Nazca Lines information in Hindi – नाजका लाइन्स कहा है और उनका रहस्य Naeem Ahmad, March 21, 2022March 27, 2024 आधुनिक अमेरिकी पुरातत्व शास्त्र की सबसे बड़ी समस्या है नाजका सभ्यता द्वारा धरती के एक विशाल क्षेत्र पर रहस्मयी रेखाओं की शक्ल में छोड़ा गया संदेश। जिन्हें हम आज नाजका लाइन्स (Nazca Lines) के नाम से जानते है। ये नाजका लाइन्स कहा है? ये Nazca Lines लाइनें पेरू के एक क्षेत्र में लीमा के 200 मील दक्षिण पूर्व में, आधुनिक शहर नास्का के पास पाई जाती हैं। कुल मिलाकर, 800 से अधिक सीधी रेखाएँ, 300 ज्यामितीय आकृतियां और 70 जानवरों और पौधों के डिज़ाइन हैं, जिन्हें बायोमॉर्फ भी कहा जाता है। अब सवाल उठता है कि इन नाजका लाइनों का क्या मतलब है। जिसका रहस्य आज तक पता नहीं चल पाया है। नाजका लाइनों की खोज किसने की? नाजका सभ्यता की इन रहस्यमयी रेखाओं का रहस्य जानने के लिए एक पुरातत्व शास्त्री ने तो अपना पूरा ही जीवन अर्पित कर दिया। लेकिन क्या हम इन रेखाओं के अंदर छिपे हुए अर्थ को जान सकते है?Nazca Lines information in Hindi नाजका लाइन्स की खोज किसने की थीदक्षिणी पेरू के प्रशांत सागरीय तक से लेकर एण्डियन पर्वत मालाओं की तलहटी के बीच फैला नाजका (Nazca) क्षेत्र के मैदानों में नाज्का लोगों का रहस्यमय संदेश बिखरा पड़ा है। यह संदेश रेगिस्तान में दूर दूर तक विचित्र रेखाओं के ज्योमितीय आकारों, पक्षियों की दैत्याकार आकृतियां तथा अजीब किस्म के जीवों के रेखा चित्रों के रूप में मौजूद है। ये रेखाएं हमें क्या बताती है यह अभी तक अज्ञात है। ये आकृतियां इतनी विशाल है कि अक्सर इन्हें एक बार में पूरा देखने के लिए 1000 फुट ऊपर तक जाना पड़ता है। ऐसा लगता है कि ये आकृतियां हजारों वर्ष पहले पृथ्वी पर किसी दूसरी दुनिया से आए अपार्थिव लोगों ने बनाई होगी। लेकिन इन आकर्षक लगने वाले अनुमानों से नाजका लाइन्स का रहस्य और गहरा हो जाता है। ये रेखाएं अपनी विशालता तथा अपनी डिजाइन के अनोखेपन के कारण किसी विज्ञान कथा या उपन्यास का अंग लगती है।Nazca Linesइन मैदानों में पिछले 10000 वर्षो से एक बार भी वर्षा नहीं हुई है। दक्षिण पेरू के मैदानों पर हुए मिट्टी के क्षरण (Erosion) को अमेरिका के अंतरिक्ष वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर हो रहे क्षरण के मुकाबले ठहराते है। इन मैदानों की असाधारण शुष्कता न ही नाज्का लोगों द्वारा बनाई गई इन डेढ़ हजार वर्ष पुरानी रेखाओं को सुरक्षित रखता है। ये रेखाएं समांतर कतारों से बनी है। जिनमें लोहा तथा लोहे का ऑक्साइड भी शामिल है।हमारे इस लेख में हम निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर जानेंगे— नाजका लाइन्स कहा है? नाजका लाइन्स का क्या मतलब है? नाजका लाइन्स की खोज किसने की थी? नाजका लाइन्स किस सभ्यता ने बनाई? नाजका लाइन्स कैसे बनाई गई होगी? नाजका लाइन्स कितने बडे क्षेत्रफल में फैली है? नाजका लाइन्स कौनसे देश में स्थित है? Nazca Lines information in Hindi about Nazca Lines peru Nazca Lines mystery solved? Nazca Lines in Hindi सन् 1941 में पहली बार इन Nazca Lines नाजका लाइन्स के रहस्य की ओर वैज्ञानिकों की निगाहें गई। लॉस आइलैंड विश्वविद्यालय के अमेरिकी प्रोफेसर डा. पॉल कासोक (Paul kosok) ने पहली बार इन रेखाओं का अध्ययन किया। हवाई जहाज में बैठ कर इन रेखाओं को देखने के बाद डा पाल ने इन्हें विश्व की ‘महानतम खगोलशास्त्र की पुस्तक” करार दिया।बुध ग्रह का रहस्य, जीवन, वायुमंडल, उपाय,खोज की जानकारी हिंदी मेंइसके बाद जर्मन गणितज्ञ व खगोलशास्त्री श्रीमती मारिया रीशें (Maria Reiche) ने इन रेखाओं का अध्ययन किया। उन्होंने इन रेखाओं में सेंकड़ों तिकोने व चतुप्कोणिक आकार, सीधी रेखाओं के जाल, तारो की आकृतियां तथा 100 दैत्याकार पशु-पक्षियों व वनस्पतियों के रेखाचित्र खोज निकाले है। ये रेखाएं 200 वर्ग मील के विशाल क्षेत्र मे फैली हुई हैं। नाज्काओं ने अपनी रहस्यमय कलाकृतियों के लिए सूखी नदियों से घिरे क्षेत्रों तथा विस्तृत समतल इलाकों को चुना है। इन रेखाओं के निर्माण मे टनों छोटे-छोटे कंकड़ों का प्रयोग हुआ होगा। पृथ्वी को दैत्याकार कैनवास समझ कर पहले योजना बनाई गई होगी तथा उसके बाद 6 वर्ग फुट के छोटे-छोटे नमूने के चित्र बनाए गए होगे जो आज भी दैत्याकार चित्रों के समीप मिल सकते हैं। मारिया रीशे का अनुमान है कि प्रत्येक बड़े चित्र के लिए नाज्काओ ने निर्धारित क्षेत्र को अनुभागों (Sections) में बांटा होगा तथा उसके बाद डोरियों की मदद से उन्होंने सीधी रेखाएं बनाई होगी। वे स्तम्भ आज भी इस रेगिस्तान में मिलते हैं, जिनसे ये डोरिया बाधी गई थी। कार्बन-14 की तकनीक से इन खम्भो की आयु 500 ईस्वी मानी गई है। इन चित्रों में चापे (Arcs) भी बनी हुई हैं। मारिया रीशे ने नापने की वह इकाई भी खोज निकाली है, जिसका नाज्का लोगो ने प्रयोग किया होगा।अपोलो की मूर्ति का रहस्य क्या आप जानते हैं? वे आश्चर्यनाजका कालीन बर्तन के एक टुकड़े पर बने एक चित्र के आधार पर अंतरराष्ट्रीय अन्वेषक संस्था सदस्यों जूलियन नॉट (Julian Knott) तथा जिम वुडमेन (Jim Woodman) का दावा है कि नाजका लोगों के पास कोई न कोई वायुयान नुमा वाहन अवश्य रहा होगा वरना वे बिना ऊपर से देखें इन चित्रों को नहीं बना सकते थे। उस बर्तन पर बने चित्र को ये दोनों अन्वेषक एक वायुयान ही बताते है।बाद में इसी के आधार पर वनस्पतियों के रेशो से रस्सियां बनाई गई तथा एक गैस बैग (Gas Bag) बनाई गई। सरकंडों की एक टोकरी बनाई गई। इस तरह एक आदिम गुब्बारा बनाया गया। कुछ ही सेकंडों में इस गर्म हवा के गुब्बारे ने अन्वेषकों को छ: सौ फिट की ऊंचाई पर पहुंचा दिया। थोड़ी देर में यह गुब्बारा अचानक नीचे गीर गया। लेकिन जैसे ही अन्वेषक उस टोकरी से उतरे गुब्बारा फिर उड़ा और 1200 फुट की ऊंचाई पर पहुंच कर 20 मिनट तक उड़ता रहा। उसने तीन मील की दूरी तय की। इस प्रयोग से इस अनुमान को बल मिला कि हो न हो नाजका लोगों के पास वायु से हल्का कोई उड़न यंत्र जरूर था।रूस में अर्जुन का बनाया शिव मंदिर हो सकता है? आखिर क्या है मंदिर का रहस्यविद्वानों का अनुमान है कि पराकास (Paracas) क्षेत्र में नेक्रोपोलिस (Necropolis) नामक स्थान पर गढ़ी 4 सौ नाजका ममीयो के मिलने से नाजका लोगों के बारे में काफी रहस्यों पर से आवरण हट जाने की संभावना है। ये ममिया नाजका शासक वर्ग के सदस्यों की है जो दो हजार वर्ष पूर्व अत्यंत जटिल कर्मकांडो के साथ दफनाएं ग्रे होगें। इन मणियों को बहुत लंबे अच्छे किस्म के कपड़ों में लपेट कर रखा गया है। जिन पर बहुरंगी उन से कढ़ाई की गई है। कढ़ाई के डिजाइनों में विचित्र मुखौटा पहने हुए ऐसे लोगो को उड़ते हुए या हवा में कलाबाजियां खाते दिखाया गया है, जिनके शरीर से फीते लटक रहे है। क्या नाजका लोगों ने ऐसी पतंगों का निर्माण कर लिया था जो मनुष्यों को अपने साथ उड़ा सकती थी?पेरु के पुरातत्वशास्त्र के कई विशेषज्ञों मे इस बात पर सहमति है कि नाजका लाइन्स का उद्देश्य खगोलीय कलैण्डर का निर्माण करना था। इन रेखाओं के अलावा इन समतलो की शुष्कता से निबटने के लिए नाजका समुदाय ने एक ऐसी सिंचाई की व्यवस्था विकसित कर ली थी जिसके कारण वे वर्ष में तीन फसलें उगा लेते थे। इन लाइनों की मदद से उन्होंने मौसमों का अध्ययन करना प्रारम्भ किया होगा। कुछ रेखाएं पहली बार होने वाली वर्षा की सूचक है। आज भी एण्डीज पर्वतमालाओं के कई किसान सितारों को देखकर वर्षा के समय का पता लगा लेते हैं। नाज्का किसान खाद के रूप में हम्बाल्ट (Humboldt) जल धारा की सार्डीन (Serdines) मछलियों का प्रयोग करते थे। वे समुद्री चिड़ियों की उडान का अध्ययन करके मौसम के आगमन का पता लगा लेते थे।सहारा रेगिस्तान कहा पर स्थित है – सहारा रेगिस्तान का रहस्यNazca Lines नाजका लाइनों मे चित्रित विचित्र किस्म के जानवरों का संबंध तारामंडलों की पशुओं के रूप में कल्पना कर लेने से हो सकता है ऐसा कुछ विद्वानों का विचार है। कुछ अन्य अध्यताओ का ख्याल है कि ये आकृतियां और कुछ नही वरन प्राचीन जादुई कर्ममकाण्डों की प्रतीक है। कृषि कार्य में सलग्न सभ्यताओं का त्योहार बनाने की ओर अग्रसर होना स्वाभाविक ही है। इन Nazca Lines रेखाओं में नाज्का त्योहारों व समूह नृत्यों की झलकियां भी मिलती हैं।रेखाओं मिलन वाले तिकानो और चुतुष्कोणो की व्याख्या पर भी काफी विवाद है। क्या ये आकृतिया खगोलीय प्रेक्षण (Observation) की प्रतीक है या सभा-स्थलो की? ये आकृतियां नाज्का देवताओं के लिए दी जाने वाली आहुतियों के स्थान हैं अथवा आत्माओं की पहरेदारी में रहने वाली पवित्र जमीन के प्रतीक हैं?मिस्र के पिरामिड का रहस्य – मिस्र के पिरामिड के बारे में जानकारीसन 1960 मे खगोलविद जगल्ड एस हाकिन्स (Jerald S Hawkings) ने 93 तरह के संरेखण (Alignment) तथा 45 तारो की आकृतियों को एक कम्प्यूटर में भरा। इस सामग्री के साथ एक मुख्य प्रश्न भी शामिल था-क्या ईसा 500 वर्ष पूर्व से अब तक सूर्य, चन्द्रमा व तारो का संरेखण नाजका लाइन्स से मेल खाता है।कम्प्यूटर ने जो उत्तर दिया वह निराशाजनक था। उसने कंबल कुछ संरेखणो मे समानता दिखलाई जो किसी व्यवस्थित योजना की पेदावार नही हो सकती थी। पेरू सरकार ने इन रेखाओं को देखने आने वाले पर्यटकों के पैरो और वाहनों से Nazca Lines नाजका लाइन्स को बचाने के लिए कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। इन रेखाओं का सुरक्षित रहना जरूरी है ताकि मारिया रीशे जेसे समर्पित वैज्ञानिक इन पर शोधकार्य करके मानव के अतीत के अंधेरे पृष्ठों पर प्रकाश डाल सके।हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—–[post_grid id=”8656″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... अद्भुत अनसुलझे रहस्य अनसुलझे रहस्य