नाथद्वारा दर्शन – नाथद्वारा का इतिहास – नाथद्वारा टेम्पल हिसट्री इन हिन्दी Naeem Ahmad, June 11, 2018March 10, 2023 वैष्णव धर्म के वल्लभ सम्प्रदाय के प्रमुख तीर्थ स्थानों, मैं नाथद्वारा धाम का स्थान सर्वोपरि माना जाता है। नाथद्वारा दर्शन करने का फल भी सर्वोपरि है। नाथद्वारा धाम का यय स्थान भारत के राजय राजस्थान के उदयपुर, सुरम्य झीलो की नगरी से लगभग 48 किलोमीटर दूर राजसमंद जिले मे बनास नदी के तट पर स्थित हैं। यहाँ पर भगवान श्रीकृष्ण के स्वरुप श्री नाथजी का भव्य व विश्व प्रसिद्ध नाथद्वारा मंदिर स्थित है।आज के अपने इस लेख मे हम राजस्थान राज्य के इसी प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ नाथद्वारा की यात्रा व नाथद्वारा दर्शन करेंगें। और अपनी नाथद्वारा धाम की इस रोचक यात्रा के अंतर्गत हम नाथद्वारा टेम्पल हिस्ट्री इन हिन्दी, नाथद्वारा का इतिहास, नाथद्वारा दर्शन टाइम, नाथद्वारा की गौशाला, नाथद्वारा धर्मशाला, नाथद्वारा तीर्थ यात्रा, के साथ साथ नाथद्वारा के दर्शनीय स्थलो के बारे मे विस्तार से जानेगें। नाथद्वारा टेम्पल हिस्ट्री – नाथद्वारा मंदिर का इतिहास – नाथद्वारा की धार्मिक पृष्ठभूमि श्रीनाथ जी की मूर्ति पहले मथुरा के निकट गोकुल में स्थित थी।परंतु जब औरंगजेब ने इसे तोडना चाहा, तो वल्लभ गोस्वामी जी ने इसे राजपूताना (राजस्थान) ले गए। जिस स्थान पर मूर्ति की पुनः स्थापना हुई, उस स्थान को नाथद्वारा कहा जाने लगा।नाथद्वारा शब्द दो शब्दों को मिलाकर बनता है नाथ+द्वार, जिसमे नाथ का अर्थ भगवान से है। और द्वार का अर्थ चौखट या आम भाषा मे कहा जाए तो गेट से है। तो इस प्रकार नाथद्वारा का अर्थ “भगवान का द्वार हुआ।इस पवित्र पावन स्थान के बारे में कहा जाता है, कि एक बार भगवान श्रीनाथजी ने स्वयं अपने भक्तों को प्रेरणा दी थी कि, बस! यहीं वह स्थान है जहाँ मैं बसना चाहता हूँ। फिर क्या था डेरे और तंबू गाड़ दिए गए।राजमाता की प्रेरणा से उदयपुर के महाराणा राजसिंह ने एक लाख सैनिक श्रीनाथजी की सेवा मैं सुरक्षा के लिए तैनात कर दिये। महाराणा का आश्रय पाकर नाथ नगरी भी बस गई इसी से इसका नाम नाथद्वारा पड़ गया। नाथद्वारा धाम के सुंदर दृश्य नाथद्वारा दर्शन -नाथद्वारा धाम तीर्थ यात्रा – नाथद्वारा के दर्शनीय स्थल श्रीनाथजी का मंदिरनाथद्वारा दर्शन मे यहाँ का मुख्य मंदिर श्रीनाथजी मंदिर है। यह वल्लभ संप्रदाय का प्रधान पीठ है। भारत के प्रमुख वैष्णव पीठों मैं इसकी गणना की जाती है। यहाँ के आचार्य श्री वल्लभाचार्य जी के वंशजों मे तिलकायित माने जाते है। यह मूर्ति गोवर्धन पर्वत पर व्रज मे थी।श्रीनाथजी का मंदिर बहुत बडा है, परंतु मंदिर मैं किसी विशिष्ट स्थापत्य कला शैली के दर्शन नही होते। वल्लभ संप्रदाय के लोग अपने मंदिर को नांदरायजी का घर मानते है। मंदिर पर कोई शिखर नही हैं। मंदिर बहुत ही साधारण तरीके से बना हुआ है। जहाँ श्रीनाथजी की की मूर्ति सथापित है, वहां की छत भी साधारण खपरैलो से बनी हुई हैं।नाथद्वारा दर्शन टाइम और तरीकानाथद्वारा दर्शन करने का स्थान अत्यधिक संकरा है।इसलिए दर्शनार्थियों को बारी बारी से दर्शन कराया जाता है। श्रीनाथजी के यूं तो आठ दर्शन होते है। परंतु कभी कभी विषेश अवसरो और उत्सवो पर एक आध बढ़ भी जाते है।जो अपने निरधारित नाथद्वारा दर्शन टाइम टेबल पर आयोजित किये जाते है। इन आठ दर्शनों के नाम इस प्रकार है।1- मंगला2- श्रृंगार3- ग्वाल4- राजभोग5- उत्थान6- भोग7- संध्या आरती8- शयनश्रीनाथजी के दर्शन के अतिरिक्त मंदिर में कुछ ऐसे भी स्थल है, जिनमें कोई विशेष मूर्ति नही है। फिर भी वह भक्तों के आकर्षण का केंद्र हैं। उन विशेष स्थानों के नाम इस प्रकार है—1- फूलघर, 2- पानघर, 3- शाकघर, 4- घी घर, 5- दूध घर, 6 मेवाघर आदि।इन स्थानों की विशेषता यह है, कि फूलघर मैं इतने अधिक फूल होते है , कि हर प्रकार के फूलो के छोटे बडे पहाड से बन जाते हैं। यही बात पान, शाक, घी, मेवा, आदि सथानो के संबंध मे भी देखी जाती है। नाथद्वारा धाम के सुंदर दृश्य नाथद्वारा के दर्शनीय स्थल – नाथद्वारा के आस पास के दर्शनीय स्थलनाथद्वारा दर्शन व नाथद्वारा धाम मैं श्रीनाथ मंदिर के अतिरिक्त और भी कई मंदिर है। जिनमे नवनीत प्रीयजी और श्री बिट्ठलनाथ जी के दो मंदिर प्रसिद्ध हैं।इसके अलावा श्री नाथजी की एक अत्यंत विशाल गौशाला यहाँ यात्रियों के आकर्षण का केन्द्र बनी रहती है। जिसे नाथद्वारा गौशाला के नाम से जाना जाता है। नाथद्धारा की यह गौशाला सम्पूर्ण भारत की सबसे बडी गौशाला मैं से एक है। द्वारकाधीश का मंदिरनाथद्वारा धाम से कुछ दूरी पर ही कांकरोली मे मुखय मंदिर श्री द्वारकाधीश का है। कहा जाता हैं कि महाराज आम्बरीक इसी मूर्ति की आराधना करते थे। यहा मंदिर में यात्री भी ठहर सकते है। यात्रा धामकांकरोली मैं वैष्णव संप्रदाय का एक महत्वपूर्ण यात्रा धाम है। यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से सुशोभित होने के कारण पर्यटन स्थल भी बन गया है। इसकी गणना वैष्णवो के सात यात्रा धामों में होती हैं। हमारे यह लेख भी जरूर पढे:–उदयपुर के दर्शनीय स्थलजोधपुर के दर्शनीय स्थलचित्रकूट धाम के दर्शनजैसलमेर के दर्शनीय स्थलआमेर का किलाअजमेर का इतिहास राजसमंदमंदिर के अगले भाग मैं एक विशाल सरोवर है। इस सरोवर का नाम राजसमंद है। सरोवर के आगे नौ छतरीयां बनी है। प्रत्येक छतरी विश्राम स्थल है। यहाँ यात्री आराम कर सकते है। विद्या भवनयह विद्या भवन कांकरोली मैं है। पुष्टिमार्ग के प्राचीन ग्रंथो की महत्वपूर्ण खोज एवं प्रकाशन होता हैं। यहा आस पास लाल बाबा आदि के मंदिर भी है। नाथद्वारा कैसे पहुंचेनाथद्वारा दर्शन व धाम के लिए कैसे पहुंचे। पश्चिम रेलवे की अहमदाबाद दिल्ली लाइन पर मारवाड़ जंक्शन है। मारवाड़ से एक लाइन मावली तक जाती है। मावली से 15 किलोमीटर पहले नाथद्वारा है। नाथद्वारा से 15 किलोमीटर की दूरी पर कांकरोली रेलवे सटेशन है। नाथद्वारा स्टेशन से नगर लगभग 6 किलोमीटर दूर है। स्टेशन से नगर तक बसे चलती है। उदयपुर से नाथद्वारा की दूरी 48 किलोमीटर है। उदयपुर से बस, टैक्सी द्वारा नाथद्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। कहां ठहरेठहरने के लिए नाथद्वारा मैं अनेक सुंदर व अच्छी व्यवस्था वाली कई धर्मशालाएं है। नाथद्वारा धर्मशालाओ मे दिल्ली वाली धर्मशाला, लक्ष्मीविलास, डाया भवन, पोरबंदर वाली धर्मशाला और कृष्ण धर्मशाला प्रमुख हैं। इसके अलावा यहा अच्छे होटल भी है। यात्री यहा कुछ मंदिरों में भी ठहर सकते है। नाथद्वारा दर्शन, नाथद्वारा का इतिहास, नाथद्वारा टेम्पल हिस्ट्री इन हिन्दी, नाथद्वारा धर्मशाला, नाथद्वारा गौशाला, श्रीनाथ मंदिर हिस्ट्री, नाथद्वारा तीर्थ यात्रा आदि शीर्षक पर आधारित हमारा यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं। यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकते है। यदि आपके पास कोई ऐसा धार्मिक, ऐतिहासिक, पर्यटन स्थल है, जिसके बारे मैं आप पर्यटको को बताना चाहते है तो, उसके बारे मैं सटीक जानकारी हमे कमेंट बॉक्स मैं लिखे। आपके द्वारा दी गई सटीक जानकारी को हम अपने बलॉग मैं जरूर शामिल करेगें।Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के पर्यटन स्थल भारत के प्रमुख धार्मिक स्थल राजस्थान ऐतिहासिक इमारतेंराजस्थान धार्मिक स्थलराजस्थान पर्यटन