बागेश्वर कुमाँऊ के सबसे पुराने नगरो में से एक है। यह काशी के समान ही पवित्र तीर्थ माना जाता है। यहां पर गोमती तथा सरयू के संगम पर बागनाथ महादेव ( व्याघ्रेश्वर ) का मंदिर निर्मित है। जिसके नाम पर ही इस स्थान का नाम बागेश्वर पडा।(bageshwar tourist place) स्थानिय लोककथा के अनुसार जब सरयू नदी हिमालय से अयोध्या में श्रीराम के जन्म पर आयोजित समारोह में सम्मिलित होने चली तो उसे मार्ग में मारकंडेय मुनि को तपस्या करते देखकर रूकना पडा। सरयू की विपदा को देखकर पार्वती को दया आयी और उन्नहोने शिव जी से सरयू की सहायता का आग्रह किया। व्याघ्ररूपी शिव को जब मारकंडेय मुनि ने गायरूपी पार्वती पर आक्रमण करते देखा तो उनसे रहा न गया। गौ रक्षार्थ वे तपस्या छोडकर सहायता के लिए दौड पडे और इसी बीच अवसर पाकर सरयू नदी आगे निकल चली। शिव पार्वती भी अंतर्धयान हो गये। इसी स्थान को व्याघ्रेश्वर ( बागेश्वर) कहा जाता है। जिस स्थान पर शिव और पार्वती अंतर्धयान हुए वही पर मारकंडेय मुनि ने मंदिर का निर्माण करवाया और उसमे शिव की प्रतिमा को बाघ्रनाथ नाम देकर प्रतिष्ठित किया।कालांतर में मूल मंदिर तो ध्वंस हो गया लेकिन लेकिन बाद में कत्यूरी चंद तथा गंगोली राजाओ द्धारा इसका जीर्णोदार कराया गया।
बागेश्वर के सुंदर दृश्यBageshwar tourist place information in hindi
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बागेश्वर जिले के प्रसिद दर्शनीय स्थल
बागेश्वर के प्रमुख पर्यटन स्थल:-
बागनाथ मंदिर:-
1450 में निर्मित भगवान शिव का पुरातात्विक महत्व का मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के कारण ही इस शहर का नाम बागेश्वर रखा गया है। यहीं प्रति वर्ष शिवरात्रि के दिन मेला लगता है। इस मेले में हजारो श्रद्धालु आते है। ऐसा कहा जाता है कि यहां पर प्राचीन समय में मारकंडेय नामक मुनि तप करते थे और उन्होने भगवान शिव के बाघ के रूप में दर्शन किए थे। जिस कारण उन्होने इस मंदिर में भगवान शिव की बाघ रूपी प्रतिमा स्थापित की थी। बाद में शिवरात्रि के दिन यहां पर शिवलिंग की स्थापना की गई । शिवरात्रि व श्रावण के महीने में हर सोमवार को लाइटो से इस मंदिर को सजाया जाता है। इन दिनो यहां पर मेला लगा रहता है। श्रद्धालु भारी संख्या में यहां पर आते है। तथा अपनी मनोकामना पूर्ण करने की भगवान शिव से प्राथना करते है। इस मंदिर से लोगो की अटूट आस्था जुडी हुई है।
चंडिका मंदिर:-
यह सुंदर तथा प्राचीन चंडिका देवी का मंदिर है। यहां पर कई देवी देवताओ की प्रतिमाए भी स्थापित है। यहां पर नवरात्रो मे काफी भीड रहती है।
श्रीहाडु मंदिर:- बागेश्वर से करीब 5 किमी की दूरी पर स्थित यह मंदिर श्रद्धालुओ की मन्नतें पूरी होने के लिए प्रसिद है। यहां पर विजयदशमी के दिन मेला लगता है। जिसमें हजारो स्त्री पुरूष भाग लेते है।
गौरी उडियार:-
यहां पर स्थित पवित्र गुफा में भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है। यह बागेश्वर से 8किमी की दुरी पर स्थित है।
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अन्य महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल:-
रामघाट मंदिर, अग्निकुंड मंदिर, निलेश्वर मंदिर, कुकुडामाई मंदिर, शीतला देवी मंदिर, त्रिजुगी नारायण मंदिर, हनुमान मंदिर, निलेश्वर धाम, स्वर्ग आश्रम, रामजी मंदिर, लोकनाथ आश्रम, अमित जी का आश्रम, ज्वाला देवी मंदिर, वेणी महादेव मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, भीलेश्वर धाम, सूरज कुंड, सिद्धार्थ धाम, गोपेश्वर धाम, गोलू मंदिर और प्रकटेश्वर महादेव।
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बैजनाथ:-
यह ऐतिहासिक एव पौराणिक शहर गोमती व गरूड नदियो के संगम तथा कत्यूरी घाटियो के मध्य स्थित है। बैजनाथ की बागेश्वर से दूरी 26 किमी के लगभग है। यहां पर कामदेव के दमन के पश्चात पार्वती से विवाह करने जा रहे भगवान शंकर ने गणेश जी का पूजन किया था। प्राचीन समय में यहां पर कई मंदिरो का निर्माण हुआ था।
पांडुस्थल:-
मानयता है कि बैजनाथ के निकट स्थित पांडुस्थल में कौरवो व पांडवो के मध्य युद्ध लडा गया था।
कांदा:-
बागेश्वर-चौकडी सडक मार्ग पर स्थित यह प्राकृति का एक बहुत ही सुंदर व मनमोहक स्थल है। निकट में भद्रकाली का मंदिर देखने योग्य है। यह बागेश्वर से लगभग 25 किमी की दूरी पर स्थित है।
विजयपुर:- Bageshwar tourist place
विजयपुर की दूरी बागेश्वर से लगभग 30किमी है। हिमाच्छादित पहाडियो के सुंदर दृश्य यहां से दिखाई देते है। यह एक व्यू प्वाइंट है।
पिंडारी हिमनद:- Bageshwar tourist place
ट्रेकिग की दृष्टी से यह क्षेत्र बहुत प्रसिद है। पूरे मार्ग पर अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य का साम्राज्य फैला हुआ है। प्रतिवर्ष सैकडो देशी विदेशी पर्यटक यहां ट्रेकिंग करने आते है।ऊपर चोटी से लेकर नीचे घाटी तक फैले इस बर्फ के साम्राज्य में सीढीनुमा दरारे दर्शनीय है। दरारो के नीचे एक बडी प्राकृतिक हिमगुफा है। यहां पर चार पांच ओर गुफाए है जो सुरंगो की तरहा दिखाई देती है। यही से पिडंर नदी निकलती है। पिडारी हिमनद ट्रेक के लिए सांग में बैस केम्प लगता है जो बागेश्वर से 36 किमी की दूरी पर है।
सुंदरढुंगा:- Bageshwar tourist place
सुंदरढुंगा एक पत्थरो की सुंदर घाटी है जो पिडांरी क्षेत्र को एक सीमा में बांधे हुए है। यह पिडारी और कफनी के मध्य में स्थित है। यह दो हिमनद प्रकृति का एक अनुपम दृश्य है। यहां पहुंचने के लिए खाटी गांव होकर आना पडता है।
बागेश्वर कैसै पहुंचे:- Bageshwar tourist place
हवाई मार्ग- बागेश्वर से निकतम हवाई अड्डा पंतनगर 206 किलोमीटर दूर है।
रेल मार्ग- बागेश्वर से निकटतम रेलवे स्टेशन कांठगोदाम 180 किलोमीटर है।
सडक मार्ग- बागेश्वर सडक मार्ग से सभी प्रमुख शहरो से जुडा है।
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