मीरान शाह बाबा दरगाह – मीरान शाह बाबा का उर्स Naeem Ahmad, August 19, 2022April 17, 2024 उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद का विजयगढ एक परगना है। यहां एक ऊची पहाडी के ऊपर विजयगढ का किला बना है। किला लगभग 400 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। कहते है, यह किला पांचवी शताब्दी मे कोल राजाओं द्वारा बनवाया गया था। तब से आज तक यह किला रहस्य और रोमांच के साथ-साथ इतिहास पुरातत्व और संस्कृति, त्रिकोणीय संस्कृति का कन्द्र भी बना हुआ है। अब चन्द्रकांता धारावाहिक भी इस पर आधारित होकर काफी लोकप्रिय हुआ है। “चन्द्रकांता” के लेखक देवकी नंदन खत्री ने इसे काफी रोमांचक बना दिया है। इस किले को चंद्रकांता का किला भी कहते हैं। जो भी हो, यह स्थान अब महत्वपूर्ण हो गया है। यहां प्रागैतिहासिक कालीन गुहाचित्र भी मिले है। सोन की घाटी मे निर्मित यह किला प्राकृतिक दृष्टि से भी दर्शनीय है। यही पर मीरान शाह बाबा की दरगाह है। जिस पर प्रति वर्ष मीरान शाह बाबा का उर्स लगता है। जिसे विजयगढ़ का उर्स भी कहा जाता है।मीरान शाह बाबा का उर्स – मीरान शाह बाबा दरगाह सोनभद्रमीरान शाह बाबा दरगाह विजयगढ़मीरान शाह बाबा दरगाह पर अप्रैल माह मे शुक्ल पक्ष की पूर्णिया के अवसर पर उर्स और रामनवमी का मेला लगभग साथ-साथ लगता है जो धार्मिक एकता, साम्प्रदायिक सद्भावना का जीता जागता प्रमाण बन चुका है। यहां एक ओर रामकथा का आयोजन किया जाता है तो दूसरी ओर उर्स का आयोजन होता है। हिंदू मुसलमान दोनों एक साथ उपस्थित होकर अपना मनोरंजन तो करते ही है, धार्मिक भावना की भी तुष्टि करते है। यहां एक ओर मीरान शाह बाबा की मजार है तो दूसरी ओर राम-लक्ष्मण, गणेश, हनुमान की मूर्तिया भी है। एक स्थान पर रामकथा होती है तो दूसरी ओर कव्वाली का भी वृहद आयोजन किया जाता है।मसानिया शरीफ दरगाह – शाह बदर दीवान दरगाह बटालामीरान शाह बाबा की मजार पर चादरे चढायी जाती हैं तो हनुमान, गणेश की मूर्तियों पर मिठाइयां। यहां रात भर जागरण होता है। स्त्री-पुरुष, बाल-वृद्ध सभी बडी सख्या मे एकत्र होते हैं, किन्तु अभी तक कोई अप्रिय घटना नही हुई। बीहड़ और पहाडी होने के कारण लोग ट्रको, जीपो, बसो, स्कूटरों से पहुचते है। सोनभद्र के अलावा, काशी, प्रयाग, मिर्जापुर, जौनपुर, आजमगढ़ आदि जनपदों के भक्तगण भी यहां श्रद्धा भक्ति से पहुंचते है। मनौतियां करते है और उनकी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।वारिस अली शाह देवा शरीफ – हाजी वारिस अली शाह बायोग्राफी इन हिन्दीमीरान शाह बाबा कौन थे, इस सबंध में अनेक तर्क किये जाते है, किन्तु श्री देव कुमार मिश्र के अनुसार उनका असली नाम शेख जैनुल था जो राजा चेत सिंह के दरबारी सैनिक और संत थे। अंग्रेजों ने जब राजा चेत सिंह पर धन लूटने के ख्याल से आक्रमण किया तो उसमे वे मारे गये और चेत सिंह रीवां की ओर किले की खिडकी के रास्ते निकल भागे। बाद मे संत शेख की कब्र बनायी गयी जिनके प्रति जनता की श्रद्धा भक्ति बढती गयी और आज मेला अथवा मीरान शाह का उर्स का रूप धारण कर लिया है। विजयगढ़ के उर्स के मेले में अनेक प्रकार की शिल्पकला, हस्तकला खानपान और खेल खिलौनों की दुकानें लगती है, जिन पर जमकर खरीदारी होती है। प्रशासन की ओर से मेले के अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था की सम्पूर्ण व्यवस्था होती है। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—- [post_grid id=”6680″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के प्रमुख त्यौहार भारत की प्रमुख दरगाहमेले