लखनऊ के दर्शनीय स्थल – लखनऊ पर्यटन स्थल – लखनऊ टूरिस्ट प्लेस इन हिन्दी Naeem Ahmad, September 15, 2017February 24, 2023 गोमती नदी के किनारे बसा तथा भारत के सबसे बडे राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ दुनिया भर में अपनी तहजीब के लिए जाना जाता है। अपने मेहमानो की खातिरदारी में यहां के लोग कोई कसर नही छोडते। उससे भी कही अच्छा है यहां की भाषा और बात करने की तहजीब व अदब। इसलिए इस ऐतिहासिक शहर को ” शहर-ए-अदब” भी कहा जाता है। अपनी इस पोस्ट मे हम इस सुंदर व ऐतिहासिक शहर की यात्रा के दौरान लखनऊ के दर्शनीय स्थल व ऐतिहासिक इमारतो की सैर करेगे । अवध के नवाबो के शासन काल में इस शहर ने विशेष ख्याति प्राप्त की थी। इस नगर में कला संस्कृति और सभ्यता का अनूठा संगम देखने को मिलता है। जो लखनऊ के पर्यटन में चार चाँद लगता है।लखनऊ के दर्शनीय स्थललखनऊ के प्रमुख पर्यटन स्थलबडा इमामबाडा ( भुलभुलैया )लखनऊ के दर्शनीय स्थल में बडा इमाबाडा वास्तुकला का अदभुत नमूना है। विश्व भर में प्रसिद्ध इस इमारत का निर्माण नवाब आसिफुददौला ने सन 1784 में करवाया था। यह इमारत बाहर से एक किले की भाँति दिखाई पडती है। इस इमारत मे एक विशाल कमरा है। जिसकी लम्बाई 49.4 मीटर चौडाई 16.2 मीटर तथा ऊचाई 15 मीटर है। इस कमरे की खास बात यह है कि इस कमरे के एक कोने मे कि गई हल्की ध्वनि भी दूसरे कोने मे साफ सुनाई देती है। बडे इमामबाडे के ऊपरी भाग में भुलभुलैया बनी है। इस भुलभुलैया के 409 गलियारे है। जो दरवाजे रहित है। इस का निर्माण सुरक्षा की दृष्टि से करवाया गया था इस भुलभुलैया की खास बात यह है कि यहा आने वाला सख्स लाख कोशिश करे फिर भी जिस गलियारे से प्रवेश करता है। उसी गलियारे से बाहर नही निकल पाता है। इसीलिए इसे भुलभुलैया कहा जाता है।लखनऊ के सुंदर दृश्यछोटा इमामबाडाइसे हुसैनाबाद का इमामबाडा के नाम से भी जाना जाता है। इस भव्य इमारत का निर्माण अवध के तीसरे नवाब मुहम्मद अलीशाह ने सन 1840 में करवाया था। आंतरिक व बाहरी सज्जा की दृष्टि से यह इमारत कला का बेहतरीन नमूना है। यहां पर मुहम्मद अलीशाह और उनकी वालिदा की कब्रे है। इस इमारत मे सबसे महत्वपूर्ण व दर्शनीय यहा बना शाही हममाम है। जो अपने आप में कौतूहल का विषय है। इस शाही हमाम मे गोमती नदी से पानी आता है। यह पानी इस हमाम मे बनी दो हौजो मे जाता है। जिसमे एक हौज में जाकर यह पानी ठंडा हो जाता है जबकि दूसरी हौज में जाकर यह पानी गर्म हो जाता है। इसके अलावा इस इमारत मे लगे आलिशान झूमर भी पर्यटको को काफी पसंद आते है।नैना देवी तीर्थ यात्रारूमी दरवाजालखनऊ के दर्शनीय स्थल में रूमी दरवाजे का महत्वपूर्ण स्थान है। यह रूमी दरवाजा बडे इमामबाडे के ही पास स्थित है। रूमी दरवाजे का भी निर्माण नवाब आसिफुददौला ने ही करवाया था। यह दरवाजा मुगल स्थापत्य कला का बेजोड नमूना है। रूमी दरवाजे की ऊचाई 60 फुट के लगभग है। इस दरवाजे की खास बात यह कि इसके निर्माण में कही भी लकडी व लोहे का इस्तेमाल नही किया गया है। इसके अलावा लखनऊ में पर्यटक दो और दरवाजे शेर दरवाजा और गोल दरवाजा भी देखने जा सकते है।घडी मीनार ( घंटा घर )लखनऊ के दर्शनीय स्थल मे क्लॉक टावर भी जाना जाता है। इसका निर्माण सन 1818 मे करवाया गया था। यह भारत का सबसे ऊचा घंटा घर ( क्लॉक टावर ) है। लखनऊ के क्लॉक टावर की ऊचाई 221फुट है। तथा इसका पेंडुलम 14 फुट लंबा है। जिसके चारो ओर घडिया लगी है। इन घडियो का डायल 12पंखुडियों वाला है। आज रख रखाव के आभाव मे यह घडियां बंद पडी है।लखनऊ के सुंदर दृश्यरेजीडेंसीरेजीडेंसी का निर्माण 1780 में नवाब आसिफुददौला ने करवाया था। पहले इसे ” बेलीशारद” के नाम से जाना जाता था सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों ने इस पर कब्जा करके इसमें रहना शुरू कर दिया था। तभी से इसे रेजीडेंसी के नाम से जाना जाता है। रेजीडेंसी के पास ही शहीद स्मारक है। जो देखने योग्य स्थान है।लखनऊ पिक्चर गैलरीयह गैलरी छोटे इमामबाडे के सामने स्थित है। इस गैलरी में अवध के ऐतिहासिक गौरव व नवाबो से संबंधित चीजे संग्रहित करके रखी गयी है। इसका निर्माण मुहम्मद शाह ने करवाया था।हाथी पार्कलखनऊ के दर्शनीय स्थल मे हाथी पार्क पर्यटको की सबसे पसंदिदा जगह मे से एक है। यहां हाथी पार्क में एक हंसी का फुहारा बना हुआ है। हंसी के फुहारे से मतलब है कि यहा कुछ ऐसे आईने रखे हुए है कि जिनमे आपको अपनी ही शक्ल टेढी मेढी दिखाई देती है। जिसे देखकर आप अपनी हंसी नही रोक पाते। इसके अलावा इस पार्क मे विभिन्न प्रकार के झूले तथा एक खुबसूरत झील भी है जहां आप बोटिंग का भी आनंद उठा सकते है।टिकैतराय तालाब पार्कलखनऊ को बागों का शहर भी कहा जाता है। इस शहर मे खुबसूरत बागों की कमी नही है। टिकैतराय तालाब पार्क मे संगीतमय फव्वारे का आनंद उठाया जा सकता है। इसमे संगीत के सभी स्वर सुनाई देते है।दीनदयाल पार्कयह पार्क चारबाग रेलवे स्टेशन से मुश्किल से आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर भी एक संगीतमय फव्वारा है। जो शाम के समय अपनी अलग ही छटा बिखेरता है।गौतम बुद्ध पार्कशहीद स्मारक के पास स्थित यह पार्क बच्चो और बडो दोनो के घूमने लायक उत्तम स्थान है। यहां आप पिकनिक का भी आनंद उठा सकते है।डा० अम्बेडकर पार्कइस भव्य व सुंदर पार्क के अंदर घूमने व देखने लायक बहुत कुछ है। इस पार्क के अंदर एक नहर भी बनाई गयी है। जिसे भीमगंगा के नाम से जाना जाता है। अंदर का दृश्य बौद्ध स्तूप सा दिखाई पडता है।लक्ष्मण टीलायह स्थल बडे इमामबाडे के उत्तर मे स्थित है। इसके बारे में कहा जाता है कि इस टीले को भगवान राम के छोटे भाई लक्षम्ण ने बनवाया था। अब यहा आलमगीर मस्जिद है। जिसका निर्माण औरंगजेब के शासनकाल में अवध प्रांत के सूबेदार सुल्तान अलीशाह कुली खां ने करवाया था ।चिडियाघरलखनऊ के दर्शनीय स्थल की यात्रा के दौरान अगर लखनऊ का चिडियाघर न देखा जाये तो यात्रा अधूरी सी लगती है। चिडियाघर चारबाग रेलवे स्टेशन से मात्र चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बच्चो के लिए यहा टॉय ट्रेन की सवारी उनकी खुशी को दोगुना कर देती है। इसके साथ यहा अनेक प्रकार के जानवर भी देखने को मिलते है। यहां पर एक संग्रहालय भी है।बोटेनिकल गार्डनयह एक प्राचीन वनस्पति उद्यान है। यहां पर आप पेड पौधो की विभिन्न किस्मो के साथ साथ गुलाब के फूलों की विभिन्न प्रकार की किस्मे देख सकते है।सआयत अली के मकबरेलखनऊ में बेगम हजरत महल पार्क के स्थित है। सआयत अली के मकबरे। इन मकबरो को सआयत अली के बेटे गाजीउददीन हैदर ने बनवाया था। सन 1857 मे स्वतंत्रता सैनानियो ने अंग्रेजों के विरूद्ध इसी स्थल पर लडाई लडी थी ।ला मार्टिनियर इमारतयह इमारत18 वी शताब्दी में अंग्रेज मेजर जनरल क्लायड मार्टिन ने अपने निवास के लिए बनवाई थी। जो यूरोपीय स्थापत्य कला का बेजोड नमूना है। इस इमारत के लॉन मे एक झील भी है । मार्टिन को पेंटिग्स और झाड फानूसो का बहुत शौक था। उसने इस इमारत को अनेक फानूसो और पेंटिग से सजाया था। सन 1800 में क्लायड मार्टिन की मृत्यु के बाद उसे इसी इमारत मे दफनाया गया था। मार्टिन ने अपनी वसीयत में लिखा था कि मेरी मृत्यु के बाद मेरी इस इमारत मे ला मार्टिनियर स्कूल की स्थापना की जाए। अत: 1840 में इस इमारत मे ला मार्टिनियर स्कूल की स्थापना हुई । आज भी यह स्कूल अंग्रेजी स्कूलो में अपनी खास पहचान रखता है।कुकरैललखनऊ के दर्शनीय स्थल मे यह एक खुबसूरत पिकनिक स्थल है । यहां वन विभाग द्धारा घडियालो की विभिन्न जातियो को विकसित किया जाता है। जो देखने योग्य है।लखनऊ विश्वविधालयलखनऊ का विश्वविद्यालय भारत के प्राचीन विश्वविद्यालयो मे से एक है। भारत देश के कई महान साहित्यकार, वैज्ञानिक राजनेता व खिलाडी इसी विश्वविद्यालय की देन है। यह शहर से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लखनऊ विश्वविद्यालय की भव्य इमारत देखने लायक है।लखनऊ मे खरीदारी योग्य स्थानलखनऊ का हजरत बाजार लखनऊ का दिल कहा जाता है। शाम के समय इस बाजार की रोनक देखते ही बनती है। जहा अाप अपनी जरूरत का सभी सामान खरीद सकते है। इसके अलावा यहा का चौक बाजार भी बहुत प्रसिद्ध है। जहा आपको चिकन के कपडे की अच्छी वेरायटी देखने को मिलेगी। यहा आप लखनऊ के प्रसिद्ध टुंडे कबाब के स्वाद का भी आनंद उठा सकते है। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:— [post_grid id=”6023″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in 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लखनऊ पर्यटन का एक अच्छा लेख धन्यवाद सर हमारा भी एक ट्रेवल ब्लॉग है कभी फुरसत मिले तो समय निकल कर देख लीजिये सर सागर जानकारी नाम से है हमारा ब्लॉगLoading...
Bhut badhiya blog hai aapka . Aapne contant writing me mehnat ki hai sir. Hme bhi kuch advice dijiye sirLoading...