प्रकृति की गोद में बसा अल्मोडा कुमांऊ का परंपरागत शहर है। अल्मोडा का अपना विशेष ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक महत्व है। ( almorda tourist place ) कभी कुमाऊ की राजधानी रहे अल्मोडा में वर्ष भर सांस्कृतिक उत्सवो की छटा बिखरी रहती है। इस पर 9वी शताब्दी में कत्यूरी वंश के शासको का शासन था। 16वी शताब्दी के मध्य तक इस पर चंद्रवंशीय शासको ने अधिकार कर लिया। अल्मोडा को 1563 में बसाने का स्रेय राजा बालो कल्याण चंद्र को जाता है। 1790 से इस पर गोरखाओ ने शासन किया और 1815में यह अंग्रेजो के आधिपत्य में चला गया। कत्यूरी व चंद्रवंशीय शासको द्धारा बनवाये गए महल व किले आज भी अतीत की यादो को संजोए है। अल्मोडा से हिमाच्छादित शिखरो की लंबी कतार का नयनाभिराम दृश्य दिखाई पडता है। स्लेट की छत वाले पुराने मकान, लालमंडी का किला तथा नरसिंह मंदिर इस नगर की मध्यकालीन विरासते है। अल्मोडा जिला लगभग 3083 वर्ग किलोमीटर मे फैला हुआ है जिसकी सीमाए छ: जिले चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ, चम्पावत, नैनीताल तथा पौडीगढवाल जिलो से मिली हुई है। अल्मोडा जिले में अनेक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।

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उत्तराखण्ड अल्मोडा के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल:-
चितई मंदिर:-
यह प्रमुख मंदिर अल्मोडा से लगभग 8 किमी की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को पूरे कुमाऊ छेत्र मे मान्यता है। मंदिर परिसर में असंख्य घंटिया टंगी है।
डियर पार्क:-
यह पार्क अल्मोडा से 3 किमी की दूरी पर स्थित है। इस पार्क को एनटीडी के नाम से भी जाना जाता है। तथा इस पार्क मे हिरण की विभिन्न प्रजातिया देखने को मिलती है और सांयकाल के समय लोग यहाँ घूमने भी आते है।
कसार देवी:-
कसार देवी की यह मंदिर अल्मोडा से 5 किमी की दूरी पर स्थित है। द्धितीय शताब्दी में निर्मित यह प्राचीन मंदिर पहाडी की चोटी पर स्थित है। इसके पास ही एक किलोमीटर की दूरी पर कालीमठ एक भ्रमणीय स्थल है।
सिमतोला:-
सिमतोला चीड व देवदार से ढकी सुंदर पहाडियो के मध्य स्थित एक मनोरम स्थल व व्यू पवाइट है। यह अल्मोडा से लगभग तीन किमी की दूरी पर स्थित है।
ब्राइट एंड कार्नर:-
यह स्थान अल्मोडा से 2किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ से सूर्योदय व सूर्यास्त का अत्यन्त सुंदर दृश्य दिखाई देता है। यहाँ रामकृष्ण कुटीर में स्वामी विवेकानंद पुस्तकालय है जहाँ पर आध्यात्मिक चिंतन के कई साहित्य उपलब्ध है। पास ही में विवेकानंद का स्मारक भी है।
कोसी मंदिर:-
कत्यूरी वंश द्धारा 12वी शताब्दी में निर्मित यह भारत के प्राचीन सूर्य मंदिरो में से एक है। यह मंदिर अल्मोडा से 10किमी की दूरी पर स्थित है।
गणनाथ:-
गणनाथ प्राकृतिक गुफाओ और अत्यंत प्राचीन शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहाँ मेला लगता है। यह स्थल अल्मोडा 47किमी की दूरी पर स्थित है।
कौसानी:-
कौसानी की दूरी अल्मोडा से लगभग 50 किमी है। कौसानी कुमाऊं हिमालय की धरा का स्वर्ग है। यह नगर एक पहाड की चोटी पर बसा हुआ है। जिसके दोंनो ओर दूर दूर तक फैली हुई हरी भरी फूलो से भरी घाटियां है।यहां की सुंदरता पर्यटको को सम्मोहित सा कर देती है। महात्मा गांधी ने 1929 में अनासक्ति योग नामक पुस्तक की संरचना यही पर की थी।
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रानीखेत:-
प्रकृति का अनुपम सौंदर्य रानीखेत के कणकण में बसा है। यहाँ का शांत वातावरण, चीड व देवदार के घने जंगल, दूर दूर तक फैली घाटियां, सीढिदार खेत, ठंडी हवा के झोके, फूलो से ढके रास्ते व परिंदो की सूरीली आवाज पर्यटको को मंत्रमुग्ध कर देता है। रानीखेत की अल्मोडा से दूरी लगभग 44किमी है।
झूलादेवी मंदिर:-
यह एक प्रसिद प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर की कलाकृति को देखकर सभी अभिभूत हो जाते है। झूलादेवी मंदिर रानीखेत से 7 किमी की दूरी पर स्थित है।
बिनसर महादेव:-
चीड के पेडो के घने जंगलो के मध्य स्थित यह प्राचीन शिव मंदिर है। करीब ही माता दुर्गा और भगवान राम के दर्शनीय मंदिर भी है। बिनसर महादेव की रानीखेत से दूरी 19किमी के लगभग है।
चिलियानौला:-
रानीखेत से चिलिनौला की दूरी 4किमी के लगभग है। यहां पर हेडाखान बाबा का भव्य मंदिर है। इस आधुनिक मंदिर में सभी देंवी देवताओ की कलात्मक मूर्तिया देखने लायक है।
ताडीखेत:-
यह स्थान गाँधी कुटी और प्रेम विधालय के कारण प्रसिद है। यह अपनेे प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाता है। रानीखेत से ताडीखेत की दूरी चार किमी के लगभग है।
चौबटिया:-
यहां सुंदर बाग बगीचे है। यहां सरकारी उधान व फल अनुसंधान केंद्र भी देखने योग्य है। पास ही में पानी का झरना भी है। जिसके ऊचाई से गिरते संगमरमर जैसे पानी का दृश्य मनमोह लेता है। रानीखेत से चौबटिया की दूरी दस किमी है।
उपत एंव कालिका:- almorda tourist place
यह स्थान रानीखेत अल्मोडा मार्ग पर रानीखेत से छ: किमी की दूरी पर स्थित है। यहां सुंदर गोल्फ का मैदान है। कालिका में कालीदेवी का प्रसिद मंदिर है।
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मनीला:-
यह मछलियो के शीकार व प्राकृतिक सौदर्य के लिए जाना जाता है।
डूंगरी:-
रानीखेत से डूंगरी की दूरी 52किमी के लगभग है। यहाँ दुर्गा माता का एक प्रसिद मंदिर है। इसके आसपास मे देखने योग्य स्थान सुखदेव मुनि आश्रम जो यहा से दो किमी है तथा पांडुखोली जो यहां से दस किमी पर स्थित है।
जागधे्श्वर:- almorda tourist place
यह तीर्थ स्थल अल्मोडा से 34 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां का शिवलिंग भगवान शिव के बारहा ज्योतिलिंगो मे से एक माना जाता है। देवदार के घने जंगल के मध्य यहां पुरातात्विक महत्व के 164 मंदिरो का समूह है। मंदिरो की नक्क्शी स्थापत्य कला तथा द्धार सजावट मध्यकाल की वास्तुकला व मूर्तिकला का अनुपम संगम है।
(Almorda tourist place) अल्मोडा कैसै पहुँचे:-
हवाई मार्ग- अल्मोडा से निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर 127 किमी दूर है।
रेल मार्ग- निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम 91 किमी की दूरी पर है। दिल्ली, हावडा, बरेली, रामपुर आदि शहरो से यहाँ रेल आती है।
सडक मार्ग- अल्मोडा के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन तथा उत्तराखण्ड परिवहन की बसे प्रदेश के सभी प्रमुख शहरो व दिल्ली से निरंतर आती जाती है।
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