शिवपुर का मेला और तारकेश्वर का मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश Naeem Ahmad, August 15, 2022February 19, 2024 उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में विंध्याचल धाम से एक किमी पश्चिम मे शिवपुर नामक स्थान है। जिसके बारे मे कहा जाता है कि एक बार वशिष्ठ मुनि ने पृथ्वी पर भ्रमण करने वाले नारद जी से पूछा कि पृथ्वी पर सबसे उत्तम क्षेत्र कौन सा है ? तो नारद जी ने कहा कि इस ब्रह्माण्ड मे विंध्य क्षेत्र सर्वोत्तम है। इसी विंध्य क्षेत्र के शिवपुर का रामेश्वर मंदिर तथा उसमे श्री राम द्वारा प्रतिष्ठापित शिवलिंग आज भी लाखों-लाख जनता की श्रद्धा का केन्द्र बना हुआ है।शिवपुर का मेला मिर्जापुरवास्तव में विंध्य क्षेत्र बहुत विस्तृत है, किंतु उसमें बिरोही से तरकापुर तक का लगभग पन्द्रह किलो मीटर क्षेत्र में अगणित मंदिर तथा तीर्थ आ जाते है। श्रीराम ने रामेश्वर से उत्तर गंगा-तट पर रामगया में अपने पिता का श्राद्ध तर्पण किया था। इस प्रकार इसका पौराणिक महत्व होने के कारण आज भी मेलों-ठेलों का आयोजन किया जाता है। उसी क्रम में शिवपुर का मेला बहुत प्रसिद्ध है।क्रिप्टो करंसी में इंवेस्ट करें और अधिक लाभ पाएं शिवपुर में विशाल शिवलिंग, नन्दी तथा अन्य देवी-देवताओं की मूर्तिया स्थापित है। इनकी पूजा गोस्वामी लोग करते है। शिवरात्रि तथा बसंत पर मेला लगता है। यह स्थान बहुत शांत-एकान्त वातावरण मे स्थित है। दाहिने हाथ दक्षिण की ओर अष्टभुजी देवी महाकाली, पूरब विंध्यवासिनी स्वयं, उत्तर में रामगया तथा भागीरथी विराजमान है।शिवपुर धाम मिर्जापुरतारकेश्वर नाथ का मेला मिर्जापुरमिर्जापुर नगर के मध्य गंगातट पर तारकेश्वर नाथ का मंदिर है।यहां कुल 108 शिव मंदिर थे जिनमे से अनेक गंगा की धारा मे समाहित हो चुके हैं। भगवान श्रीराम ने रामेश्वरम् की स्थापना करके यहां आकर दर्शन किया था। यहां भी शिवपुर मेले की तरह बडा मेला लगता है जिसमे शिल्पकला की वस्तुएं मिट्टी के पात्र विशेष रूप से बिकने के लिए आते है। यहां बरियाघाट मे और भी अनेक विशाल मंदिर है जिनमे अधिकतर शिव-प्रतिमाएं प्रतिष्ठित है।काशी का मेला – काशी विश्वनाथ के मेलेमिर्जापुर जिला आरंभ से ही लक्ष्मीजी की कृपा का पात्र रहा है। यह वैभव की नगरी रही है। बर्तन, लोहे रेशम, कत्था, गलीचा तथा सभी वन्य उपजों का व्यापारिक केन्द्र भी रहा है, अत यहां तथा इस क्षेत्र मे बडे-बडे सेठ-साहुकार आते रहते और उन्होने मंदिरों का निर्माण कराया। इस प्रकार काशी और प्रयाग से कम मंदिरों का निर्माण यहां नही हुआ।विंध्याचल नवरात्र मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेशकाशी और प्रयाग दो महातीर्थों के बीच देवीधाम होने के कारण भी इस स्थान का महत्व कदापि कम नही हुआ। यही कारण है कि यहां चप्पे-चप्पे पर आये दिन मेलो-ठेलों के आयोजन होते रहे। मिर्जापुर वैसे भी अपने मौज-मस्ती के लिए मशहूर रहा है। लगोटा, भग, बिव्टान, गगा स्नान, पूजन, कथा-श्रवण, पर्यटन तथा पिकनिक में लिट्टी-बाटी कजरी यहां का सांस्कृतिक जीवन है। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—- [post_grid id=’11706′]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के प्रमुख त्यौहार उत्तर प्रदेश के मेलेमेले