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मांडू का इतिहास

मांडू का इतिहास इन हिन्दी – Mandu history in hindi

मांडू, माण्डू या माण्डवगढ़ भारत के मध्य प्रदेश राज्य के धार जिले में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। मांडू शहर मालवा क्षेत्र में विंध्याचल पर्वत के छोर पर है। इसकी स्थापना परमार राजा भोज (1018-60) ने की थी। मांडू का प्राचीन नाम शादियाबाद (आनंद का शहर) है। मांडू का इतिहास इन हिन्दी राजा भोज ने इसे अपनी राजधानी बनाया था। वह परमारों में सबसे…

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चेदि राज्य का इतिहास

चेदि कहां है – चेदि राज्य का इतिहास

चेदि राज्य खजुराहो के दक्षिण में हुआ करता था। इसका प्राचीन नाम डाहलमंडल है। इसे त्रिपुरी (जो जबलपुर मध्य प्रदेश के पश्चिम में दस किमी दूर है) भी कहा जाता है। अमोघवर्ष के संजन ताम्रलेख से यह ज्ञात होता है कि राष्ट्रकूट राजा गोविंद तृतीय ने इसे जीतकर लक्ष्मणराज को यहां का राज्यपाल बनाया था। लगभग 845 ई० में कोकल्ल प्रथम ने यहां कलचूरी वंश…

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तिरुचिरापल्ली के दर्शनीय स्थल

तिरुचिरापल्ली का इतिहास और दर्शनीय स्थल

त्रिचिनापल्ली तमिलनाडु राज्य में तंजौर के 55 किमी पश्चिम में है। इसका आधुनिक नाम तिरुचिरापल्ली है। इसे त्रिची भी कहा जाता है। द्वारसमुद्र के होयसल वंश का अंतिम शासक बल्लाल तृतीय 1342 में मुस्लिमों से युद्ध करता हुआ तिरुचिरापल्ली में ही मारा गया था। 1732 में अर्काट के नवाब दोस्त अली खान ने अपने दामाद चंदा साहिब को त्रिचनापल्‍ली पर कब्जा करने के लिए भेजा…

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अर्काट का इतिहास

अर्काट का इतिहास – अर्कोट कहा है

सतरहवीं-अट्ठारहवीं शताब्दी में कर्नाटक दक्खन (हैदराबाद) के निजाम का एक सूबा था, जिसकी राजधानी अर्काट थी। इसका प्रशासनिक मुखिया सूबेदार होता था। उसे नवाब कहा जाता था। औरंगजेब ने 1690 ई० में जुल्फीकार अली खाँ को यहाँ का सबसे पहला नवाब बनाया था। उसने 1703 ई० तक शासन किया। उसके बाद दाउद खाँ (1703-10), मुहम्मद सैयद सआदत उल्ला खाँ (1710-32) और दोस्त अली (1732-40) यहां…

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वल्लभी का इतिहास

वल्लभी का इतिहास – वल्लभीपुर का इतिहास

वल्लभी या वल्लभीपुर यह स्थान गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में हुआ करता था। आजकल यह गुजरात राज्य के भावनगर जिले का एक ऐतिहासिक नगर है, और घेला नदी के किनारे बसा हुआ है। इसका नामकरण वल्लभ वंश पर पड़ा। वल्लभी कभी प्राचीन मैत्रक वंश की राजधानी हुआ करता था। वल्लभीपुर शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र था, यहां कई बौद्ध मठ भी थे। वल्लभी का इतिहास…

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हल्लूर आर्कियोलॉजिकल साइट

हल्लूर आर्कियोलॉजिकल साइट कर्नाटक

हल्लूर एक आर्कियोलॉजिकल साइट है। हल्लूर खुदाई में बस्ती होने के संकेत मिले हैं। हल्लूर भारत के कर्नाटक राज्य के हावेरी जिले में स्थित है। पहले यह धारवाड़ जिले में था। धारवाड़ जिले से अलग कर हावेरी जिला बनाया गया। हल्लूर एक पुरातात्विक महत्व का स्थल है। यह स्थान गोदावरी नदी के दक्षिण में है। हल्लूर में नवपाषाण तथा महापाषाण काल के अवशेष मिले हैं।…

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मसूलीपट्टम के दर्शनीय स्थल

मसूलीपट्टम के दर्शनीय स्थल – मछलीपट्टनम पर्यटन स्थल

मसूलीपट्टम जिसका वर्तमान नाम मछलीपट्टनम है। मसूलीपट्टम की स्थापना अरब के व्यापारियों द्वारा 14वीं शताब्दी में की गई थी। मसूलीपट्टम यह स्थान आंध्र प्रदेश के गोलकुंडा क्षेत्र में है। तथा कृष्णा जिले में है। इसका प्राचीन नाम मसालिया है। यहाँ अंग्रेजों ने 1613 ई० में एक कारखाना लगाया था। मसूलीपट्टम का इतिहास दिसंबर, 1669 में फ्रांसीसियों ने भी यहाँ अपना दूसरा कारखाना स्थापित किया था।…

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महाराजा सरदार सिंह बीकानेर

महाराजा सरदार सिंह बीकानेर परिचय और इतिहास

महाराजा रत्नसिंह जी के स्वर्गवासी हो जाने पर सन् 1852 में उनके पुत्र महाराजा सरदार सिंह जी बीकानेर राज्य के सिंहासन पर विराजमान हुए। महाराजा सरदारसिंह ने सन् 1852 से सन् 1872 तक बीकानेर राज्य पर शासन किया। आपके राज्याभिषेक के समय से बीकानेर की राज्य-शक्ति मानो क्रमश: हीन होने लगी थी। जो बल, विक्रम, शूरता, साहस आदि गुण राठौर राजाओं के भूषण थे, वे…

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महाराजा रत्नसिंह बीकानेर

महाराजा रत्नसिंह बीकानेर का परिचय और इतिहास

महाराजा सूरत सिंह जी के परलोकवासी होने पर उनके पुत्र महाराजा रत्नसिंह जी बीकानेर राजसिंहासन पर विराजमान हुए। आपके सिंहासन पर बेठने के साथ ही बीकानेर राज्य के सामन्‍त और समस्त प्रजा के मन का भाव भी सहसा बदल गया। महाराज सूरत सिंह जी की मृत्यु के पहले राज्य में जिस प्रकार अशान्ति, उत्पीड़न और अत्याचारों की वृद्धि हो रही थी, चोर डाकुओं के उपद्रव…

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जाटों की उत्पत्ति

जाटों की उत्पत्ति कैसे हुई – जाटों का प्राचीन इतिहास

जाट जाति भारत की एक प्रमुख जाति है, जाटों को उत्पत्ति कैसे हुई यह एक अनसुलझा प्रश्न है। जाट वंश की उत्पत्ति के लिये भिन्न भिन्न विद्वानों की भिन्न भिन्‍न राय है। जाटों को प्राचीन इतिहास देखने से पता चलता है कि कुछ पाश्चात विद्वानों ने इनकी उत्पत्ति इन्डो सीथियन्स से बतलाई है और लिखा है कि कई विदेशी जातियों की तरह जाट भी…

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