परमाणु केन्द्र से निकली किरणों अल्फा बीटा गामा आदि की खोज Naeem Ahmad, March 7, 2022March 12, 2022 परमाणु केन्द्र से निकली किरणों की खोज- कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं कि यदि उन्हें साधारण प्रकाश या अन्य प्रकार की रश्मियों में कुछ देर तक रखने के बाद फिर अंधेरी जगह में रख दिया जाए, तो वे फिर भी कुछ देर तक प्रकाश विकीर्णित (radiation) करते रहते हैं। ऐसे पदार्थों को स्फुरक पदार्थ कहते हैं। एक्सरे किरणें भी स्फुरक पदार्थों को पर्याप्त मात्रा में प्रभावित करती हैं। राण्टजन के आविष्कार के बाद ऐसे पदार्थों की तलाश की जाने लगी जो बिना किसी प्रकार की रश्मि के सम्पर्क में आए ही स्वयं किसी न किसी प्रकार की रश्मि प्रदान करने मे समर्थ हों। सन् 1896 में हेरनी बैकवेरल ने मालूम किया कि यूरेनियम के लवण और यूरेनियम स्वयं लगातार ऐसी रश्मियो को विकीर्णित करते रहते हैं, जो काले कागज से ढकी हुई फोटो की पट्टियों को भी प्रभावित करने में समर्थ होती हैं। यही नहीं, तत्काल ही यह भी मालूम किया गया कि ये किरणें एक्सरे किरणों की तरह गैसों को विद्युत चालक बनाने में भी समर्थ हैं। परमाणु केन्द्र से निकली किरणों की खोज सन् 1900 मे क्यूरी दम्पत्ति ने इस प्रकार की रश्मि विकिरण करने वाले रासायनिक तत्वों, यौगिक पदार्थों तथा अन्य प्राकृतिक पदार्थों की खोज में बहुत महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने मालूम किया कि यूरेनियम युक्त पिचब्लेण्डी तथा अन्य खनिज, यूरेनियम की अपेक्षा ऐसी किरणों को विकीर्णित करने में अधिक क्रियाशील थे। रश्मि विकिरण क्रिया को ही परीक्षा का साधन बनाकर उन्होंने रासायनिक ढंग से एक ऐसे पदार्थ को ढूंढ़ निकाला जिसकी रश्मि विकिरण शक्ति आश्चर्यचकित करने वाली थी। इस पदार्थ का नाम उन्होंने ‘रेडियम’ रखा। अन्य अनुसंधानकर्त्ताओं ने रश्मि विकिरक दूसरे दो तत्वों, पोलोनियम और एक्टिनियम का पता लगाया। पिचब्लेण्डी में रेडियम की मात्रा बहुत कम होती है। पिचब्लेण्डी की कई टन मात्रा में रेडियम के एक नाभिक की मात्रा केवल एक ग्राम के एक तुच्छ अंश के बराबर होती है। सन् 1899 में रदरफोर्ड ने मालूम किया कि यूरेनियम द्वारा विकीर्णित रश्मि में वस्तृतः तीन प्रकार की रश्मियां होती हैं। उनका नाम उसने अल्फा, बीटा और गामा रखा। अल्फा रश्मि की भेदन शक्ति कम होती है और वह केवल बहुत पतली परतों को पार कर सकती है। बीटा रश्मि की भेदन शक्ति कुछ और अधिक होती है। अल्यूमीनियम की आधी मिलीमीटर मोटी परत को पार करने के बाद भी उसकी शक्ति केवल आधी ही क्षीण हो पाती है। गामा रश्मि की छेदन शक्ति सबसे अधिक होती है। चुम्बक द्वारा उत्पन्न स्थानान्तरण का परिणाम मालूम कर यह निष्कर्ष निकाला गया कि अल्फा रश्मि का निर्माण दो धन आवेशो से युक्त हीलियम के परमाणुओं से, तथा बीटा रश्मि का निर्माण द्रुतगामी ऋण कणों से होता है। गामा रश्मि का निर्माण स्थूल कणों से नहीं बल्कि प्रकाश की तरह, तरंगों से होता है। हां, इन तरंगों की लंबाई प्रकाश तरंगों की लंबाई की तुलना में बहुत ही छोटी होती है। परमाणु किरणों की खोज सन् 1903 में क्यूरी और लैबोर्ड ने यह महत्वपूर्ण तथ्य मालूम किया कि रेडियम युक्त पदार्थ लगातार ताप विकीर्णित करते रहते हैं। उन्होंने हिसाब लगाया कि एक ग्राम रेडियम प्रति घंटा 100 ग्राम-कैलोरी ताप देता है। उन दोनों ने यह भी मालूम किया कि उच्च या निम्न बाह्य तापक्रम का, रेडियम के ताप-प्रदान करने क्षमता पर कुछ भी असर नहीं पड़ता। इस प्रकार रश्मि विकिरण क्रिया के समय जो शक्ति प्राप्त होती है, वह भीषण से भीषण रासायनिक क्रिया के समय प्राप्त होने वाली शक्ति से सहसों गुना अधिक होती है। रश्मि विकिरण क्रिया एक प्रकार की रासायनिक क्रिया है जिसमें अणु व्यक्तिगत रूप से भाग लेते हैं। प्रत्येक परिवर्तन के समय एक नया तत्व उत्पन्न होता है और अत्यधिक शक्ति विकीर्णित होती है। रश्मि विकिरण क्रिया से संबंधित सम्पूर्ण तथ्यों को दृष्टि में रखते हुए रदरफोर्ड और साडी ने इस सिद्धांत का प्रतिपादन किया कि रश्मि रेट क्रिया परमाणुओं के व्यक्तिगत रूप में विघटित होने का परिणाम है। करोड़ों परमाणुओं मे से कभी-कभी एक परमाणु विधटित होता है और इस क्रिया में अल्फा कण या बीटा कण और गामा राश्मियो को बाहर नष्कासित करता है और स्वयं दूसरे तत्व के परमाणु में परिवर्तित हो जाता है। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े [post_grid id=’8586′]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... विश्व की महत्वपूर्ण खोजें प्रमुख खोजें