राजगीर यात्रा – राजगीर टूरिस्ट पैलेस – राजगीर कुंड में स्नान के फायदे Naeem Ahmad, February 20, 2018February 26, 2023 यदि आप पटना और गया का भ्रमण कर रहे तो आप राजगीर यात्रा पर भी जा सकते है। यह पटना से 100 किलोमीटर दूर दक्षिण पूर्व में सुंदर पहाडियो के बीच बसा एक खुबसूरत शहर व धार्मिक स्थल है। राजगीर बौद्ध धर्म का प्रसिद्ध तीर्थ है। इसके अलावा यहा हिन्दू धर्म और जैन धर्म का भी इस स्थान पर विषेश महत्व है। राजगीर गया से 70 किलोमीटर तथा बोधगया से 80 किलोमीटर की दूरी पर है। यहा बौद्ध धर्म के धार्मिक स्थलो और राजगीर कुंड में स्नान करने लाखो श्रृद्धालु राजगीर यात्रा पर आते है। यह स्थान बिहार के नालंदा जिले स्थित है। राजगीर का महत्वप्राचीन काल से ही राजगीर विभिन्न नामो से जाना जाता रहा है। रामायण काल में इसका नाम “वासुमती” था। जैन ग्रंथो में इसे “कुशागपुर” नाम दिया गया। जबकि बौद्ध ग्रंथो में इसका उल्लेख “राजगृह” के नाम से किया गया। राजगीर की भिन्न भिन्न कालो में प्रासंगिकता भी अलग अलग रही है। कहते है कि सम्राट जरासंध ने अनेक प्रतिद्वूद्वी राजाओ को युद्ध के दौरान परास्त करके राजगीर के दुर्ग में नजरबंद किया था।भीम ने 28 दिनो के अनवरतमल्ल युद्ध के बाद जरासंध का वध इसी स्थान पर किया था। महात्मा बुद्ध ने निर्वाण प्राप्ति के बाद दूसरा और तीसरा चौमासा इस स्थल पर बिताया था। राजगीर के पर्यटन स्थलो के सुंदर दृश्य राजगीर यात्रा-राजगीर के दर्शनीय स्थल गर्म पानी का झरना – राजगीर कुंडगर्म पानी के झरने राजगीर यात्रा के दौरान प्रमुख आकर्षणो में से है। इन झरनो का उल्लेख प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने अपनी राजगीर यात्रा के दौरान किया था। इन झरनो का उद्गम स्थल विपुलाचल और वैभारगिरि पहाड है। कहा जाता है कि इन झरनो में स्नान करने से सभी प्रकार के चर्म रोगो से छुटकारा मिल जाता है। यात्रियो की सुविधाओ के लिए यहा कई छोटे छोटे कुंड बनाए गए है। जिसमे ब्रह्मा कुंड का पानी सबसे अधिक गर्म होता है। राजगीर यात्रा पर आने वाले सैलानी इन कुंडो में स्नान करना अपना सौभाग्य समझते है। वाश्व शांति स्तूपविश्व शांति स्तूप जापान बौद्ध संघ के अध्यक्ष निचिदात्सु फूजी की कल्पना का जीता जागता प्रमाण है। इस स्तूप का व्यास 103 फुट व ऊंचाई 120 फुट है। विश्व शांति का संदेश देने वाला यह स्तूप जागीर यात्रा पर आने वाले पर्यटको को दूर से ही आकर्षित करता है। पंच पहाडीराजगीर को घेरने वाली 5 पहाडियां “पंच पहाडी” के नाम से जानी जाती है। ये पहाडिया लगभग 1000 फुट ऊंची है। जिनके नाम इसप्रकार है– वैभार, विपुलाचल, रत्नागिरि, उदयगिरि, और सोनगिरि। इन पहाडियो की खूबसुरती राजगीर यात्रा पर आने वाले पर्यटको को दूर से ही आकर्षित करती है। अजातशत्रु का गढराजगीर में प्रवेश करने से पहले सडक से दक्षिण दिशा में पत्थरो से बनी मोटी दीवारे दिखाई देती है। ये दीवारे अजातशत्रु के गढ के भग्नावशेष है। कहा जाता है कि अजातशत्रु ने अपने दुर्ग की रक्षा के लिए इन मोटी दीवारो का निर्माण करवाया था। जो किसी कारणवश अधूरी रह गई थी।बिहार का इतिहासग्वालियर का किलाबर्मीज मंदिरबर्मीज मंदिर अजातशत्रु गढ के पास ही बना है। बौद्धो के इस मंदिर का निर्माण सन् 1925 में किया गया था। यहा यात्रियो के ठहरने के लिए कुछ कमरो की भी व्यवस्था है। गोरक्षिणी भवनगोरक्षा के लिए बनाए गए इस भवन का अधिकांश खर्चा नवाब हुसैनबाद ने वहन किया था। यहा भी यात्रियो के ठहरने की उत्तम व्यवस्था है। जरासंध की बैठकयह एक ऊंचा स्थान है। जो वैभार पर्वत की ओर जाने वाले रास्ते में प्राकृतिक रूप से बना है। कहा जाता है कि जरासंध अपने दरबारियो के साथ इसी स्थान पर विचार विमर्श किया करता था। बौद्ध समुदाय के लोग इस स्थल को पिप्पल गुहा कहते है। सप्रपणीं गुफायह गुफा वैभार पर्वत पर स्थित है। कहा जाता है कि बुद्ध की मृत्यु के पश्चात अजातशत्रु के प्रयास से इसी स्थान पर बौद्धो की विशाल सभा आयोजित की गई थी। बिंबिसार की जेलबिंबिसार की जेल राजगीर यात्रा पर आने वाले पर्यटको को खूब लुभाती है। राजगीर के मुख्य मार्ग पर दक्षिण की ओर मनियार मठ के करीब एक किलोमीटर दूर पत्थरो की दीवारो से घिरी 200 फुट लंबी चौडी जेल है। अजातशत्रु ने अपने पिता बिंबिसार को इसी जगह कैद रखा था। मनियार मठयह मठ गर्म पानी के झरने से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बहुत पहले यह “रानी चेलना” और “शीलभद्र का निर्माण कूप” नामो से जाना जाता था। यहा खुदाई के दौरान भारी संख्या में नाग नागिन की मूर्तिया मिली है। जो गुप्तकाल की बनी हुई है। वेणुवनवेणुवन कभी सुगंधित बांसो का बाग हुआ करता था। इसे बिंबिसार नो महात्मा बुद्ध को समर्पित किया था। कहा जाता है कि यहा महात्मा बुद्ध ने शारिपुत्र और महाभोगदलान को कई सालो तक शिक्षित किया था। वीरायतनयह एक संग्रहालय है। जिसमे जैन दर्शन से संबधित चित्रो व पुस्तको को देखा जा सकता है।Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के पर्यटन स्थल भारत के प्रमुख धार्मिक स्थल बिहार के पर्यटन स्थलबिहार पर्यटन