के लिए उपयुक्त स्थान है। यहां पहुचने के लिए ढेड किलोमीटर पैदल चलना पडता है।
Pachmarhi tourist place
हांडी खो :-हांडी खो का नाम हांडी खो अर्थात अंधी खो है। यह लगभग 300 फुट गहरी खो है। इसके अंदर का कुछ दिखाई नही देता मगर इसके रेलिंग पर खडे होकर कुछ चीज डाली जाये तो उसके गिरने की आवाज कुछ देर बाद आती है इसी से इसकी गहराई का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सतपुडा राष्ट्रीय उद्यान :-यह उद्यान 525 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र मे फैला है। यहां पर पर्यटक बाघ, तेदुआ, चीता बारहासिंघा, रीछ व हिरण जैसे अनेक जानवरो को देख सकते है।
तामिया :- यह एक मनोहारी स्थल है। यहां पिकनिक मनाने का अपना अलग ही मजा है। यहां का सनसेट प्वाइंट सैलानियो मे काफी लोकप्रीय है।
पचमढी कैसै पहुँचे
रेल मार्ग :- यहा का निकटतम रेलवे स्टेशन पिपरिया है। जो लगभग 54 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सडक मार्ग :- पचमढ़ी सडक मार्ग से भलि भांति जुडा है।