रोमन ब्रिटेन युद्ध का युद्ध कब हुआ – रोम ब्रिटेन युद्ध के कारण और परिणाम Naeem Ahmad, April 29, 2022March 20, 2024 महान रोमन सेनानायक जूलियस सीजर (Julius Caesar) ने दो बार ब्रिटेन पर चढ़ाई की। 55 ई.पू. और 54 ई.पू. में। दूसरी बार वह ब्रिटेन में भीतरी क्षेत्रों मे दूर तक गया किन्तु बाद में इस पर पूरी तरह विजय पाये बिना लौट गया। इस चढ़ाई से जूलियस सीजर को लाभ हुआ हो या नहीं, ब्रिटेन को अवश्य हुआ। उसका यूरोप के अन्य भागों से संबंध जुड़ गया। रोमन ब्रिटेन युद्ध ब्रिटेन के कई क्षेत्रों में हुआ था। अपने इस लेख में हम इसी रोमन ब्रिटेन युद्ध का उल्लेख करेंगे और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से जानेंगे:— रोमन ब्रिटेन युद्ध कब हुआ था? रोमन ब्रिटेन युद्ध किस किस के मध्य हुआ था? रोमन ब्रिटेन युद्ध में किसकी पराजय हुई? रोमन ब्रिटेन युद्ध के क्या कारण थे? रोमन ब्रिटेन युद्ध का परिणाम? रोमन ब्रिटेन युद्ध का कारणआज से लगभग 2,000 वर्ष पूर्व तक ब्रिटेन शेष विश्व से लगभग कटा हुआ द्वीप था। केवल कुछ व्यापारी वहां से टिन लाकर यूरोप की मंडियों में बेचा करते थे। पाइथीज नामक एक व्यापारी ने लगभग 325 ई.पू. में ब्रिटेन का भ्रमण किया और वहां का कुछ वर्णन लिखा, इस वर्णन द्वारा पहले-पहल बाहर के लोगों को ज्ञात हुआ कि यूरोप के पश्चिम में भी दो द्वीप है। इन द्वीपों को उन्होंने ‘टिन द्वीप’ का नाम दिया।बीजापुर का युद्ध जयसिंह और आदिलशाह के मध्यरोमन सेनापति जूलियस सीज़र (100-144 ई.पू.) ने सबसे पहले ब्रिटेन को बाह्य दुनिया से जोड़ा। उसके भीतर ब्रिटेन को विजित करने की इच्छा प्रबल होती जा रही थी क्योंकि 58 ई.पू. मे रोम-गाल (फ्रांस) युद्ध के दौरान उसे ज्ञात हुआ था। कि ब्रिटेन के कुछ कबीले गाल के कुछ कबीलों की सहायता कर रहे हैं। सीजर ने उन्हें दंड देने का निश्चय किया। साथ ही उसके मन में लालच उठा कि संसार के दो नये द्वीपों को जीतने से रोम गणराज्य मे उसका मान बढ़ेगा और लूट का माल भी हाथ लगेगा। वस्तुतः धन और यश के साथ-साथ वह रोम गणराज्य पर भी अधिकार जमा लेने की सोच रहा था। रोमन ब्रिटेन युद्ध रोमन ब्रिटेन युद्ध का प्रारम्भअगस्त, 55 ई.पू. को सीजर ने एक बडी सेना लेकर ब्रिटेन पर आक्रमण कर दिया। वह जहाजों द्वारा कैट के समुद्र-तट पर जा उतरा। उसके जहाजी बेडे में कुल 80 जहाज थे परन्तु उसकी सेना का दूसरा भाग समय पर न पहुंच सका। अतः निराश होकर उसे लौटना पडा। अगले वर्ष 54 ई.पू. में 800 जहाज़ों की विशाल सेना के साथ उसने फिर ब्रिटेन पर आक्रमण किया। इस युद्ध में ब्रिटिश लोग पराजित हो गये। ब्रिटेन ने रोम गणराज्य को कर देने का वचन दिया। वचन लेकर सीजर गाल (फ्रांस) लौट आया। बाद में ब्रिटेन से कोई कर प्राप्त नही हुआ। सीजर इसी बीच दूसरे आवश्यक कार्यो में व्यस्त हो गया। साथ ही पुन’ ब्रिटेन पर हमला करने का उसका उत्साह ठंडा पड़ गया क्योकि सीजर स्वयं वहां की निर्धनता देख आया था। प्रसिद्ध रोमन विद्वान सिसरो लिखता है कि उस द्वीप मे तो एक ग्राम भी सोना नही था। गुलामों के सिवाय कोई माल न था और न ही साहित्य अथवा कला आदि की किसी को जानकारी थी। उस समय तक वहां सभ्यता का भी प्रवेश नहीं हुआ था किन्तु रोमनों के ये दो आक्रमण व्यर्थ नही गये।राणा सांगा और बाबर का युद्ध – खानवा का युद्धअब तक रोम गणराज्य, रोमन साम्राज्य बन चुका था। सीजर का गोद लिया पुत्र आगस्टस (31 ई. पू. से 14 ई.पू.) रोम का प्रथम सम्राट बना। रोम के चौथे सम्राट क्लाडियस ने 41 ई. मे सत्तारूढ होते ही ब्रिटेन को विजित करने का निश्चय किया। फलस्वरूप उसने 43 ई. मे अपने अनुभवी सेनापति ऑलस प्लाटियस को चालीस हजार सैनिक देकर ब्रिटेन की विजय के लिए भेजा। सेना ब्रिटेन के एक द्वीप पर जा उतरी। चार वर्ष तक मारकाट के बाद ही ऑलस को सफलता प्राप्त हुई। ब्रिटेन के दक्षिण और पूर्व के भागो को उसने जीत लिया। 47 ई. में ऑलस प्लाटियस लौट आया।तिरला का युद्ध (1728) तिरला की लड़ाई59 ई मे रोमन-सीमा लिंकन से चैस्टर तक फैल गयी। इसी वर्ष रोमन सेनापति स्यूटोनियस पालिनस ने ब्रिटिश धार्मिक स्थल मोना द्वीप पर अधिकार कर लिया तथा अनेक ब्रिटिश पुरोहितों का वध कराया। 61 ई. में इसी कबीले के सरदार की विधवा बोडिसी के नेतृत्व में एक विद्रोह फूटा। ब्रिटिश जनता ने इसी वीर महिला का साथ दिया तथा 7000 रोमवासियों तथा उनके खुशामदियों को मार डाला। अन्तत. स्यूटोनियस पालिनस ने ब्रिटिश विद्रोह को क कुचल डाला। रोमन सेना द्वारा लगभग 80 हजार ब्रिटिश जनो को मार दिया गया। बोडिसी ने विष खाकर आत्महत्या कर ली।सारंगपुर का युद्ध (1724) मराठा और मालवा का प्रथम युद्धअगले 17 वर्षो (61-78 ई.) मे रोमन सेनाए उत्तर की ओर बढ़ती चली गयी। उन्होने ब्रिटेन का अधिक भाग जीत लिया। ब्रिटेन मे रोम के गवर्नर जनरल अग्रिकोला के नेतृत्व में पूरा वेल्स तथा मोना द्वीप भी रोमन अधिकार मे आ गया था। 85 ई. अग्रिकोला में रोम लौट आया। उसने अपने शासन-काल मे ब्रिटेन के लोगों का रोमनी करण किया और वहां की आर्थिक व्यवस्था मे सुधार किया। इस प्रकार ब्रिटेन मे रोमन आधिपत्य मे अनेक सुधार हुए।रोमन ब्रिटेन युद्ध का परिणामरोमन ब्रिटेन युद्ध के परिणाम तथा प्रभाव दूरगामी सिद्ध हुए। प्राचीन रोमन सभ्यता और संस्कृति के संपर्क मे आकर ब्रिटेन को अपना साहित्य, कला, दर्शन, आदि विकसित करने की प्रेरणा मिली। ब्रिटेन ने बाद में चल कर इन्ही के आधार पर अपनी सामाजिक-आर्थिक प्रणालियां स्थापित की। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—[post_grid id=”8837″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to 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