नागालैंड का इतिहास, खाना, पहनावा, सांस्कृति और 16 जनजातियां Naeem Ahmad, October 19, 2017February 24, 2023 नागालैंड भारत देश के अंतर्गत आने वाला एक छोटा और खुबसूरत राज्य है। जिसकी राजधानी कोहिमा है। नागालैंड एक पर्वतीय क्षेत्र का राज्य है इसके हिस्से मे समतल भाग थोडा बहुत ही आता है। पर्वतीय राज्य होने के कारण यहा की प्राकृतिक सुंदरता तो है। नागालैंड का इतिहास तथा इसकी आदिवासी संस्कृति विश्व भर में विख्यात है। नागालैंड की सुंदरता, नागालैंड का खाना, नागालैंड का मौसम, नागालैंड का पहनावा और नागालैंड की संस्कृति पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करती है। जिससे रूबरू होने हर साल देशी और विदेशी पर्यटक काफी संख्या में यहां का भ्रमण करने आते है। नागालैंड की यात्रा पर जाने वाले अपने पाठको की सुविधा के लिए अपनी इस पोस्ट के अंतर्गत हम नागालैंड के पर्यटन स्थलो की सैर के साथ साथ नागालैंड का इतिहास, संस्कृति, पहनावा और नागालैंड का भोजन आदि के बारे में विस्तार से जानेगें।नागालैंड कहां स्थित हैयात्रा पर जाने से पहले सबसे पहले सवाल उठता है कि नागालैंड कहा स्थित है? नागालैंड राज्य असम की ब्रह्मपुत्र घाटी और बर्मा के बीच पहाडी इलाके की संकरी पटटी पर बसा हुआ है। इसके पूर्व में भारत और बर्मा की अंतर्राष्ट्रीय सीमाए लगती है। तथा इसके दक्षिण में भारत के मणिपुर राज्य की सीमा लगती है। इसके अलावा नागालैंंड राज्य के उत्तर और पश्चिम में भारत के राज्य असम और पूर्वोत्तर में भारत के राज्य अरूणाचल प्रदेश की सीमाए लगती है।नागालैंड के सुंदर दृश्यनागालैंड का क्षेत्रफल 16579 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जिसके अंतर्गत नागालैंड में 11 जिले आते है। इन 11 जिलो में 2011 की जनगणना के अनुसार नागालैंड की जनसंख्या 1980602 है। नागालैंड की भाषा की बात करे तो यहा अंग्रेजी, आओ, कोयक, आंगामी, सेमा और लोथा भाषाएं बोली जाती है। वर्तमान समय ममय में यहा अंग्रेजी भाषा अधिक बोली जाती है नागालैंड में धर्म के हिसाब से हिन्दू, मुस्लिम और इसाई धर्म को मानने वाले लोग रहते है जिनमे इसाई समाज की अधिकता ज्यादा है।नागालैंड का मौसमनागालैंड के मौसम की बात करे तो पहाडी और वन्य क्षेत्र होने के कारण यहा का मौसम काफी सुहाना और हरा भरा वातारण है। यहा अधिक गर्मी नही पडती है गर्मियो में नागालैंड का तापमान न्यूनतम 16℃ तक तथा अधिकतम 31℃ तक रता है। सर्दियो यहा का तापमान न्यूनतम 4℃ तक तथा अधिकतम 24℃ तक रहता है। मई के महिने से सितंबर तक यहा मानसूनी मौसम रहता है। मई जून के महिने को छोडकर अगर यहा की यात्रा पर आप जाने का विचार कर रहे है। तो हम आपको गर्म कपडे लेकर जाने की सलाह देगें। क्यो कि मानसूनी मौसम में वर्षा के चलते मौसम में परिवर्तन हो जाता है।नागालैंड का इतिहासनागालैंड क्षेत्र भारत के अधीन आने वाले जंगल में जीवन गुजर बसर करने वाले कई नागा कबिला समुदाय के लोगो का क्षेत्र था। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजो ने बहुत से नागा कबिलो के लोगो से सम्पर्क किया और बहुत से नागा लोगो को प्रथम विश्व युद्ध में फ्रांस और यूरोप भेजा था। जो लोग विश्व युद्ध से वापस आये उन्होने नागा नेशनलिस्ट मूव्मेंट की स्थापना की। 12वी और13वी शाताब्दी में नागा लोगो का सम्पर्क अहोम के लोगो से हुआ। और 19वी शताब्दी में यह क्षेत्र ब्रिटिश शासन के आधिपत्य में आ गया। 1944 में द्धितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजो और भारतीय सेनाओ ने मिलकर बैटल आफ कोहिम में जापानी सेनाओ को पराजित किया था। 1957 तक यह क्षेत्र नागा हिल्स त्वेनसांग के नाम से जाना जाता रहा। 1961 में भारत सरकार ने इस क्षेत्र को राज्य का दर्जा प्रदान किया तथा इसका नाम नागा हिल्स त्वेनसांग से बदलकर नागालैंड कर दिया गया। उसके बाद 1963 मे नागालैंड को पूर्ण राज्य घोषित कर दिया गया।नागालैंड की संस्कृतिनागालैंड की संस्कृति नागालैंड का इतिहास बर्मा से मिलता जुलता है। नागालैंड विभिन्न जनजातियो की भूमी है। पुराने समय में यहा के लोग बहुत बडे योद्धा होते थे। दुश्मनो की गर्दन काटना यहा की परम्परा थी। इनके वस्त्र पशुओ की खाल, पंख और पेड पौधो पत्तो आदि को मिलाकर बने होते थे। जिससे यह अपने गुप्त अंगो को ढकते थे। सर पर पक्षियो के पंख आदि का ताज लगाये होते थे। बाकी शरीर इनका नंगा होता था। यह लोग हाथ में भाला लिए होते थे जो इनका मुख्य सस्त्र था। समय के साथ इनकी वेषभूषा और रहन सहन बदलता गया। नागा स्त्री पुरूष हष्ट पुष्ट शरीर वाले होते है। और चटक रंग बिरंगी पोशाको के साथ आज के समय आभूषण पहनते है। नागाओ के आभूषण गले के हार और हाथ के कंगन से अलग अलग सम्प्रदाय के लोगो को आसानी से पहचाना जा सकता है। नागालैंड में 16 प्रमुख जनजातिया है जो इस प्रकार है – एओ, अंगामी, चोंग, चखेसंग, दिमासा, कछारी, कोन्याक, खियामणियूगमु, कुकी, लोथा, लाग्सिमंगी, फोम, पोचुरी, रेगमा सुनी, संगतम, यिमचुंगेर, जेलियांग, आदिएक ही राज्य होने के बाद भी इन जानजातियो की भेसभूसा भाषा और खानपान का दृष्टिकोण अलग अलग है। तथा सभी जनजातियो के त्योहार और अनुष्ठानो की परम्परा भी अलग अलग है। नागालैंड के प्रमुख त्यौहारो में – मोआत्सु, सेकरेन्यी, नकनयुलेम, सुक्रुनिये, बुशु, त्सोकुम, मिकूंट, ओलंगमोन्यू, चंगगाडी, तोखुएमोंग, मोन्यू एमशे, नगाडा, तुलनी, मोग्मोंग, मेटमन्यू, हेलिबबै आदि मनाए जाते है। कृषि यहा के काम और अर्थव्यव्स्था का एक प्रमुख हिस्सा है यह सभी त्यौहारो का आयोजन नागा लोग कृषि से संबंधित करते है।नागालैंड का खाना या भोजननागालैंड की संस्कृति और खान पान पूरे भारत से बिल्कुल अलग है। यहा के नागा लोग ज्यादातर मांसाहारी होते है। यहा के लोग कुकर मास, कुत्ते का मांस, भैंसे का मांस, सुअर का मांस, मटन, चिकन, मछली सांप आदि के मांसो के शौकिन होते है। कुत्ते का मांस यहा बहुत लोकप्रिय होता है। नागा लोग कुत्ते के मांस को बडे चाव से खाते है। इसके अलावा हरी सब्जीयां भी यहा के बाजारो में खुब मिलती है।नागालैंड के पर्यटन स्थलनागालैंड राजाय का पर्यटन केंद्र यहा नागालैंड की राजधानी कोहिमा है। कोहिमा समुंद्र तल से लगभग 1444 मीटर की उचांई पर स्थित एक खुबसूरत शहर है। नागालैंड को कभी पूर्व का स्विटजरलैंड कहा जाता था। इसका कारण था। यहा का प्राकृतिक सौंदर्य, मनोहारी सूर्योदय और सूर्यास्त। यहा फलो और वनस्पतियो की अनेक किस्मे पायी जाती है। इसके अलावा यह राज्य रोमांचक जिंदगी जीने वालो के लिए स्वर्ग है। यहां ट्रेकिंंग, पर्वतारोहण, वन कैम्पिंग की सुविधाए है। नागालैंड के दर्शनीय स्थलो में कई महत्वपूर्ण स्थल है। जहा पर पर्यटक जाना जरूर पसंद करते है।कैथोलिक गिरजाघरकोहिमा का कैथौलिक गिरजाघर भी अपनी अलग पहचान रखता है। यह पूर्वेत्तर भारत का सबसे बडा गिरजाघर है। इसकी इमारत बेहद खुबसूरत है। जिसमे लकडी की बहतरीन कारीगरी की गई है। जो देखने लायक है।युद्ध कब्रिस्तानयह स्थान नागालैंड का इतिहास का एक युद्ध कब्रिस्तान प्रतीकात्मक स्मरण है जो नागालैंड की राजधानी कोहिमा में स्थित है। यह उन स्मारक उन वीरो की वीरता को दर्शाता है। जिन्होने द्धितीय विश्वयुद्ध में अपने प्राणो की आहुती दी थी। इसकी हर कब्र पर कांसे की प्लेट जडी है। जिस पर उस वीर योद्धा की स्मृति में यादगार पंक्तियां अंकित है।कोहिमा का संग्रहालयकोहिमा का संग्रहालय भी अति प्रसिद्ध है। इस संग्रहालय में अनेक जनजातियो से संबंधित वस्तुए रखी है। जिनसे नागाओ का इतिहास, नागालैंड का इतिहास और स्ंस्कृति परम्पराए जुडी हुई है।प्राणी उद्यान कोहिमाकोहिमा का प्राणी उद्यान भी देखने योग्य है। यहा आप नागा क्षेत्र के जानवरो और पक्षियो की दुर्लभ प्रजातिया देख सकते है।दिमापुरयह कोहिमा के प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है। यह स्थान नागालैंड राज्य को हवाई मार्ग, रेल मार्ग तथा सडक मार्ग द्वारा सम्पूर्ण भारत से जोडता है। नागालैंड राज्य का एक मात्र हवाई अडडा भी इसी शहर में स्थित है। यह नागालैंड राज्य के सबसे बडे शहर के रूप में भी जाना जाता है। दिमापुर से कोहिमा की दूरी 74 किलोमीटर है। यहा की घुमावदार सडके और प्राकृति के खुबसूरत मनोहारी नजारे पर्यटको को आनंदित कर देते है।51 शक्तिपीठो का महत्वइरपू के दर्शनीय स्थलजप्फुं पीकयह कोहिमा के पास एक खुबसूरत व्यू प्वाइंट और रयणीक स्थल है यहा से सूर्योदय और सूर्यास्त का मनोहारी दृश्य दिखाई पडता है।अभी तक के अपनी इस पोस्ट में हमने जाना नागालैंड का इतिहास क्या है? नागालैंड की संस्कृति क्या है? नागालैंड का खान पान कैसा है? नागालैंड के लोगो का पहनावा कैसा है? नागालैंड के लोग क्या करते है? नागालैंड का मौसम कैसा है? आदि विभिन्न जानकारी के साथ साथ नागालैंड के इतिहास की झलक और खुबसूरती प्राकृतिक नजारो से परिपूर्ण पर्यटन स्थलो की सैर की। अब हम अपनी नागालैड यात्रा की जानकारी को आगे बढाते हुए बात करते है वहा की खरीदारी की।खरीदारीजब कोई भी पर्यटक अपने घर और संस्कृति से दूर किसी जगह घूमने जाता है तो वहा कि कुछ यादगार चिजे अपने साथ लेकर जाना जरूर चाहता है। नागालैड में कला और कृति दोनो का बेजोड संगम है। यहा आप बांस से बने कई प्रकार के आइटम जैसे – टोकरी कुर्सी टेबल और भी कई तरह के छोटे बडे आइटमो की खरीदारी कर सकते है। इसके अलावा यहा के बाजारो में यहा के हथकरघा कला से निर्मित विभिन्न प्रकार के समान की खरीदारी कर सकते हैनागालैंड कैसे जाएंहवाई मार्गनागालैंड में दिमापुर एक मात्र हवाई अडडा है। यहा के लिए दिल्ली और कोलकात्ता से सिधी वायु सेवाए उपलब्ध है।रेल मार्गनागालैंड का प्रमुख रेलवे स्टेशन दिमापुर है। जो भारत के अन्य स्टेशनो से जुडा हुआ है।सडक मार्गदिमापूर पूर्वोत्तर भारत के अनेक शहरो से सडक मार्ग से जुडा है। दिमापुर से नागालैंड की राजधानी कोहिमा की दूरी 74 किलोमीटर है। Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के पर्यटन स्थल भारत के हिल्स स्टेशन नागालैंड का खानानागालैंड पर्यटन