Austerlitz war – battle of Austerlitz – तीन सम्राटों का युद्ध Naeem Ahmad, April 21, 2022 जुलाई, 1805 में ब्रिटेन, आस्ट्रिया, रूस और प्रशिया ने मिलकर नेपोलियन से टककर लेने का निर्णय किया। जवाब में नेपोलियन ने 22 अक्टूबर, 1805 को आक्रमण करके उल्म (Ulm) नामक स्थान पर ऑस्ट्रिया को हराया और वियना पर अधिकार कर लिया। 28 नवम्बर, 1805 के दिन ऑस्टर्लिज़ में नेपोलियन के 65,000 सैनिको और रूस तथा ऑस्ट्रिया की संयुक्त सेनाओं के 88,000 सैनिकों के बीच भयानक युद्ध हुआ। 2 दिसम्बर को नेपोलियन इस युद्ध में विजयी हुआ। रूस की सेनाओ को घर लौटना पड़ा और ऑस्ट्रिया को शांति-संधि पर हस्ताक्षर करने पड़े। ट्राफलगर युद्ध में पराजय के कारण नेपोलियन समुद्री युद्धो में तो श्रेष्ठता नहीं सिद्ध कर पाया था किन्तु ऑस्टर्लिज़ युद्ध ( Austerlitz war) के बाद थल-युद्धों में यूरोप में उसकी श्रेष्ठता अवश्य सिद्ध हो गयी। अपने इस लेख में हम इसी ऑस्टर्लिज़ युद्ध (Austerlitz war) का उल्लेख करेंगे और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से जानेंगे:— The bettel of Austerlitz in hindi? Austerlitz Yudh ki jankari in hindi, Austerlitz Yudh kab hua tha? ऑस्टर्लिज़ युद्ध कब हुआ था? ऑस्टर्लिज़ युद्ध किस किस के मध्य हुआ था? ऑस्टर्लिज़ युद्ध को तीन सम्राटों का युद्ध क्यों कहा जाता है? ऑस्टर्लिज़ युद्ध में किसकी पराजय हुई थी? ऑस्टर्लिज़ युद्ध का कारण Cause of the Austerlitz war नेपोलियन के युद्धों (Nepolian Wars) मे ऑस्टर्लिज़ के युद्ध (The Battle of Austerlitz) का विशेष महत्त्व है। इतिहास में इसे तीन सम्राटों का युद्ध (The Battle of Three Emperors) भी कहते हैं क्योंकि इसमें यूरोप के तीन देशो के सम्राटों ने भाग लिया था फ्रांस के सम्राट नेपोलियन प्रथम ने, रूस के सम्राट जार अलेक्जेंडर प्रथम (Tsar Alexander) ने तथा ऑस्ट्रिया के सम्राट फ्रासिस द्वितीय (Francis ll) ने। यह युद्ध एक ओर नेपोलियन के अपूर्व युद्ध कौशल को प्रमाणित करता है तो दूसरी ओर उसके अदम्य साहस को। ट्राफलगर युद्ध (The Battle of Trafalgar) में जबरदस्त हार के बावजूद नेपोलियन के साहस में किसी प्रकार की कोई कमी दिखायी नहीं दी। उसने मान लिया था कि ब्रिटेन को पराजित करने के लिए समुंद्री बेडों और जल युद्धों की व्यापक तैयारी करनी पड़ेगी। उसे लगा कि ब्रिटेन का साथ देने वाले ऑस्ट्रिया, प्रशिया और रूस को पहले सबक सिखाया जाये और जब थल पर कोई प्रतिद्विदंता नही रह जाये तो बडी तैयारी के साथ ब्रिटेन पर आक्रमण किया जाये। ऑस्टर्लिज़ युद्ध (The Battle of Austerlitz) के द्वारा उसने ऐसा ही किया। ऑस्टर्लिज़ युद्ध का प्रारम्भ Austerlitz war begins ट्राफलगर युद्ध (The Battle of Trafalgar) के लगभग दो महीने बाद ही नेपोलियन (Nepolian) अपने इस अभियान पर निकल पडा। उसने सबसे पहले प्रशिया और ऑस्ट्रिया को सबक सिखाना चाहा। 22 अक्तूबर, 1805 को उसने उल्म (Ulm) नामक स्थान पर ऑस्ट्रिया की सेना को पराजित किया। वास्तव मे यह इकतरफा युद्ध था क्योंकि नेपोलियन की सेनाओ के सामने ऑस्ट्रिया की सेनाओं ने बडी आसानी से घुटने टेक दिये। नेपोलियन ने लगे हाथ वियना (Vienna) पर भी अधिकार कर लिया। नेपोलियन का वियना की ओर प्रस्थान सुनकर इटली से आर्क ड्यूक चार्ल्स चल दिया। उधर बोहेमिया मे रूसी सेनाएं इकट्ठी हो रही थी। यदि इस समय प्रशिया अपनी पूरी शक्ति के साथ मध्य डैन्यूब की घाटी पर आक्रमण कर देता तो संभवतः नेपोलियन कठिनाई में पड जाता और दोनो ओर की सेनाओं मे जम कर मुकाबला होता परन्तु ऑस्ट्रिया तथा रूस को अपनी शक्ति पर विश्वास था। इसके अलावा, रूस नेपोलियन को पराजित करने का श्रेय स्वयं प्राप्त करना चाहता था। उधर, नेपोलियन इस युद्ध मे अपने राज्याभिषेक (2 दिसम्बर) की पहली वर्षगांठ से पहले ही जीत हासिल कर लेना चाहता था। इसलिए वह दौगुने वेग और उत्साह से लड़ रहा था। 28 नवम्बर को उसकी सेनाएं ऑस्टर्लिज़ में ऑस्ट्रिया तथा रूस की सम्मिलित सेनाओ के मुकाबले जा पहुंची। नेपोलियन की सेना की सख्या 65 हजार तथा ऑस्ट्रिया तथा रूस की सम्मिलित सेनाओ की संख्या 83 हजार थी। युद्ध प्रारम्भ होने पर नेपोलियन ने अपनी अतिरिक्त सेना का भी उपयोग किया। अन्त में 2 दिसम्बर को ऑस्ट्रिया तथा रूस की संयुक्त सेनाएं पराजित हो गयी। विवश होकर ऑस्ट्रिया के सम्राट को सन्धि की प्रार्थना करनी पड़ी और रूस का सम्राट भाग खड़ा हुआ। इस पराजय का समाचार सुनकर इंग्लैंड के प्रधानमंत्री विलियम पिट को इतना दुख हुआ कि छह सप्ताह पश्चात् ही उसकी मृत्यु हो गयी। इस प्रकार, नेपोलियन के विरुद्ध ऑस्ट्रिया, प्रशिया, ब्रिटेन और रूस का संयुक्त मोर्चा समाप्त हो गया। Austerlitz war प्रेसबुर्ग की संधि 26 दिसम्बर, 1805 को नेपोलियन ने ऑस्ट्रिया के साथ सन्धि कर लीं। यह ऑस्ट्रिया की तीसरी पराजय थी, अतः नेपोलियन ने पूरी तरह ऑस्ट्रिया को कुचलने का प्रयत्न किया। इस सन्धि के अनुसार:– ऑस्ट्रिया ने वेनिस तथा डालमेशिया के प्रदेश फ्रांस को दे दिये। टाइरोल तथा स्वेबिया के प्रदेश फ्रांस के मित्र बवेरिया को दिये गये। बवेरिया तथा बर्टमबर्ग के सामंतों को राजा दी उपाधि प्रदान की गयी। बवेरिया, बर्टमबर्ग तथा बैडेन को आसपास के अनेक प्रदेश मिले।इस संधि से ऑस्ट्रिया की प्रतिष्ठा को बहुत ठेस लगी। उसे लगभग तीस लाख जनसंख्या वाले प्रांतों को छोड़ना पड़ा। राइन, इटली तथा स्विट्जरलैंड से भी उसका संबंध टूट गया। ऑस्टर्लिज़ युद्ध का परिणाम (Results of the Austerlitz war) फ्रांस तथा नेपोलियन के लिए यह जीत बहुत ही भव्य थी। इसके पश्चात् पुनः नेपोलियन ने यूरोप-विजय का अभियान शुरू कर दिया और ट्राफलगर युद्ध में पराजय के कारण धूमिल होती छवि को पुन: उत्कर्ष पर पहुंचाया। सदियों से यूरोप में चली आ रही रोमन साम्राज्य वी परम्परा 1806 में समाप्त हो गयी। ऑस्ट्रिया के सम्राट फ्रांसिस द्वितीय ने ऑस्टर्लिज़ युद्ध (The Battle of Austerlitz) में हार के बाद ”पवित्र रोमन सम्राट की पदवी इस डर से त्याग दी कि कही यह पदवी नेपोलियन को न मिल जाये। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—- [post_grid id=”8837″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... विश्व प्रसिद्ध युद्ध वर्ड फेमस वार