लाहौल स्पीति – लाहौल स्पीति यात्रा – लाहौल स्पीति वैली – लाहौल स्पीति जिला Naeem Ahmad, December 21, 2017April 8, 2024 एक जिले के रूप में लाहौल स्पीति का अस्तित्व आजादी के बाद उस समय सामने आया था जब हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ था। प्राचीन काल से ही लाहौल स्पीति घुमक्कडों. बौद्ध साधको, व्यापारियो और खोजियो को निमंत्रण देता आया है। प्राकृतिक प्रेमियो के लिए यह एक अछूती धरती है। यहा दूर दूर तक हरी भरी घाटियो, नदियो, झीलों, झरनो, हिमखंडो और मनमोहक पर्वतमालाओ को एक नजर में देखा जा सकता है। भौगोलिक दृष्टि से लाहुल और स्पिति बिल्कुल अलग है। लाहौल घाटी जहा विशाल चट्टानी पर्वतो के मध्य बसी है वही स्पिति ठंडा रेगिस्तान है जहा बारिश बहुत कम होती है। इसका मुख्यालय केलांग है।लाहौल स्पीति के दर्शनीय स्थल – लाहौल स्पिति के पर्यटन स्थलताबो प्राचीन बौद्ध मठयह मठ गेलूकंपा सम्प्रदाय से संबंधित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 3050 मीटर है। इसका निर्माण तिब्बत के शासक ए-शस्ओद ने 10वी शताब्दी में करवाया था। इस मठ को बनाने में पूरे 46 साल लगे थे। इस मठ के चारो ओर ऊंची दीवार है। इसमे 9 मुख्य कक्ष है जिनमे भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमाएं है। इस मठ के भित्तिचित्र अद्भुत और कला के बेजोड उदाहरण है। लाहुल स्पिति की यात्रा पर आने वाले अधिकतर पर्यटक इसके दर्शन के लिए जरूर आते है।काजाकाजा समुद्र तल से 3660 मीटर की ऊचांई पर स्पिति नदी के बाई तरफ बसा है। काजा का त्रिमूर्ति मंदिर और बौद्ध मठ देखने लायक है। यहा आमतौर पर अॉक्सीजन कम मात्रा में पायी जाती है। इसलिए आपको सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।कुंजम दर्रासमुद्र तल से कुंजम दर्रे की ऊंचाई 4551 मीटर है। यहा से छोटा शिगडी और बडा शिगडी ग्लेशियरों को साफ साफ देखा जा सकता है। बडा शिगडी ग्लेशियर एशिया का सबसे विशाल ग्लेशियर माना जाता है।की गोंपा मठयह मठ काजा से 8 किलोमीटर ऊपर की ओर स्थित है। गेलुग्पा सम्प्रदाय से संबंधित यह मठ विश्व भर में प्रसिद्ध है। इसमे 100 से भी अधिक कक्ष है जिनमे 300 से भी अधिक बौद्ध लामा रहते है।लाहौल स्पीति के सुंदर दृश्यकेलांगकेलांग लाहौल स्पीति जिले का मुख्यालय है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 3150 मीटर है। यहा बौद्ध और हिंदू धर्म के लोग मिलकर रहते है। यहा के सुंदर दृश्य पर्यटको का मन मोह लेते है।धर्मशाला के पर्यटन स्थलकुल्लू मनाली के दर्शनीय स्थलज्वाला देवी मंदिर कांगडालाहौल स्पीति कैसे जाएंलाहौल घाटी के लिए आप कुल्लू मनाली और रोहतांग दर्रे वाले बस मार्ग से जा सकते है। जबकि स्पिति घाटी के लिए शिमला व किन्नौर होते हुए जाया जा सकता है। यदि आप पूरा लाहुल स्पिति देखना चाहते है तो आप मनाली, लाहौल घाटी, स्पीति घाटी, किन्नौर के रास्ते रास्ते शिमला पहुंचे या शिमला से किन्नौर, स्पिति, लाहौल, रोहतांग के रास्ते मनाली पहुंचे। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:— [post_grid id=’16975′]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के हिल्स स्टेशन हनीमून डेस्टिनेशनहिमाचल पर्यटन