Hawamahal history in hindi- हवा महल का इतिहास Naeem Ahmad, May 6, 2017February 18, 2024 प्रिय पाठकों पिछली पोस्ट में हमने हेदराबाद के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल व स्मारक के बारे में विस्तार से जाना और उसकी सैर की थी। इस पोस्ट में हम आपको लेकर चलेंगे राजस्थान राज्य की राजधानी और पिंक सिटी के नाम से प्रसिद्ध ऐतिहासिक शहर जयपुर की सैर पर। यूँ तो यह गुलाबी शहर अपने आप में अपनी खुबसूरती और पर्यटन के क्षेत्र में ऐतिहासिक स्थलों से पर्यटकों में खास महत्व रखता है। हर वर्ष यहाँ लाखों की संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक इस शहर की खुबसूरती को निहारने आते है। वैसे तो इस शहर में घुमने के लिए बहुत कुछ है। परन्तु इस पोस्ट में हम यहाँ के प्रसिद्ध स्थल हवा महल की सैर करेंगे और हवा महल hawamahal के बारे में विस्तार से जानेगें। इस पोस्ट में हम जानेगें कि:- हवा महल कहाँ स्थित है हवा महल का निर्माण किसने कराया हवा महल का निर्माण कब हुआ हवा महल का निर्माण क्यों किया गया था हवा महल का इतिहास क्या है हवा महल की कहानी हवा महल के वास्तुकार कौन थे हवा महल किस वास्तु शैली से बना है। हवा महल का स्थापत्य क्या है हवा महल का नाम हवा महल क्यों पडा हवा महल में कितने झरोखे है हवा महल की ऊचांई क्या है हवा महल को बनाने में किस मटेरियल का प्रयोग किया गया है। हवा महल कैसे पहुँचेये सारे सवाल आपके जहन में भी घुम रहे होगें इस पोस्ट में हमें इन सभी सवालों के जवाब मिल जायेंगेHawamahal Jaipurसिटी प्लैस की जानकारीजल महल जयपुरहवा महल hawamahalहवा महल भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर शहर के बडी चौपड़ चौराहे के मुख्य रोड़ पर सिटी प्लेस के किनारे स्थित हैं। तथा यह जयपुर शहर के दक्षिण में है। हवा महल जयपुर में स्थित आलिशान महल है। वास्तव में ये एक विशाल आवरण वाली दीवार है। जिसें मुख्य तौर पर शाही परिवार की औरतो के लिए बनवाया गया था। ताकि वे सडक पर हो रहे त्योहारों उत्सवों और प्रजा की दैनिक दिनचर्या का भीतर से ही आनंद ले सके। क्योंकि पर्दा प्रथा के चलतें उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं थी।जल महल जयपुर रोमांटिक महलहवा महल का निर्माण सन 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था। हवा महल को डिज़ाइन करने की जिम्मेदारी प्रसिद्ध वास्तुकार लालचंद उस्ताद को दी गई थी। जिन्होंने हिन्दू देवता भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट के रूप के समान इस इमारत को डिज़ाइन किया था। इस अनोखी इमारत के डिज़ाइन की एक खास बात यह भी है की बाहरी ओर से देखने पर यह मधुमक्खी के उलटें छत्ते की भाँति दिखाई पडती है। इस पांच मंजिला अनोखी इमारत जिसमें ऊपर से नीचे तक 953 छोटी बडी जालीदार खीडकीयाँ है। जिन्हें झरोखा भी कहा जाता है। इन जालियों को लगाने के पीछे यही मकसद था कि पर्दा प्रथा का पालन भी हो सके और इन जालीयो द्वारा महल परिसर के भीतरी भाग में ठंडी हवा का संचार हो सके। जिससे महल का वातावरण वातानुकूलित सा रहता है। इसी से इस महल का नाम हवा महल पड गया था।माधो विलास महल का इतिहास हिन्दी मेंहवा महल की संरचनायह एक पांच मंजिला पिरामिड आकार की स्मारक है। जो इसके आधार से लगभग 15 मीटर ऊंची हैं। महल के ऊपरी तीन मंजिलों की संरचना का परिमाप एक रूम की चौड़ाई के बराबर है। जबकि पहली और दूसरी मंजिलों के सामने आंगन भी मौजूद है। खुबसूरत जालीदार खिड़कियाँ नक्काशीदार गुम्बद इसकी सुंदरता और बढा देते है। महल की इमारत के पीछे के आंतरिक परिसर में जरूरत के मुताबिक खम्भों के साथ कमरों का निर्माण किया गया है। और गलियारों को हल्की सजावट के साथ बनाया गया है। जिनके द्वारा सबसे ऊपरी मंजिल तक पहुँचा जाता है। हवा महल के आंगन में सोने के पानी से मढित ( सोने के पोलिश ) एक खूबसूरत फव्वारा आंगन के केन्द्र में स्थित है। हवा महल के निर्माण में लाल गुलाबी बलुआ पत्थर का प्रयोग किया गया है। जो जयपुर की ज्यादातर इमारतों में भी प्रयोग हुआ है। हवा महल hawamahal की संस्कृति और वास्तुकला विरासत हिन्दू राजपूत वास्तुकला और इस्लामिक मुग़ल वास्तुकला का यथार्थ प्रतिबिंब है। राजपूत वास्तुकला में गुम्बदाकार छतरियां स्तंभ कमल पुष्प प्रतिमा के आकार सम्मिलित है। जबकि मुग़ल वास्तुकला में चंडी के महीन काम द्वारा पत्थरों को जोडना और मेहराब सम्मिलित हैं।क्रिप्टो में इंवेस्ट करें और अधिक लाभ पाएं (hawamahal) हवा महल में प्रवेश पिछे की तरफ सिटी प्लेस से होकर एक शाही दरवाजे के माध्यम से किया जाता है। यह दरवाजा एक विशाल आंगन में खुलता हैं। जिसके तीनो ओर एक दो मंजिला इमारत है। और जो हवा महल के पूर्वी भाग से जुड़ी हुई है। महल के आंगन में एक पुरातत्व संग्रहालय भी है।ईसरलाट जयपुर – मीनार ईसरलाट का इतिहासहवा महल के बारे में कुछ ओर रोचक बातें हवा महल बिना आधार के बना हुआ विश्व का सबसे ऊचां महल है हवा महल की छोटे छोटे जालीदार झरोखों वाली उन्नत दीवार मात्र 8 इंच चौड़ी है। जिस पर पूरी पांच मंजिलें खड़ा होना निर्माण कला की अपनी एक विशिष्टता है हवा महल की सबसे ऊपरी मंजिल पर पहुँच कर सिटी प्लेस और जंतर मंतर के सुंदर दृश्य दिखाई पडता है।हमारे यह लेख भी जरुर पढ़े:– [post_grid id=”13251″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के पर्यटन स्थल ऐतिहासिक धरोहरेंजयपुर पर्यटनराजस्थान धरोहरराजस्थान पर्यटन
धन्यवाद जी हां! हवामहल जितनी सुंदर इमारत है उतना ही सुंदर हवा महल का इतिहास भी है। हवामहल राजस्थान पर्यटन का एक बहुत ही सुंदर और ऐतिहासिक स्थल हैLoading...