पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल – पशुपतिनाथ दर्शन Naeem Ahmad, July 2, 2018March 20, 2024 ऐपशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू मे स्थित हैं। शिवजी की अष्टमूर्तियो मे, नेपाल में स्थित पशुपतिनाथ महादेव की मूर्ति का महत्वपूर्ण स्थान है। काठमांडू विष्णुमती और बागमती नदी के तट पर नेपाल के रक्षक मछंदरनाथ (मत्स्येन्द्रनाथ) का मंदिर है। पशुपतिनाथ मंदिर विष्णुमती नदी के तट पर है। यात्री विष्णुमती नदी मे स्नान करके पशुपतिनाथ के दर्शन के लिए जाते है। पशुपतिनाथ मंदिर का इतिहास, महात्म्य और धार्मिक पृष्ठभूमि इस स्थान को शालग्राम क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता हैं। भगवान श्री हरि यहां पर्वत रूप मे और भगवान शंकर पर्वतस्थ लिंग रूप मे स्थित हैं। यहां की सारी शिलाएँ भगवत स्वरूप है, फिर चक्राकिंतो का तो कहना ही क्या।पातालेश्वर मंदिर कालपी धाम जालौन उत्तर प्रदेशयहा पहले पुलह तथा पुलस्त्य ऋषियों का आश्रम था। सोमेश्वर लिंग तथा रावण द्वारा प्रकट की हुई बाणगंगा की पवित्र धारा भी यहां है। यही नही देविका, गंडकी तथा चक्रा नदियों के संगम से यहां त्रिवेणी बन गई है।राजर्षि भरत ने भी राजपाट छोडकर यही तपस्या की थी। दूसरे जन्म मे जब वे कालंजर मे मृग हुए, उस समय भी अपनी माता तथा मृगयूथ को छोड़कर मृग शरीर से यही आ गए।चित्रकूट धाम की महिमा मंदिर दर्शन और चित्रकूट दर्शनीय स्थलवाराह पुराण के अनुसार किसी कल्प मे गज-ग्राह का युद्ध भी यही हुआ था, तथा भगवान ने सुदर्शन चक्र से ग्राह का मुख विदीर्ण करके गजराज का उद्धार किया था। इसके अलावा भी यहां और भी कई तीर्थ हैं, जिनमें हरिहर प्रभु हंसतीर्थ तथा यक्षतीर्थ है।यहां जो त्रिधारा यानि त्रिवेणी मे स्नान करके देवता तथा पितरों का तर्पण करता है। तथा भगवान शंकर की पूजा करता है, उसका पुनर्जन्म नही होता। इसी महत्व के चलते भारत सहित दुनियाभर के ,श्रृद्धालु पशुपतिनाथ की यात्रा करते है। पशुपतिनाथ यात्रा मार्ग बिहार प्रदेश मे पूर्वोतर रेलवे का रक्सौल स्टेशन है। समस्तीपुर, दरभंगा होकर या नरकटियागंज होकर रक्सौल जाया जा सकता है। रक्सौल पहुंचकर काठमांडू जाने के लिए बस मे सीट बुक करवा ले। और यात्रा के दिन तक रक्सौल मे ही ठहरे। यहां अनेक धर्मशाला और गेस्टहाउस है। यात्रा के दिन बस प्राप्त करने के लिए रिक्शा से बॉडर पार करके वीरगंज बस स्टैंड पर पहुंचे। यहां से बसे सुबह चलती है। और शाम तक काठमांडू पहुंचा देती है। यात्रा के दौरान सावधानी बरतेंकाठमांडू का मार्ग घुमावदार और पहाड़ी है। सिर चकराने या उलटी की शिकायत हो सकती है। इसलिए सावधानी के तौर पर सुबह यात्रा शुरू करने से पहले अधिक न खाएँ। नाश्ते का हल्का फुल्का सामान साथ रख ले। नींबू व संतरा आदि भी साथ रख ले। उल्टी आने पर या जी घबराने पर नीबूं चूसे। तबीयत ठीक होने पर हल्का भोजन करे। रास्ते मे भोजन आदि की सुविधा उपलब्ध है। हमारे यह लेख भी जरूर पढें:–नेपाल माउंट एवरेस्ट दर्शनराजगीर यात्राबद्रीनाथ धामदरभंगा का इतिहास काठमांडू मे कहा ठहरेकाठमांडू मे ठहरने के लिए अनेक होटल, लॉज, गेस्ट हाउस और धर्मशालाएं है। यहा हर जगह भारतीय पैसा नही चलता। नेपाली करेंसी जगह जगह बैंकों पर उपलब्ध है। यात्रा के दौरान खर्चे के लिए पैसे बदल लेपशुपतिनाथ मंदिर के सुंदर दृश्यपशुपतिनाथ दर्शनकाठमांडू मे यातायात के लिए रिक्शा व टैक्सी उपलब्ध है। जहां तक संभव हो, टैक्सी मे यात्रा करे। क्योंकि रास्ता चढाई उतराई का है। रिक्शे मे कष्ट होता हैं। पशुपतिनाथ का मंदिर काठमांडू शहर से चार किलोमीटर दूर है। रास्ते मे दोनो ओर सैकडों दर्शनीय मंदिर है। यदि आप सभी मंदिर देखना चाहते है या दर्शन करना चाहते है तो आप पैदल यात्रा करते हुए पशुपतिनाथ मंदिर तक जाएं। पशुपतिनाथ मंदिर का निर्माणपशुपतिनाथ के निर्माण की सही तारीख अज्ञात है। इस तथ्य के बावजूद, पशुपतिनाथ को काठमांडू का सबसे पुराना हिंदू मंदिर माना जाता है। मंदिर के अस्तित्व का सबसे पुराना सबूत 400 एडी की तारीख है। पशुपतिनाथ परिसर का वर्तमान मुख्य मंदिर 17 वीं शताब्दी के अंत में बनाया गया था ताकि पिछले इतिहास को नष्ट कर दिया जा सके। पशुपतिनाथ मंदिर के संबंध मे किदवंतीनेपाल महात्म्य और हिमवतखंड पर आधारित स्थानीय किंवदंती के अनुसार भगवान शिव एक बार वाराणसी के अन्य देवताओं को छोड़कर बागमती नदी के किनारे स्थित मृगस्थली चले गए, जो बागमती नदी के दूसरे किनारे पर जंगल में है। भगवान शिव वहां पर चिंकारे का रूप धारण कर निद्रा में चले गए। जब देवताओं ने उन्हें खोजा और उन्हें वाराणसी वापस लाने का प्रयास किया तो उन्होंने नदी के दूसरे किनारे पर छलांग लगा दी। इस दौरान उनका सींग चार टुकडों में टूट गया। इसके बाद भगवान पशुपति चतुर्मुख लिंग के रूप में प्रकट हुए हमारे यह लेख भी जरुर पढ़े:– [post_grid id=”9109″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... Uncategorized नेपाल तीर्थ स्थलनेपाल दर्शनीय स्थलनेपाल यात्रा