पहिए का आविष्कार कब हुआ और कैसे हुआ Naeem Ahmad, July 7, 2022March 4, 2024 पहिए का आविष्कार कब किसने और कहा किया इसका पता लगाना बहुत मुश्किल है। पहिए का उपयोग हजारों वर्षो से होता आ रहा है। इस आधार पर इतना अवश्य कहा जा सकता है कि जिस समय पहिए का आविष्कार हुआ था, उस समय का मानव सभ्यता के आरंभ में था। प्राचीन काल के कुछ अवशेषों से यह पता चलता है कि पहिए के आविष्कार से पहले उस काल के लोग भारी पत्थरो को या पेड़ों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए उनके नीचे लकडी के कई गोल डंडे रखकर ओर उस पर से बोझ को सरका कर ले जाते थे। गोल लकडी के डंडों के ऊपर से पत्थर सरलता से आगे फिसलते जाते थे, क्योकि इस युक्ति से घर्षण का प्रभाव कम हो जाता था।पहिए का आविष्कार कब हुआ और कैसे हुआहो सकता है पत्थरा को इसी युक्त से ले जाते हुए किसी गोल लकडी का कुछ भाग पहिए की शक्ल में टूटकर अलग हो गया हो ओर उसने पहले पहल आदि मानव को पहिए का बोध कराया हो। या गोल लकड़ियों पर पत्थरों को बार-बार वर्षो तक खींचते रहने के बाद अचानक पहिए का आकार किसी आदिम मनुष्य के मस्तिष्क में उभर आया हो और उसने पेड़ के तने से गोल चकती काटकर संसार के प्रथम पहिए का निर्माण किया हो।ट्रांसफार्मर का आविष्कार किसने किया और यह कैसे काम करता हैजो भी घटना हुई हो, पर इस तथ्य से मुंह नही मोडा जा सकता कि प्राचीन काल के इस आश्चर्यजनक आविष्कार के बिना विश्व की संपूर्ण सभ्यता अस्तित्व में नही आ सकती थी ओर न ही कायम रह सकती थी। पहिए के बिना न सडक पर वाहन होते, न आकाश में हवाई जहाज,न घडिया समय देती, न कल कारखाने ही चल सकते थे।पहिए का आविष्कारलेकिन पहिए का सही आकार बनाने के लिए आरी, बरमा, चाकू, रंदा आदि किस्म के औजारों की आवश्यकता अवश्य पडती होगी क्योंकि बिना इस प्रकार के औजारों के गोल पहिए का निर्माण संभव नही था। अतः पहिए का सही रूप और आम प्रचलन तभी हुआ होगा, जब उसे बिल्कुल सही गोलाई प्राप्त होने लगी होगी। इससे यह ज्ञात होता है कि आरी, बरमा, रंदा चाकू आदि किस्म के औजारों का विकास होने के बाद ही पहिए का सही विकास संभव हुआ होगा। पहिए को सही आकार देने के लिए आदिकाल के पत्थर के औजार तो सर्वथा अनुपयुक्त थे।डायनेमो का आविष्कार किसने किया और डायनेमो का सिद्धांतपुरातत्ववेत्ताओं का ऐसा विश्वास है कि पहिए का प्रचलन सबसे पहले लगभग 4000 से 3500 वर्ष ईसा पूर्व सिरिया तथा सुमेरिया में आरम्भ हुआ था। सिंध घाटी में पहिए का प्रचलन करीब 2500 वर्ष ईसा पूर्व शुरू हुआ। 3000 ईसा पूर्व तक मेसापोटामिया मे पहिएं का प्रयोग खासा हाने लगा था।बैटरी का आविष्कार किसने किया और कब हुआलगभग 1800 ईसा पूर्व मिस्रवासियों ने सबसे पहले आरेदार पहिए का आविष्कार किया। यह पहिया पुराने तवे के आकार के भारी भरकम पहिएं से ज्यादा टिकाऊ हल्का और मजबूत साबित हुआ। पहिए को नाभि (Hub) पहिए का घेरा (Felloe) तथा इन दानों भागो को अरे (Spoke) से जोडकर बनाने से भार का दबाव समान रूप से विभाजित हो जाता है। मिस्रवासियो ने इसमें एक सुधार और किया। उन्होंने दो पहियों के बीच के धुरे (Axle) पर लकडी का तख्ता न रखकर एक डिब्बेनुमा बाँडी बनाई। इस प्रकार से बनी गाडी में सामान या मनुष्य भी आराम से बैठ सकते थे। मिस्रवासियों द्वारा निर्मित इस गाडी को यूनानियों ओर रोमनो ने भी अपना लिया। यूनानियों और रोमनों ने इसका इस्तेमाल युद्ध के रथ दौड के रथ तथा धार्मिक सवारियों के रूप में किया।रेफ्रिजरेटर का आविष्कार किसने किया और कब हुआबैल के स्थान पर घोडे का उपयोग गाडी या रथ खींचने के लिए किया जान लगा। बैलों की अपेक्षा घोडो को गाडी या रथ खींचने का काम सिखाना ज्यादा आसान था और इनकी गति भी बहुत तेज थी। अत घोड़ों का सवारी गाडी के लिए तेजी से उपयोग होने लगा। सवारी के घोडे जैसा तेज, फूर्तीला और चंचल जानवर पा लेने के बाद उसमे जोतने के लिए गाडियो में भी परिवर्तन करने पडे। रोमनों ने चार पहिए वाली एक विशेष गाडी का आविष्कार किया। इस गाडी मे अलग धुरें पर आगे जो पहिएं लगाए गए, उन्हे दाए-बाए घुमाया जा सकता था। इस विधि से गाडी को थोडी-सी जगह पर भी आसानी से दाए-बाए मोडा जा सकता था।कांच का आविष्कार किसने किया और कब हुआभारत में भी घोड़ों से चलने वाले रथों का प्रयोग बहुत पुराना है। रथ सेना के चार अंगों में प्रमुख था। उसका उपयोग सवारी के लिए भी राजा और र सांमत-वर्ग करता था। इन रथों में आमतौर पर दो से चार घोड़ें तक जोते जाते थे। रामायण ओर महाभारत काल से रथों की चर्चा आती है और अनुमान किया जाता है कि हमारे देश में रथों का प्रयोग कम से कम 3000 वर्ष पहले से अवश्य है।थर्मामीटर का आविष्कार किसने किया और कब हुआजेसे-जेसे समय बीतता गया पहिए के निर्माण में सुधार होते गए। आज तो लोहे से बने पहिए जिन पर रबर के टायर ट्यूब लगे होते हैं, सभी जगह प्रयोग में आने लगे है। आज पहिए के कारण ही संसार तेजी से उन्नति के पथ पर बढता जा रहा है।हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—[post_grid id=”8586″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... विश्व के प्रमुख आविष्कार प्रमुख खोजें