नवाब पटौदी का जीवन परिचय – सबसे कम उम्र के भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान Naeem Ahmad, April 1, 2020March 28, 2024 नवाब पटौदी का जन्म 5 जनवरी 1941 को भोपाल मध्यप्रदेश में हुआ था। इनका पुरा नाम मंसूर अली खां पटौदी था। यह क्रिकेट जगत के जाने माने नाम है। वह क्रिकेट खेलने वाले सभी देशों की क्रिकेट टीमों में से आज तक के सबसे युवा क्रिकेट कप्तान रहे है। वे पूर्व पटौदी राजवंश के परिवार के सदस्य है। नवाब पटौदी मात्र 21 साल की उम्र में टीम के कप्तान बन गए थे। उस समय टीम के सभी सदस्य उनसे उम्र में बडे थे। मंसूर अली खां पटौदी को नवाब पटौदी जूनियर भी कहा जाता है और टाइगर पटौदी के नाम से भी वह जाने जाते थे। उन्हें क्रिकेट खेलने की प्रेरणा अपने पिता से मिली जो क्रिकेट को बहुत पसंद करते थे। नवाब पटौदी के पिता इर्तिखार अली खां पटौदी थे जो सीनियर नवाब पटौदी कहलाते थे। वह बहुत बडे क्रिकेट प्रेमी थे और खुद भी क्रिकेट खेला करते थे। इर्तिखार अली खां पटौदी ने क्रिकेट का खेल इंग्लैंड में सिखा था और टेस्ट मैचों में देश का प्रतिनिधित्व भी किया था। इसके पश्चात वे भारत वापस आ गए थे और उन्होंने राष्ट्रीय टीम का 1946 मे नेतृत्व भी किया था।नवाब पटौदी बायोग्राफी इन हिन्दीनवाब पटौदी ने भी खेल सीखने की शुरुआत अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए इंग्लैंड से की थी। अपनी स्कूली शिक्षा तथा कॉलेज शिक्षा भी उन्होंने इंग्लैंड में ही प्राप्त की और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में टीम का नेतृत्व किया। वे ऑक्सफोर्ड के पश्चात प्राकृतिक रूप से ससेक्स की ओर मुड़ गए। ससेक्स काउंटी में 23 बार उन्होंने टीम का नेतृत्व किया। उनका कैरियर ग्राफ और अधिक ऊपर चला गया होता, यदि 1961 में इंग्लैंड में हुई कार दुर्घटना में उनकी आंख में जबरदस्त चोट न लगी होती। वे उस दुर्घटना के वक्त मुश्किल से 20 वर्ष के थे। इतनी बडी दुर्घटना हो जाने पर भी पटौदी ने हिम्मत नहीं हारी और इसी वर्ष उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ भारत की ओर से प्रथम टेस्ट मैच खेला।सर हेनरी कॉटन का जीवन परिचय हिन्दी मेंइसके पश्चात अपने प्रयासों से उन्होंने स्वयं को एक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज साबित किया। वे अपने वक्त के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे। मंसूर अली खां पटौदी ने अपने कैरियर का प्रथम श्रेणी का क्रिकेट मैच रणजी ट्रॉफी के लिए 1960-61 में खेला। इसके चार साल बाद उन्होंने अपना दृष्टिकोण बदलते हुए हैदराबाद के लिए खेलने का निश्चय किया। 1975-76 में वे हैदराबाद के लिए खेले। रणजी ट्रॉफी के अपने 16 वर्षों के कैरियर में उन्होंने 2562 रन बनाएं जिसमें उन्होंने आठ शतक, नौ अर्धशतक, सात बार जीरो रहे। उन्होंने 1975-76 के विदाई मैच के दौरान सर्वाधिक 198 रन बनाएं। मंसूर अली खां पटौदी ने 6 बार ईरानी कप मैचों में भाग लिया।नवाब पटौदी1961-62 में इंग्लैंड के विरुद्ध भारत के तीसरे टेस्ट मैच में नवाब पटौदी ने अपना पहला टेस्ट मैच खेला। टेस्ट मैचों में पटौदी ने 1974-75 तक 46 मैच खेलें जिनमें उन्होंने 2793 रन बनाए। उन्होंने टेस्ट मैचों में 6 शतक बनाएं तथा अपने कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 1963-64 में इंग्लैंड के विरूद्ध 203 रनों का स्कोर बनाया और उनका यह स्कोर नाबाद रहा।अंबिका चरण मजूमदार का जीवन परिचय हिन्दी में1962 में टाइगर पटौदी ने वेस्टइंडीज का अपना प्रथम दौरा किया। इस दौरे पर उन्हें टीम का उपकप्तान बनाया गया था। टीम के कप्तान नरी कान्ट्रेक्टर थे। लेकिन मैच के दौरान नरी कान्ट्रेक्टर एक बाउंसर के दौरान गिर गए और अचानक टाइगर पटौदी को टीम का कप्तान बना दिया गया। इस प्रकार मात्र 21 साल की आयु में पटौदी कप्तान बना दिए गए। इस वक्त प्रायः अन्य सभी खिलाड़ी उनसे आयु में बडे थे।सैयद हसन इमाम का जीवन परिचय हिन्दी मेंउसके पश्चात अनेक वर्षों तक मंसूर अली खां पटौदी ने टीम का नेतृत्व किया। 1974-75 में क्लाइव लॉयड के नेतृत्व में वेस्टइंडीज दौरे के समय तक पटौदी टीम के कप्तान रहे। पटौदी ने 40 टेस्ट मैचों में भारत का नेतृत्व किया, जिनमें से 36 मैचों में वे लगातार कप्तान रहे। इन मैचों में पटौदी के नेतृत्व में भारत ने नौ मैच जीते, 19 मैच हारे, तथा 12 मैच ड्रा रहे। उनकी पत्नी शर्मिला टैगोर, पुत्र सैफ अली खान, पुत्र वधू करीना कपूर व पुत्री सोहा अली खान भारतीय फिल्म जगत के मशहूर कलाकार है। उनका विवाह 27 दिसम्बर 1969 को भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से हुआ था। 22 सितंबर 2011 को दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में उनकी मृत्यु हो गई। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में उनके योगदान को भारत की जनता आज भी याद करती है।क्रिप्टो करंसी में इंवेस्ट करें और अधिक लाभ पाएं खेल जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धियां• नवाब पटौदी मात्र 21 साल की आयु में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बन गए। उस वक्त टीम के सभी खिलाड़ी आयु मे उनसे बडे थे।• मंसूर अली खां पटौदी को टाइगर पटौदी, या नवाब पटौदी जूनियर के नाम से भी जाना जाता है। • पटौदी ने अपनी स्कूल, कॉलेज व क्रिकेट शिक्षा इंग्लैंड से प्राप्त की।• पटौदी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की टीम का नेतृत्व भी किया। वे ऐसा करने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं।• उनहोने 16 वर्षों के रणजी ट्राफी कैरियर में 2562 रन बनाएं।• उन्होंने 46 टेस्ट मैचों में 2793 रन बनाए। हमारे यह लेख भी जरुर पढ़े:–[post_grid id=’21134′]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के महान खिलाड़ी खेल जगतजीवनीबायोग्राफी