सौ वर्षीय युद्ध – 100 साल तक चलने वाले युद्ध के कारण और परिणाम Naeem Ahmad, April 27, 2022February 28, 2023 लगभग 135 वर्षों तक फ्रांस और ब्रिटेन के बीच चलने वाले इस सौ वर्षीय युद्ध का आरम्भ तब हुआ जब ब्रिटेन के बादशाहों ने फ्रांस की गद्दी पर भी अपना अधिकार जताना चाहा। इस लम्बे युद्ध में कभी ब्रिटेन का तो कभी फ्रांस का पलड़ा भारी होता रहा। ब्रिटेन के हेनरी पंचम (Henri V) ने 1415 में एजिनकोर्ट (Agincourt) की लड़ाई में फ्रांस को पराजित करके 1420 में ट्रॉयज की सन्धि (Treaty of troyes) के जरिये यह बात मानने पर विवश कर दिया कि फ्रांस की गद्दी पर उसका अधिकार होगा किन्तु 1429 में जॉन ऑफ आर्क (Joan of Arc) से प्रेरित होकर फ्रांसीसियों ने अंग्रेजों के विरुद्ध फिर युद्ध छेड़ दिया और 1453 तक अपने सभी क्षेत्रों को स्वतन्त्र करा लिया। यह सौ वर्षीय युद्ध फ्रांस के अनेक प्रदेशों में लड़ा गया। अपने इस लेख में हम इसी सौ वर्षीय युद्ध का उल्लेख करेंगे और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से जानेंगे:— सौ वर्षीय युद्ध कब हुआ था? सौ वर्षीय युद्ध क्यों हुआ था? सौ वर्षीय युद्ध का काल? सौ वर्षीय युद्ध किस किस के मध्य हुआ था? सौ वर्षीय युद्ध में किसकी जीत हुई? सौ वर्षीय युद्ध का परिणाम? 100 वर्षीय युद्ध का वर्णन, सौ वर्षीय युद्ध और उसके कारण ब्रिटेन और फ्रांस के बीच रुक-रुक कर लड़ी गयी इस युद्ध श्रृंखला की शुरुआत छुटपुट झगड़ों के रूप में हुईं थी। फ्रांस के चार्ल्स चतुर्थ (Charles lV) की मृत्यु के बाद उत्तराधिकार का सवाल उठा क्योंकि ‘इजाबेला’ उनकी एकमात्र पुत्री थी और नियमानुसार उसे सिंहासन पर नही बिठया जा सकता था। ऐसी स्थिति मे वालोई के फिलिप (Philip of valois) का राज्याभिषेक कर दिया गया ओर फ्रांस में वालोई राजवंश की नींव पड़ी। इसी वंश के राजाओं ने सौ वर्षीय युद्ध किया। उधर, ब्रिटेन के एडवर्ड तृतीय (Edward lll) ने फ्रांस पर अपने स्वामित्व का दावा किया। उसके अनुसार चूंकि उसकी माता फिलिप चतुर्थ की बहन थी, इसलिए फ्रांस की गददी पर उसका अधिकार होना चाहिए। टकराव की स्थितियां उग्र होती गयी। परिणामस्वरूप 1337 में ब्रिटेन के राजा एडवर्ड ने गेस्कनी (Gascony) पर आक्रमण कर दिया तथा स्लुइस (1340), फ्रेसी (1346) तथा प्वातियर (1356) की लडाइयां जीत कर फ्रांस के कई महत्त्वपूर्ण प्रदेशों पर अधिकार कर लिया। 1360 मे ब्रेतीनी की सन्धि (treaty of bretigny) के बाद युद्ध कुछ दिनों के लिए रुक गया। एडवर्ड तृतीय ने फ्रांस पर अपना अधिकार छोड बहुत-सा रुपया एवं ‘अक्केटाइन’ की रियासत प्राप्त की। फ्रांस वासी अंग्रेजों की पराधीनता नही चाहते थे किन्तु विवश थे। सौ वर्षीय युद्धचार्ल्स पंचम के शासन-काल में फ्रांस ने कुछ खोये हुए प्रदेशों को पुनः प्राप्त किया। उससे बेत्रां दिगे स्कर्ले को अपना सेनापति बनाया। बेत्रां ने ‘केस्टाइल’ (स्पेन) मे सेना ले जाकर पेड़्रो को सत्ताच्युत करके हेनरी का अभिषेक कर दिया। इस प्रकार अब फ्रांस जरूरत पड़ने पर केस्टाइल की नौसेना का उपयोग कर सकता था। 1369-75 के बीच कई प्रदेशों की पुनः प्राप्त करने के बाद चार्ल्स पंचम ने ब्रिटेन पर आक्रमण कर दिया। बेत्रां ने कई अंग्रेज सरदारों को ठीक किया। चार्ल्स ने सर्वसाधारण की सहायता से शासन में अनेक संशोधन करके देश की व्यवस्था को सुधारा, 1380 मे चार्ल्स पंचम की मृत्यु हुई। पिता की मृत्यु के समय चार्ल्स छठम की आयु केवल 12 वर्ष की थी। 1388 में उसका राज्याभिषेक हुआ किन्तु 1392 में उसके पागल हो जाने से फ्रांस का आंतरिक बिखराव और फेल गया। मौका देखकर 1415 में ब्रिटेन के हेनरी पंचम ने फ्रांस पर चढ़ाई करने का इरादा किया क्योकि ब्रिटेन तथा फ्रांस दोनों देशों का सम्राट बनना उसकी चिर-अभिलाषा थी। उसने हार्फल्यू पर अधिकार कर लिया और एजिनकोर्ट (Agincourt) नामक स्थान पर फ्रांसीसी सेना की सर्वश्रेष्ठ टुकडी को हराया। अन्ततः 1420 में ट्रॉयज की सन्धि के बाद हेनरी फ्रांस का शासक बन गया। ट्रॉयज के सन्धि-पत्र के बावजूद बर्गडी का जागीरदार फिलिप एवं उत्तर के सभी सूबे चार्ल्स छठम (Charles Vl) के पूत्र चार्ल्स सप्तम को ही फ्रांस का राजा मानते थे किन्तु 1422 मे हेनरी पंचम का अल्पवयस्क पुत्र ब्रिटेन व फ्रांस का शासक बना जिसकी ओर से बेडफोर्ड का जागीरदार जॉन फ्रांसीसी संरक्षक के रूप में फ्रांस का शासन चला रहा था। अपने योग्य प्रशासन से उसे फ्रांसीसियों का समर्थन मिला किन्तु 1429 में एक साहसी किसान-युवती जॉन ऑफ आर्क (John of arc) के नेतृत्व मे विशाल सेना एकत्र करके फ्रासीसियो ने ऑलियां पर अधिकार कर लिया। युवक चार्ल्स सप्तम (Charles Vll) का राज्याभिषेक किया गया। अन्त में अंग्रेजों ने उन्नीस वर्ष की इस युवती पर जादूगरनी होने का अभियोग चला कर 1431 में जिंदा आग में जला दिया। चार्ल्स सप्तम ने शासन तथा सेना में अनेक संशोधन किये तथा 1441-45 के बीच फ्रांसीसी सेना ने ब्रिटिश सेनाओं को कई बार हराया और उन्हे वापस लौटने के लिए बाध्य कर दिया। सिर्फ क्लाइस (1558 तक) तथा चैनल द्वीप (Channel Islands) ही अंग्रेजों के अधिकार में रहे। कछ समय पश्चात् बाद सेना की सहायता से चार्ल्स ने 100 वर्षों से चली आ रही इस युद्ध-श्रृंखला समाप्त करने का दृढ़ निश्चय किया। ब्रिटेन में उन दिनो प्रबंध ठीक न था, इस कारण लडाई मे उनके पैर पीछे हट रहे थे। 1453 में कांस्टिटयाय के युद्ध मे फ्रांस ने अंग्रेजो को बुरी तरह पराजित किया। इस लड़ाई में हार जाने के बाद फ्रांस पर से ब्रिटेन का अधिकार जाता रहा। इस प्रकार सौ वर्षीय युद्ध समाप्त हो गया, सौ वर्षीय युद्ध का परिणाम एक शताब्दी के लम्बे अंतराल तक चलने वाले इन युद्धो से दोंनों देशो, विशेषतः फ्रांस की शासन-व्यवस्था और अर्थव्यवस्था बिलकुल चरमरा गयी। अस्त्र-शस्त्र के साथ लाखो लोग इन युद्धों मे मारे गये किन्तु फ्रांस के प्रदेशों पर आधिपत्य जमा लेने की ब्रिटिश आकांक्षा पूरी नहीं हो सकी और उन्हे क्लाइस (Calais) तथा चैनल द्वीपों से ही संतोष करना पडा। फ्रांसीसियों का मनोबल बढ़ा जिससे उनमें एकसूत्र होने की चेतना पनपने लगी। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:— [post_grid id=”8837″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... विश्व प्रसिद्ध युद्ध वर्ड फेमस वार