मखदूम कुंड दरगाह का इतिहास राजगीर बिहार Naeem Ahmad, February 5, 2023April 22, 2024 मखदूम कुंड बिहार के राजगीर का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां एक पवित्र सरोवर है जिसे राजगीर का मखदूम कुंड के नाम से जाना जाता है। यह कुंड विपुलांचल पर्वत की तलहटी में है। इसी के तट पर मखदूम शाह का मजार है। बताया जाता है कि मखदूम कुंड का प्राचीन नाम श्रृंगी ऋषि कुंड है। यहाँ हजरत मखदूम शाह बाबा की इबादत गाह और मखदूम शाह बाबा की दरगाह है। आपका पूरा नाम मखदूम-उल-मुल्क शेख शरीफुद्दीन याइया मनीरी रहम तुल्ला इलै है। आपका जन्म पटना जिले के मनशरीफ में हुआ था। मखदूम कुंड दरगाह राजगीर बिहार आप आज से साढ़े सात सौ साल पहले फकीरी बुजुर्गी में यहाँ आये तो यहाँ चारों ओर जंगल पहाड़ था। कोई आबादी नहीं थी। आपने पहाड़ की चट्टान पर बैठकर इबादत करनी आरम्भ कर दी। मखदूम शाह से पहले यहाँ दो जादूगर थे एक का नाम रावा और दूसरे का नाम रत्ता था। दोनों बहुत बड़े जादूगर थे। उन्होंने मखदूम शाह को जादू से मारना चाहा ताकि आप यह जगह छोड़कर चले जायें लेकिन आप अल्लाह वाले थे, अपनी इबादत में मशगूल रहे। जादूगरों ने मारने के लिए पहले एक शेर आजमाया लेकिन आपने उस शेर को मार दिया। ऊपर में शेर के पंजे और खून का निशान है। वहाँ से आपने अपना कयाम नीचे रखा जो यही स्थान है। उन जादूगरों ने दोबारा आप को मारने के लिए पूरा पहाड़ आपके ऊपर चलाया “लाहिलाहा इल्लल्लाह मुहमद उर रसूल अल्लाह” यह कहते ही पहाड़ हवा में सिर से ऊपर रुका रह गया। मखदूम कुंड दरगाह राजगीर बिहार यह देखकर दोनों जादूगर आपके कदमों पर गिर पड़े और दोनों मुसलमान हो गए। एक का नाम हजरत हतीक रहमतुल्ला इलाही और दूसरे का नाम हजरत हिलाल रहमतुल्ला इलाही रखा। दोनों का मजार बिहार शरीफ बड़ी दरगाह में अपने आलताना के पूर्व तरफ गेट के पास हैं। हजरत मौलाना मुज्जफर बल्खि रहमतुल्ला अलै जो बलख के बादशाह थे उन्होंने आपकी फकीरी बुजुर्गी की दास्तान सुनकर अपना तख्तोताज छोड दिया और आप के पास आकर रहने लगे थे। आपको भी 12 साल बाद फकीरी बुजुर्गी मिली तब वापिस अदन चले गए और आपका मजार अदन मे हुआ जो अरब की तरफ है। 1154 हिजरी यानि साढे तीन चार सौ साल पहले जब आपने ख्वाब मे दिखाया था तो सपोर्ट के लिए मखदूम बाबा की इबादतगाह की अन्दर वाली दीवार बनाई गई। 800 साल पहले यह चश्मा जारी हुआ जिसे मखदुम कुंड कहते है। हजरत मखदूम शाह शरीफुद्दीन का मकबरा बिहार शरीफ में है जो राजगीर से 13 कि०मी० है ओर बिहार का मुख्य मुस्लिम तीर्थ है। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—- [post_grid id=”6680″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के प्रमुख धार्मिक स्थल बिहार पर्यटनभारत की प्रमुख दरगाह