लेजर किरण का आविष्कार कब हुआ – लेजर किरण की खोज Naeem Ahmad, June 25, 2022March 5, 2024 मेसर और लेसर किरण की खोज अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी के डाक्टर चार्ल्स टाउन्स तथा बल प्रयोगशाला के डॉ आथर शैलाव ने की। लेजर किरण का आविष्कार का प्रयोगात्मक माडल सबसे पहले कैलीफोर्निया की एक प्रयोगशाला में कार्यरत डॉ टी एच मेमन ने किया।लेजर किरण से पहले मेसर-किरण की खोज हुई। डॉ टाउन्स काफी समय से इस विषय पर विचार कर रहे थे कि प्रकाश किरणों को अति लघु तरंगों में परिवर्तित कर कला-सम्बद्ध (Coherent) करना संभव होना चाहिए, जैसा कि रेडियो-तरंग अनुशासित और प्रवर्धित की जा सकती है। वे इस कार्य में लग गए और तीन वर्ष के कडे़ परिश्रम के बाद उन्हे इसमे सफलता मिली। उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर जिस पद्धति से प्रयोग कर तरंगो को कला-सम्बद्ध किया, उसके लिए एक नया नाम दिया गया। यह नाम था ‘माइक्रोवव एम्पिलफिकशन बाइ-स्टिम्युलटज एमिशन ऑफ रेडिएशन। इस प्रकार इस नाम के शब्दो के प्रथम अक्षरों का लेकर इसका संक्षिप्त नाम ‘मेसर’ बना। सभी प्रकार के पदार्थो पर प्रयोग करने के बाद टाउन्स को एक पेंसिल जितनी मोटी सश्लिष्ट माणिक्य (रूबी) छड़ द्वारा पहली मेसर बनाने में सफलता प्राप्त हुई।लेजर किरण का आविष्कार किसने कियाउन्होंने माणिक्य को सबसे पहले परम शून्य (–2730) तक ठंडा किया। इस तापक्रम पर विद्युत प्रतिरोधकता खत्म हो जाती है। उसके बाद इस छड़ पर सूक्ष्म-तरंग डाली गयी। उसी समय लाखों परमाणु न्यूनतम से अधिकतम ऊर्जा के स्तर तक जा पहुंचे। उसके बाद सूक्ष्म-तरंगों की आवृत्ति (Frequency ) में परिवर्तन किया गया, जिससे परमाणु अचानक न्यूनतम स्तर तक पहुंच गए। इससे सम्प्ररक-तरंगों की आवृत्ति पर ही फोटॉन का उत्सर्जन हाने लगता है। हर फोटॉन दूसरे परमाणुओं को आकर्षित कर सम्प्रेररित करता है ओर इस तरह प्रत्याशित उत्सर्जन श्रृंखला प्रक्रिया शुरू हो जाती है ओर परमाणुओं के अवघात ऊर्जा के बहुत ही निचले स्तर पर जा पहुंचते है। परिणामस्वरूप बहुत तेज विद्युत-चुम्बकीय संकेत उत्पन्न होते है। इन्ही को मेसर कहते है।लेजर किरणइसके बाद टाउन्स के एक अन्य सहयोगी भौतिक शास्त्री रिचर्ड गॉडन गुल्ड ने प्रकाशकीय मेसर के विकास पर ओर परीक्षण किए जो लेजर किरण की खोज में पहला कदम थे। गुल्ड ने अपनी विकसित प्रणाली को लिख भी लिया था और उसका नाम ‘लाइट एम्प्लिफिकेशन बाइ स्टिम्युलेटेड एमिशन ऑफ रेडियेशन रखा जिसका संक्षिप्त नाम ‘लेजर’ था। लेकिन टी एच मेमन ने सन् 1960 में गुप्त रूप से लेजर को सबसे पहले बनाने का श्रेय प्राप्त किया।ट्रांसफार्मर का आविष्कार किसने किया और यह कैसे काम करता हैमेसर की ही तरह लेजर के प्रवर्धन का माध्यम भी संश्लिप्ट माणिक्य की शलाका थी, जो लगभग एक सिगरेट के बराबर थी। इसके दोनो सिरे एकदम चिकने सपाट थे, जिन्हे दर्पण बनाने के लिए चांदी का लेप कर दिया गया था। एक सिरे को कम लेप लगाकर अध-पारदर्शक बनाया गया था। इस शलाका का एक शक्तिशाली कडलाकार जीनोन फ्लैशलेम्प मे लपेटा गया था। जब प्रकाश का छोटा स्पद माणिक्य मे पार किया गया तो अर्ध-पारदर्शक सिरे से गहरे लाल रंग का चमकीला प्रकाश-पुंज (light beam) उत्पन्न हुआ इस प्रकाश किरण में ऊर्जा का घनत्व बहुत अधिक था।डायनेमो का आविष्कार किसने किया और डायनेमो का सिद्धांतआजकल अन्य पदार्थों से भी लेजर किरणे प्राप्त होने लगी है, जो इतनी शक्तिशाली साबित हुई है कि पृथ्वी के कठोर से कठोर पदार्थ को भी काट सकती हैं, या वाष्पित कर सकती हैं। 1962 में लेजर किरण द्वारा चंद्रमा का एक छोटा-सा क्षेत्र प्रकाशित किया गया था। और चंद्रमा की सही दूरी मापी गयी थी। इस प्रकार यह निष्कर्ष निकाला गया कि लेजर-बीम को आकाश नापने के फीते की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही सेटेलाइट ओर पृथ्वी के बीच लेजर किरण कमजोर संकेतों के संचरण में भी काम आ सकती है। उन पर नियंत्रण भी किया जा सकता है और उन्हे निर्देशित भी किया जा सकता है।लेसर किरण को तीन वर्गो मे बाटा जा सकता है –पहले वर्ग मे रूबी, याग, निओडोमियम ग्लास आदि ठोस पदार्थ आते हे। दूसरे में गैसीय पदार्थ ओर तीसरे में अर्धचालक आते है। गैसो में हीलियम, निआन और कार्बनडाइआक्साइड मुख्य है तथा अर्धचालको मे गैलियम आर्सनाइड से लेजर किरण प्राप्त की जाती है।कार्बन डाई आक्साइड से उत्पन्न लेजर किरणों की लंबाई कम होती है, लेकिन ये अधिक शक्तिशाली होती है। ये जिस पदार्थ पर डाली जाती है, उसे बहुत गर्म कर देती है। आशा है वर्तमान युद्धकला मे कार्बन डाई ऑक्साइड से उत्पन्न लेजर ही मृत्यु किरण के रूप मे कहर ढाएगी।बैटरी का आविष्कार किसने किया और कब हुआएक विशेष प्रकार की लेजर पिस्तौल से आप बातचीत कर सकते है। इस पिस्तौल से एक पतला-सा प्रकाश पुंज निकलता है, जो आपकी बातचीत द्वारा माइक्रोफोन की मदद से अधिमिश्रित होता है। फिर रिसीवर द्वारा यह पुंज (बीम) सुनने लायक ध्वनि में बदल जाता है।रेफ्रिजरेटर का आविष्कार किसने किया और कब हुआलेजर किरण का उपयोग उद्योग-धंधो मे भी होने लगा है। लेजर किरण का उपयोग एक ड्रिल के रूप में किया जाता है। यह इस्पात को काटने या छेद करने के काम में आती है। यह हीरे तक में छेद कर डालती है। खदान खोदने और सुरंग बनाने में भी लेजर को पूर्णतया सक्षम पाया गया है।चिकित्सा क्षेत्र में भी लेजर किरण का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। लेजर की एक बारीक किरण आंख के रेटिना के आपरेशन तक में प्रयुक्त की जा रही है। चीर-फाड के लिए भी लेजर किरण का चिकित्सक उपयोग करने लगे हैं। भूकम्प का पूर्वानुमान लेजर किरण से सफलतापूर्वक लगाया जा सकता है।इत्र का आविष्कार किसने किया और कब हुआलेजर और कम्प्यूटर मे आपसी तालमेल बैठाकर बहुत से कार्य किए जा रहे हैं, जिसमे संचार व्यवस्था एक है। लेजर किरण का सबसे ज्यादा-चमत्कारी उपयोग फोटोग्राफी में हो रहा है। लेजर द्वारा फीटोग्राफी की इस पद्धति को होलोग्राफी नाम दिया गया है।हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—–[post_grid id=”9237″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... विश्व के प्रमुख आविष्कार प्रमुख खोजें