Akshardham tample history in hindi स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर Naeem Ahmad, April 14, 2017February 17, 2023 पिछली पोस्ट में हमने दिल्ली के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कमल मंदिर के बारे में जाना और उसकी सैर की थी। इस पोस्ट में हम दिल्ली के ही एक ओर प्रमुख स्थल की सैर करेगें ओर उसके बारे में जानेगें। तो आज हम चलते है दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से aksherdham tample एक स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर। दिल्ली में यमुना नदी के पास नोएडा मोड पर बना यह एक सांस्कृतिक मंदिर है। इसीलिए और मंदिरों की तरह यहाँ पूजा-पाठ नहीं होता है। इस मंदिर में कारीगरों की अदभुत कारीगरी और कला का संगम देखने को मिलता है। इस मंदिर को देखने के लिए प्रतिमाह हजारों की संख्या में श्रृद्धालु और पर्यटक देश और विदेश के कोने कोने से दर्शन के लिए यहाँ आते है। (Akshardham tample) अक्षरधाम मंदिर ज्योतिधर्र भगवान स्वामीनारायण की स्मृति में बनाया गया है। इस प्रसिद्ध मंदिर को बीएपीएस स्वामीनारायण संस्थान द्वारा बनाया गया है। जिसके प्रमुख पूज्य स्वामी महाराज है। जिन्होंने अप्रैल 1971 से नवंम्बर 2007 के बीच पांच महाद्वीपो में 713 मंदिरों का निर्माण कर विश्व रिकार्ड बनाया है। (akshardham tample) अक्षरधाम मंदिर परिसर लगभग 100 एकड भूमि में फैला हुआ है। दुनिया का सबसे विशाल हिन्दू मंदिर परिसर होने के कारण 26 दिसम्बर 2007 को यह गिनीज़ बुक अॉफ वर्ल्ड रिकार्डस में शामिल किया गया है। इस मंदिर को पूरा बनाने में 5 साल का समय लगा है। इस मंदिर के अंदर 10 हजार साल पुरानी रहस्यमय सांस्कृतिक धरोहर मौजूद है। इस मंदिर की सबसे बडी खास बात यह है कि इसे बनाने में स्टील इस्पात या कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इस मंदिर को बनाने में गुलाबी बलुआ पत्थर और संगमरमर का प्रयोग किया गया है। इस मंदिर को हजारों कारीगरों और स्वयंसेवकों ने मिलकर बनाया है । वस्तुशास्त्र और पचरात्र शास्त्र शैली से बने इस मदिर को 6 नवम्बर 2005 को इसे अधिकारिक तौर पर जनता के लिए खोल दिया गया था। (akshardham tample) अक्षरधाम मंदिर में देखने योग्य बहुत चीजें है। इनमें से कुछ प्रमुख पर नजर डालते है। अक्षरधाम मंदिर के सुंदर दृश्य मुख्य अक्षरधाम मंदिर(akshardham tample) पूरा मंदिर परिसर 5 प्रमुख भागों में विभाजित है। मुख्य मंदिर परिसर ठीक बीचोंबीच यानि केन्द्र में स्थित है। 141 फुट ऊंची संरचना में 234 शानदार नक्काशीदार खंम्बे 9 अलंकृत गुम्बद 20 शिखर एक भव्य गजेंद्र 20000 मूर्तिया शामिल है। साथ ही यहाँ दिव्य व्यकतित्व ऋषियो गुरूओं भक्तों संतों की प्रतिमाओ को भी बनाया गया है। मयूर द्वार:-भारत का राष्ट्रीय पक्षी मयूर अपने सौंदर्य संयम और शुचिता के प्रतीक के रूप में भगवान को सदा ही प्रिय रहा है। यहाँ के स्वागत द्वार में मयूर की सुंदर कलाकृति से से सजाया गया है। नृत्य करते मोर की 869 कृति इस द्वार की सुंदरता देखते ही बनती हैं। दश द्वार:-यह द्वार दसों दिशाओं के प्रतीक है। जो कि वैदिक शुभकामनाओं को प्रतिविवित करतें है। भक्ति द्वार:- यह द्वार परंपरागत भारतीय शैली का है। भक्ति एवं उपासना के 208 स्वरूप भक्ति द्वार में मंडित है। जामा मस्जिद दिल्ली का इतिहास दिल्ली लाल किले का इतिहास कुतुबमीनार का इतिहास हुमायुँ का मकबरा कमल मंदिर का इतिहास नारायण सरोवर:- अक्षरधाम मंदिर की मुख्य इमारत एक सरोवर से घिरी है। इस सरोवर को नारायण सरोवर कहा जाता है। इसे आप महाकुण्ड या महा सरोवर भी कह सकते है। क्योंकि इस सरोवर के अंदर देश की लगभग 151 पवित्र नदियों,सरोवरों, कुण्डों का जल लाकर भरा गया है। सरोवर के पास ही में 108 गौमुख भी बने हुए है। और ऐसी मान्यता है की यह 108 गौमुख 108 हिन्दू भगवान का प्रतिनिधित्व करते है। गार्ड अॉफ इंडिया:- यह जगह लगभग 60 एकड के हरे भरें लॉन में फैली हुई है। जिसमें वीर योद्धाओं सशक्त महिलाओं को कांस्य की उत्कृष्ट प्रतिमा द्वारा सम्मान दिया गया है। संगीतमय फव्वारा:- इस मंदिर में शाम के समय एक संगीतमय फव्वारा शो का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें भारतीय दर्शन के अनूरूप जन्म जीवन काल और मृत्यु चक्र का उल्लेख किया जाता है। इन फव्वारों की सुंदरता दर्शकों के मन को मोह लेती है। नीलकंठ कल्याण यात्रा शो:- यह इस मंदिर का मुख्य आकर्षण है। इस शो के अंतर्गत मंदिर में एक विशाल स्क्रीन पर नीलकंठ कल्याण यात्रा नामक फिल्म दिखाई जाती है। जो लोगों को धार्मिक स्थलो उनकी संस्कृति त्यौहार आदि से जुड़ी बातें बताती है। लोटस गार्डन:- मंदिर के प्रागंण में कमल के फुल की आकृति में बना गार्डन है जिसे लोटस गार्डन कहा जाता है। जो दर्शन शास्त्रीयों वैज्ञानिकों और लीडरों द्वारा व्यक्त की जाने वाली अध्यात्मिकता का आभास कराता है। ध्यान देने योग्य बातें यह मंदिर सोमवार को बंद रहता है इस मंदिर मे प्रवेश नि: शुल्क है परन्तु मंदिर के अंदर अलग अलग चीजों के देखने के लिए अलग अलग चार्ज है। मंदिर में प्रवेश के लिए ड्रेस कोड भी है। आपके कपड़े ऐसे होने चाहिए जिससे आपके कंधे और घुटने ढके होने चाहिए। अगर आपने ऐसे कपड़े नहीं पहने है तो घबराने कि जरूरत नहीं आप यहाँ कुछ पैसे जमा कर कपड़े ले सकते है। जो रिफंडेबल अमांउट होगा इस मंदिर में सभी तरह के बेग इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं तम्बाकू व नशीले पदार्थ खाद पदार्थ खिलौने आदि लेकर जाना सख्त मना है। जिन्हें आप वहाँ उपलब्ध लॉकर में रख सकते है। भारत के पर्यटन स्थल भारत के प्रमुख धार्मिक स्थल Dehli tourismऐतिहासिक धरोहरेंदिल्ली पर्यटन