हरिद्वार ( मोक्षं की प्राप्ति) haridwar sapt puri teerth in hindi Naeem Ahmad, February 7, 2017February 17, 2023 उतराखंड राज्य में स्थित हरिद्धार जिला भारत की एक पवित्र तथा धार्मिक नगरी के रूप में दुनियाभर में प्रसिद्ध है। हरिद्धार हिन्दू धर्म के सात पवित्र स्थलों में से एक है । हरिद्वार का अर्थ है कि हरि ( ईश्वर) द्वार यानि ईश्वर तक पहुँचने का द्वार। यही वह स्थान है जहाँ पर्वतों से उतरकर पवित्र पावन गंगा मैय्या मैदानी धरती पर प्रथम आगमन होता है । हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार यही वह स्थल है जहाँ अमृत की कुछ बूंदें भूल से घड़े से गिर गई थी । जब खगोलीय पक्षी गरूड़ उस घड़े को समुद्र मंथन के बाद ले जा रहे थे । यह अमृत बूंदें चार स्थानों पर गिरी थी – उज्जैन, हरिद्वार, नासिक ओर प्रयाग आज यही वह स्थान है जहाँ कुंभ मैला लगता है । जिस स्थान पर वह बूंद गिरी थी उसे हर की पौड़ी पर ब्रहम्कुंड माना जाता है इस ब्रहम्कुंड में स्नान करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है । हरिद्वार को चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार भी माना जाता है । चारधाम यात्रा का सुभारंभ यही से होता है । इस धार्मिक नगरी में अनेकों धार्मिक स्थल है।Contents1 हर की पौड़ी2 मनसा देवी मंदिर3 चण्डी देवी मंदिर हरिद्धार4 मंदिर समूह5 कैसे पहुँचे5.1 Share this:5.2 Like this:हर की पौड़ीब्रहम्कुंड को ही हर की पौड़ी कहते है । इस घाट के ब्रहम्कुंड में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है । घाट के दोनों ओर पैडियाँ बनी है इन पर श्रृद्धालु श्रृद्धा पूर्वक स्नान के साथ साथ पवित्र गंगा जल में अठखेलियाँ भी करते है । पौड़ी के निचले भाग में गंगा जी का प्राचीन मंदिर है ।यहाँ सुबह व शाम में गंगा जी की आरती होती है । आरती के दीयों की रोशनी में ब्रहम्कुंड का दृश्य अत्यंत सुंदर दिखाई देता है शंख ,घंटी की ध्वनि तथा आरती के पावन सुरों से यहाँ का वातावरण धार्मिक भक्ति में लीन हो जाता है। श्रृद्धालु यहाँ अस्थियाँ विसर्जित तथा मुंडन भी कराते है।हर की पौड़ी के दूसरे तट के पिछे बाढ़ नियंत्रण कक्ष का टावर स्थित है ।ठीक टावर की साइड में वी आई पी घाट है । और वी आई घाट के समीप स्वामी सर्वान्नद पार्क है पार्क के अन्दर भगवान शिव की विशाल प्रतिमा स्थापित है । यहाँ गंगा जी के जल को कई दिशाओं में बाटा गया है । पार्क के सामने दूसरे तट पर स्वामी सर्वान्नद घाट है श्रृद्धालु यहाँ भी गंगा स्नान करते है।मनसा देवी मंदिरहर की पौड़ी के पास पहाड़ की चोटी पर स्थित यह प्राचीन मनसा देवी मंदिर हिन्दू धर्म में बहुत महत्व रखता है । मनसा देवी को भगवान शिव की मानस पुत्री के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर में खड़े एक वृक्ष पर मन्नत का धागा बांधा जाता है तथा मन्नत पूरी होने पर धागा खोलना भी आवश्यक माना जाता है । यह मंदिर हरिद्धार से 3 किमी की दूरी पर स्थित है 3 किमी पैदल यात्रा कर मंदिर तक पहुँचा जा सकता है यह रास्ता हर की पौड़ी से कुछ ही दूरी पर स्थित है । यहाँ से तार वाली ट्राली ( उडन खटोला) की सुविधा भी उपलब्ध है । हर की पौड़ी से पैदल मार्ग द्वार तक मार्ग के दोनों ओर मार्किट ओर दुकानें है यहाँ धार्मिक पुस्तकें, पूजा सामग्री, रूद्राक्ष मालाएं तथा धार्मिक वस्त्र आदि की खरीदारी की जा सकती है । मनसा देवी मंदिर से हरिद्वार नगर हर की पौड़ी गंगा जी तथा सामने की पहाड़ी पर स्थित चण्डी देवी मंदिर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।चण्डी देवी मंदिर हरिद्धारयह प्रसिद्ध मंदिर गंगा नदी के दूसरे तट पर स्थित पहाड़ी की चोटी पर है । मनसा देवी पहाड़ी ओर चण्डी देवी पहाड़ी के मध्य गंगा जी बहती है। काली देवी के समान चण्डी देवी को माना जाता है ये कभी कभी दयालु रूप और प्रायः उग्र रूप में पूजी जाती है । मंदिर तक पहुँचने के लिए गंगा जी पर बने पुल को पार करके जाना पड़ता है । इसी से पुल का नाम चण्डी पुल कहलाता है । यह पुल उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नजीबाबाद नगर को जोडता है । इस मार्ग पर लगभग एक किलोमीटर आगे चलने पर यहाँ से उडन खटोला (केबल ट्राली) चण्डी देवी मंदिर तक जाती है । चण्डी पुल से दाई ओर गयी सड़क चीला रिज़र्व पार्क को जाती है इस मार्ग पर लगभग आधा किमी चलने पर गौशाला के समीप से चण्डी देवी मंदिर के लिए पैदल पहाड़ी मार्ग जाता है । चण्डी देवी मंदिर से मनसा देवी मंदिर तथा पवित्र गंगा नदी के जल का तेज प्रवाह दृश्य दिखाई देता है । नील पर्वत की चोटी पर स्थित यह मंदिर रात्रि के समय जब विधुत प्रकाश से जगमगाता है तो ऐसा प्रतित होता है जैसे नील पर्वत ने सोने का मुकुट ग्रहण कर लिया है।पीरान कलियर शरीफमंदिर समूहहर की पौड़ी से ऋषिकेश मार्ग पर लगभग एक किमी की दूरी पर स्थित कई वर्तमान निर्मित मंदिरों का समूह है । प्रसिद्ध भारत माता मंदिर भी यही पर है । यह सभी मंदिर एक कतार में एक ही मार्ग पर है । वर्तमान काल की अद्भुत कारागरी का नमूना पेश करते है।हरिद्धार में और आसपास कई ओर धार्मिक स्थल तथा धर्म गुरूओं के आश्रम व पवित्र दरबार भी लगते है प्रसिद्ध गायत्री तीर्थ शांतिकुंज तथा अलवर वाले बाबा का दरबार भी यही है हरिद्वार से लगभग 25किमी की दूरी पर ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला तथा लगभग 35 किमी की दूरी पर पहाड़ों में स्थित नीलकंठ महादेव का प्रसिद्ध मंदिर के भी दर्शन किये जा सकते हैकैसे पहुँचेहरिद्धार पहुँचना बहुत ही सरल है रेल मार्ग द्वारा हरिद्वार का रेलवेस्टेशन लगभग भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है ।सडक मार्ग द्वारा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर मुजफ्फरनगर मेरठ बिजनौर से होते हुए पहुँचा जा सकता है । देश की राजधानी दिल्ली से हरिद्वार के लिए सरकारी तथा प्राइवेट लग्जरी बसे चलती है । हरिद्धार के सबसे नजदीक हवाई अड्डा जौलीग्रांट है परंतु दिल्ली हवाई अड्डे को प्राथमिकता दी जाती हैठहरने के लिए यहाँ कोई परेशानी नहीं है । यहाँ काफी संख्या में आश्रम धर्मशालाएं ओर होटल हैShare this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in 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