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महाराजा अनूप सिंह

महाराजा अनूप सिंह का इतिहास

महाराजा कर्ण सिंह जी के तीन पुत्रों की मृत्यु तो उपरोक्त लेख में बतलाये मुताबिक हो ही चुकी थी। केवल चौथे पुत्र महाराजा अनूप सिंह जी बच गये थे। अतएव सन् 1764 में राजा की उपाधि धारण कर आप राज सिंहासन पर बेठे। आप एक महावीर ओर असीम साहसी पुरुष थे। बादशाह ने आपको पाँच हज़ार अश्वारोही सेना की मनसब तथा बीजापुर और औरंगाबाद…

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महाराजा कर्ण सिंह बीकानेर

महाराजा कर्ण सिंह बीकानेर परिचय और इतिहास

महाराजा रायसिंह के स्वर्गवासी हो जाने घर उनके एक मात्र पुत्र महाराजा कर्ण सिंह जी पिता के सिंहासन पर विराजमान हुए। अपने पिता की जीवित अवस्था में ही सम्राट की अधीनता में महाराजा कर्ण सिंह दौलताबाद के शासन-कर्ता के पद पर नियक्त हुए थे। महाराजा कर्ण सिंह दाराशिकोह के विशेष अनुगत थे और आपने उसको बादशाह के दरबार में प्रवेश करने के लिये विशेष…

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महाराजा रायसिंह बीकानेर

महाराजा रायसिंह बीकानेर का परिचय

स्वर्गीय कल्याणमल जी के पश्चात उनके ज्येष्ठ पुत्र महाराजा रायसिंह जी बीकानेर राज्य के राज सिंहासन पर बैठे। आपके शासन-काल से बीकानेर राज्य के गौरव की सीमा बढ़ने लगी। आपके राजपद पर अभिषिक्त होने के पहले बीकानेर राज्य एक छोटा सा राज्य गिना जाता था। यद्यपि एक के बाद एक वीर एवं साहसी राजाओं ने इस राज्य की सीमा को दूर दूर तक फेलाया था,…

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राव बीका जी जोधपुर राज्य के संस्थापक

राव बीका जी का इतिहास और जीवन परिचय

बीकानेर राज्य के शासक उस पराक्रमी और सुप्रिसिद्ध राठौड़ वंश के है, जिसके शौर्य साहस और रणकौशल का वर्णन हम अपने अन्य लेखों में भी कर चुके हैं। ये उन्हीं शक्तिशाली राव जोधा जी के वंशज हैं जिनका उल्लेख हम अपने जोधपुर राज्य का इतिहास नामक लेख में कर चुके हैं। बीकानेर राज्य के मूल संस्थापक मारवाड़ के राजकुमार राव बीका जी थे। ये मारवाड़ के…

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भरतपुर राज्य

भरतपुर राज्य का इतिहास – History of Bhartpur state

भरतपुर राज्य के महाराजा जाट वंश के हैं। जाट वंश की उत्पत्ति के लिये भिन्न भिन्न विद्वानों की भिन्न भिन्‍न राय है। कुछ पाश्चात विद्वानों ने इनकी उत्पत्ति इन्डो सीथियन्स से बतलाई है और लिखा है कि कई विदेशी जातियों की तरह जाट भी मध्य एशिया से आकर हिन्दुस्तान में बस गये और धीरे धीरे हिन्दु जाति ने इन्हें अपने में मिला लिया। पर…

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महाराजा किशन सिंह भरतपुर रियासत

महाराजा किशन सिंह भरतपुर रियासत

भरतपुर के महाराजा श्री विजेन्द्र सवाई महाराजा किशन सिंह जी बहादुर थे। आपको लेफ्टनेट कर्नल की उपाधि प्राप्त थी। आपका जन्म सन् 1899 की 4 अक्तूबर को हुआ था। आपके पिता महाराजा रामसिंह जी सन् 1900 की 27 वीं अगस्त को राज्य कार्य से अलग हुए। उस समय आपकी आयु लगभग एक वर्ष की थी। अतएवं आपके बालिग होने तक भरतपुर राज्य शासन पोलिटिकल…

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महाराजा जसवंत सिंह भरतपुर रियासत

महाराजा जसवंत सिंह भरतपुर का जीवन परिचय और इतिहास

महाराजा बलवन्त सिंह जी के बाद उनके पुत्र महाराजा जसवंत सिंह जी भरतपुर राज्य के राज्य सिंहासन पर बिराजे। इस समय आप नाबालिग थे, अतएवं आगरा के कमिश्नर मि० टेलर ने राज्य के शासन-सूत्र को संचालित करने के लिए राज्य के सरदारों और माजी साहिबा की सलाह से धाऊ घासीराम जी को रिजेन्ट नियुक्त किया। अंग्रेजी सरकार ने इस नियुक्ति का समर्थन किया। हाँ,…

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महाराजा रणजीत सिंह भरतपुर राज्य

महाराजा रणजीत सिंह का इतिहास और जीवन परिचय

महाराजा केहरी सिंह जी के बाद महाराजा रणजीत सिंह जी भरतपुर राज्य के राज्य सिंहासन पर अधिष्ठित हुए। इनके समय में राजनैतिक दृष्टि से कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुई, अतएवं उन पर थोड़ा सा प्रकाश डालना आवश्यक है। जिस समय महाराजा रणजीत सिंह जी राज्य-सिंहासन पर बैठे थे, उस समय अंग्रेज भारत में अपनी सत्ता मजबूत करने के काम में लगे हुए थे। कहने की आवश्यकता…

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राजा जवाहर सिंह भरतपुर राज्य

महाराजा जवाहर सिंह का इतिहास और जीवन परिचय

स्वर्गीय राजा सूरजमल जी के पाँच पुत्र थे, यथा:- जवाहर सिंह, ताहर सिंह, रतन सिंह, नवल सिंह, और रणजीत सिंह। इनमें सब से बड़े पुत्र जवाहर सिंह भरतपुर राज्य के सिंहासन पर आसीन हुए। महाराजा जवाहर सिंह जी बड़े पराक्रमी वीर थे। पर साथ ही वे बड़े दुराग्रही और हठी स्वभाव के थे। आपने अपने पिता का राज्य उनकी जीवित अवस्था ही में खूब…

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राजा सूरजमल भरतपुर राज्य

राजा सूरजमल का इतिहास और जीवन परिचय

राजा सूरजमल का जन्म सन् 1707 में भरतपुर में हुआ था। राजा बदन सिंह की मृत्यु के बाद राजा सूरजमल जी भरतपुर राज्य के सिंहासन पर विराजे। ये महान और वीर राजनीतिज्ञ दूरदर्शी और प्रतिभा संपन्न महानुभाव थे। इनका नाम न केवल भरतपुर राज्य के इतिहास में नहीं वरन् भारत के इतिहास में अपना विशेष महत्व रखता है। ये भारत के एक ऐतिहासिक महापुरुष…

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