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चारमीनार के सुंदर दृश्य

Charminar history in hindi- चारमीनार का इतिहास

प्रिय पाठकों पिछली पोस्ट में हमने दिल्ली के प्रसिद्ध स्थल स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर के बारे में जाना और उसकी सैर की थी। इस पोस्ट में हम आपको तेलंगाना राज्य के प्रसिद्ध शहर हेदराबाद ले चलेंगे। हेदराबाद शहर किस लिए प्रसिद्ध है यह तो आप सभी अच्छी तरह जानते होगें। हेदराबाद शहर वहाँ स्थित चारमीनार के लिए जाना जाता है। तो इस पोस्ट में हम हेदराबाद में स्थित चारमीनार( charminar history in hindi ) मस्जिद स्मारक की सैर करेगें और जानेगें कि:-

  • चारमीनार को किसने बनवाया
  • चारमीनार का निर्माण क्यों किया गया
  • चारमीनार का निर्माण कब हुआ
  • चारमीनार की कहानी
  • चारमीनार को बनाने में किस मटेरियल का प्रयोग किया गया
  • चारमीनार का इतिहास
  • चारमीनार किस वास्तुशैली में बनाया गया है
  • चारमीनार की ऊचाँई क्या है
  • Charminar history in hindi

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Charminar चारमीनार कहा स्थित है

यह इमारत भारत के तेलंगाना राज्य के प्रसिद्ध शहर हेदराबाद में स्थित है। इस इमारत का निर्माण मुसी नदी के पूर्वी तट पर किया गया है। चारमीनार के निर्माण के बाद उसके चारों ओर हेदराबाद शहर बसता चला गया। लगभग 450 साल पहले बनायी गई यह इमारत आज हेदराबाद शहर के बीचोंबीच स्थित हैं।

Charminar
चारमीनार के सुंदर दृश्य

चारमीनार और हेदराबाद को कब और किसने बनवाया:-

हेदराबाद शहर और चारमीनार गोलकोंडा के कुतुबशाही वंश के पांचवें सुल्तान मुहम्मद कुली कुतब शाह ने 1591 ई° में कराया था। जो इब्राहिम कुली कुतब शाह के तीसरे पुत्र थे। मुहम्मद कुली कुतब शाह का जन्म 1565 ई° हुआ था और 1611 ई° तक वह जीवित रहे। मुहम्मद कुली कुतब शाह ने गोलकोंडा पर 31 वर्षो तक शासन किया था। जिसमें उन्होंने हेदराबाद को राजधानी के रूप में स्थापित किया और इसके स्थापत्य और चारमीनार का निर्माण कराया।

चारमीनार को क्यों बनवाया गया था:-

गोलकोंडा से हेदराबाद में अपनी राजधानी स्थापित करने के बाद मुहम्मद कुली कुतब शाह ने स्मारक के रूप में चारमीनार का निर्माण कराया था। ताकि गोलकोंडा और पोर्ट शहर मछलीपट्टनम को ऐतिहासिक व्यापार मार्ग को जोड़ा जा सके इसके अलावा चारमीनार निर्माण के पिछे एक और कारण भी बताया जाता है। कहा जाता है कि उस समय हेदराबाद और उसके आसपास प्लेग रोग नामक महामारी बहुत अधिक फैली हुई थी। तब वहाँ के सुल्तान मुहम्मद कुली कुतब शाह ने इस महामारी से निपटने के लिए बहुत से कड़े कदम उठाये थे। जिसके फलस्वरूप वह इस महामारी से निपटने में काफी हद तक सफल रहे थे। तब प्लेग रोग के अंत चिन्ह के रूप में चारमीनार स्मारक मस्जिद का निर्माण कराया गया था।

चारमीनार की संरचना

चारमीनारो के साथ बनाईं गई इस इमारत की विशाल और प्रभावशाली संरचना है। यह इमारत वर्गाकार आकार में बनी हुई हैं। जिसकी हर साइड समान रूप से 20 मीटर लम्बी है। जिसमें हर दिशा में महराबनुमा दरवाजा है। जो इस समय के अलग अलग बाजारों में खुलते है। इस वर्गाकार इमारत के प्रत्येक कोने में 56 मीटर ऊंची मीनारें है। प्रत्येक मीनार में दो बालकनी है तथा चोटी पर गुम्बद बना है। प्रत्येक मीनार की चोटी पर जाने के लिए 149 घुमावदार हवाई सीढीयाँ है। चारमीनार दो मंजिला इमारत है। जिसकी बालकनी से आसपास शहर का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है। इमारत के ऊपरी हिस्से में खुला हुआ मस्जिद है ( तरह की भारतीय इदगाहो में होती है) यह मस्जिद ऊपरी हिस्से में पश्चिम की ओर है बाकी हिस्से में कुतब शाही का दरबार लगता था।

(charminar चार मीनार की रोचक जानकारी)

  • चारमीनार को बनाने के लिए पर्शियन वास्तुकार को बुलाया गया था।
  • चारमीनार का निर्माण इंडो इस्लामिक कला के आधार पर किया गया था।
  • चारमीनार के उत्तर में चार कमान और चार द्वार है।
  • चारमीनार के बायीं तरफ लाड बाज़ार और दक्षिण की तरफ मक्का मस्जिद है।
  • चारमीनार को फोर टावर भी कहा जाता है।
  • चारमीनार इस्लाम धर्म के पहले चार खलिफा के प्रतीक के रूप में भी माना जाता है।
  • चारमीनार के चारो कोनों पर वक्र पर घडी लगीं है। जो 1889 में बनाई गई थी।
  • चारमीनार को हर शाम रंगबिरंगी लाईटों के प्रकाश से सजाया जाता है। जो एक अविस्मरणीय दृश्य बनता है।
  • इस इमारत के पहले तल को कुतबशाही अवधि के दौरान मदरसे के रूप में भी उपयोग किया जाता था।

Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

This Post Has 4 Comments

  1. shiva khawas

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