Read more about the article श्रीरंगम का इतिहास – श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर
रंगनाथ स्वामी मंदिर श्रीरंगम

श्रीरंगम का इतिहास – श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर

श्रीरंगम भारत के तमिलनाडु राज्य में त्रिरुचिरापल्ली के पांच किलोमीटर उत्तर में कावेरी नदी की दो शाखाओं के बीच एक द्वीप के रूप में स्थित है। श्रीरंगम एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। यह स्थान यहां स्थित भारत के प्रमुख मंदिर श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। बड़ी संख्या में यहां श्रृद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। श्रीरंगम एक तीर्थ स्थान के रूप…

Continue Readingश्रीरंगम का इतिहास – श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर
Read more about the article वेल्लोर का इतिहास – महालक्ष्मी गोल्डन टेंपल वेल्लोर के दर्शनीय स्थल
वेल्लोर के पर्यटन स्थल

वेल्लोर का इतिहास – महालक्ष्मी गोल्डन टेंपल वेल्लोर के दर्शनीय स्थल

वेल्लोर यह शहर तमिलनाडु में कांचीपुरम के लगभग 60 किमी पश्चिम में है। यह पालर नदी के किनारे स्थित है। वेल्लोर एक ऐतिहासिक शहर है यह शहर यहां स्थित वेल्लोर महालक्ष्मी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, महालक्ष्मी मंदिर को गोल्डन टेंपल के नाम से भी जाना जाता है। यह शहर 10 जुलाई सन् 1806 के वेल्लोर विद्रोह के लिए भी इतिहास के सुनहरे पन्नों में…

Continue Readingवेल्लोर का इतिहास – महालक्ष्मी गोल्डन टेंपल वेल्लोर के दर्शनीय स्थल
Read more about the article तंजौर का इतिहास – तंजौर का वृहदेश्वर मंदिर
तंजौर का मंदिर

तंजौर का इतिहास – तंजौर का वृहदेश्वर मंदिर

तंजौर जिसे तंजावुर के नाम से भी जाना जाता है, तमिलनाडु का प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक शहर है। तंजौर का वृहदेश्वर मंदिर बहुत प्रसिद्ध मंदिर है, जिसके लिए इसे जाना जाता है। तंजौर दसवीं से चौदहवीं शताब्दी तक चोल शासकों की राजधानी रही। चोल राजा विजयालय ने पांड्य राजा से 850 ई० में तंजौर दूसरी बार छीनकर इसे अपनी राजधानी बनाया था। उसने यहाँ चोल…

Continue Readingतंजौर का इतिहास – तंजौर का वृहदेश्वर मंदिर
Read more about the article मदुरई का इतिहास – मदुरई के दर्शनीय स्थल
मदुरई मीनाक्षी मंदिर के सुंदर दृश्य

मदुरई का इतिहास – मदुरई के दर्शनीय स्थल

मदुरई या मदुरै यह शहर भारत के तमिलनाडु राज्य में वैगान नदी के किनारे स्थित है। यह दो ओर से यन्नई मलाई (हाथी पहाड़ी) और नाग मलाई (नाग पहाड़ी) से घिरा हुआ है। यन्नई मलाई 8 किमी लंबी है और एक लेटे हुए हाथी जैसी लगती है। मदुरई मथुरा का ही तमिल रूप है। मदुरै से तात्पर्य है मधुर शहर, ऐसा माना जाता है कि…

Continue Readingमदुरई का इतिहास – मदुरई के दर्शनीय स्थल
Read more about the article उरैयूर का इतिहास और पंचवर्णस्वामी मंदिर
उरैयूर का मंदिर

उरैयूर का इतिहास और पंचवर्णस्वामी मंदिर

उरैयूर ( Uraiyur/Woraiyur)भारत के तमिलनाडु में तिरुचिरापल्ली शहर का एक पॉश इलाका है। उरैयूर तिरुचिरापल्ली शहर का प्राचीन नाम था। अब, यह त्रिची शहर का सबसे व्यस्त क्षेत्र बन गया है। यह प्रारंभिक चोलों की राजधानी थी, जो प्राचीन तमिल देश के तीन प्रमुख राज्यों में से एक थे। उरैयूर का इतिहास और प्रमुख पंचवर्णस्वामी मंदिर अशोक के काल में चोलों का एक स्वतंत्र…

Continue Readingउरैयूर का इतिहास और पंचवर्णस्वामी मंदिर
Read more about the article जूनागढ़ का इतिहास – गिरनार पर्वत जूनागढ़
गिरनार पर्वत जूनागढ़

जूनागढ़ का इतिहास – गिरनार पर्वत जूनागढ़

गिरिनगर गिरनार पर्वत की तलहटी में बसे इस शहर का आधुनिक नाम गिरनार है। यह गुजरात राज्य का प्रमुख धार्मिक स्थल है। इसे जूनागढ़ भी कहा जाता है। मौर्य काल में यह सौराष्ट्र प्रांत की राजधानी थी। उस समय पुण्यगुप्त यहां चंद्रगुप्त मौर्य का राज्यपाल था। तुषाष्फ और पर्णदत्त भी गिरिनगर के राज्यपाल रहे थे। वल्लभी वंश के पतन के बाद यहां का राज्यपाल स्वतंत्र…

Continue Readingजूनागढ़ का इतिहास – गिरनार पर्वत जूनागढ़
Read more about the article पालिताना का इतिहास और दर्शनीय स्थल
पालिताना दर्शनीय स्थल

पालिताना का इतिहास और दर्शनीय स्थल

पालिताना यह स्थान गुजरात के भावनगर के दक्षिण-पश्चिम में है। यह शत्रुंजय पहाड़ी का प्रवेश द्वार है। यह पहाड़ी इसी नाम की नदी के किनारे है। पहाड़ी लगभग एक हजार जैन मंदिरों से ढकी हुई है। जैन धर्मावलंबियों द्वारा जैन मंदिरों से आच्छादित पाँच पहाड़ियों में से शत्रुंजय पहाड़ी सबसे पवित्र मानी जाती है। पहाड़ी पर सबसे पहले आदिनाथ का मंदिर 960 ई० में…

Continue Readingपालिताना का इतिहास और दर्शनीय स्थल
Read more about the article मोठ की मस्जिद किसने बनवाई कहानी और इतिहास
मोठ की मस्जिद

मोठ की मस्जिद किसने बनवाई कहानी और इतिहास

मोठ की मस्जिद जिसे मस्जिद मोठ भी कहा जाता है, नई दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन द्वितीय के मस्जिद मोठ नामक गांव में स्थित है, पहले समय में मोठ की मस्जिद दिल्ली से बाहर दूर स्थित थी इसी कारण बहुत कम लोग इसे देखने जाते थे। शीत काल में इस मस्जिद मोठ को देखना अधिक उत्तम है। उस समय मोठ की मस्जिद को जाने के लिये…

Continue Readingमोठ की मस्जिद किसने बनवाई कहानी और इतिहास
Read more about the article महाबोधि मंदिर का इतिहास और परिचय
महाबोधि मंदिर

महाबोधि मंदिर का इतिहास और परिचय

भारत के बिहार राज्य में बोध गया एक बौद्ध तीर्थ नगरी है। वैसे तो यहां अनेक बौद्ध मंदिर और तीर्थ है परंतु यहां का मुख्य मंदिर महाबोधि मंदिर है। जिसके बारे में हम अपने इस लेख में विस्तार से जानेंगे। बौद्ध गया जहां महाबोधि मंदिर है पहले इस जगह का नाम उरुविल्व था और यहाँ बहुत बड़ा जंगल था और एक निरंजना नाम की नदी थी।…

Continue Readingमहाबोधि मंदिर का इतिहास और परिचय
Read more about the article मखदूम कुंड दरगाह का इतिहास राजगीर बिहार
मखदूम कुंड दरगाह राजगीर बिहार

मखदूम कुंड दरगाह का इतिहास राजगीर बिहार

मखदूम कुंड बिहार के राजगीर का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां एक पवित्र सरोवर है जिसे राजगीर का मखदूम कुंड के नाम से जाना जाता है। यह कुंड विपुलांचल पर्वत की तलहटी में है। इसी के तट पर मखदूम शाह का मजार है। बताया जाता है कि मखदूम कुंड का प्राचीन नाम श्रृंगी ऋषि कुंड है। यहाँ हजरत मखदूम शाह बाबा की इबादत…

Continue Readingमखदूम कुंड दरगाह का इतिहास राजगीर बिहार
Read more about the article गोपीजन वल्लभ जी मंदिर जयपुर राजस्थान
गोपीजन वल्लभ जी मंदिर जयपुर

गोपीजन वल्लभ जी मंदिर जयपुर राजस्थान

राजस्थान की राजधानी जयपुर में श्री जी की मोरी में प्रवेश करते ही बांयी ओर गोपीजन वल्लभ जी का मंदिर भी नगर-प्रासाद ओर इस नगर के विशाल और सुन्दर मंदिरों मे से एक है। कहते है कि यह मंदिर पहले निम्बार्क संप्रदाय का था। इस संप्रदाय के 39वे जगदगुरु श्री वृन्दावन देवाचार्य सवाई जयसिंह के अश्वमेघ यज्ञ मे जयपुर आये थे। आमेर की सडक…

Continue Readingगोपीजन वल्लभ जी मंदिर जयपुर राजस्थान
Read more about the article ब्रजराज बिहारी जी मन्दिर जयपुर राजस्थान
ब्रजराज बिहारी जी मंदिर जयपुर

ब्रजराज बिहारी जी मन्दिर जयपुर राजस्थान

राजस्थान के जयपुर शहर में ब्रजराज बिहारी जी का मंदिर चंद्रमनोहर जी के मंदिर से थोडा आगे जाने पर आता है। यह एकमात्र इमारत है जो जयपुर के विलासी राजा सवाई जगत सिंह (1803-1818 ई) ने बनवाई थी। जयपुर के इस सर्वथा अयोग्य राजा के शासन-काल के पन्द्रह वर्ष बडे घटनापूर्ण थे। इस अवधि में रियासतों मे चलने वाले लडाई-झगडे तो अपनी पराकाष्ठा को…

Continue Readingब्रजराज बिहारी जी मन्दिर जयपुर राजस्थान
Read more about the article गिरधारी जी का मंदिर जयपुर राजस्थान
श्री गिरधारी जी का मंदिर

गिरधारी जी का मंदिर जयपुर राजस्थान

राजस्थान की राजधानी जयपुर में राजामल का तालाब मिट॒टी और कुडे-कचरे से भर जाने के कारण जिस प्रकार तालकटोरा कोरा ताल रह गया, कटोरा न रहा, वैसे ही सिरह ड्योढी बाजार के उत्तरी छोर पर बने हुए गिरधारी जी का मंदिर का भी मंदिर तो रह गया, किंतु इसकी प्रमुख विशेषता जाती रही। यह विशेषता थी इसके प्रवेश द्वार पर बनी हुई सीढियों के एक…

Continue Readingगिरधारी जी का मंदिर जयपुर राजस्थान
Read more about the article गोवर्धन नाथ जी मंदिर जयपुर राजस्थान
गोवर्धन नाथ जी मंदिर जयपुर

गोवर्धन नाथ जी मंदिर जयपुर राजस्थान

राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के व्यक्तित्व के प्रतीक झीले जाली-झरोखों से सुशोभित हवामहल की कमनीय इमारत से जुड़ा हुआ जो देवालय है उसे इस नगर के प्रमुख वैष्णव मंदिरो मे गिना जाता है। यह गोवर्धन नाथ जी का मंदिर है।जिसे 1790 ई में हवामहल के साथ ही साथ महाराज सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था। श्री गोवर्धन नाथ जी मंदिर के कीर्ति स्तम्भ…

Continue Readingगोवर्धन नाथ जी मंदिर जयपुर राजस्थान
Read more about the article लक्ष्मण मंदिर जयपुर – लक्ष्मण द्वारा जयपुर
लक्ष्मण मंदिर जयपुर

लक्ष्मण मंदिर जयपुर – लक्ष्मण द्वारा जयपुर

राजस्थान की गुलाबी नगरी जयपुर के मंदिरों में लक्ष्मणद्वारा या लक्ष्मण मंदिर भी सचमुच विलक्षण है। नगर-प्रासाद मे गडा की ड्योढ़ी के बाहर वेधशाला के सामने ही लक्ष्मण मंदिर स्थित है, सीताराम मंदिर के दक्षिण-पूर्व में। स्वयं महाराज सवाई जय सिंह ने यह दोनो मंदिर शायद साथ-साथ ही बनवाये थे। दोनो ही मे ऐसे देव-विग्रह पूजित है जिनमे आमेर-जयपुर के राजाओं की गहरी आस्था…

Continue Readingलक्ष्मण मंदिर जयपुर – लक्ष्मण द्वारा जयपुर
Read more about the article सीताराम मंदिर जयपुर – सीताराम मंदिर किसने बनवाया
सीताराम मंदिर जयपुर

सीताराम मंदिर जयपुर – सीताराम मंदिर किसने बनवाया

राजस्थान की चंद्रमहल जयपुर के राज-परिवार का निजी मंदिर सीतारामद्वारा या सीताराम मंदिर कहलाता है, जो जय निवास मे के उत्तरी- पूर्वी पार्श्व में स्थित है। कछवाहा अपने को भगवान राम के दूसरे पुत्र कुश की सन्तति मानते आये है और सीताराम का अत्यन्त प्राचीनकाल से इष्ट रखा है। उनका पारस्परिक अभिवादन का प्राचीन तरीका भी "जय सीताराम जी की रहा है। पुराने पट्टा-परवानो के…

Continue Readingसीताराम मंदिर जयपुर – सीताराम मंदिर किसने बनवाया
Read more about the article राजराजेश्वरी मंदिर कहां स्थित है – राजराजेश्वरी मंदिर जयपुर
राजराजेश्वरी मंदिर जयपुर

राजराजेश्वरी मंदिर कहां स्थित है – राजराजेश्वरी मंदिर जयपुर

राजस्थान की राजधानी और गुलाबी नगरी जयपुर के चांदनी चौक के उत्तरी-पश्चिमी कोने मे रसोवडा की ड्योढी से ही महाराजा रामसिंह द्वितीय द्वारा निर्मित राजराजेश्वरी माता मंदिर मे जाने का खुर्रा है। श्री राजराजेश्वरी मंदिर जयपुर का प्रसिद्ध और प्रमुख मंदिर है। महाराज रामसिंह शिव-भक्‍त थे और वे नित्य शंकर जी का पूजन और दर्शन करते थे। राजराजेश्वरी मंदिर जयपुर महाराजा के…

Continue Readingराजराजेश्वरी मंदिर कहां स्थित है – राजराजेश्वरी मंदिर जयपुर
Read more about the article ब्रज निधि जी मंदिर जयपुर परिचय और इतिहास
ब्रज निधि मंदिर जयपुर

ब्रज निधि जी मंदिर जयपुर परिचय और इतिहास

राजस्थान में जयपुर वाले जिसे ब्रजनंदन जी का मन्दिर कहते है वह ब्रज निधि का मंदिर है। ब्रजनिधि का मंदिर जयपुर नगर-प्रासाद के चांदनी चौक में स्थित है। यह 'ब्रज निधि' उपनाम से काव्य रचना करने वाले महाराजा प्रतापसिंह की भक्ति-भावना का प्रतीक तो है ही, देवालय निर्माण की उस शैली का विशिष्ट प्रतिनिधि भी है जो जयपुर बसने के साथ ही आरम्भ हई…

Continue Readingब्रज निधि जी मंदिर जयपुर परिचय और इतिहास
Read more about the article गोपाल जी मंदिर जयपुर – गंगा-गोपाल जी मंदिर का इतिहास
गंगा - गोपाल जी मंदिर जयपुर

गोपाल जी मंदिर जयपुर – गंगा-गोपाल जी मंदिर का इतिहास

भक्ति-भावना से ओत-प्रोत राजस्थान की राजधानी जयपुर मे मंदिरों की भरमार है। यहां अनेक विशाल और भव्य मदिरों की वर्तमान दशा और शोचनीय अवस्था को देखकर जहां दुख होता है, वहा नगर-प्रासाद की सीमा मे गोविंद देव जी के मन्दिर के पिछवाडे गंगा जी- गोपाल जी के आमने-सामने बने लघु मदिरों को देखने से सचमुच आनन्द प्राप्त होता है। महकती हुई मेंहदी की भीनी गंध…

Continue Readingगोपाल जी मंदिर जयपुर – गंगा-गोपाल जी मंदिर का इतिहास
Read more about the article गोविंद देव जी मंदिर जयपुर – गोविंद देव जी मंदिर का इतिहास
गोविंद देव जी मंदिर जयपुर

गोविंद देव जी मंदिर जयपुर – गोविंद देव जी मंदिर का इतिहास

राजस्थान की राजधानी और गुलाबी नगरी जयपुर के सैंकडो मंदिरो मे गोविंद देव जी मंदिर का नाम दूर-दूर तक श्रृद्धालुओं में प्रसिद्ध है। जो भी हिन्दू यात्री या पर्यटक इस शहर में आता है, वह यहां के अन्य दर्शनीय स्थानों के साथ गोविंद देव जी की झांकी करने के लिए भी अवश्य जाता है। जयपुर के राजा भी अपने जमाने मे गोविंद देव जी…

Continue Readingगोविंद देव जी मंदिर जयपुर – गोविंद देव जी मंदिर का इतिहास
Read more about the article अक्षरा देवी सिद्ध पीठ कहां है – अक्षरा सिद्ध पीठ का इतिहास
अक्षरा देवी सिद्ध पीठ सैदनगर

अक्षरा देवी सिद्ध पीठ कहां है – अक्षरा सिद्ध पीठ का इतिहास

अक्षरा देवी सिद्ध पीठ उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के उरई नगर से 26 किलोमीटर की दूरी पर सैदनगर में स्थित है। सिद्ध नगर जिसे अब सैदनगर के नाम से जाना जाता है उरई झाँसी राजमार्ग पर एट कस्बे से अक्षरा देवी सिद्ध पीठ तक पहुँचने के लिए रास्ता जाता है। सिद्धपीठ की त्रिगुणात्मक शक्ति से भरपूर यह सिद्ध नगर अपने अतीत की कहानी कहता…

Continue Readingअक्षरा देवी सिद्ध पीठ कहां है – अक्षरा सिद्ध पीठ का इतिहास
Read more about the article भैरव जी मंदिर रामपुरा जालौन उत्तर प्रदेश
भैरव जी मंदिर रामपुरा

भैरव जी मंदिर रामपुरा जालौन उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन जिले में भैरव जी मंदिर रामपुरा से 3 कि०मी० दूर दक्षिण पश्चिम दिशा में स्थित है यह मन्दिर मन्दिर के अवशेषों के साथ इसके आस-पास अन्य भी अवशेष हैं जो यहाँ पर पुराने भवनों के होने का संकेत देते हैं। इसी भैरव जी मन्दिर के उत्तर पूर्व की ओर एक विशाल समाधि भी बनी है जो कि गूदड़ बाबा की…

Continue Readingभैरव जी मंदिर रामपुरा जालौन उत्तर प्रदेश
Read more about the article माधौगढ़ का रामेश्वर मन्दिर जालौन उत्तर प्रदेश
रामेश्वर मंदिर माधौगढ़

माधौगढ़ का रामेश्वर मन्दिर जालौन उत्तर प्रदेश

रामेश्वर मन्दिर माधौगढ़ कस्बे के रामस्वरूप लाला के बाग में स्थित है। माधौगढ़ उत्तर प्रदेश के जालौन जिले का एक प्रसिद्ध नगर है। पहले यह स्थान नजर बाग के नाम से जाना जाता था जो कि माधौगढ़ के राजा माधौसिंह की सम्पत्ति था। रामेश्वर मंदिर माधौगढ़ में बहुत प्राचीन काल से है। लोगों में मंदिर के प्रति गहरी श्रृद्धा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां…

Continue Readingमाधौगढ़ का रामेश्वर मन्दिर जालौन उत्तर प्रदेश
Read more about the article करण खेड़ा मंदिर जालौन – करण खेड़ा का इतिहास व दर्शनीय स्थल
करण खेड़ा मंदिर जालौन

करण खेड़ा मंदिर जालौन – करण खेड़ा का इतिहास व दर्शनीय स्थल

करण खेड़ा वर्तमान में जालौन जिले में नवगठित माधौगढ़ तहसील के ग्राम जगम्मनपुर के उत्तर पूर्व में लगभग 3 किलोमीटर दूर में स्थित है इस करण खेड़ा के उत्तर में लगभग 2 किलोमीटर दूर यमुना की कल कल करती जल धारा बहती है। यह स्थान श्री श्री 1008 बजरंगदास महाराज के स्थान के लिए जाना जाता है। करण खेडा का इतिहास देखने से पता चलता…

Continue Readingकरण खेड़ा मंदिर जालौन – करण खेड़ा का इतिहास व दर्शनीय स्थल
Read more about the article द्वारकाधीश मंदिर जालौन उत्तर प्रदेश
द्वारकाधीश मंदिर जालौन

द्वारकाधीश मंदिर जालौन उत्तर प्रदेश

द्वारकाधीश मंदिर जालौन नगर के मुरली मनोहर नामक मुहल्ले में स्थित है यह उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध मंदिर है । द्वारकाधीश मन्दिर जालौन का निर्माण सन 1880 से 1885 के बीच सेठ चतुर्भुज दास मारवाड़ी पुत्र श्री नत्थूलाल मारवाड़ी द्वारा कराया गया। सेठ चतुर्भुज दास, ग्राम बाउली से गोद आये थे। इनके पूर्वज मूल रूप से जैसलमेर (राजस्थान) के निवासी थे। द्वारकाधीश मन्दिर के…

Continue Readingद्वारकाधीश मंदिर जालौन उत्तर प्रदेश
Read more about the article भूरेश्वर महादेव मंदिर सरावन जालौन उत्तर प्रदेश
भूरेश्वर महादेव मंदिर सरावन

भूरेश्वर महादेव मंदिर सरावन जालौन उत्तर प्रदेश

भगवान शंकर का यह मंदिर जालौन तहसील में स्थित सरावन ग्राम में है। जिसे भूरेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। भूरेश्वर महादेव मंदिर के निर्माण का संकल्प सरावन के राजा फतेह सिंह द्वारा संवत 1205 में लिया गया था। सरावन एक छोटी सी जागीरदारी थी जिसका कार्य भार राजा फतेह सिंह द्वारा देखा जाता था। समाज में भक्ति भावना के प्रचार प्रसार…

Continue Readingभूरेश्वर महादेव मंदिर सरावन जालौन उत्तर प्रदेश
Read more about the article कलंदर शाह दरगाह कोंच जालौन उत्तर प्रदेश
कलंदर शाह दरगाह कोंच

कलंदर शाह दरगाह कोंच जालौन उत्तर प्रदेश

कलंदर शाह दरगाह यह मजार कलन्दरियों के नाम से मशहूर है जो कि उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कोंच नगर के मिया गंज मुहल्ले में स्थित है। इस दरगाह के प्रति जायरिनों की बहुत आस्था है, बड़ी संख्या में लोग यहां जियारत करने आते हैं और मनौतियां मांगते हैं। कलंदर शाह दरगाह का इतिहास कलंदर शाह दरगाह का निर्माण सन…

Continue Readingकलंदर शाह दरगाह कोंच जालौन उत्तर प्रदेश
Read more about the article खुर्रम शाह दरगाह कोंच या तकिया खुर्रम शाह कोंच जालौन
खुर्रम शाह दरगाह कोंच

खुर्रम शाह दरगाह कोंच या तकिया खुर्रम शाह कोंच जालौन

अल्लाताला के एक मजनू थे। वली खुर्रम शाह जिन्हें खुदा की बख्शी तमाम रूहानी ताकतें हासिल थी जिनके जरिये वो अवाम में खुशियाँ बाँटते फिरते थे। उन्हीं की यादगार में उन्हीं की रूहानी ताकतों से भरापूरा यह खुर्रम शाह दरगाह उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कोंच के आजाद नगर मुहल्ले में बना है। जहां बड़ी संख्या में जुमेरात को जियारिन जियारत करने आते हैं।…

Continue Readingखुर्रम शाह दरगाह कोंच या तकिया खुर्रम शाह कोंच जालौन
Read more about the article पातालेश्वर मंदिर कालपी धाम जालौन उत्तर प्रदेश
पातालेश्वर मंदिर कालपी धाम

पातालेश्वर मंदिर कालपी धाम जालौन उत्तर प्रदेश

जालौन जिले के कालपी नगर में यमुना नदी के दक्षिणी किनारे पर कालपी किले के पश्चिमी भाग पर यह पातालेश्वर मन्दिर स्थित है । इस पातालेश्वर नाम के शिवलिंग की अत्याधिक मान्यता है। यह शिवाला किलागिर्द मुहाल में किले के समीप बना हुआ है जिसमें शिवजी की मूर्ति कुछ निचाई में स्थित है जहाँ बहुत ठंडक रहती है। पातालेश्वर मंदिर का इतिहास…

Continue Readingपातालेश्वर मंदिर कालपी धाम जालौन उत्तर प्रदेश
Read more about the article वेदव्यास क्षेत्र – वेदव्यास का जीवन परिचय
महर्षि वेदव्यास जी

वेदव्यास क्षेत्र – वेदव्यास का जीवन परिचय

जालौन जनपद के कालपी परगना में स्थित है यह वेदव्यास क्षेत्र यह कालपी में यमुना नदी दक्षिणी किनारे पर स्थित है। वेदव्यास ऋषि का सम्बन्ध इस क्षेत्र से होना प्रमाणित करता है कि आर्य सभ्यता के प्रारंभ काल से ही यह स्थान आर्यों के रहने का एक स्थान था कालपी नगर के पश्चिम उत्तर में वेदव्यास क्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध क्षेत्र महर्षि वेदव्यास…

Continue Readingवेदव्यास क्षेत्र – वेदव्यास का जीवन परिचय
Read more about the article कुम्भज ऋषि कौन थे – कुम्भज ऋषि आश्रम जालौन
कुम्भज ऋषि

कुम्भज ऋषि कौन थे – कुम्भज ऋषि आश्रम जालौन

उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन की कालपी तहसील के अन्तर्गत उरई से उत्तर - पूर्व की ओर 32 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम कुरहना बसा हुआ है। इस ग्राम के विषय में यह जनश्रुति है कि कुम्भज ऋषि का आश्रम यहीं पर था। कुम्भज ऋषि का इतिहास महाभारत में कुम्भज ऋषि का वर्णन मिलता है। कुम्भज और वशिष्ट मुनि दोनो भाई भाई…

Continue Readingकुम्भज ऋषि कौन थे – कुम्भज ऋषि आश्रम जालौन
Read more about the article सूर्य मंदिर कालपी – कालपी सूर्य मंदिर का इतिहास
सूर्य मंदिर कालपी

सूर्य मंदिर कालपी – कालपी सूर्य मंदिर का इतिहास

सूर्य मंदिर जालौन जिले में कालपी के पूर्व की ओर स्थित ग्राम गुलौली में विद्यमान था। आज उसके भग्नावशेष रह गये हैं। यह गुलौली ग्राम यमुना के दक्षिणी किनारे पर बसा हुआ है। विश्व के सभी देशों में सूर्य की मान्यता आदि काल से चली आ रही है।आदि मानव ने भी किसी न किसी रूप में सूर्य के प्रति अपना मस्तक झुकाया है। सूर्य की…

Continue Readingसूर्य मंदिर कालपी – कालपी सूर्य मंदिर का इतिहास
Read more about the article श्री बटाऊ लाल मंदिर कालपी जालौन उत्तर प्रदेश
श्री बटाऊ लाल मंदिर कालपी

श्री बटाऊ लाल मंदिर कालपी जालौन उत्तर प्रदेश

श्री बटाऊ लाल मंदिर कालपी नगर के मुहल्ला अदल सराय जालौन उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह मंदिर महाबली हनुमान जी को समर्पित है। हनुमान जी के एक अन्य नाम बटाऊ लाल से ख्याति प्राप्त यह अत्यन्त सिद्ध स्थान है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां मनोकामनाएं पूर्ति हेतु आते हैं। श्री बटाऊ लाल मंदिर का इतिहास श्री बटाऊ लाल मंदिर का…

Continue Readingश्री बटाऊ लाल मंदिर कालपी जालौन उत्तर प्रदेश
Read more about the article पाहूलाल मंदिर कालपी – पाहूलाल मंदिर का इतिहास
पाहूलाल मंदिर कालपी

पाहूलाल मंदिर कालपी – पाहूलाल मंदिर का इतिहास

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले की कालपी तहसील के कालपी नगर में मुहल्ला अदल सराय में पाहूलाल मंदिर स्थित है। वर्तमान में यह मुहल्ला बड़ा बाजार नाम से जाना जाता है। परन्तु अदल सराय कालपी के प्राचीन 52 मुहल्लों में से एक था। इस मंदिर का निर्माण श्री पाहूलाल खत्री द्वारा किया गया था अतः इसे पाहूलाल मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस…

Continue Readingपाहूलाल मंदिर कालपी – पाहूलाल मंदिर का इतिहास
Read more about the article मदार साहब की दरगाह – मदार साहब का इतिहास
मदार साहब का चिल्ला

मदार साहब की दरगाह – मदार साहब का इतिहास

जालौन जिले के कालपी नगर को फकीरों और पीरों का शहर माना जाता है। यहाँ पर पीरों के पीर मदार साहब थे। जिन्हें बदरूद्दीन शाह अली के नाम से जाना जाता है । कालपी के विख्यात मुहल्ला मदारपुरा में इनकी मदार साहब की दरगाह है। जिसे मदार साहब का चिल्ला के नाम से भी जाना जाता है। यह मुहल्ला कालपी के प्राचीन बावन मुहल्ले में…

Continue Readingमदार साहब की दरगाह – मदार साहब का इतिहास
Read more about the article गणेश मंदिर कालपी – गणेश मंदिर का इतिहास
गणेश मंदिर कालपी

गणेश मंदिर कालपी – गणेश मंदिर का इतिहास

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कालपी नगर के गणेश गंज मुहल्ले में गणेश मंदिर कालपी स्थित है। गणेश मंदिर कालपी रेलवे स्टेशन से लगभग दो 'फर्लांग की दूरी है। गणेश गंज मुहल्ला कालपी के प्राचीन 52 मुहल्लों में से एक है। यह गणेश मंदिर कालपी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। गणेश मंदिर कालपी का इतिहास यह मन्दिर मरहठा…

Continue Readingगणेश मंदिर कालपी – गणेश मंदिर का इतिहास
Read more about the article पराशर ऋषि का आश्रम व मंदिर – पराशर ऋषि का जीवन परिचय
पराशर ऋषि आश्रम

पराशर ऋषि का आश्रम व मंदिर – पराशर ऋषि का जीवन परिचय

जालौन जिले की कालपी तहसील के अन्तर्गत जीवन दायिनी विन्ध्यगिरि पुत्री वेत्रवती (वेत॒वा) के तट पर बसे एक छोटे से ग्राम का नाम है परासन या परसन। परासन एवं इसके आसपास का क्षेत्र तपोनिष्ठ एवं पावन क्षेत्र है। इस पंचकोसीय क्षेत्र में परिक्रमा करके लोग पुण्य के भागीदार बनते हैं क्‍योंकि यह क्षेत्र मार्कण्डेय ऋषि, बाल्मीकि ऋषि, च्यवन ऋषि, कर्दम ऋषि, वशिष्ठ ऋषि व…

Continue Readingपराशर ऋषि का आश्रम व मंदिर – पराशर ऋषि का जीवन परिचय
Read more about the article रोपड़ गुरू मंदिर इटौरा कालपी – श्री रोपड़ गुरु मंदिर का इतिहास
श्री रोपड़ गुरु मंदिर अकबरपुर इटौरा

रोपड़ गुरू मंदिर इटौरा कालपी – श्री रोपड़ गुरु मंदिर का इतिहास

उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन जनपद की कालपी तहसील में बसे एक ग्राम का नाम है "गुरू का इटौरा है। यह ग्राम कालपी से दक्षिण की ओर 8 मील तथा उरई से उत्तर पूर्व की ओर 16 मील की दूरी पर बसा हुआ है। 'गुरू का इटौरा ” नाम स्वतः यह इंगित करता है वह इटौरा जो गुरू का स्थान हो अर्थात्‌ जहाँ गुरू का…

Continue Readingरोपड़ गुरू मंदिर इटौरा कालपी – श्री रोपड़ गुरु मंदिर का इतिहास
Read more about the article गोपालपुरा का किला जालौन – गोपालपुरा का इतिहास
गोपालपुरा का किला जालौन

गोपालपुरा का किला जालौन – गोपालपुरा का इतिहास

गोपालपुरा जागीर की अतुलनीय पुरातात्विक धरोहर गोपालपुरा का किला अपने तमाम गौरवमयी अतीत को अपने आंचल में संजोये, वर्तमान जालौन जनपद की कोंच तहसील में स्थित है। जनपद के उत्तरी पश्चिमी कोने पर पहूज नदी के किनारे अपनी अपूर्व-छटा बिखेरता हुआ यह किला जनपद मुख्यालय उरई से पश्चिम की ओर जनपद के वृहदतम ग्राम बंगरा से होते हुए मात्र 44कि०मी० की दूरी पर अपने भग्नावशेषों…

Continue Readingगोपालपुरा का किला जालौन – गोपालपुरा का इतिहास
Read more about the article मसानिया शरीफ दरगाह – शाह बदर दीवान दरगाह बटाला
मसानिया शरीफ दरगाह

मसानिया शरीफ दरगाह – शाह बदर दीवान दरगाह बटाला

मसानिया की दरगाह या मसानिया शरीफ भारत के पंजाब प्रांत के गुरदासपुर जिले के बटाला नगर के पास स्थित है। दरगाह मसानिया शरीफ भारत की प्रमुख दरगाहों में से एक है। यहां हजरत शाह बदर गिलानी का मजार शरीफ हैं। बड़ी संख्या में यहां श्रृद्धालु जियारत करने आते हैं। मसानिया शरीफ दरगाह का इतिहास हज़रत सैयद बदरुद्दीन गिलानी कादिरी बगदादी हसनी,…

Continue Readingमसानिया शरीफ दरगाह – शाह बदर दीवान दरगाह बटाला
Read more about the article सैलानी बाबा का इतिहास – सैलानी बाबा दरगाह
सैलानी बाबा दरगाह

सैलानी बाबा का इतिहास – सैलानी बाबा दरगाह

महाराष्ट्र राज्य के पिंपलगांव सराय में स्थित सैलानी बाबा दरगाह भारत की प्रमुख दरगाहों में से एक है। सेलानी बाबा मजार के बारे में भक्तों की मान्यता है कि यहां भूत प्रेत बुरी आत्माओं से छुटकारा मिल जाता है। इसलिए बड़ी संख्या में यहां श्रृद्धालु और रोगियों का तांता लगा रहता है। सैलानी बाबा का इतिहास हजरत हाजी अब्दुर रहमान…

Continue Readingसैलानी बाबा का इतिहास – सैलानी बाबा दरगाह
Read more about the article चुनार शरीफ का उर्स दरगाह शाह कासिम सुलेमानी
चुनार शरीफ दरगाह

चुनार शरीफ का उर्स दरगाह शाह कासिम सुलेमानी

मिर्जापुर कंतित शरीफ का उर्स और दरगाह शरीफ का उर्स हिन्दुस्तान भर मे प्रसिद्ध है। दरगाह शरीफ चुनार के किले में स्थित है। इसलिए यहां के उर्स को चुनार का उर्स कहा जाता है। और दरगाह को चुनार शरीफ दरगाह के नाम से जाना जाता है। यहां देश भर के लोग अपनी मनोकामना-पूर्ति तथा भक्ति-भाव से आते है। दरगाह शरीफ का मेला चैत्र मास…

Continue Readingचुनार शरीफ का उर्स दरगाह शाह कासिम सुलेमानी
Read more about the article कंतित शरीफ का उर्स व दरगाह मिर्जापुर उत्तर प्रदेश
कंतित शरीफ

कंतित शरीफ का उर्स व दरगाह मिर्जापुर उत्तर प्रदेश

साम्प्रदायिक सद्भाव, हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में विंध्याचल के समीप ओझला से पश्चिम कंतित मे ख्वाजा इस्माइल चिश्ती की मजार है। जिसे कंतित शरीफ कहा जाता है। यहां पर आठ नवम्बर को प्रतिवर्ष कंतित शरीफ उर्स मेले का आयोजन किया जाता है। यह बहुत पुराना मेला है। तीन दिन के इस मेले में दो लाख से अधिक हिन्दू, मुसलमान नर-नारी,…

Continue Readingकंतित शरीफ का उर्स व दरगाह मिर्जापुर उत्तर प्रदेश
Read more about the article शेख शाह सम्मन का मजार व उर्स सैदपुर गाजीपुर उत्तर प्रदेश
शेख शाह सम्मन मजार

शेख शाह सम्मन का मजार व उर्स सैदपुर गाजीपुर उत्तर प्रदेश

गाजीपुर जिले मे सैदपुर एक प्रमुख स्थान है। यहा शेख शाह सम्मन की मजार है। मार्च और अप्रैल में यहां बहुत बडा उर्स मेला लगता है जो तीन दिन तक चलता है। इस मेले में हिन्दू-मुस॒लमान दोनों समुदाय के लोगदूर-दूर से आकर चादरे चढाते है। कव्वाली का भव्य आयोजन होता है। नृत्य, सगींत के कार्यक्रम भी होते है। शेख शाह सम्मन मजार गंगा जमुनी…

Continue Readingशेख शाह सम्मन का मजार व उर्स सैदपुर गाजीपुर उत्तर प्रदेश
Read more about the article क्राइस्ट चर्च लखनऊ का इतिहास हिन्दी में
क्राइस्ट चर्च लखनऊ

क्राइस्ट चर्च लखनऊ का इतिहास हिन्दी में

नवाबों के शहर लखनऊ को उत्तर प्रदेश में सबसे धर्मनिरपेक्ष भावनाओं, संस्कृति और विरासत वाला शहर कहा जा सकता है। धर्मनिरपेक्ष मानसिकता नवाबों के समय से ही लखनवियों में गहरी पैठ रही है, जिन्होंने सच्चे लखनवी आवाम (जनता) के लिए पोशाक और अभिवादन का एक समान कोड भी पेश किया था।लखनऊ शहर न केवल अपनी राजसी मस्जिद और भव्य मंदिर के लिए प्रसिद्ध है; इसे उत्तर भारत…

Continue Readingक्राइस्ट चर्च लखनऊ का इतिहास हिन्दी में
Read more about the article लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर यहां जाना ना भूलें
लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर

लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर यहां जाना ना भूलें

एक लखनऊ वासी के शब्दों में लखनऊ शहर आश्चर्यजनक रूप से वर्षों से यहां बिताए जाने के बावजूद विस्मित करता रहता है। आप लखनऊ के प्रमुख धर्म को कभी नहीं आंक सकते। शहर सभी त्योहारों को मनाना पसंद करता है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। लखनऊ कुछ प्रसिद्ध मस्जिदों, भव्य चर्चो, आलीशान गुरुद्वारों और सुंदर मंदिरों का घर है। इस लेख में, आइए…

Continue Readingलखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर यहां जाना ना भूलें
Read more about the article लखनऊ की मस्जिदें – लखनऊ की ऐतिहासिक मस्जिद
लखनऊ की मस्जिदें

लखनऊ की मस्जिदें – लखनऊ की ऐतिहासिक मस्जिद

लखनऊ उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी है, और भारत का एक ऐतिहासिक महानगर है। लखनऊ को नवाबों का शहर कहा जाता है। कहा भी क्यों न जाएं इस शहर पर नवाबों ने 1720 से लेकर 1856 तक शासन किया। अपने शासन के दौरान नवाबों ने यहां बहुत सी ऐतिहासिक इमारतें बनवाई, जिनमें कोठी, महल, दरवाजें, मकबरे, बाग, मस्जिद आदि प्रमुख हैं। नवाबों ने अपने…

Continue Readingलखनऊ की मस्जिदें – लखनऊ की ऐतिहासिक मस्जिद
Read more about the article जेके मंदिर कहां है? – जेके मंदिर का निर्माण किसने करवाया
जेके मंदिर

जेके मंदिर कहां है? – जेके मंदिर का निर्माण किसने करवाया

किसी भी अन्य भारतीय शहर की तरह, कानपुर में कई मंदिर हैं जो कानपुर शहर के लोगों के धार्मिक झुकाव का प्रतीक हैं। इनमें से राधाकृष्ण मंदिर को सुरुचिपूर्ण ढंग से डिजाइन किया गया है जिसे लगभग 54 साल पहले जेके ट्रस्ट द्वारा बनाया गया था। कानपुर के प्रसिद्ध सिंघानिया परिवार ने राधाकृष्ण मंदिर का निर्माण कराया है। मंदिर को आमतौर पर जेके मंदिर के रूप…

Continue Readingजेके मंदिर कहां है? – जेके मंदिर का निर्माण किसने करवाया
Read more about the article नैमिषारण्य का इतिहास – नैमिषारण्य तीर्थ का महत्व
नैमिषारण्य तीर्थ

नैमिषारण्य का इतिहास – नैमिषारण्य तीर्थ का महत्व

लखनऊ शहर में मुगल और नवाबी प्रभुत्व का इतिहास रहा है जो मुख्यतः मुस्लिम था। यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि अवध के नवाबों ने भी, धर्मनिरपेक्ष मुगल बादशाह अकबर की शैली का अनुसरण किया, ताकि वे अपने साम्राज्य की ठोस नींव के लिए हिंदुओं पर भरोसा कर सकें। कहा जाता है कि नवाबों ने कई हिंदुओं को अधिकार के पदों पर खड़ा किया…

Continue Readingनैमिषारण्य का इतिहास – नैमिषारण्य तीर्थ का महत्व
Read more about the article बिठूर आकर्षक स्थल जहां हुआ था लव और कुश का जन्म
बिठूर दर्शनीय स्थल

बिठूर आकर्षक स्थल जहां हुआ था लव और कुश का जन्म

धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व वाले शहर बिठूर की यात्रा के बिना आपकी लखनऊ की यात्रा पूरी नहीं होगी। बिठूर एक सुरम्य नगर है, जो गंगा नदी के तट पर स्थित है, जो राजधानी लखनऊ से 18 किलोमीटर की दूरी पर कन्नौज रोड पर स्थित है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस पवित्र बस्ती को भगवान विष्णु द्वारा आकाशगंगा के पुनर्निर्माण के दौरान भगवान ब्रह्मा…

Continue Readingबिठूर आकर्षक स्थल जहां हुआ था लव और कुश का जन्म