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संत तुकाराम जी

संत तुकाराम का जीवन परिचय और जन्म

एक दिन एक किसान अपने खेत से गन्ने कमर पर लाद कर चला। मार्ग में बालकों की भीड़ उसके साथ हो ली। किसान चलता जाता था और बच्चों को गन्ने बाटता जाता था। जब वह घर पहुंचा तो उसके पास केवल एक गन्ना बचा। घरवाली अपने पति के हाथ में सिर्फ एक गन्ना देख भड़क उठी और उसने बिचारे से गन्ना छीन उसकी कमर…

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संत तुलसीदास जी

संत तुलसीदास का जीवन परिचय, वाणी और कहानी

भारतीय संस्कृति के प्राण और विश्व साहित्य के कल्पतरू संत तुलसीदास इस लोक के सुख और परलोक के दीपक हैं। उनके उदय ने धर्म को जीवन दिया, समाज को चेथना प्रदान की, जीवन को सत्य दिये और साहित्य में चार चांद जड़े। संत तुलसीदास जी का जन्म अब से लगभग पांच सौ वर्ष पूर्व श्रावण शुक्ल सप्तमी सम्वत्‌ 1598 में हुआ था और श्रावण…

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भक्त नरसी मेहता जी

भक्त नरसी मेहता की कथा – नरसी मेहता की कहानी

पुण्यभूमि आर्यवर्त के सौराष्ट-प्रान्त (गुजरात) में जीर्ण दुर्ग नामक एक अत्यन्त प्राचीन ऐतिहासिक नगर है, जिसे आजकज जूनागढ़ कहते है। भक्त नरसी मेहता का जन्म लगभग संवत् 1470 में इसी जूनागढ़ में एक प्रतिष्ठित नागर ब्राह्मण परिवार में हुआ था। कुछ लोगों का मत है कि जूनागढ़ के पास ही तलाजा नामक गांव में भक्त नरसी मेहता का जन्म हुआ था। और बाद में उनका…

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संत हरिदास जी निरंजनी

संत हरिदास का जीवन परिचय – निरंजनी

संत हरिदास एक भारतीय संत और कवि थे, और इन्हें निरंजनी संप्रदाय के संस्थापक के रूप में जाना जाता है,इनका काल जीवन काल सोहलवीं शताब्दी के मध्य से सत्रहवीं शताब्दी के प्रारंभ तक माना जाता है, यह अपने समय के बड़े प्रतापी साध संत माने जाते हैं, अपने इस लेख में हम इसी महान आत्मा संत हरिदास के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से…

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संत सूरदास जी

संत सूरदास का जीवन परिचय हिंदी में

संत सूरदास जी एक परम कृष्ण भक्त, कवि और साध शिरोमणि 16 वें शतक में हुए जो 31 बरस तक गुसाईं तुलसीदास जी के समकालीन थे। इनको उद्धवजी का अवतार कहते हैं और यह बाल-साध थे। आठ बरस की अवस्था में अपने माता पिता के साथ मथुरा को गये और फिर वहीं एक साथू के पास रह गये। मथुरा से वह गऊघाट आये जो आगरा…

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संत सदना जी प्रतीकात्मक चित्र

संत सदना जी का परिचय

संत सदना जी का समय पंद्रहवीं शताब्दी के आखरी भाग रहा है। संत सदना जी जाति के कसाई थे। यह यद्यपि जाति के कसाई थे। परंतु जीवहिंसा नहीं करते थे मांस इकट्ठा मोल लेकर फुटकर बेचते थे, तराजू के बाट की जगह शालिग्राम की एक बटिया थी उसी से तोला करते थे चाहे कोई पाव भर ले चाहे पांच सैर। एक दिन एक वैष्णव ने…

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दयाबाई का जीवन परिचय और रचनाएं

दयाबाई का जीवन परिचय और रचनाएं

महिला संत दयाबाई जी महात्मा संत चरणदास जी की शिष्य और संत सहजोबाई जी की गुर-बहिन थी। संत चरण दास जी और संत सहजोबाई जी का जीवन परिचय हम अपने पिछले लेखों में लिख चुके हैं। संत दयाबाई मेवात राजस्थान के डेहरा नामी गांव में पैदा हुई जहां कि इनके गुरु महराज ने अवतार धरा था और फिर गुरू जी के साथ दिल्ली जाकर…

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संत सहजोबाई जी

सहजोबाई का जीवन परिचय और रचनाएं

महिला संत सहजोबाई जी राजपूताना के एक प्रतिष्ठित ढूसर कुल की स्त्री थी जो परम भक्त हुई और संत मत के अनुसार साध गति को प्राप्त हुई। संत सहजोबाई का जीवन परिचय हमने भक्तमाल और उस प्रकार की कई पुस्तकों में ढूंढ़ा परन्तु कहीं कुछ प्रमाणिक वृत्तांत नहीं मिलता है। सहजोबाई की वाणी से इतना निश्चय होता है कि वह सम्वत्‌ 1800 में वर्तमान थीं…

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भक्त मीराबाई

मीराबाई का जीवन परिचय और कहानी

मीराबाई भक्तिकाल की एक ऐसी संत और कावित्रि हैं, जिनका सबकुछ कृष्ण के लिए समर्पित था। मीरा का कृष्ण प्रेम ऐसा था कि वह उन्हें अपना पति मान बैठी थीं। भक्ति की ऐसी चरम अवस्था कम ही देखने को मिलती है। अपने इस लेख में हम इसी परम भक्त मीराबाई का जीवन परिचय और कहानी को जानेंगे मीराबाई का जन्म स्थान, माता पिता…

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बाबा धरनीदास जी

बाबा धरनीदास का जीवन परिचय हिंदी में

बाबा धरनीदास जी जाति के श्रीवास्तव कायस्थ एक बड़े महात्मा थे। इनका जन्म जिला छपरा बिहार राज्य के मांझी नामक गांव में संवत्‌ 1713 विक्रमी में हुआ पर चोला छोड़ने का समय ठीक मालूम नहीं होता। मांझी गाँव सरयू नदी के तट पर उत्तर की ओर बसा है जहां अब एक बड़ा पुल रेलवे का बना है। बाबा धरनीदास का जीवन परिचय हिंदी में…

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संत बुल्ला साहब का जीवन परिचय

संत बुल्ला साहब का जीवन परिचय हिंदी में

संत बुल्ला साहब, संत यारी साहब के गुरुमुख चेले और संत जगजीवन साहब व संत गुलाल साहब के गुरू थे। यह जाति के कुनबी थे और असल नाम इनका बुलाकीराम था। इन्होंने भुरकुंडा गांव जिला गाजीपुर में अपना सतसंग चालू किया जहां इनके बाद संत गुलाल साहब और संत भीखा दास जी भी सतसंग कराते रहे और अब तक वहां तीनों की समाधि भी मौजूद…

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संत यारी साहब का जीवन परिचय

संत यारी साहब का जीवन परिचय हिंदी में

संत यारी साहब के जीवन का परिचय बहुत खोज करने पर भी कुछ अधिक नहीं मिलता है, सिवाय इसके कि वह जाति के मुसलमान थे और दिल्ली में अपने गुरू बीरू साहब की सेवा में रहते थे और उनके चोला छोड़ने पर उसी जगह बने रहकर अपना सतसंग कराने लगे। संत बीरू साहब, संत बाबरी साहब के शिष्य थे और यारी साहब के दादागुरु थे।…

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बाबा मलूकदास जी की प्रतिमा

बाबा मलूकदास का जीवन परिचय, जन्म,गुरू चमत्कार

बाबा मलूकदास जी जिला इलाहाबाद के कड़ा नामक गांव में बैसाख वदी 5 सम्वत्‌ 1631 विक्रमी में लाला सुंदरदास खत्री कक्कड़ के घर प्रकट हुए। जब पांच बरस के हुए तो मकान से बाहर गली में खेला करते थे और खेल के दर्मियान जो कुछ कांटा कुडा करकट गली में पड़ा होता था उसे उठाकर एक कोने में डाल देते कि किसी के पांव…

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संत गुलाल साहब जी

संत गुलाल साहब का जीवन परिचय हिंदी में

संत गुलाल साहब जाति के छत्री थे, और संत बुल्ला साहब के गुरूमुख शिष्य, तथा संत जगजीवन साहब के गुरु भाई, और संत भीखा दास के गुरु थे जैसा कि नीचे दी गई वंशावली से प्रगट होता। इनके जीवन का कुछ हाल नहीं मिलता यद्यपि इनके स्थान सुरकुड़ा जिला गाजीपुर और दूसरी जगहों में खोज की गईं। लेकिन जोकि यह संत जगजीवन साहब के…

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संत भीखा दास जी की प्रतिमा

संत भीखा दास का जीवन परिचय हिंदी में

संत भीखा दास जिनका घरेलू नाम भीखानंद था जाति के ब्राह्मण चौबे थे। जिला आजमगढ़ के खानपुर बोहना नाम के गांव में उन्होंने जन्म लिया उनके जन्म का सही वर्ष अज्ञात है, हां जब उन्होंने परलोक सिधार किया जब उनकी उम्र लगभग पचास वर्ष थी। संत भीखा दास का जीवन परिचय हिंदी में बाल अवस्था ही से उन को परमार्थ और साध…

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संत दरिया साहब मारवाड़ वाले की वाणी

संत दरिया साहब मारवाड़ वाले का जीवन परिचय

संत दरिया साहब मारवाड़ वाले का जन्म मारवाड़ के जैतारण नामक गांव में भादों वदी अष्टमी संवत्‌ 1733 विक्रमी के दिन एक मुसलमान कुल में जन्म हुआ और अगहन सुदी पूनो संवत् 1815 को 82 बरस से अधिक अवस्था में परलोक को सिधारे। उस समय महाराज बख्तसिंह जी मारवाड़ के राजा थे। संत दरिया साहब के बाप माँ जाति के धुनियां थे जैसा कि…

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संत दरिया साहब बिहार वाले

संत दरिया साहब बिहार वाले का जीवन परिचय

परम भक्त सतगुरु संत दरिया साहब जिनकी महिमा जगत प्रसिद्ध है पीरनशाह के बेटे थे। पीरनशाह बड़े प्रतिष्ठित उज्जैन के क्षत्री थे जिनके पुरखा बक्सर के पास जगदीशपुर में राज करते थे। संत दरिया साहब का जन्म मुकाम धरकंधा जिला आरा बिहार में जो डुंमराव से सात कोस दक्षिण है और जहां उनका ननिहाल था हुआ था। संत दरिया साहब के जन्म का साल इनके…

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संत रैदास जी

संत रैदास जी का जीवन परिचय, जन्म, मृत्यु, गुरू आदि जानकारी

संत रैदास जी जाति के चमार एक भारी भक्त थे जिनका नाम हिन्दुस्तान ही नहीं वरन् ओर देशों में भी प्रसिद्ध हैं। यह संत कबीरदास के समय में वर्तमान थे और इस हिसाब से इनका जमाना ईस्वी सन् की चौद॒हवीं सदी ( शतक ) ठहरता हैं। यह महात्मा भी कबीर दास की तरह काशी में पैदा हुए। कहते हैं कि संत कबीर दास के…

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संत गरीबदास जी

संत गरीबदास का जीवन परिचय, गुरु, चमत्कार

महात्मा संत गरीबदास जी का जन्म मौजा छुड़ानी, तहसील झज्जर, ज़िला रोहतक हरियाणा में वैसाख सुदी पूनो संवत् 1774 वि० मुताबिक ईसवी सन्‌ 1717 को हुआ था। वह जाति के जाट धनखड़े या दलाल गोत्र के थे और पेशा जमींदारी का करते थे। अपने घर मौजा छुड़ानी ही में सतसंग खड़ा करके जीवों को चेताते रहे ओर सारी उमर गृहस्थ में रह कर 61…

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संत चरणदास जी

संत चरणदास जी का जीवन परिचय, समाधि, चमत्कार

महात्मा संत चरणदास जी का जन्म राजपूताना के मेवात प्रदेश के डेहरा नामी गांव में एक प्रसिद्ध ढूसर कुल में हुआ था, जन्म का दिन भादों सुदी 3 मंगलवार सम्वत्‌ 1760 विक्रमी मुताबिक सन्‌ 1703 ईसवी के था ओर 79 बरस की उमर तक प्रेमाभक्ति का सदावर्त चलाकर सम्वत्‌ 1839 में दिल्ली में चोला छोड़ा जहां संत चरणदास जी कि समाधि अब तक बनी हुई…

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संत दूलनदास जी महाराज

संत दूलनदास का जीवन परिचय हिंदी में

महात्मा संत दूलनदास जी के जीवन का प्रमाणिक वृत्तान्त भी कितने ही प्रसिद्ध संतो और भक्तों की भांति नहीं मिलता। यह संत जगजीवन दास के गुरुमुख शिष्य थे जो थोड़े बरस 18वी शताब्दी विक्रमी के आखरी भाग में और विशेष काल तक 19वीं शताब्दी के प्रारंभ भाग में वर्तमान थे। संत दूलनदास का जीवन परिचय संत दूलनदास जाति के सोम-वंशी ठाकुर थे जिनका जन्म…

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संत सुंदरदास जी

संत सुंदरदास का जीवन परिचय, रचनाएं, वाणी

संत सुंदरदास जी के जन्म से संबंधित एक कथा प्रचलित है जिसके अनुसार पिछले समय में प्रचलन था कि साधू लोग अपना वस्त्र बुनने के लिये जब जरूरत पड़ती थी तो सूत मांग लाया करते थे ऐसे ही एक दिन संत दादू दयाल के प्रेमी शिष्य जग्गा जी आमेर नगर में सूत मांग रहे थे और अपनी उमंग में यह आवाज लगाते थे “दे…

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संत दादू दयाल जी

संत दादू दयाल की जीवनी और परिचय

संत दादू दयाल जी का जन्म फागुन सुदी अष्टमी बृहस्पतिवार विक्रमी सम्वत 1601 को मुताबिक ईसवी सन्‌ 1544 के हुआ था अर्थात कबीर दास के गुप्त होने के छब्बीस बरस पीछे। इसमें सब की सम्मति हैं। संत दादू दयाल का जन्म स्थान संत दादू दयाल का जन्म स्थान दादू पंथी गुजरात प्रदेश के अहमदाबाद नगर की बतलाते हैं और यही पंडित चन्द्रिका प्रसाद त्रिपाठी और…

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संत धर्मदास जी

संत धर्मदास का जीवन परिचय और रचनाएं

संत धर्मदास जी महान संत कबीरदास जी के शिष्य थे। वह महान कवि भी थे। वह एक धनी साहुकार थे। जिससे उन्हें धनी धर्मदास के नाम से भी पुकारा जाता था। संत कबीर दास के बाद संत धर्मदास कबीर पंथ सबसे बडे गुरू थे। संत धर्मदास जी जाति के कसौधन बनिये बांधोगढ़ नगर के धनी महाजन थे। उनके जीवन और मृत्यु के समय का उनके…

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संत कबीर दास जी

कबीर दास का जीवन परिचय – संत कबीरदास की जीवनी

संसार का कुछ ऐसा नियम सदा से चला आया है कि किसी महापुरुष के जीवन समय में बहुत कम लोग इस बात को जानने की परवाह करते हें कि वे कहाँ पैदा हुए, कैसी उनकी रहनी गहनी है, क्या उनमें विशेष गुण है और क्‍या गुप्त भेद मालिक और रचना का प्रकाश करने और परमार्थ का लाभ देने के लिये उन्होंने जीवन धारण किया…

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कुम्भज ऋषि

कुम्भज ऋषि कौन थे – कुम्भज ऋषि आश्रम जालौन

उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन की कालपी तहसील के अन्तर्गत उरई से उत्तर - पूर्व की ओर 32 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम कुरहना बसा हुआ है। इस ग्राम के विषय में यह जनश्रुति है कि कुम्भज ऋषि का आश्रम यहीं पर था। कुम्भज ऋषि का इतिहास महाभारत में कुम्भज ऋषि का वर्णन मिलता है। कुम्भज और वशिष्ट मुनि दोनो भाई भाई…

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श्री हंस जी महाराज

श्री हंस जी महाराज की जीवनी – श्री हंस जी महाराज के गुरु कौन थे

श्री हंस जी महाराज का जन्म 8 नवंबर, 1900 को पौढ़ी गढ़वाल जिले के तलाई परगने के गाढ़-की-सीढ़ियां गांव में हुआ था। उनके पिता रणजीत सिंह ने उनका नाम हंसा राम सिंह रखा। वे एक संपन्‍न किसान थे। हंसा राम सिंह की मां कालिन्दी देवी एक दयालु और धर्मशील महिला थीं। वे भगवान शिव और देवी पार्वती की उपासिका थीं। हंसा रामसिंह नाम में…

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संत बूटा सिंह जी

संत बूटा सिंह जी और निरंकारी मिशन, गुरु और शिक्षा

हिन्दू धर्म में परमात्मा के विषय में दो धारणाएं प्रचलित रही हैं- पहली तो यह कि परमात्मा निर्गुण निराकार ब्रह्म है अर्थात वह नाम, रूप और गुण रहित सर्वोच्च चेतना है तथा दूसरी यह है कि परमात्मा सगुण साकार ब्रह्म है। भारत के महानतम दृष्टाओं, संतों और गुरुओं में से एक गुरुनानक देव निराकार ब्रह्म की धारणा के प्रबल समर्थक थे। निराकार ब्रह्म की…

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स्वामी प्रभुपाद

स्वामी प्रभुपाद – श्री भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी

हम सब लोगों ने यह अनुभव प्राप्त किया है कि श्री चैतन्य महाप्रभु की शिष्य परंपरा में आध्यात्मिक गुरु किस प्रकार प्रकट होते हैं। हमारे गुरु ने हमें यह कहकर धोखा नहीं दिया कि मैं ईश्वर हूं, मैं भगवान हूं।'' इसके विपरीत उन्होंने यह सिद्ध किया कि वे प्रभु के सेवक हैं और हमें यह पहचानना सिखलाया कि वास्तव में ईश्वर कौन है, हम…

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महर्षि महेश योगी जी

महर्षि महेश योगी का जीवन परिचय और भावातीत ध्यान

मैं एक ऐसी पद्धति लेकर हिमालय से उतरा, जो मनुष्य के मन और हृदय को उन, ऊंचाइयों तक ले जा सकती है, जहां वास्तविक ज्ञान और वास्तविक मानवीय प्रकृति को पूरी तरह आत्मसात किया जा सकता है। मैं अपनी इस पद्धति को ध्यान कहता हूं, परंतु वास्तव में यह भीतर की खोज का मार्ग है। इस पद्धति द्वारा मनुष्य अपने अस्तित्व की उन अंतर्याम…

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ओशो

ओशो (रजनीश) आध्यात्मिक पुनर्निर्माण का मसीहा

मैं देख रहा हूं कि मनुष्य पूर्णतया दिशा-भ्रष्ट हो गया है, वह एक ऐसी नौका की तरह है, जो मझदार में भटक गयी है। वह यह भूल गया है कि उसे कहां जाना है और वह क्या होना चाहता है। इसके साथ ही मैं समुचे विश्व में एक आध्यात्मिक पुनः र्निर्माण का दर्शन भी कर रहा हूं। एक नये मानव का जन्म होने वाला…

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स्वामी मुक्तानंद

स्वामी मुक्तानंद जी महाराज – स्वामी मुक्तानंद सिद्ध योग गुरु

ईश्वर की प्राप्ति गुरु के बिना असंभव है। ज्ञान के प्रकाश से आलोकित गुरु परब्रह्म का अवतार होता है। ऐसे गुरु की दिव्य कृपा प्राप्त करने की चेष्टा करनी चाहिए। जब तक गुरु-कृपा से कुंडलिनी शक्ति जागृत नहीं होती तब तक हमारे हृदय में प्रकाश नहीं हो सकता, दिव्य-ज्ञान प्रदान करने वाला अंतर्चक्षु नहीं खुल पाता और हमारे बंधन समाप्त नहीं हो सकते। आंतरिक…

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श्री दीपनारायण महाप्रभु जी

श्री महाप्रभु जी – श्री दीपनारायण महाप्रभु जी और योग वेदांत समाज

भारत में राजस्थान की मिट्टी ने केवल वीर योद्धा और महान सम्राट ही उत्पन्न नहीं किये, उसने साधुओं, संतों, सिद्धों और गुरुओं को भी जन्म दिया। ऐसे ही एक महान दिव्य पुरुष श्री दीपनारायण जी थे, जिनको उनके शिष्य महाप्रभु जी कहकर संबोधित करते थे। श्री महाप्रभु जी का जन्म स्थान, शिक्षा और माता पिता श्री दीपनारायण जी का जन्म नागौर जिले के हरिवासिनी…

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मेहेर बाबा

मेहेर बाबा इन हिन्दी – मेहेर बाबा का जीवन परिचय कहानी

में सनातन पुरुष हूं। मैं जब यह कहता हूं कि मैं भगवान हूं, तब इसका यह अर्थ नहीं है कि मैंने इस बारे में सोचकर तय किया है कि मैं भगवान हूं। मुझे ज्ञात ही है कि मैं भगवान हूं। कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि किसी व्यक्ति के लिए यह कहना कि मैं ईश्वर हूं, ईश्वर का अपमान है, परंतु सत्य यह है…

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साईं बाबा

साईं बाबा का जीवन परिचय – साईं बाबा का जन्म कहां हुआ था

श्री साईं बाबा की गणना बीसवीं शताब्दी में भारत के अग्रणी गरुओं रहस्यवादी संतों और देव-परुषों में की जाती है। उनके अनुयायी उन्हें ईश्वर का अवतार, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ और सर्वव्यापी मानते हैं। वे अपने जीवन काल में ही गाथा-पुरूष बन गये थे तथा आज भी समुचे विश्व में उनके अनुयायियों और उपासकों की संख्या में बहुत तेजी से वृद्धि होती जा रही है। समुचे…

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संत ज्ञानेश्वर जी महाराज

संत ज्ञानेश्वर का जीवन परिचय – संत ज्ञानेश्वर महाराज की बायोग्राफी इन हिन्दी

दुष्टों की कुटिलता जाकर उनकी सत्कर्मों में प्रीति उत्पन्न हो और समस्त जीवों में परस्पर मित्र भाव वृद्धिंगत हो। अखिल विश्व का पाप रूपी अंधकार नष्ट होकर स्वधर्म - सूर्य का उदय हो, उसका प्रकाश हो और प्राणीमात्र की सदिच्छाएं पूर्ण हो। इस भूतल पर अखिल विश्व मंगलो की वर्षा करने वाले भगवद् भक्तों के समूह की सदा प्राप्ति हो। यह है वह प्रसाद…

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संत नामदेव प्रतिमा

संत नामदेव महाराष्ट्र के प्रसिद्ध संत

मानव में जब चेतना नहीं रहती तो परिक्रमा करती हुई कोई आवाज जागती है। धरा जब जगमगाने लगती है, तो दिव्य ज्योति सम्भूत कोई न कोई शक्ति प्रकट होती है। परिस्थितियां जब प्रतिकूल हो जाती है, तो किसी न किसी अनूकूल शक्ति के दर्शन होते है। भौतिकता जब भटक उठती है, तो अध्यात्मिकता जन्म लेती हैं। नश्वरता जब वीभत्स नृत्य करती है, तो शाश्वत…

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